मिनिमम बैलेंस से कम राशि पर कौन सा बैंक लेता है कितना जुर्माना

देश के सभी बैंकों ने ग्राहकों को अपने नियमित बचत खाते में मासिक औसत बैलेंस बनाए रखने के लिए नए नए प्रावधान लाते हैं. जो भी ग्राहक अपने खाते में मिनिमम राशि नहीं रखते उनसे जुर्माना के रूप में निश्चित रकम वसूला जाता है. इस खबर में हम आपको दो बैंकों के मिनिमम बैलेंस संबंधित जानकारी देंगे. और ये बैंक हैं भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी. तो आइए जाने कि इन दोनों बैंकों में निश्चित मिनिमम बैलेंस ना रखने पर कितने जुर्माने का प्रावधान है.

भारतीय स्टेट बैंक

भारतीय स्टेट बैंक या कहें तो एसबीआई ने अपने सभी ग्राहकों को उनके खाते में न्यूनतम राशि रखना अनिवार्य कर दिया है. आपको बता दें कि एसबीआई में मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता शाखाओं के आधार पर अलग-अलग होती है. एसबीआई की शाखाओं को मेट्रो, ग्रामीण, शहरी और अर्ध शहरी में बांटा गया है.

मेट्रो और शहरी इलाकों में एसबीआई शाखाओं में ग्राहकों को अपने खाते में कम से कम 3000 रुपये की औसत राशि अपने खाते में रखनी है. अर्ध शहरी इलाकों के लिए ये लिमिट 2000 रूपये की है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ये राशि 100 रुपये है. मेट्रो और शहरी क्षेत्र की बैंक शाखाओं में जो ग्राहक खातों में 1500 रुपये या उससे कम का बैलेंस रखते हैं उनपर 10 रुपये प्रति महीना और जीएसटी लगता है. अगर उनका बैलेंस निर्धारित सीमा से 50-75 फीसद से कम है तो उन्हें 12 रुपये और जीएसटी पेनाल्टी के रूप में देना होगा. वहीं अगर बैलेंस 3000 रुपये के 75 फीसद से कम है तो पेनाल्टी राशि 15 रुपये होगी और साथ में जीएसटी भी देना होगा.

एचडीएफसी बैंक

मेट्रो और शहरी क्षेत्र में स्थित एचडीएफसी बैंक में बचत खातों में ग्राहकों को औसत मासिक 10,000 रुपये रखने का प्रावधान है. वहीं अर्धशहरी क्षेत्रों के लिए ये न्यूनतम औसत राशि 5000 रुपये है. ग्रामीण क्षेत्र के शाखाओं में ये राशि 2,500 रुपये हैं. अब बात करते हैं औसत बैलेंस से कम राशि होने पर लगने वाले फाइन के बारे में. मेट्रो और शहरी क्षेत्रों के शाखाओं में न्यूनतम औसत बैलेंस ना रखने पर 150 रुपये प्रति महीने जुर्माना है.

वहीं 5,000 से 7,500 रुपये तक के बैलेंस पर 300 रुपये का जुर्माना है. 2,500 से 5000 रुपये तक के बैलेंस पर 450 रुपये का जुर्माना और 0 से 2500 रुपये तक के बैलेंस पर 600 रुपये प्रति माह जुर्माना का प्रावधान है. इसके अलावा अर्ध शहरी क्षेत्रों में 2,500 से 5000 रुपये तक के बैलेंस पर 150 रुपये और 0 से 2500 रुपये तक के बैलेंस पर 300 रुपये का जुर्माना प्रति महीना देना पड़ता है.

