आप डैमीसैक्सुअल तो नहीं, अगर हां तो पढ़ें ये खबर

आप ने अब तक सैक्सुअलिटी को ले कर कई शब्द सुने होंगे जैसे बाईसैक्सुअल, पैनसैक्सुअल, पौलिसैक्सुअल, असैक्सुअल, सेपोसैक्सुअल और भी कई तरह के शब्द. पर अब एक और नया शब्द सैक्सुअलिटी को ले कर एक नए रूप में आ रहा है और वह है डैमीसैक्सुअल. ये वे लोग हैं जो असैक्सुअलिटी के कगार पर हो सकते हैं पर पूरी तरह से अलैंगिक नहीं हैं. यदि आप किसी से सैक्सुअली आकर्षित होने से पहले अच्छे दोस्त होना पसंद करते हैं तो आप निश्चित रूप से डैमीसैक्सुअल हैं.

सैक्सुअलिटी की पहचान

यह जानने के कई तरीके हैं कि आप डैमीसैक्सुअल हैं या नहीं. सब से मुख्य तरीका यह है कि जब तक आप किसी से भावनात्मक रूप से नहीं जुड़ते, आप सैक्सुअल फीलिंग्स महसूस नहीं करते. आप के लिए भावनाएं महत्त्वपूर्ण हैं. आप सारी उम्र एक ही व्यक्ति से संबंध बना कर रह सकते हैं. आप प्रयोग से डरते हैं.

आप सैक्सुअल इंसान नहीं हैं, इस में कोई बुराई नहीं है. सैक्स के पीछे भागने से ज्यादा आप को जीवंत, वास्तविक बातचीत करना ज्यादा अच्छा लगता है. यदि आप किसी से रिलेशनशिप में हैं और उस से इमोशनली जुड़ हुए हैं तभी आप अपने पार्टनर के प्रति सैक्सुअली आकर्षित होते हैं. यदि आप सिंगल हैं, तो आप निश्चित रूप से सैक्स से ज्यादा पार्क में एक अच्छी सैर या अपनी पसंद की कोई चीज खाना पसंद करेंगे.

जिसे आप पसंद करती हैं, उस से मिलने के बाद आप उस के व्यक्तित्व से प्रभावित होंगी, उस के लुक्स से नहीं, इसलिए किसी भी चीज से पहले आप की उस से दोस्ती होगी. आप किसी से मिलने पर सैक्सुअल होने या फ्लर्टिंग में विश्वास नहीं रखते. यदि एक व्यक्ति ने आप को अपने व्यक्तित्व से प्रभावित किया है तो आप पहले दोस्ती में अपना हाथ बढ़ाएंगे. घंटों, हफ्तों, महीनों में ही डेटिंग शुरू करने की आप सोच भी नहीं सकते, फ्लर्टिंग आप के दिमाग में आती ही नहीं है.

आकर्षण के प्रकार

आकर्षण 2 तरह का होता है-प्राइमरी और सैकेंडरी. प्राइमरी आकर्षण में आप किसी के लुक्स से आकर्षित होते हैं और सैकेंडरी आकर्षण में आप किसी के व्यक्तित्व से प्रभावित होते हैं. यदि आप डैमीसैक्सुअल हैं तो आप निश्चित रूप से सैकेंडरी पर्सनैलिटी टाइप में फिट बैठते हैं. अब इस का मतलब यह नहीं है कि आप को कोई आकर्षित नहीं करता. बहुत लोग आप को आकर्षक लगे होंगे पर आप लुक्स पर ही संबंध नहीं बना सकते. आप तभी आगे बढ़ते हैं जब किसी का व्यक्तित्व आप को प्रभावित करता है.

जब आप के दिल में किसी के लिए फीलिंग्स पैदा होने लगती हैं, विशेषरूप से सैक्सुअल फीलिंग, तो आप दुविधा में पड़ जाते हैं, क्योंकि आप उतने सैक्सुअल पर्सन नहीं हैं. आप नहीं जानते कि इन फीलिंग्स पर क्या प्रतिक्रिया दें या उस व्यक्ति से कैसे शारीरिक कनैक्शन बनाएं. एक बार आप घबराहट और दुविधा की स्थिति से बाहर निकल गए, तो आप अपने पार्टनर से ही सैक्स करना चाहेंगे और किसी से भी नहीं. किसी से सैक्सुअली खुलने के लिए उसे बताएं कि आप उसे कितना प्यार करते हैं, क्योंकि आप बहुत भावुक हैं और फिर सैक्स आप दोनों के लिए बहुत कंफर्टेबल हो जाएगा.

