प्यार के बारे में क्या कहती है एक्ट्रेस निहारिका रॉय, पढ़ें इंटरव्यू

क्या प्यार से सब कुछ जीत लिया जा सकता है? क्या प्यार से कठोर व्यक्तित्व के इंसान के चेहरे पर मुस्कान बिखेरा जा सकता है? आखिर कैसे? कुछ ऐसी ही बातों पर रौशनी डालती है, जी टीवी की नई शो ‘प्यार का पहला नाम राधा मोहन’. यह एक फिक्शन कहानी है, जिसमें अभिनेत्री निहारिका रॉय मुख्य भूमिका राधा की निभा रही है, जो प्यार से शबीर अहलुवालिया के स्वभाव और दिल को बदलने में कामयाब होती है. प्यार और तहजीब का शहर लखनऊ में इसे लौंच किया गया.

मुंबई की निहारिका को बचपन से अभिनय करना पसंद था. उन्होंने कथक ज्वाइन किया और पढाई के साथ-साथ मॉडलिंग भी करने लगी, जिसमें उनके माता (दोलन रॉय) पिता मिहिर रॉय ने हमेशा सहयोग दिया. एक लीड रोल के लिए उन्हें कई साल ऑडिशन देने पड़े, पर उन्होंने इसे शांत चित्त से लिया और अंत में वह सफल रही. खूबसूरत और चुलबुली निहारिका से उनकी जर्नी के बारें में बात की, जो बहुत रोचक थी, आइये जानते है उनकी कहानी उनकी जुबानी.

सवाल – आप छोटी उम्र से अभिनय कर रही है, ये कैसे संभव हुआ?

जवाब –बांग्ला कल्चर में बचपन से ही कला को अधिक महत्व दिया जाता है,मैंने पहली एक्टिंग 9 साल की उम्र में किया था. मेरे पिता का शौक था कि मैं कुछ अलग काम करूँ. स्कूल या बिल्डिंग की शो में जब भी कोई कार्यक्रम होता, वहांमै बढ़-चढ़ कर भाग लिया करती थी, क्योंकि मुझे डांस और नाटकों में भाग लेना बहुत पसंद था. फिर मैंने आगे चलकर कथक सीखना शुरू किया. कथक का कोर्स अभी पूरा नहीं कर पायी, दो साल का कोर्स बाकी है, जिसे मैं पूरा करने पर मुझे कथक में विशारद की डीग्री मिल जायेगी.

सवाल – क्या अभिनय में आने की वजह से डांस को मिस नहीं करती?

जवाब – जब भी मैं डांस को मिस करती हूँ, तो गाना लगाकर प्रैक्टिस कर लेती हूँ. इससे मेरा मन भी हल्का हो जाता है और सरे तनाव भाग जाते है.

सवाल – इस फील्ड में आने पर परिवार की प्रतिक्रियां कैसी रही?

जवाब –मेरे पूरे परिवार में सारे इंजिनियर है और मैं परिवार की इकलौती बेटी हूँ, सबकी लाडली हूँ. मेरे पिता की इच्छा थी कि मैं कुछ ऐसी काम करूँ, जो परिवार से हटकर हो. मेरी एक्टिंग, डांसिंग और एक्सप्रेशन्स सबको बहुत अच्छे लगते थे, इसलिए उन्होंने ही मुझे इस क्षेत्र में आने की सलाह दी. फिर मैंने ऑडिशन देना शुरू किया, उसमे कुछ मिले कुछ हाथ से छूट गए. अंत में ये बड़ी प्रोजेक्ट मुझे मिली.

सवाल – पहला ब्रेक कैसे मिला?

जवाब – मुझे 9 साल की उम्र में बालवीर में काम करने का मौका मिला. उसमे एक दिन के लिए डांस था. उसके बाद मैंने काफी ऑडिशन दिए और दूसरा काम ‘ तेरा यार हूँ मैं’ मिला. इसके बाद मैंने सोच लिया कि मुझे अब लीड करना है, मैंने किसी भी साइड रोल को करने से मना किया और अब मैं सफल हुई. ये सही है कि इस दौरान तनाव बहुत होते थे. कई बार काम होते-होते छूट जाती थी, क्योंकि चैनल को कुछ दूसरा जाना-माना चेहरा चाहिए, जो मेरा नहीं था.

