जब प्रेमी हो बेहद खर्चीला 

‘डेटिंग’ शब्द मन के कोमल भावों को जगाने के लिए काफी है. हमारा प्रेमी हमारे साथ होता है, जिस में हम अपने होने वाले जीवनसाथी की छवि देखते हैं. उस के साथ समय बिताना, आने वाले जीवन के सुहाने सपने सजाना कितना सुहावना होता है ये सब. कैसा होगा हमारा लाइफ पार्टनर, यह विचार अकसर मन में घूमता है. हम सभी अपने दिलों में एक तसवीर और दिमाग में एक चैकलिस्ट रखते हैं कि हमारे पार्टनर में ये खूबियां होंगी, वह स्मार्ट होगा, केयरिंग होगा, मु झे सम झेगा आदि. अमूमन लिस्ट लंबी ही होती है.

लेकिन इस लिस्ट में से एक गुण जो अकसर छूट जाता है वह है उस की ज्यादा या कम खर्चा करने की आदतें. आप का प्रेमी कितना मनीस्मार्ट है, इस का सीधा असर आप के रिश्ते पर पड़ता है. ‘यूनिवर्सिटी औफ ऐरीजोना’ ने करीब 500 लोगों का डाटा इकट्ठा किया. सभी अपने 20 के दशक में थे और अपने प्रेमी के प्रति भावनात्मक रूप से प्रतिबद्ध थे. इस शोध का परिणाम रहा कि वे कपल जिन में प्रेमी पैसों को ले कर जिम्मेदाराना स्वभाव के थे, उन में आपसी खुशी व तालमेल अधिक देखने को मिला. इस के उलट जिन कपल्स में पैसे के प्रति लापरवाही दिखी, वहां एकदूसरे पर कम विश्वास देखने को मिला. ‘यूनिवर्सिटी औफ मिशिगन’ में भी एक शोध हुआ जहां यह बात सामने आई कि शुरुआत में हो सकता है कि खर्च को ले कर एकदूसरे के विपरीत सोच आपसी आकर्षण का कारण बने, किंतु लंबे समय में इस से झगड़े, मनमुटाव और अधिक चिंता के लक्षण देखने को मिले.

रैड फ्लैग

इस का सीधा सा अर्थ है कि जैसे रंगरूप, व्यक्तित्व, व्यवहार आदि एक रिश्ते के लिए माने रखते हैं, वैसे ही पैसे के प्रति सोच और रवैया भी आपसी तालमेल के लिए आवश्यक है. यदि आप का प्रेमी खर्चीला है तो इस में आप कुछ समय तक तो खुश हो सकती हैं, उस के दिए तोहफों और महंगी जगहों पर करवाए डिनर को ले कर इतरा सकती हैं, किंतु लंबे समय में इस गुण को अवगुण बनने में देर नहीं लगेगी. फिनसेफ कंपनी के फाउंडर डाइरैक्टर मृण अग्रवाल कहते हैं कि किसी रिश्ते को बनाए रखने के लिए यह जरूरी होता है कि कपल आर्थिक मामलों में एकजैसी सोच रखते हों. दोनों की मानसिकता कमाने, बचाने, निवेश करने और लोन लेने में मिलती हो तो जिंदगी के अन्य उतारचढ़ाव आसानी से झेले जा सकते हैं. हालांकि पैसों से जुड़ी बातचीत तभी होनी चाहिए जब रिश्ते को कुछ समय बीत चुका हो.

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शुरुआत में पैसों से संबंधित बातें ठीक नहीं, ऐसा एक हाल ही में की गई स्टडी से सामने आया, जिस में करीब 60% लोगों ने माना कि कम से कम 6 महीनों बाद ही प्रेमियों को एकदूसरे से अपनी आर्थिक स्थिति शेयर करनी चाहिए. मगर यदि आप का प्रेमी तब भी अपने आर्थिक हालात के बारे में बात करने से कतराए तो यह एक रैड फ्लैग है.

तारेश भाटिया, सर्टिफाइड फाइनैंशियल प्लैनर कहते हैं कि आप का प्रेमी पिछले 4-5 सालों से नौकरी कर रहा है और अभी तक कोई ऐसेट नहीं बना पाया है जैसे घर, गाड़ी, बैंक बैलेंस, म्यूचुअल फंड या फिक्स्ड डिपौजिट तो इस का मतलब हो सकता है कि उस का कोई फाइनैंशियल गोल ही नहीं हैं. यह निश्चित तौर पर चेतावनी की तरह देखा जाना चाहिए. यह आर्थिक लापरवाही का चिह्न है, जिस का गलत असर आप के आने वाले जीवन पर अवश्य पड़ेगा.