गुम हो जाए डेबिट कार्ड तो ऐसे पाएं वापस

एटीएम कार्ड अब लोगों के लिए बेहद जरूरी चीज बन चुकी है. इससे कहीं भी, कभी भी कैश निकालने की सुविधा ने इसकी अनिवार्यता और बढ़ा दी है. पर अक्सर लोगों का ये कार्ड कहीं गुम हो जाता है, खो जाता है. ऐसे में उनके लिए काफी मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं. ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता कि इस सूरत में करना क्या चाहिए. अगर आप स्टेट बैंक औफ इंडिया की ग्राहक हैं तो ये खबर आपके लिए है. अगर आपका डेबिट कार्ड कहीं गुम हो जाए तो परेशान ना हों, इस खबर में बताए गए उपायों से आप अपना पैसा सुरक्षित कर सकती हैं.

ऐसे करें कार्ड ब्लौक

कार्ड खोने की सूरत में सबसे पहला काम जो आपको करना चाहिए वो है कार्ड को ब्लौक करवाना. इससे आपका पैसा सुरक्षित हो जाएगा. कोई चाह कर भी आपके कार्ड को एक्सेस नहीं कर सकेगा. कार्ड को ब्लौक करवाने के लिए आप 1800112211, 18004253800 पर कौल कर सकती हैं.
इसके अलावा आप इंटरनेट बैंकिंग, एसएमएस द्वारा या मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल कर के भी कार्ड ब्लौक कर सकती हैं. इसकी सूचना आपके रजिस्टर्ड नंबर पर आ जाएगी.

वापस कैसे पाएं एसबीआई डेबिट कार्ड

हाल ही में एसबीआई ने ‘एसबीआई कार्ड’ ऐप लौंच किया है. इसकी मदद से आप डेबिट कार्ड के लिए दोबारा रिक्वेस्ट कर सकती हैं. इसके लिए ऐप के मेन्यू टैब के लेफ्ट में सर्विस रिक्वेस्ट पर टैप करें. यहां रीइश्यु या रीप्लेस कार्ड का विकल्प का चुनाव करें और कार्ड नंबर के साथ सब्मिट करें. नेट बैंकिंग और योनो ऐप के जरिए भी आप दोबारा कार्ड के लिए अप्लाइ कर सकती हैं.

इसके अलावा नजदीकी शाखा में जा कर भी आप कार्ड के लिए आवेदन कर सकती हैं. वहां जा कर आपको अपने खोए हुए कार्ड की जानकारी देनी होगी. इसके बाद आपको कुछ कागजी प्रक्रिया पूरी करनी होगी. इसके बाद बैंक आपको नया कार्ड की रिक्वेस्ट जमा कर लेगी. कुछ दिनों में आपके स्थाई पते पर नया डेबिट कार्ड पहुंच जाएगा.

SBI ग्राहकों को मिलेगा अनलिमिटेड फ्री ATM ट्रांजेक्शन, ये है शर्त

सभी बैंकों ने एटीएम ट्रांजेक्शन पर लिमिट लगा कर रखी है. मतलब कि दी गई लिमिट से ज्यादा बार ट्रांजेक्शन करने पर आपको अतिरिक्त शुल्क देना होगा. हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए फ्री ट्रांजेक्शन का एक औफर दिया है. जिसमें जरूरी शर्त को पूरा करने वाले ग्राहकों को अनलिमिटेड ट्रांजेक्शन मिलेंगे. किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन शुल्क नहीं वसूला जाएगा.

भारतीय स्टेट बैंक के हालिया औफर में ये शर्त रखी गई है कि ग्राहक के खाते में माह का औसत 1 लाख रूपये रखने होंगे. अगर आप प्रति माह औसत बैलेंस कम से कम 1 लाख रखते हैं, तो आपको अनलिमिटेड फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा का लाभ मिल सकेगी. इसके अलावा एक और औफर है जो बैंक अपने ग्राहकों को दे रही है. इसमें अगर आप माह में औसत बैलेंस 25000 रुपए रखने पर 10 ट्रांजैक्शन प्रति माह का ही फायदा मिलेगा. ये सुविधा समान्य ग्राहकों के लिए है. स्टेट बैंक में जिन लोगों की सैलरी अकाउंट है उन्हें किसी भी एटीएम से अनलिमिटेड ट्रांजेक्शन की सुविधा मिलती है.