लोगों का आप के प्रति नजरिया

क्योंकि आप सैक्स को ले कर ज्यादा नहीं सोचते, लोग सोच सकते हैं कि आप विवाह होने का इंतजार कर रहे हैं. वे आप को घमंडी और पुराने विचारों का समझ सकते हैं पर इस से आप विचलित न हों. जैसे हैं वैसे ही रहें. आप किसी स्विच को औनऔफ करने की तरह किसी से भी सैक्स नहीं कर सकते. लोगों को अपने मनोभावों पर स्पष्टीकरण देने की चिंता में पड़ें ही नहीं. आप को अपने आसपास हाइली सैक्सुअल लोगों से कोई समस्या भी नहीं होती है. बस आप स्वयं इस स्थिति से खुद को दूर रखते हैं, क्योंकि आप वैसे नहीं हैं. आप सही इंसान का इंतजार कर रहे हैं और अपना जीवन उस के साथ ही सैक्स कर के बिताना चाहते हैं. इस में कुछ भी गलत नहीं है.

डैमीसैक्सुअल होने का मतलब यह नहीं है कि आप को सैक्स पसंद नहीं है. आप को सैक्स पसंद है, सब को सैक्स पसंद होता है पर आप उसी के साथ सैक्स करना चाहते हैं जिस से आप का भावनात्मक जुड़ाव हो. जब सही इंसान आप को मिलता है, आप सैक्सुअली उस से जुड़ जाते हैं. बातचीत और बौंडिंग दोनों आप के लिए ज्यादा महत्त्व रखते हैं.

आप डैमीसैक्सुअल हैं तो आप को यह नहीं सोचना है कि यह कुछ गलत है. आप भावुक हैं, मन के मिले बिना तन से न जुड़ पाएं, तो इस में बुरा क्या है और मन मिलने पर तो आप खुल कर जीते ही हैं. यह बहुत अच्छा है. तो अपनी पसंद का व्यक्ति मिलने पर जीवन का आनंद उठाएं, प्रसन्न रहें.

फ्लर्ट नहीं है गंदी बात

शुभम कुछ दिनों से महसूस कर रहा था कि पड़ोस में रहने वाले गिरिजा शंकर की पत्नी अपनी बालकनी से अकसर उसे देखती है.

एक दिन शुभम ने उस के घर के सामने से गुजरते हुए उसे मुयकरा कर नमस्ते कहा तो उस ने भी  झेंप कर नमस्ते का जवाब दिया और फिर नजरें नीची कर के अंदर चली गई. इस के बाद वह जब भी अपनी बालकनी में आती और शुभम दिखाई देता तो वह हलके से मुसकरा देती.

फिर एक दिन वह बाजार में सब्जी खरीदते हुए दिख गई. शुभम को देखते ही उस के चेहरे पर मुसकान खिल गई. उस की नजरों ने शुभम को आमंत्रित किया तो शुभम ने भी आगे बढ़ कर उस के हाथों से सब्जी का थैला लिया. उस ने शुभम को धन्यवाद और फिर दोनों घर तक बातें करते आए.

उस का नाम नीलिमा है. उस का पति पोस्ट औफिस में हैड क्लर्क. पति सुबह 9 बजे औफिस चला जाता और देर रात लौटता तो अकसर नशे में होता. वह आता और खाना खा कर सो जाता. नीलिमा सारा दिन अकेली होती. इस शहर में उन का कोई रिश्तेदार या दोस्त नहीं था. जब से शुभम उस के पड़ोस में रहने आया था तभी से नीलिमा उस से अट्रैक्ट थी.

नीरस जिंदगी में रंग

शुभम और नीलिमा के बीच शुरू हुआ फ्लर्ट का सिलसिला अब दोस्ती और प्यार में तबदील हो चुका है. दोनों आपस में अपने सुखदुख बांटते हैं. नीलिमा की नीरस जिंदगी में रंग भर गए हैं. वह अब सजतीसंवरती है, बढि़या खाना बनाती है, जिस का एक हिस्सा शुभम के घर भी जाता है. नीलिमा अब अपने घर को खूब साफसुथरा और व्यवस्थित रखने लगी है क्योंकि शुभम अकसर वहां आने लगा है.