सवाल –पहली बार आप लीड भूमिका निभा रही है, कितना प्रेशर महसूस कर रही है?

जवाब –पहले मैंने जितने भी अभिनय किये है, सभी छोटी-छोटी भूमिकाएं थी. मैंने उसमें  भी मेहनत से काम किया है. इस धारावाहिक में मैं लीड कर रही हूँ, इसलिए मुझे वैसी राधा बननी है, जैसा निर्देशक को चाहिए. मेरे चरित्र में घुसने के लिए मुझे मेहनत करनी पड़ी, पर अधिक नहीं, क्योंकि मेरा नेचर इस भूमिका से मिलता है.

सवाल – भक्ति में कई बार अंधभक्ति समा जाती है, इससे आप कितना सहमत रखती है?

जवाब – मेरा इसमें मानना है कि कभी अपनी ड्रीम को पूरा करने के लिए भगवान को मत बुलाएं, क्योंकि ड्रीम को पूरा करने के लिए खुद को मेहनत करनी पड़ती है, मंदिरों, मस्जिदों चर्च आदि में अधिक जाने पर ही अंधभक्ति आती है.

सवाल – क्या टीनेज में आपने कभी सोचा था कि आपको अभिनय करना है?

जवाब – सपने तो मैंने बहुत देखे है, लेकिन उससे बढ़कर मुझे ये भूमिका मिली है. जिसमें मुझे एक्टिंग की प्रतिभा को दिखाने का मौका मिला है.

सवाल – आज के यूथ प्यार,रोमांस को अधिक महत्व नहीं देते, प्यार हुआ और थोड़े दिनों बाद अलग भी हो गए, इस बारें में आप क्या कहना चाहती है?

जवाब –मैंने उस ओर अधिक ध्यान अभी नहीं दिया है, काम ही मेरा प्यार है. मुझे प्यार माँ, पिता और नानी के लिए होता है. पहले मेरी सहनशीलता भी बहुत कम थी, लेकिन मेरे पेरेंट्स ने शुरू से कह दिया था कि इस क्षेत्र में काम करने के लिए धैर्य बनाये रखना बहुत जरुरी है. मैंने भी अपनी धैर्य को काफी साल तक बनाये रखने की कोशिश की थी, जिससे अजीब तरह का व्यवहार करने लगी थी. फ्रस्ट्रेशन बहुत होने लगा था. मेरा उद्देश्य लीड काम करने का था. कई बार बना बनाया काम भी छूट जाता था, इससे मुझे काफी दुःख होता था.

सवाल – तनाव होने पर उसे कैसे कम करती है?

जवाब – तनाव होने पर मैं खुद को जिम्मेदार समझती हूँ, क्योंकि गलती मेरी थी और मुझे ही उसे निकलना होगा. ये तनाव मुझे लेट टीनेज में आई और लगा था कि मैंने अपना गलत कैरियर चुना है.

सवाल – आज की महिलाएं आगे बढ़ चुकी है, हर क्षेत्र में काम कर रही है, फिर भी डोमेस्टिक वायलेंस, रेप,मोलेस्टेशन होते रहते है, इसकी जिम्मेदारी किसे मानती है, समाज परिवार या घर्म?

जवाब – ये अचानक होने वाली वारदातें है. हर किसी को सतर्क रहने की जरुरत है. इसे बंद करना जरुरी है.

सवाल – क्या कोई ड्रीम है?

जवाब – ड्रीम बहुत सारे है, जिसमें करण जौहर, संजय लीला भंसाली, रोहित शेट्टी, आदि की फिल्मों में काम करने की ड्रीम है.

ये भी पढे़ं- Imlie को तीसरा झटका, ‘आदित्य की मां’ ने भी छोड़ा शो

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें