हीरो से ज्यादा एक्टर बनने की जरुरत है – सनी सिंह

फिल्म ‘प्यार का पंचनामा 2’ से अभिनय कैरियर में चर्चित होने वाले सनी सिंह, एक्शन डायरेक्टर जय सिंह निज्जर के बेटे है. बचपन से ही उन्हें कला का माहौल मिला है इसलिए इससे परे उन्होंने कुछ नहीं सोचा. उन्हें कॉमेडी फिल्में बहुत पसंद है और कई ऐसी फिल्में कर चुके है. टीवी पर भी उन्होंने काम किया है. उनकी फिल्म ‘जय मम्मी जी’ में वे कार्तिक भाटिया की भूमिका निभा रहे है, शांत और खुश मिजाज़ सनी सिंह से हुई बातचीत के कुछ अंश इस प्रकार है.

सवाल-इस फिल्म का आकर्षण आपके लिए क्या थी?

इस फिल्म में मम्मी मेरे लिए ख़ास थी, क्योंकि कई कॉमेडी की फिल्में बनती है,पर ये फिल्म कई मम्मियों को केंद्र में रखकर बनायीं गयी पहली फिल्म है. शूट करते हुए और माँ को बताते हुए बहुत मज़ा आया. मैं माँ की डांट को हमेशा यहाँ पर मिस करता हूं. नहीं डांटे तो खाली-खाली लगता है. ये सब इस फिल्म में है और यही मुझे अच्छा लगा था.

सवाल-रियल लाइफ में आप मम्मास बॉय कितने है और कितनी डांट सुननी पड़ती है?

जब डांटती है तो हर कोई हिल जाता है, मेरी दो बहने बड़ी है. मैं सबसे छोटा हूं. इसलिए पैमपर्ड चाइल्ड हूं. परीक्षा में फेल होने पर भी अधिक नहीं डांटती थी, लेकिन कई बार कुछ गलत करने पर बहुत गुस्सा हो जाती थी, पर मैं मना तो लेता हूं. माँ से मैं हर बात शेयर करता हूं, कॉलेज में कई बार लड़कियों की चिट्ठियां आने पर मुझे डांटती थी पर अपनी सहेलियों को बताकर खुश होती थी. मुझे प्यार और शादी उस लड़की से करनी है जो अपने माता-पिता से प्यार करें और रूटेड हो.

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सवाल-आपके भविष्य में मां की भूमिका कितनी है? इस बारें में आपकी सोच क्या है?

उसे कह पाना मुश्किल है. उनसे ही मेरा संसार है, एक माँ बिना शर्तों के बच्चे से प्यार करती है. बचपन में मैं बहुत शरारती था. पहले कुछ कहने पर वे मना करती थी पर बाद में हां कर देती थी. मैं कितनी भी व्यस्त रहूं, माँ को समय हर दिन देता हूं. मैंने उनके लिए एक ट्रोफी बनाकर दी है, क्योंकि वह मेरी बेस्ट माँ है. वह घरेलू माँ है, इसलिए मैं कभी-कभी उन्हें कुछ अच्छी सरप्राइज गिफ्ट भी देता हूं. समय मिलने पर फिल्में देखने या घूमने भी साथ में जाता हूं.

सवाल-आप अपनी जर्नी को कैसे देखते है?

मुझे लगता है कि मैंने कई फिल्में की है और कर भी रहा हूं, इतना काम मेरे लिए काफी है और मैं संतुष्ट हूं. फिल्मों के हिट होने या फ्लॉप होने से मैं अधिक समबन्ध नहीं रखता.मैंने मेहनत की है और फिल्म सफल होनी चाहिए. हर सफल कलाकार फ्लॉप फिल्में देता है. वह किये बिना आप आगे नहीं बढ़ सकते, क्योंकि फैल्योर आपको जिंदगी के बारें में बताती है और उससे आप बहुत कुछ सीखते है. काम करना कभी बंद नहीं करना चाहिए, इससे उसका फल अवश्य मिलता है. काम के लिए अधिक सोचने की जरुरत होती है. काम के बाद का समय मेरे परिवार के लिए होता है.

सवाल-किसी फिल्म को चुनते समय किस बात का खास ध्यान रखते है?

मैं कभी भी अधिक नहीं सोचता.स्क्रिप्ट पढने के बाद अगर अच्छी लगती है तो मैं निर्देशक के बारें में भी नहीं सोचता. प्रोड्यूसर के बारें में अधिक सोचता हूं, क्योंकि वही फिल्म को अच्छी तरह से पर्दे पर लाने की कोशिश करता है. हीरो से अधिक एक्टर बनना अधिक जरुरी है. मैं अच्छा काम करने की इच्छा रखता हूं.

सवाल-फिल्मों के सफल होने की वजह क्या मानते है?

निर्देशक और कहानी ये दोनों चीजे सबसे पहले आती है, इसके बाद कलाकार की बारी आती है. मेरी पहली फिल्म में निर्देशक ने सभी नए कलाकारों को मौका दिया ये बड़ी बात थी, लेकिन फिल्म सफल रही और सभी अच्छा काम कर रहे है. मेरे पिता जय सिंह निज्जर एक एक्शन डायरेक्टर है. उनके साथ भी एक फिल्म मैंने की थी, जो नहीं चल पायी. उनके सेट पर मैं बहुत कम जाता था.

सवाल-क्या पिता की वजह से इंडस्ट्री में काम मिलना आसान हुआ?

मैं काफी लोगों को जानता था, क्योंकि पार्टी में लोग आते थे. बचपन में मैंने देखा है, पर मुझे एक्टिंग करना है, उसकी तैयारी मुझे करनी पड़ी. मैं असफलता को अधिक महत्व नहीं देता. एक फिल्म का मिलना ही मेरे लिए बड़ी बात है. मैं छोटी भूमिका भी अच्छी हो, तो करने के लिए मना नहीं करता. डिजिटल पर भी काम करने की इच्छा रखता हूं.

सवाल-क्या पिता से एक्शन की तकनीक सीखी है?

मैंने अधिक नहीं सीखा है, वे ज्योही कुछ सीखाने की कोशिश करते थे मैं कुछ बहाना बना देता था. वे अभी भी एक्टिव है और फिल्मों में एक्शन का काम कर रहे है. उन्होंने कामयाबी बहुत मुश्किल से पायी है, कई बार मैंने उन्हें चोट लगते हुए भी देखा है. वे स्टंट बहुत बहादुरी से करते थे.  आज चाहते है कि मैं भी सफलता प्राप्त करूँ. वे जो भी कहते है हम आँख मूदकर फोलो करते है.

सवाल-किसकी बायोपिक करना चाहते है?

अक्षय कुमार, अजय देवगन, भगत सिंह जैसे किसी की भी बायोपिक में काम करने की इच्छा रखता हूं.

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सवाल-माँ के हाथ का बनाया क्या खाना पसंद करते है?

गुड़ शक्कर और रोटी. पंजाब के गाँव में बनने वाली ये डिश मुझे बहुत पसंद है.

सवाल-यूथ को क्या सन्देश देना चाहते है?

आज के यूथ किसी भी चीज से बहुत अधिक प्रभावित हो जाते है, उनसे मेरा कहना है कि किसी भी नशे की लत में न पड़े. अपनी जर्नी पर ध्यान दे, दूसरे की दिशा में न चले. समय मिले तो परिवार के साथ बिताएं.

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