इस बदलाव के चलते अब नीलिमा का पति भी उस की तारीफ करता है, उस में आए बदलाव को महसूस करता है और उस की सुंदरता भी अब उसे नजर आने लगी है. दोनों के रिश्ते भी खुशनुमा रहने लगे हैं. अब वह कभीकभी औफिस से जल्दी आ कर उसे घुमाने भी ले जाता है.

इधर नीलिमा से दोस्ती के बाद शुभम भी काफी व्यवस्थित और स्मार्ट तरीके से रहने लगा है. रोज शेव करता है, प्रैस किए कपड़े पहनता है, जिम जाने लगा है. कुछ खास खाने का मन होता है तो नीलिमा से कह देता है और वह फटाफट बना कर ले आती है यानी एक फ्लर्ट ने 3 जिंदगियों में रंग भर दिए हैं.

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आमतौर पर हमारा समाज फ्लर्ट को गलत और अमर्यादित चीज मानता है, मगर फ्लर्ट के भी अपने फायदे हैं. अगर कुछ तय सीमारेखा के अंदर फ्लर्ट किया जाए तो यह नीरस जिंदगी में रोमांच और उत्साह पैदा कर देता है. इंसान को अवसाद से निकाल कर जीवन के प्रति नया दृष्टिकोण दे सकता है. इस कल्पना से ही मन में लड्डू फूटने लगते हैं कि कोई है जो आप को पसंद करता है, आप का दीदार करना चाहता है. कोई है जिस की नजरों को आप की एक  झलक का इंतजार है.

फ्लर्टिंग का मतलब

फ्लर्टिंग का मतलब है किसी को यह दिखाना कि आप उस की तरफ आकर्षित हैं. अगर आप किसी के साथ फ्लर्ट करने के लिए तैयार हैं, तो इस का मतलब है कि आप उसे काफी ज्यादा पसंद करते हैं और आप का आकर्षण उस के लिए काफी तीव्र है.

फ्लर्टिंग की शुरुआत करने में पहलेपहल चिंता होती है, पर घबराएं नहीं जिस को आप सच में पसंद करते हैं उस के सामने नर्वस होना आम बात है, लेकिन आत्मविश्वास से किसी के साथ फ्लर्ट करने के कई तरीके हैं. चाहे आप टैक्स्ट, औनलाइन या व्यक्तिगत तौर पर फ्लर्ट कर रहे हैं आप को अपनी भावनाएं व्यक्त करने और दूसरे व्यक्ति को उन के बारे में शक में रहने के बीच एक तालमेल बैठाना होगा.

फ्लर्ट और प्यार में फर्क को भी सम झना होगा. कभीकभी फ्लर्ट सिर्फ फ्लर्ट ही रह जाता है और कभीकभी फ्लर्ट करने वाले एकदूसरे से मुहब्बत भी करने लग जाते हैं और आकर्षण का खेल मजबूत रिश्ते में भी बदल सकता है.

फ्लर्ट करें जरा एहतियात से

फ्लर्ट करने का पहला स्टैप है आंखों का आंखों से मिलना. आप जिसे आप पसंद करने लगे हैं उस से आई कौंटैक्ट बनाने की कोशिश करें. आई कौंटैक्ट बनाना सब से सहज और उत्तम

रास्ता है. आप उस व्यक्ति की आंखों में गहराई से  झांक सकते हैं, लेकिन बीचबीच में नजर हटा लें नहीं तो मामला सीरियस हो सकता है. इसे कुछ इस तरह से करें:

देखते हुए पकड़े जाएं कहने का मतलब यह है कि आप उस को घूरें नहीं, बल्कि थोड़ीथोड़ी देर में नजर डालते रहें. ऐसा तब तक करते रहें जब तक वह आप को ऐसा करते पकड़ नहीं ले. एक पल के लिए देखते रहें, मुसकराएं और फिर नजर फेर लें.

