दौड़ने से पहले जरूर जानें यह बातें

शरीर को चुस्तदुरुस्त बनाए रखने के लिए कुछ लोग जिम जा कर पसीना बहाते हैं, तो कुछ घर पर ही व्यायाम करते हैं. कुछ मौर्निंग वाक करते हैं तो कुछ दौड़ लगाते हैं. यदि आप भी दौड़ कर फिट रहना चाहते हैं, तो यह एक अच्छी बात है. लेकिन दौड़ने से पहले कुछ बातें जान लेना भी जरूरी है अन्यथा दौड़ने से लाभ के बजाय हानि भी हो सकती है.

चिकित्सा वैज्ञानिकों के अनुसार, रोज 1 घंटा दौड़ कर आप न केवल स्वस्थ और निरोगी रह सकते हैं, अपितु अपनी आयु को भी 3 साल तक बढ़ा सकते हैं. 18 से 100 साल की उम्र के 55 हजार लोगों के लाइफस्टाइल की स्टडी कर वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि किसी भी ऐक्सरसाइज की तुलना में दौड़ने से क्वालिटी औफ लाइफ सब से ज्यादा बढ़ती है. इस स्टडी को लीड करने वाली अमेरिका की ‘आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी’ के प्रोफैसर डकचुल्ली के अनुसार, स्टडी में पाया गया कि दूसरी ऐक्सरसाइज करने वाले लोगों की तुलना में धावक लंबे समय तक जीते हैं.

धावकों में जल्दी मौत के लिए जिम्मेदार कारणों से लड़ने की क्षमता सब से ज्यादा पाई गई.आम लोगों की तुलना में रोज दौड़ने वाले को दिल का दौरा पड़ने की आशंका भी 25% तक कम हो जाती है. दौड़ना फिटनैस को बढ़ाता है, जो अच्छी सेहत के प्रमुख इंडिकेटर्स में से एक है. रोज 1 घंटे दौड़ते हैं तो प्रीमैच्योर डैथ की आशंका 40% तक कम हो जाती है. दौड़ने से संपूर्ण शरीर के सभी अंगों का अच्छा व्यायाम हो जाता है. पैरों के अलावा हृदय, फेफड़ों आदि की भी कसरत हो जाती है और उन की कार्यक्षमता बढ़ती है.

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कब करें दौड़ने की शुरुआत

विशेषज्ञों का कहना है कि मोटापा दूर करने के लिए डाइटिंग करने की नहीं, दौड़ने की जरूरत है. यदि पहले से दौड़ लगाते हैं, तो मोटापा कभी हावी होगा ही नहीं. दौड़ने से मांसपेशियां पुष्ट होती हैं तथा वे अधिक क्षमता के साथ काम करती हैं. रनिंग से पेट की मांसपेशियों का भी व्यायाम होता है. दौड़ने से डायबिटीज भी कंट्रोल में रहती है, क्योंकि इस में काफी मात्रा में कैलोरी बर्न होती है.

दौड़ने से न सिर्फ आप को फिट रहने में मदद मिलती है, बल्कि इसे सब से प्रभावी अवसादरोधी के तौर पर भी देखा जा रहा है, क्योंकि 97% लोगों ने महसूस किया कि इस से उन की मानसिक और भावनात्मक सेहत में भी मदद मिली. इस सर्वे में 4 शहरों मुंबई, दिल्ली, बैंगलुरु और जयपुर को शामिल किया गया था. सुबह के समय दौड़ने से औक्सीजन भी ज्यादा मिलती है, जोकि फेफड़ों के लिए बहुत जरूरी है. दौड़ लगाने से रक्तसंचार तेज होता है, जिस से शरीर की कोशिकाएं पुष्ट होती हैं तथा सही ढंग से कार्य करती हैं.

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यदि आप कभी दौड़े नहीं हैं, तो पहली बार में ही विश्व रिकौर्ड बनाने की कोशिश न करें. शुरुआत पैदल चलने यानी मौर्निंग वाक से करें. मौर्निंग वाक में पहले सामान्य चाल से चलें, फिर तेज चाल चलने का अभ्यास करें. जौगिंग भी करें. इस के बाद जब भी दौड़ने की शुरुआत करें, उस की दूरी कम रखें और अधिक तेज गति से न दौड़ें. हर सप्ताह दूरी और दौड़ने की रफ्तार बढ़ाएं. उतना ही दौड़ें, जितना बरदाश्त हो सके. यदि असहज महसूस करें, तो दौड़तेदौड़ते रुक जाएं. थोड़ा विश्राम कर लें. याद रहे, रनिंग से पहले वार्मअप करना बहुत जरूरी है.