तारेश सु झाव देते हैं कि यदि आप का प्रेमी बहुत महंगी जगह डिनर पर ले जाए या फिर किसी फैंसी जगह घुमाने ले जाए, जबकि उस की आमदनी इतनी ऊंची जगह के लायक नहीं है तो आप को उसे बढ़ावा नहीं देना चाहिए. हो सकता है उस की आदत अपनी आय से अधिक खर्च करने की हो. आप को इस के बारे में जितनी जल्दी पता चल जाए, उतना बेहतर, क्योंकि शादी के बाद ऐसी आदतों के सुधर जाने के चांस कम ही होते हैं.

कैसे पहचानें कि आप का प्रेमी पैसे के प्रति लापरवाह तो नहीं?

कीमत से बेअसर

वर्षा कहती है, ‘‘रेहान के साथ घूमने जाने का मतलब है शौपिंग, उसे खरीदारी करना इतना पसंद है कि क्या बताऊं. उसे हर चीज चाहिए. सबकुछ लेटैस्ट. चाहे ब्रैंडेड कपड़ेजूते हों या फिर इलैक्ट्रौनिक गैजेट, रेहान को सबकुछ चाहिए. यू नेम इट. लेकिन मेरी परेशानी यह है कि कुछ भी खरीदते समय वह उस की कीमत ही नहीं देखता. उस का यही हाल डिनर का बिल चुकाने, घर के लिए ग्रोसरी खरीदने या फिर वेटर को टिप देते समय भी है. ऐसा कब तक चलेगा? आखिर हम प्राइवेट नौकरियों में हैं. कोई खजाना तो गड़ा नहीं है हमारे पास.’’

पिछले 3 सालों से कपल रहे रेहान और वर्षा अब शादी के बारे में सोच रहे हैं. ऐसे में वर्षा का भविष्य को ले कर चिंताग्रस्त होना स्वाभाविक लगता है.

‘हाऊ टु बी हैप्पी पार्टनर्स’ की लेखिका डा. टीना टेसीना कहती हैं, ‘‘रिश्ते में आर्थिक बेवफाई तब होती है जब आपसी संवाद साफ न हो या फिर आप मतभेद अवौइड कर रहे हों. समय रहते पैसों को ले कर बातचीत कर लेने में ही भलाई है. एक आदतन खर्चीले व्यक्ति के साथ जिंदगी बिताना आसान नहीं होता. उस पर आगे चल कर उस के कर्जों में डूब जाने की आशंका भी अधिक रहती है. प्रेमी वो अच्छा जो जीवनमूल्यों पर ध्यान दे न कि केवल भौतिकताओं और दिखावों पर.

चादर से लंबे पैर

शिखा का बौयफ्रैंड उस की सहेलियों के लिए जलन का कारण है. उस का बीएमडब्ल्यू कार में आना, महंगे तोहफों से शिखा को रि झाना, ऊंचे रेस्तराओं में पार्टी देना, इन सब से आज शिखा खुश है परंतु कहीं उस के मन में एक सवाल कुलबुलाता रहता है कि एक साधारण सी कंपनी में असिस्टैंट मैनेजर होते हुए वह ये सब कैसे अफोर्ड करता है? स्पष्ट है कि वह क्रैडिट कार्ड और लोन के बलबूते यह जिंदगी जी रहा है. तारेश भाटिया कहते हैं कि आप का प्रेमी कैसे कपड़े पहनता है, कैसा लाइफस्टाइल जीता है, कौन सी गाड़ी चलाता है, इन सब प्रश्नों में आप को इस बात का उत्तर मिलेगा कि कहीं उस का जिंदगी जीने का ढंग उस की आय के मुकाबले बेपरवाह तो नहीं. अगर वह बचत की नहीं, केवल खर्चे की बातें करता है तो यह ध्यान देने लायक बात है, क्योंकि जल्द ही उस के क्रैडिट बिल उस का वजूद खाने लगेंगे. इसलिए इस बात को उस की शानशौकत में दब कर टालें नहीं, बल्कि जितना जल्दी हो सके उस से इस विषय में बात करें.
यदि आर्थिक फुजूलखर्च चलता ही रहे तो इस का मतलब यह भी है कि आप का प्रेमी आप को अपने खर्चों से कम आंकता है. उस के लिए खर्चीला जीवन आप से अधिक महत्त्वपूर्ण है.