जब आप उस से बात कर रहे हों तो उस की आंखों में देखें खासतौर से बातचीत के प्रमुख मौकों पर जैसे जब आप उसे कौंप्लिमैंट दे रहे हों.

लड़कियां भी लड़कों को देख सकती हैं यानी फ्लर्ट की पहल कर सकती हैं. लड़की आप को देख कर पलकें  झुका ले और फिर  झुकी हुई पलकों से आप को देखे. आप की बगल से हो कर आगे बढ़ जाए और कुछ दूर जा कर पलट कर देखे तो सम झ लें आप उस के फेंके जाल में बस फंसने ही वाले हैं.

छोटी सी मुसकान और बड़ा काम

फ्लर्ट का दूसरा हथियार है मोहक मुसकान. आप जिस की तरफ आकर्षित हैं अगर उसे देख कर आप अपने होंठों पर मधुर मुसकान ले आएं तो वह इस का जवाब मुस्कान से ही देने को मजबूर होगी. कई बार आप बात शुरू होने से पहले ही अपनी मुसकराहट का फायदा उठा सकते हैं. आप तब भी मुसकरा सकते हैं जब आप हाल में उस के पास से गुजरें या फिर कमरे में आसपास खड़े हों.

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आप को एक बड़ी मुसकराहट देने की जरूरत नहीं है. बस एक छोटी सी मुसकराहट काम कर जाएगी. धीरे से मुसकराएं. अगर आप किसी की तरफ देख रहे हैं पर बात नहीं कर रहे हैं, तो जोर से हंसने के बजाय धीरे से मुसकराहट को अपने चहरे पर फैलने दें. हलकी, धीमी मुसकराहट को अकसर सैक्सी माना जाता है.

जब भी आप आई कौंटैक्ट करें, तब मुसकराएं. ज्यादा असर के लिए अगर आप किसी की आंखों में देख रहे हैं, तो अचानक मुसकरा दें. अगर यह एक वास्तविक मुसकराहट है, तो व्यक्ति को आप के मुंह की तरफ देखे बिना उस का अंदाजा हो जाएगा. अपने मुंह के बजाए  अपनी आंखों से मुसकराने की कोशिश करें.  आप जब मुसकराएं तो आप का पूरा चेहरा चमक जाना चाहिए.

धीरेधीरे बात बढ़ाएं

आप जिस के साथ फ्लर्ट करना चाह रहे हैं और उसे पहले से नहीं जानते हैं, तो इंट्रोडक्शन भी फ्लर्टिंग शुरू करने का अच्छा तरीका है. बेकार की लफ्फाजी के बजाय सिर्फ हैलो कह कर अपना परिचय देना या एक सीधा सा सवाल ज्यादा असर छोड़ता है. अगर आप इसे एक चुनौती की तरह ले रहे हैं, तो अपनी पहचान को कुछ देर के लिए राज रखें. अगर वह सच में आप को जानना चाहती है, तो वह पूछेगी या फिर आप पर अपना परिचय बताने के लिए दबाव डालेगी. चाहे आप किसी व्यक्ति को जानते हो या नहीं, बातचीत फ्लर्टेशन को आगे बढ़ाने का सब से आसान तरीका है. ऐसा करने से वह आप की हिम्मत और आत्मविश्वास से प्रभावित होगा.

उस के साथ बात करने के लिए कोई आम विषय चुनें. अगर आप उस से पहले मिले हुए हैं तो आप दोनों के बीच किसी आम रुचि या अनुभव पर बात करें. मसलन, आप कोई साथ में क्लास ले रहे हों, या उस बस के अन्य यात्रियों के बारे में बात करें जिस बस में आप उनसे हर दिन टकराते हैं.

दरअसल विषय महत्त्वपूर्ण नहीं है बल्कि ये अहम है कि आप उसे अपने से बात करने के लिए न्योता दे रहे हैं. उस के दिए जवाब को सम झें. अगर दूसरा व्यक्ति प्रेम से बात का जवाब देता है, तो ही बात को आगे बढाएं. अगर वो जवाब नहीं देता है या फिर उल झा हुआ लग रहा है, तो शायद वो आप के साथ फ्लर्टिंग करने में इंटरेस्टेड नहीं है. ऐसे में बेहतर है कि आप भी थोड़ा पीछे हट जाएं.

