ऐसे बनाएं बढ़िया रोटी, परांठा और पूरी

मेरी मौसी जब भी हमें डिनर पर बुलातीं हैं तो उनके हाथों से बने खाने के हम सब मुरीद हो जाते हैं. सम्पूर्ण भोजन के अतिरिक्त उनके हाथ के बने एकदम मक्खन समान नरम नरम पूरी, पराँठा, रोटी और भटूरे का स्वाद तो भुलाना ही मुश्किल हो जाता है. यूं तो रोटी, परांठा आदि को बनाना अधिक कलात्मक नहीं माना जाता परन्तु इन्हें बढ़िया और पौष्टिक बनाना हर एक के बस की बात नहीं होती क्योंकि आटा गूंथने से लेकर सेंकने अथवा तलने तक की प्रक्रिया में जरा सी असावधानी इनका स्वाद बिगाड़ देती है. यदि निम्न छोटी छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो इनका स्वाद दोगुना हो जाता है-

ऐसे गूंदें आटा

-रोटी बनाने के लिए आटा बहुत अधिक कड़ा या ढीला गूंदने के स्थान मध्यम गूंदे क्योंकि अधिक कड़े आटे की रोटी सख्त बनेगी और ढीले की बेलने में परेशानी होगी.
-भरवां परांठा या रोटी बनाने के लिए आटा रोटी की अपेक्षा थोड़ा ढीला रखें इससे भरावन आटे से बाहर नहीं आएगा और परांठा फूलेगा भी.
-मक्का,ज्वार, बाजरा जैसे मोटे अनाजों का आटा गूंदने के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग करें और इसे गूंदकर न रखें क्योंकि यह पानी छोड़ता है.
-भटूरे और कुल्चे के लिए मैदा गूंदते समय 500 ग्राम मैदा में 1/2टीस्पून नमक, 1/4टीस्पून मीठा सोडा, 1 टीस्पून तेल, और 1 टीस्पून खट्टा दही डालें. मैदा गूंदकर सूती कपड़े से ढककर आधे घण्टे तक रखकर प्रयोग करें, भटूरे और कुल्चे बहुत नरम, फूले फूले और स्वादिष्ट बनेगें. इनका आटा पूरी जैसा कड़ा ही गूंदें क्योंकि रखे जाने पर यह पानी छोड़ता है.
-पूरी का आटा रोटी परांठे की अपेक्षा कड़ा गूंदे और खूब मसलकर 10- 15 मिनट रखकर पूरी बनाएं.
-बाटी और बाफले के लिए रोटी के आटे की अपेक्षा थोड़ा मोटा आटा लें इन्हें बनाने के लिए 500 ग्राम आटे में 1/4टीस्पून मीठा सोडा, 1 टेबलस्पून दही, 1/2टीस्पून नमक और 2 टेबलस्पून मलाई डालकर कड़ा गूंदे. मोटा आटा न होने पर गेहूं के आटे में थोड़ी सूजी मिलाएं.
-खस्ता कचौरी बनाने के लिए 500 ग्राम मैदा में 2 टेबलस्पून तेल, और चुटकीभर खाने वाला सोडा और स्वादानुसार नमक डालकर कड़ा आटा गूंदे और आधा घण्टा सूती कपड़े से ढककर रखें फिर मनचाही स्टफिंग भरकर कचौरी बनाएं.
-मठरी, गुझिया और चंद्रकला आदि बनाने के लिए मैदा में मुठिया वाला मोयन मिलाकर सख्त आटा गूंदे और आधे घण्टे बाद प्रयोग करें.
-बालूशाही और मक्खन बड़ा बनाने के लिए 250 ग्राम मैदा में 2 टेबलस्पून घी, 1/4 टीस्पून मीठा सोडा डालकर ताजे खट्टे दही के साथ रोटी जैसा नरम आटा लगाकर 1 घण्टे के लिए ढककर रख दें फिर एकदम मंदी आंच पर सुनहरा होने तक तलकर चाशनी में डालें.
-थेपले बनाने के लिए 1 कटोरी गेहूं के आटे में 1/4 कटोरी बेसन, 1/4 कटोरी मैदा, 1/2 टीस्पून नमक हरी मिर्च अदरक का पेस्ट, 1 टेबलस्पून तेल और कटी पालक, मैथी या बथुआ डालकर रोटी जैसा आटा लगाएं.

कैसी हो आंच

-गेंहू की रोटी बनाने के लिए आंच तेज रखें मद्धिम या धीमी आंच पर रोटी सेकने से सख्त हो जाती है.
-थेपले तेज आंच पर हल्की सी चिकनाई लगाकर सेंके थेपले एकदम नरम और स्वादिष्ट बनेंगे ये सप्ताह भर तक खराब नहीं होते.
-मक्का, ज्वार और बाजरे की रोटी धीमी आंच पर ही सेंके ताकि यह पूरी तरह पककर करारी हो जाये. तेज आंच पर सेकने से ये बेस्वाद हो जाती है.
-कचौरी, मठरी, समोसा, चन्द्रकला आदि को एकदम मंदी आंच पर ही तलें ताकि ये कुरकुरी और खस्ता बनी रहें.
-बाटी को माइक्रोबेव में कंवेक्शन मोड के अधिकतम तापमान पर 40 मिनट तक बेक करें अथवा गैस तंदूर में एकदम मंदी आंच पर पकाकर घी में डालें.
-स्टफ्ड परांठे धीमी आंच पर घी या तेल लगाकर सेंके इससे वे करारे बनेंगे.

ऐसे बढ़ाएं आटे की पौष्टिकता

-सादा गेहूं के आटे के स्थान पर मल्टीग्रेन आटे का प्रयोग करें. विविध अनाजों के आटे को थोड़ी थोड़ी मात्रा में मिलाकर आप घर में ही मल्टीग्रेन आटा तैयार कर सकतीं हैं. 5किलो गेहूं के आटे में 500 ग्राम सोयाबीन का आटा, और 100 ग्राम अलसी पाउडर मिलाने से इसकी पौष्टिकता और अधिक बढ़ जाती है. जहां तक सम्भव हो चोकरयुक्त आटे का ही प्रयोग करना चाहिए.
-सभी अनाजों को एकसाथ मिलकरबारीक प्याज, कटा हरा धनिया, हरी मिर्च और सभी मसाले डालकर स्वादिष्ट परांठे बनाये जा सकते हैं.
-चीले बनाने के लिए अंकुरित मूंग, सूजी या मिक्स दाल को भिगोकर पीसकर प्रयोग करें. आप इनमें पनीर, टोफू, या हरी सब्जियों की स्टफिंग भी भर सकतीं हैं.
-प्लेन परांठे के स्थान पर पालक,बथुआ, मैथी, चौलाई, आदि को काटकर अथवा लौकी, मूली, कद्दू को किसकर आटे में मिलाकर परांठे बनाएं.
-हरी सब्जियों को मिक्सी में पीसकर आटे में मसालों के साथ मिलाकर रोटी या पराँठा बनाएं.
-सफर में ले जाने के लिए आटे को मलाई या दूध के साथ गूंदे पूरी परांठे अधिक समय तक नरम रहेंगे.

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