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टीना टेसीना इस आदत को संबंधों में विश्वासघात की तरह देखती हैं. यश और निवेदिता, दोनों 30 के दशक में हैं और जल्दी ही शादी करने वाले हैं. शादी से पहले दोनों ने एकदूसरे के निवेश और बचत के बारे में खुल कर बातचीत की. वे कहते हैं, ‘‘हम पिछले 5 साल से प्रेमी हैं. ऐसे में शादी से पहले हमें एकदूसरे के बारे में पूरी जानकारी होनी जरूरी है. घर, गाड़ी, यहां तक कि कैमरा व लैपटौप को भी हम अच्छे असेट मानते हैं.’’

निवेदिता बताती है, ‘‘यश, जोकि एक मार्केटिंग मैनेजर हैं, की आदत जरूरत से अधिक खर्च करने की थी. मैं एक बैंकर हूं. बचत करना और सही जगह निवेश करना मेरे जौब का हिस्सा है. यश की अधिक खर्चा करने की आदत ने एक बार हमारा ब्रेकअप भी करवा दिया था. दिक्कत यह थी कि हमें पता ही नहीं चलता कि पैसे कहां खर्च हो गए. दरअसल, यश को रोज बाहर खाने और पीने की आदत थी. अच्छे रेस्तरां में खाना और ड्रिंक्स बहुत महंगा पड़ता है.

तब मैं ने यश से पूछा कि उसे बाहर क्या पसंद है बाहर के खाने का स्वाद, वहां का माहौल या फिर घर पर खाना पकाने का आलस, फिर काफी विचार कर के दोनों ने अपनी ग्रौसरी लिस्ट में रैडी टु कुक रैसिपीज जोड़ लीं ताकि घर पर स्वाद बदला जा सके और खाना बनाना भी आसान रहे. एकसाथ सोचने से आप जल्दी सही निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं. जब से दोबारा पैचअप हुआ है, हम अपनी आज की और भविष्य की आर्थिक जरूरतों का पूरा ब्यौरा रखते हैं.’’ मनोवैज्ञानिक कोण

मनोवैज्ञानिक डा. प्रीति कहती हैं कि हमारे जो ट्रेट साधारणतया बाहर नहीं आते, वे आर्थिक लेनदेन में आसानी से निकल आते हैं. इसलिए प्रेमी के साथ आगे बढ़ने से पहले यह जानना जरूरी है कि कहीं उन के अधिक खर्च करने की आदत कोई रैड फ्लैग तो नहीं. जैसे आप का प्रेमी आप के आर्थिक तौरतरीकों को काबू करने की कोशिश करें या फिर आप की खर्च करने या न करने की प्रवृत्ति को नीचा दिखाए. इन सब के पीछे उस की अपनी मनोग्रंथि हो सकती है. प्रेमी के प्यार में पागल हो कर आप की अपनी विवेचना और साफ सोचनेसम झने की शक्ति कम हो सकती है. ‘‘जब हम प्यार में होते हैं तो हम अपने प्रेमी की हर बात पर विश्वास करते हैं और उस की कमियों को नजरअंदाज करते हैं,’’ यह कहना है डा. प्रीति का.

अपोजिट अट्रैक्ट

अंगरेजी में कहते हैं कि हम उन की तरफ आकर्षित होते हैं, जो हम से बिलकुल अलग होते हैं या विपरीत सोच और स्वभाव के होते हैं जैसे अंतर्मुखी लोग बहिर्मुखी लोगों की तरफ आकर्षित होते हैं. लेकिन अगर आप पैसे बचाने के लिए घर से लंच ले कर औफिस जाती हैं, वहीं आप का प्रेमी रोज लंचडिनर सब बाहर से मंगवा कर खाता है तो आप दोनों की बचत कैसे होगी?

सुमन का प्रेमी सैल्फ पैंपरिंग में बहुत विश्वास रखता है. उसे हर महीने एक बेहतरीन पार्लर में अपना फेशियल, पैडीक्योर और हेयर स्पा करवाने का शौक था. इतने खर्चे तभी हो पाते थे जब वह हर महीने अपने क्रैडिट कार्ड का केवल न्यूनतम बिल चुकाता था और बाकी का सारा इकट्ठा होता जाता था. पर ऐसा कब तक चलता. सुमन के लाख सम झाने पर भी जब उस ने अपने तौरतरीके नहीं बदले तो हार कर सुमन को यह रिश्ता तोड़ना पड़ा.

कैसे निबटें इस स्थिति से

स्टूडैंट लोन ऐक्सपर्ट शशि मोहन का मानना है कि जो कपल अपनी आर्थिक स्थिति
और संकट के विषय में खुल कर बात करते हैं, वह अच्छी फाइनैंशियल चौइस करने में सक्षम होते हैं.