अभी क्या है बैंक का नियम

स्टेट बैंक की मौजूदा गाइडलाइन के मुताबिक मेट्रो शहरों में प्रत्येक ग्राहक को एक महीने में 8 फ्री ट्रांजेक्शन का मौका मिलता है. इसमें 5 ट्रांजैक्शन एसबीआई एटीएम और 3 ट्रांजैक्शन दूसरे बैंकों के एटीएम से किए जा सकते हैं. जबकि गैर मेट्रो शहरों में यही सीमा बढ़ कर 10 ट्रांजेक्शन की हो जाती है. इससे ज्यादा ट्रांजैक्शन करने पर कस्टरम को 5 रुपए से लेकर 20 रुपए का अतिरिक्त चार्ज देना पड़ता है.

आरबीआई के निर्देश पर हुए बदलाव

रिजर्व बैंक की ओर से जारी निर्देश पर ही ये बदलाव किए जा रहे हैं. रिजर्व बैंक की ओर से निर्देश दिया गया है कि निश्चित संख्या में ग्राहकों को प्रति माह फ्री ट्रांजेक्शन की सुविधा दी जाए. जिसके बाद स्टेट बैंक की ओर से इस औफर का ऐलान किया गया.

बिना बैंक गए ऐसे करें SMS सर्विस चालू या बंद

सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने एसएमएस अलर्ट को एक्टिवेट या डिएक्टिवेट करने की सुविधा सीधे ग्राहकों के हाथ में दे दी है. अब आपको एसएमएस अलर्ट एक्टिवेट करने के लिए या डिएक्टिवेट करने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है. वो बस अपने इंटरनेट बैंकिंग में लौगइन कर के इन सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं. इस बारे में और ज्यादा जानकारी बैंक के आधिकारिक वेबसाइच पर उपलब्ध है.

एसबीआई ने अपनी एसएमएस अलर्ट सेवा को एक्टिवेट या डिएक्टिवेट या फिर बदलने के लिए इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल कैसे करना है इसकी जानकारी हम आपको देंगे.

बैंक के मुकाबित इंटरनेट बैंकिंग से एसएमएस अलर्ट एक्टिवेट या डिएक्टिवेट करने के लिए आपको सबसे पहले onlinesbi.com पर लौग इन करना होगा. इसके बाद उसे ई-सर्विस पर क्लिक करने के बाद एसएमएस अलर्ट पर जाना होगा.

इसके बाद यूजर्स एसएमएस अलर्ट रजिस्ट्रेशन/अपडेटेशन पेज पर जाएं. इसमें अपने खाते को चुनें.

यहां पर आप सेवाओं को यस या नो का चुनाव कर एक्टिवेट/डिएक्टिवेट कर सकते हैं. आप सेवा के नाम के आगे जाकर बने कौलम के जरिए ऐसा कर सकते हैं.

चेक बाउंस होने पर कौन सा बैंक वसूलता है कितना पैसा ?

अगर आप बैंकों के कार्य के बारे में थोड़ी भी समझ रखती हैं तो चेक बाउंस शब्द को पहले जरूर सुना होगा. आम तौर पर चेक बाउंस होने की दो वजहें होती हैं. एक तो खाताधारक के खाते में चेक पर लिखी राशि से कम पैसा होना और दूसरा है चेक पर किए गए हस्ताक्षर अकाउंट होल्डर के ओरिजिनल हस्ताक्षर से मैच न करना. इसके अलावा भी कुछ कारण हैं जिनके कारण चेक बाउंस होता है. जैसे अकाउंट नंबर मिसमैच होने पर भी चेक डिसऔनर्ड हो जाता है. चेक पर लिखी तारीख, डैमेज्ड चेक, या चेक के एक्सपायर हो जाने पर भी चेक बाउंस होता है.

खाते में पर्याप्त फंड ना होने की सूरत में बैंक खाताधारक से पेनाल्टी वसूलता है. अगल अलग बैंकों में ये चार्जेस अगल होते हैं. इस खबर में हम आपको कुछ प्रमुख बैंकों द्वारा लिए जाने वाले पेनाल्टी फिगर के बारे में बताएंगें.