हलकीफुलकी बात करें

जब बातचीत शुरू करें तो ज्यादा निजी बातें नहीं करें. अपने आसपास के वातावरण के बारे में, या फिर आप ने अगर कोई शो देखा है उस के बारे में बात करें. अगर वह व्यक्ति बिना परेशान हुए आप के साथ विषयों पर बात करने में रुचि दिखाए तो ठीक, नहीं तो निजी जानकारी, धर्म, पैसा, रिश्ते, पढ़ाई इत्यादि को बीच में नहीं लाएं. आमतौर पर, ऐसे मुद्दों से दूर रहें, जिनसे आप निजी तौर पर जुड़े हैं जैसे आप का या उस का धर्म. ऐसे विषयों पर बात करें जिन में आप दोनों का निजी हिस्सा नहीं हो.

हलके विषयों जैसे, पेट्स, रियलिटी टेलीविजन शो, या आप के पसंदीदा वेकेशन स्पाट्स पर बात करेंगे तो फ्लर्ट करना आसान होगा. इस का मतलब ये नहीं की आप को फ्लर्ट करने के लिए बेवकूफ दिखना चाहिए, पर इस का मतलब है कि गहराई वाली बातें करके कहीं आप उन के अहम को चोट ना पहुंचा दें. इसलिए हंसी मजाक करें. बात को ज्यादा संजीदा नहीं बनाएं, कभी मजाक में अपने क्रश को थपथपाएं, या किसी अलग से विषय पर अचानक बात करने लगें. वो जो बातें कर रही है उसे ध्यान से सुनें और तारीफ भी करें.

टच बैरियर को तोड़ दें

धीरे से उस व्यक्ति के हाथ को छूने की कोशिश करें या फिर उस के पास से निकलते समय उससे हलके से टकराएं. पहले एकदो बार जब आप अपने क्रश को छुएं, तो ये ध्यान रहे कि आप उसको ट्रैप नहीं करें. स्थान के मुताबिक वह टच एक्सीडेंटल होनी चाहिए, उस से ज्यादा नहीं. सीधे उस का हाथ या बांह पकड़ने का प्रयत्न न करें, ऐसे कुछ करें जैसे आप उन के हाथ पर से कोई काल्पनिक वस्तु हटा रहे हैं.

आप की यह टच की कोशिश बिना बुरा माने ठुकराई भी जा सकती है, यानी अगर आप का क्रश इस प्रकार के संपर्क के लिए तैयार नहीं है, आप उसे अपने को पूरी तरह ठुकराने के लिए मजबूर न करें.

कौंप्लिमैंट दें

कौंप्लिमैंट पाना हर किसी को पसंद होता. वाह, आज तो आप बहुत अच्छी दिख रही हैं या वाह, आज तो आप बहुत स्मार्ट लग रहे हैं. ये ऐसे वाक्य हैं जो सामने वाले के दिल में आप के लिए प्यार पैदा कर ही देंगे. इसलिए आत्मविश्वास जगाएं और उन की जो चीज आप को आकर्षित कर रही हो तुरंत उस की तारीफ कर दें. मौके को हाथ से न छूटने दें. क्या पता दूसरा मौका कब मिले.

लुक्स पर कौंप्लिमैंट देने से पहले थोड़ा ध्यान रखें. अगर आप किसी लड़की की आंखों की तारीफ करेंगे, तो उसे अच्छा लगेगा, लेकिन अगर आप छूटते ही उस की फिगर की तारीफ करेंगे तो वह डर सकती है, आप की नीयत पर उसे शक हो सकता है और आप की बात बनतेबनते बिगड़ सकती है.

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कौंप्लिमैंट देते समय आई कौंटैक्ट बनाए रखें. यदि आप ने नजर हटाई तो आप की नीयत पर भरोसा करना कठिन होगा. अपनी आवाज की टोन और वौल्यूम दोनों को हलका सा कम कर लें. अपनी सामान्य आवाज से थोड़ी हलकी आवाज में कौंप्लिमैंट देने से थोड़ी सैक्सी और इंटिमेट फीलिंग आती है. इस के अलावा आप की हलकी आवाज सुनने के लिए उसे आप के नजदीक भी जाना पड़ेगा.

