#coronavirus: प्रैग्नेंट महिलाएं रखें खास ख्याल

डॉ सागरिका अग्रवालआईवीएफ एक्सपर्ट , इंदिरा आईवीएफ अस्पताल, नई दिल्ली

कोरोना वाइरस एक वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है, पिछले कुछ दिनों से हमारे देश में भी इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दिया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना वायरस केवल बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को ही अपना शिकार नहीं बना रहा है, बल्कि युवा और बच्चे भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में यह चिंता होना स्वाभाविक है कि कोविड-19 का संक्रमण प्रैग्नेंट महिलाओं और गर्भस्थ शिशुओं के लिए कितना खतरनाक है. दरअसल गर्भावस्था में महिलाओं का शरीर कईं बदलावों से गुजर रहा होता है और उनका इम्यून तंत्र भी संवेदनशील हो जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. तो जानिए प्रैग्नेंट महिलाओं के लिए कितना है खतरा कोविड-19 के संक्रमण का, मां से गर्भस्थ्य शिशु में ट्रांसफर होने की आशंका कितनी होती है? मां और बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए कौन-कौनसे कदम उठाए जा सकते हैं?

कोविड-19 और प्रैग्नेंट महिलाएं

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कोविड-19 के संक्रमण का प्रैग्नेंट महिलाओं पर कितना प्रभाव पड़ता है, इसके बारे में अनुसंधान किए जा रहे हैं. लेकिन अभी तक इस बात के प्रमाण नहीं मिले हैं कि प्रैग्नेंट महिलाओं को आम लोगों की तुलना में खतरा अधिक होता है. क्योंकि गर्भावस्था के दौरान शरीर और इम्यून तंत्र में कईं परिवर्तन होते हैं, जिससे उनमें श्वसन तंत्र से संबंधित संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है. चूंकि कोरोना वायरस भी श्वसन तंत्र पर ही प्रमुख रूप से अटैक करता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान इसके संक्रमण की आशंका को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि प्रैग्नेंट महिलाएं  कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए जरूरी सावधानियां रखें और सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षणों को गंभीरता से लें.

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सुरक्षात्मक उपाय

प्रैग्नेंट महिलाएं अपने आपको कोविड-19 के संक्रमण से बचाने के लिए निम्न उपाय करें.

  • रोजमर्रा कार्य के लिए घर से बाहर बिल्कुल न निकलें, केवल आपात स्थितियों में ही बाहर जाएं.
  • जब भी जरूरी हो साबुन और पानी से अपने हाथों को धोएं या हाथों को साफ रखने के लिए सेनेटाइज़र का इस्तेमाल करें.
  • लोगों से दूर रहें, अगर गलती से किसी के नज़दीक भी चली जाएं तो तुरंत दूर हो जाएं.
  • छींकने या खांसने के लिए रूमाल की बजाय टिशु पेपर का इस्तेमाल करें. इस्तेमाल किए हुए टिशु पेपर को अच्छी तरह फोल्ड करके तुरंत डस्टबिन में डाल दें.
  • अपनी आंखों, नाक और मुंह को बार-बार हाथ न लगाएं.
  • उन लोगों से दूर रहें जो बीमार हैं.
  • अगर कोई भी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
  • बहुत जरूरी हो तभी डॉक्टर के पास जाएं, आप वीडियो कॉल के द्वारा भी डॉक्टर से कंसल्टेशन प्राप्त कर सकती हैं.

तो सतर्क हो जाएं

अगर आप में निम्न में से एक या अधिक लक्षण दिखाई दें तो तुरंत नज़दीक स्थित किसी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं या सरकार द्वारा उपलब्ध कराए इमरजेंसी नंबर पर संपर्क करें;

  • सांस लेने में परेशानी होना.
  • शरीर में उर्जा की कमी और अत्यधिक थकान.
  • तेज बुखार.
  • लगातार कईं दिनों तक खांसी रहना.
  • सूंघने और स्वाद को पहचाने की क्षमता प्रभावित होना.

क्या गर्भस्थ शिशु के लिए बढ़ जाता है खतरा

सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, अभी तक इस बात के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि प्रैग्नेंट महिला जो कोविड-19 से संक्रमित है वो गर्भावस्था या प्रसव के दोरान अपने गर्भस्थ शिशु में इस संक्रमण को पास कर सकती है. क्योंकि एम्नियॉटिक फ्ल्यूड, ब्रेस्ट मिल्क या दूसरे मैटर्नल फ्ल्यूड्स के नमूनों में वायरस नहीं मिला है. लेकिन सभी प्रैग्नेंट महिलाएं जो कोविड-19 से संक्रमित है या संक्रमित होने का संदेह है, उन्हें गर्भावस्था, प्रसव और बच्चे के जन्म के पश्चात विशेष देखभाल की जरूरत है.

क्या कोविड-19 से संक्रमित महिला स्तनपान करा सकती है

कोविड-19 से संक्रमित महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान करा सकती हैं, लेकिन उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए;

  • रेस्पिरेटरी हाइजीन का ध्यान रखें;जब भी बच्चे को स्तनपान कराएं मॉस्क जरूर लगाएं.
  • अपने बच्चे को छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को जरूर धोएं.
  • बच्चे से दूरी बनाकर रखें, स्तनपान के दौरान या जब बहुत जरूरी हो तभी उसे अपने नज़दीक रखें.
  • कमरे की साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें.

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स्वस्थ्य गर्भावस्था के लिए टिप्स

  • संतुलित और पोषक भोजन का सेवन करें ताकि शरीर बच्चेके विकास और मां के शरीर में हो रहे बदलावों के लिए तैयार हो सके.
  • गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम, फोलेट और आयरन की आवश्यकता की पूर्ति के लिए प्रतिदिन सप्लीमेंट्स का सेवन जरूर करें.
  • रात में कम से कम आठ घंटे और दिन में दो घंटे सोना चाहिए. अनिद्रा के कारण शरीर की लय गड़बड़ा जाती है.
  • गर्भावस्‍था के दौरान भी अपनी सामान्‍य दिनचर्या जारी रखें. घर का काम करें,, रोज आधा घंटा टहलें.
  • धुम्रपान और शराब का सेवन बिल्कुन न करें.
  • कैफीन (चाय, कॉफी आदि) का सेवन सीमित मात्रा में करें.
  • अपने भावनात्‍मक स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान रखें; गर्भावस्था के दौरान होने वाले मूड स्विंग से बचने और मानसिक षांति बनाए रखने के लिए प्रतिदिन 15-20 मिनिट ध्यान जरूर लगाएं.
  • कोरोना संक्रमण के इस दौर में संक्रमण की चपेट में आने से बचने के लिए सभी जरूरी उपाय करें, लेकिन अनावश्यक तनाव न पालें.
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