प्रोटीन सप्लिमैंट से जुड़े मिथ के बारे में भी जानना है जरूरी

प्रोटीन सप्लिमैंट को ले कर बहुत से मिथ हैं, जिन की वजह से लोग इन का सेवन करने से घबराते हैं. आइए फिटनैस ऐक्सपर्ट संकल्प (गुडवेज फिटनैस) से जानें कि क्या प्रोटीन  सप्लिमैंट लेना वाकई खतरनाक हो सकता है?

मिथ: प्रोटीन सप्लिमैंट से वजन बढ़ता है.

सच्चाई: असल में प्रोटीन, प्रोटीन शेक, स्मूथी वजन को कम करने और दुबला बनाने में मदद करते हैं. आप के पेट की चरबी तेजी से कम करते हैं. जब आप किसी भी रूप में प्रोटीन का सेवन करते हैं तो आप को अपना पेट भरा हुआ महसूस होता है. प्रोटीन लेने के बाद आप लंबे समय तक भोजन किए बिना रह सकते हैं और बहुत कम कैलोरी खाते हैं. यह आप के वजन घटाने के पीछे की महत्त्वपूर्ण वजह बनती है. लेकिन प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में लेने पर उलटा असर भी पड़ सकता है.

 

मिथ: प्रोटीन सप्लिमैंट लेने से हड्डियां कमजोर होती हैं.

सच्चाई: जो लोग सही मात्रा में प्रोटीन खाते हैं वे उम्र के अनुसार हड्डियों पर मांस को बेहतर बनाए रखते हैं और उन्हें औस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बहुत कम होता है. यह महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है, जो मेनोपौज के बाद औस्टियोपोरोसिस के हाई रिस्क पर होती हैं. भरपूर मात्रा में प्रोटीन का सेवन करना और सक्रिय रहना एक अच्छा तरीका है.

मिथ: प्रोटीन सप्लिमैंट का सेवन किडनी के लिए हानिकारक है.

सच्चाई: बहुत से लोगों का मानना है कि हाई प्रोटीन का सेवन किडनियों को नुकसान पहुंचाता है. यह बात सही है, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि उच्च प्रोटीन सप्लिमैंट का सेवन किडनियों की समस्याओं वाले व्यक्तियों को नुकसान पहुंचा सकता है, मगर स्वस्थ किडनियों वाले लोगों के लिए इस से कोई संबंध नहीं है. जरूरी है कि प्रोटीन सप्लिमैंट लेने के साथ भरपूर मात्रा में पानी पीया जाए ताकि किडनियों पर लोड न पड़े, साथ ही बाकी शरीर पर भी कोई हानिकारक प्रभाव न पड़े.

मिथ: प्रोटीन सप्लिमैंट मुख्य रूप से पशु प्रोटीन होता है.

सच्चाई: प्रोटीन सप्लिमैंट केवल ऐनिमल बेस्ड प्रोडक्ट्स में ही होता है, यह सोचना गलत है, क्योंकि बाजार में प्लांट प्रोटीन भी पाउडर की फौर्म में मिलते हैं जो शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करते हैं. जो लोग शुद्ध शाकाहारी हैं वे प्लांट बेस्ड प्रोटीन का इस्तेमाल कर सकते हैं. प्रोटीन शुद्ध शाकाहारियों के लिए अच्छा है जो अपने प्रोटीन को अपनी डाइट में शामिल नहीं कर पाते.

आप घर पर भी प्लांट प्रोटीन बना सकते हैं. कुछ नट्स मिला कर पीस कर प्रोटीन तैयार कर सकते हैं. बाजार में सोया प्रोटीन पाउडर भी मिलता है, जो पूरी तरह से नैचुरल और प्लांट बेस्ड होता है. वैसे शाकाहारी बनने का जनून भी निरर्थक है. हम सब दूध पीते हैं जो शाकाहारी नहीं है. बहुत चीजों में जानवरों की चरबी इस्तेमाल होती है. कई कौस्मैटिक उत्पादों में जानवरों के भीतर से निकली चीजें डाली जाती हैं. यह धार्मिक अंधविश्वास है कि शुद्ध शाकाहारी होना हिंदूपने की निशानी है.

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मिथ: प्रोटीन लेने से हमारा पाचन खराब होता है.

सच्चाई: कुछ लोगों को व्हे प्रोटीन को पचाने में समस्या होती है और सूजन, गैस व दस्त जैसे लक्षण महसूस होते हैं. लेकिन इन में से ज्यादातर दुष्प्रभाव लैक्टोज इन्टौलेरैंस से संबंधित हैं. व्हे प्रोटीन में लैक्टोज मुख्य कार्ब है. जो लोग लैक्टोज इन्टौलरैंट हैं वे ऐंजाइम लैक्टोज का पर्याप्त उत्पादन नहीं कर पाते जिस की आवश्यकता शरीर को लैक्टोज को पचाने के लिए होती है. यदि आप लैक्टोज इन्टौलरैंट हैं तो व्हे प्रोटीन का आइसोलेट पाउडर ले सकते हैं.

मिथ: जितना ज्यादा प्रोटीन उतना बेहतर.