संग बनाएं बजट: एकदूसरे की बात सुन कर, एकदूसरे की जरूरतें सम झते हुए आप दोनों को एकसाथ बैठ कर बजट तैयार करना चाहिए. इस से आप की इच्छाएं भी पूरी हो जाएंगी, आप के खर्च सीमित रहेंगे और आप भविष्य के लिए जोड़ भी सकेंगे. बजट बनाने का एक अच्छा तरीका है. 50/30/20 बजट. इस का मतलब- टैक्स काटने के बाद की अपनी कमाई का 50% से अधिक हिस्सा आप अपनी जरूरतों पर खर्च नहीं करेंगे, 30% से अधिक हिस्सा अपनी इच्छाओं पर खर्च नहीं करेंगे और कम से कम 20% हिस्सा बचाएंगे.

फाइनैंशियल प्लान तैयार करें: किसी भी पक्ष को निशाना न बनाते हुए एक ऐसा प्लान तैयार करें जहां आप दोनों अगले 5-10-15-20 सालों में पहुंचना चाहते हों. भविष्य के अपने पड़ाव सोचें और उसी हिसाब से अभी से बचत योजना तैयार करें. मासिक खर्चे: कुछ लोग अपने खर्चे रोक ही नहीं पाते, फिर चाहे वो ब्रैंडेड बैग पर खर्च हो, कीमती घडि़यों पर हो या फिर किसी महंगी हौबी अथवा खेल पर. ऐसे में आप को अपने प्रेमी को इस बात के लिए राजी करना होगा कि हर महीने आप दोनों के खाते में कुछ निर्धारित राशि आएगी.

उस का व्यय आप की अपनी मरजी पर होगा किंतु उस राशि से अधिक आप को नहीं मिलेगा. जैसे मातापिता किशोर बच्चों को जेबखर्च देते हैं, वैसे ही आप भी कुछ निर्धारित राशि एक लिफाफे में रख कर अपने प्रेमी के हवाले करें. फिर उन पैसों को वह कैसे खर्च करता है, इस मामले में आप बिलकुल दखल नहीं देंगी. इस के 3 फायदे होंगे. पहला, आप दोनों वह बचत कर सकेंगे जो आप ने सोची है. आप के खर्चों पर एक सीलिंग लग जाएगी. दूसरा फायदा यह होगा कि आप का प्रेमी अपनी इच्छा से खर्चा कर के संतुष्टि पा सकेगा, बिना किसी रोकटोक के और तीसरा फायदा यह होगा कि इस खर्च के बारे में आप दोनों में से किसी को भी किसी तरह की ग्लानि का सामना नहीं करना पड़ेगा यानी गिल्ट फ्री स्पैंडिंग.

अधिक खर्चीला प्रेमी शुरुआत में आप को लुभा सकता है, इंप्रैस कर सकता है, मगर यदि आप दोनों अपनी जिंदगी साथ बिताने की सोच रहे हैं तो अच्छे लाइफस्टाइल के लिए आप के बैंक अकाउंट में धनराशि का होना आवश्यक है और इस के लिए जरूरत पड़ती है खर्चे पर थोड़ी लगाम लगाने की.

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रिश्ता आगे बढ़ाने से पहले

– जब आप का प्रेमी अकसर अपने खर्चों के बारे में आप से छिपाए या झूठ बोले.
– जब आप को खर्चों की रसीदें मिलें और आप का प्रेमी उन के बारे में आप को न बताए.
– जब आप के जौइंट बैंक अकाउंट से आप का प्रेमी अकेले ही पैसे निकाल कर खर्च करता फिरे.
– जब उस के सिर पर भारी स्टूडैंट लोन हो और वह अपनी कमाई का अधिकतर हिस्सा केवल खर्च करने में गंवा दे.
– उसे क्रैडिट कार्ड के चसके की बुरी लत लग चुकी हो.
– आप की तरह उसे बचत करने की आदत न हो, जिस कारण उसे न तो बजट बनाना आता हो और न ही बजट में खर्च करना.
– जब अपनी कमाई से उस का खर्च पूरा न पड़ता हो और उसे सब से उधार मांगने की बुरी लत लग चुकी हो. इन सभी गलत आदतों की वजह से आप का प्रेमी पैसों की कीमत नहीं सम झ पाएगा. उस के ऊपर पैसों की तंगी, उधारी,
डांवांडोल रिश्ते और आगे चल कर तनाव संबंधी परेशानियों का आना तय है. ऐसे में इस रिश्ते में आगे बढ़ने से पहले अच्छी तरह विचार कर लेने में ही आप की भलाई है.

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