कब और कितना दौड़ें

मौसम के अनुसार दौड़ने के समय में परिवर्तन किया जा सकता है. गरमियों में सुबह 5 से 7 बजे के बीच का समय अनुकूल हो सकता है, जबकि सर्दियों में सुबह 7 से 8 बजे के दौरान दौड़ सकते हैं. गरमी में डिहाइड्रेशन की आशंका अधिक रहती है. अत:  दौड़ने से पूर्व पानी अवश्य पीएं, क्योंकि दौड़ने में पसीना बहुत निकलता है. सर्दियों में मांसपेशियों को गरम रखना जरूरी है. इस के लिए वार्मअप किया जा सकता है.

यदि आप किसी कारण मौर्निंग में दौड़ना नहीं चाहते, तो यह कार्य ईवनिंग में भी कर सकते हैं. यह ध्यान रहे कि ईवनिंग स्नैक्स और दौड़ने के बीच 3 घंटे का अंतर अवश्य हो. खाते ही दौड़ना ठीक नहीं.

दौड़ने के लिए जगह भी उपयुक्त होनी चाहिए. बेहतर होगा कि लंबाचौड़ा मैदान हो या फिर ऐसी सड़क हो, जिस पर वाहनों की आवाजाही नहीं हो अन्यथा दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है. दौड़ने वाली जगह समतल हो तो अच्छा है. अधिक चढ़ाई या उबड़खाबड़, गड्ढों वाली जगह नहीं दौड़ना चाहिए.

रोजाना कितने समय या कितनी दूरी तक दौड़ा जाए, इस संबंध में कोई निश्चित पैमाना नहीं है. इस का संबंध व्यक्ति की उम्र, लिंग और शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है.

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दौड़ने से पहले

कुछ लोग नंगे पैर दौड़ते हैं जोकि ठीक नहीं है. दौड़ने के लिए विशेष किस्म के जूते मिलते हैं, उन्हें पहन कर ही दौड़ना चाहिए. जूते आप के पैरों की नाप के अनुसार ही हों. दूसरे के जूते पहन कर दौड़ना जोखिमभरा हो सकता है. अच्छे जूते दौड़ते समय पैरों को सपोर्ट देते हैं अन्यथा वे दौड़ने में बाधक भी बन सकते हैं.

दौड़ना भले ही एक अच्छा व्यायाम हो, लेकिन यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं है. इसे शुरू करने से पहले डाक्टर से अपना पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण करा लेना चाहिए. यदि वे दौड़ने को कहें तभी दौड़ना चाहिए. यदि आप को कोई बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो उस के बारे में डाक्टर को अवश्य बताएं जैसे हाई बीपी, डायबिटीज, थायराइड, अस्थमा, टीबी आदि हो तो डाक्टर की सलाह पर ही और पर्याप्त सावधानियों के साथ दौड़ना चाहिए.

यदि आप ने टीएमटी, ईसीजी और इकोकार्डियोग्राफी अभी तक नहीं कराई है, तो पहले ये टैस्ट करा लें. इस से डाक्टर यह तय कर सकेंगे कि आप को कोई हृदय संबंधी समस्या तो नहीं है. यदि कोई हृदय रोगी अधिक दौड़ने का प्रयास करता है, तो वह उस के लिए जानलेवा भी हो सकता है. उसे हार्टअटैक आ सकता है या हार्ट फेल्यर हो सकता है.

यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो दौड़ना आप के लिए ठीक नहीं है. बेहतर होगा कि दौड़ने से पूर्व डाक्टर से परामर्श ले लें.

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यदि हाल ही में कोई औपरेशन हुआ हो तो भी आप को नहीं दौड़ना चाहिए. शरीर में खून की कमी होने पर कमजोरी बनी रहती है. इसलिए जब तक हीमोग्लोबिन सामान्य स्तर पर नहीं आ जाता न दौड़ें.

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