सच्चाई: कुछ लोगों का मानना है कि वे जितना ज्यादा प्रोटीन अपने भोजन में शामिल करेंगे उन के लिए उतना ही अच्छा होगा. मगर ऐसा बिलकुल नहीं है. प्रोटीन हमें अपने शरीर के अनुसार निर्धारित मात्रा में ही लेना चाहिए. जैसे 0.5 से 0.8 ग्राम उस व्यक्ति के लिए पर्याप्त है,

जिसे शारीरिक रूप से बहुत कम काम करना होता है. 1 से 1.5 ग्राम ऐथलीट्स के लिए पर्याप्त है, जो बहुत मेहनत का काम करते हैं.

कब और कितना लें प्रोटीन सप्लिमैंट

आज हैल्थ बनाने के लिए लोग भरपूर मात्रा में प्रोटीन बार, प्रोटीन शेक, प्रोटीन बौल्स वगैरह खाते हैं. आजकल बाजार में कई तरह के प्रोटीन पाउडर व सप्लिमैंट्स उपलब्ध हैं. सेहत को ले कर जागरूक होने को लोग यह मानते हैं कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन लेना चाहिए. लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती कि प्रोटीन सप्लिमैंट्स का सेवन कितना व किस तरीके से करना चाहिए. प्रोटीन ज्यादा खाना किस तरह नुकसानदेह हो सकता है.

क्या होता है प्रोटीन 

प्रोटीन हमारे शरीर के लिए जरूरी  मैक्रोन्यूट्रिऐंट्स में से एक है. इस के अलावा 2 अन्य मैक्रोन्यूट्रिऐंट्स फैट और कार्बोहाइड्रेट हैं. प्रोटीन एक ऐसा मैक्रोन्यूट्रिऐंट है, जो हमारे मसल मास के निर्माण के लिए आवश्यक है. प्रोटीन हमारे शरीर के विकास और मरम्मत के लिए जरूरी है. ज्यादा प्रोेटीन वाली चीजें जैसे दूध से बने पदार्थ, मांस, अंडे, मछली और दालें शरीर बनाने के लिए आवश्यक हैं. जब हम ऐसी चीजें खाते हैं तो हमारे पेट में इन्हें अमीनो ऐसिड में तोड़ने का काम छोटी आंत करती है. यहां से अमीनो ऐसिड हमारे लिवर तक पहुंचता है. लिवर यह तय करता है कि हमारे शरीर के लिए जरूरी अमीनो ऐसिड कौन सा है. उसे अलग कर बाकी को शरीर मूत्र के जरीए बाहर निकाल देता है.

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कितना लेना चाहिए

जो वयस्क ज्यादा दौड़भाग या मेहनत का काम नहीं करते उन्हें अपने शरीर के प्रति किलोग्राम वजन के लिए रोजाना करीब 0.75 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए. औसतन यह मात्रा पुरुषों के लिए 55 ग्राम और महिलाओं के लिए 45 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से सही रहती है.बौडी बिल्डिंग और मांसपेशियों के विकास के लिए अधिक प्रोटीन जरूरी है. ज्यादा व्यायाम करने से मांसपेशियों में मौजूद प्रोेटीन टूटने लगता है. ऐसे में मांसपेशियों को ताकतवर बनाने के लिए प्रोटीन ज्यादा मात्रा में लेना होता है ताकि लगातार मसल्स की मरम्मत होती रहे. इस कार्य में प्रोटीन में पाया जाने वाला ल्यूसिन नाम का अमीनो ऐसिड बहुत मददगार होता है.बुजुर्गों को भी खानपान के अलावा सप्लिमैंट के तौर पर भी प्रोटीन लेने की जरूरत होती है. उन्हें अपने वजन के प्रति किलोग्राम के हिसाब से 1.2 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है.

वजन घटाने में मददगार

एबरडीन यूनिवर्सिटी की ऐलैक्स जौंस्टन कहती हैं कि अपने खाने में कार्बोहाइड्रेट घटा कर और प्रोटीन भरा खानपान बढ़ा कर आप आसानी से वजन घटा सकते हैं यानी ऐसा खाना खाना चाहिए जिस में 30% प्रोटीन, 40% कार्बोहाइड्रेट और 30% फैट हो. इस से वजन घटाने में काफी मदद मिलती है. औसत खानपान में 15% प्रोटीन, 55% कोर्बोहाइड्रेट और 35% फैट होता है.जरूरी प्रोटीन पूरी मात्रा में न लेने से बाल झड़ने लगते हैं, त्वचा फटने लगती है. वजन और मांसपेशियां घटने की भी शिकायतें हो सकती हैं.

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प्रोटीन सप्लिमैंट्स के फायदे

प्रोटीन सप्लिमैंट्स पोषण से भरपूर होते हैं जो हमें स्वस्थ और रोगमुक्त रखते हैं. हमें खराब कोलैस्ट्रौल, रक्तचाप और हृदय रोगों से दूर रखते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं.आप जब प्रोटीन सप्लिमैंट के साथ दिन की शुरुआत करते हैं तो अपनेआप को दिन के बाकी कामों के लिए आसानी से चार्ज कर लेते हैं. प्रोटीन से आप का ऐनर्जी लैवल बढ़ता है. आप कभी काम के अधिक बोझ से थका महसूस नहीं करते हैं.प्रोटीन मांसपेशियों को बढ़ाता है और शरीर से फैट कम करता है. प्रोटीन शरीर और मस्तिष्क को ध्यान केंद्रित करने के लिए अधिक शक्ति प्रदान करता है. दुबली मांसपेशियों की क्षति को रोकता है. शरीर को टिशूज के बढ़ने और रखरखाव के लिए भी प्रोटीन की आवश्यकता होती है.

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