अपनी बातों को छोटा और मधुर रखें. यह याद रखें कि डिमांड बढ़ाने के लिए सप्लाई कम करना जरूरी होता है, इसलिए उस व्यक्ति से थोड़ी ही बात करें. उस से रोज बात न करें. बातचीत को 5 से 10 मिनट से ज्यादा लंबा नहीं होने दें. जितनी ज्यादा देर बात होगी, उतनी ही यह संभावना होगी कि आप की बातें समाप्त हो जाएंगी.

उसे अपने पास आने दें. एक बार आप ने बातचीत शुरू कर एक इंटरैस्ट दिखा दिया, फिर पीछे हट जाएं और देखें कि क्या वह भी आप से बात करने की इच्छुक है. यह उस की आप के प्रति रुचि को सम झने और टैंशन बढ़ाने का अच्छा तरीका है.

ज्यादा संजीदा न हों

याद रहे फ्लर्टिंग मस्ती का दूसरा नाम है और अगर आप की कोशिश सफल नहीं होती है तो हिम्मत न हारें. पौजिटिव रहें और किसी और के साथ कोशिश करें. किसी और चीज की तरह ही फ्लर्टिंग भी प्रैक्टिस के साथ बेहतर होती है. यह भी जरूरी नहीं कि हर फ्लर्टिंग के अंत में कुछ हो, हर फ्लर्टेशन के अंत में डेट हो, प्यार हो या शादी हो जाए यह जरूरी नहीं है. कई बार अंत में कुछ होगा इस के बजाय लोग सिर्फ मस्ती के लिए फ्लर्ट करते हैं.

फ्लर्टिंग का सब से सकारात्मक पहलू यह है कि इस से आप नए लोगों से घुलनामिलना और खुश रहना सीख सकते हैं. आप को उस को परफैक्ट बनाने के लिए अपनेआप पर प्रैशर डालने की जरूरत नहीं है.

ध्यान रखें

फ्लर्टिंग के समय शिकायत न करें. याद रहे कि दुनिया सिर्फ आप के इर्दगिर्द नहीं घूमती है. अगर आप ज्यादा शिकायत करेंगे तो सामने वाला आप को अवसादग्रस्त सम झेगा और आप से दूर हो जाएगा.

जब आप किसी के साथ फ्लर्ट कर रहे हों तो उस समय फोन का इस्तेमाल न करें. इस से ऐसा लगता है कि आप किसी और से बात करने में ज्यादा इंटरैस्टेड हैं या फिर आप किसी और के साथ रिलेशन में हैं.

अगर आप किसी लड़की के साथ फ्लर्ट कर रहे हैं और टच बैरियर तोड़ने के बारे में सोच रहे हैं, तो थोड़ा तमीज से पेश आएं. मसलन, जब वह अपना संतुलन खो रही हो तो आप उसे सहारा दें जैसे जब वह गाड़ी से उतर या चढ़ रही हो या जब वह किसी उबड़खाबड़ स्थान से गुजर रही हो इस बात पर भी गौर करें कि जब आप उसे सहारा देने के लिए अपना हाथ देते हैं तो वह किस प्रकार जवाब देती है? क्या वह जल्दी हाथ में हाथ देती है या फिर हाथ छुड़ाने की जल्दी में है?

फ्लर्टिंग हर जगह सही नहीं रहती. मसलन, किसी के अंतिम संस्कार में फ्लर्ट नहीं कर सकते. वर्कप्लेस में भी आप फ्लर्टिंग नहीं कर सकते. अगर आप वर्कप्लेस पर फ्लर्ट करते हैं, तो अपना सब से बेहतरीन व्यवहार पेश करें और यदि व्यक्ति इंटरैस्टेड नहीं है तो बात को आगे न बढ़ाएं.

स्थान के मुताबिक फ्लर्टिंग करें. लाइब्रेरी या डांस हौल में मिलने पर शायद ज्यादा बातचीत न हो पाए. ऐसी स्थिति में मुसकराएं, रुचि दिखाएं और उस के बाद कहीं मिलने का कार्यक्रम तय कर लें.

अगर आप को उस का फोन नंबर मांगने में शर्म आ रही है, तो उसे अपना नंबर दे दें. अगर वह आप में इंटरैस्टेड है तो आप को कौल करेगी. आप उसे अपना ईमेल पता भी दे सकते हैं.

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