एचडीएफसी बैंक 

penalty of banks on cheque bounce

एचडीएफसी में अकाउंट में पर्याप्त राशि न होने की सूरत में चेक बाउंस होने पर बैंक 500 रुपये की पेनाल्टी लगाता है. फंड ट्रांसफर के चलते चेक रिटर्न होने पर यह चार्ज 300 रुपये होता है. तकनीकी कारणों से रिटर्न होने पर 50 रुपये जुर्माना लगता है.

भारतीय स्टेट बैंक

penalty of banks on cheque bounce

स्टेट बैंक अलग अलग धन राशि पर अलग अलग पेनाल्टी वसूलता है. 1 लाख तक के चेक पर स्टेट बैंक जीएसटी के साथ 150 रूपये की पेनाल्टी वसूलता है. वहीं 1 लाख से ऊपर के चेक पर यह शुल्क जीएसटी सहित 250 रुपये हो जाता है.

आईसीआईसीआई बैंक 

penalty of banks on cheque bounce

आईसीआईसीआई में चेक बाउंस की सूरत में लगने वाली पेनाल्टी की रकम अलग अलग है. फाइनेंसियल कारणों से चेक रिटर्न होने पर 100 रुपये का चार्ज लगता है. कस्टमर की ओर से जारी किए गए चेक वित्तीय कारणों से वापस होने पर प्रति चेक 750 रुपये की कटौती की जाती है. वहीं वित्तीय कारणों से ट्रांसफर किए गए चेक के वापसी पर 350 रुपये देना पड़ता है.

बैंक औफ बड़ौदा 

penalty of banks on cheque bounce

एक लाख तक के बाउंस चेक पर बैंक औफ बड़ौदा खाताधारक पर 250 रूपये का जुर्माना वसूलती है. वहीं बाउंस्ड चेक 1 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की है तो जुर्माने की राशि 750 रुपये हो जाती है.

SBI ग्राहकों के लिए बड़ी खबर, हो रहा है जरूरी बदलाव

भारतीय स्टेट बैंक अपने ग्राहकों की डिजिटल सिक्योरिटी के लिए दो बड़े बदलाव करने जा रही है. बैंक जो दो बड़े बदलाव करने जा रही है वो हैं:

  • ईवीएम चिप से पुराने एटीएम कार्ड का रिप्लेसमेंट
  • इंटरनेट बैंकिंग ग्राहकों का बैंक में मोबाइल नंबर का रजिस्ट्रेशन

इसके साथ ही बैंक ने दोनों बदलावों की डेडलाइन भी तय कर दी है. बैंक ने कहा कि जो भी खाताधारक इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं वो 30 नवंबर तक ब्रांच में अपना फोन नंबर अपडेट कर लें, नहीं तो उनकी ये सुविधा बंद कर दी जाएगी.

वहीं ईवीएम चिप वाले कार्ड से समान्य कार्ड को रिप्लेस करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर रखी गई है. जानकरों का मानना हैं कि तेजी से बढ़ रहे एटीएम और डिजिटल फ्रौड पर रोक थाम करने के लिए बैंक ये दो बदलाव करने वाली है. ग्राहको के धन की सुरक्षा के लिहाज से बैंक का ये कदम स्वागत के योग्य है.

बैंक ने ये हिदायत काफी सख्ती से दी है. एसबीआई ने कहा कि आपको 30 नवंबर तक बैंक के साथ अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करना होगा. यदि आपने बैंक के साथ अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर नहीं कराया है तो, एसबीआई 1 दिसंबर से आपकी इंटरनेट बैंकिंग सुविधा को बंद कर देगा.

वहीं तेजी से बढ़ते बैंकिंग और एटीएम फ्रौड की रोकथाम करने के लिए बैंक ने समान्य एटीएम चिप की जगह ईवीएम चिप लाया है. मिली जानकारी के मुताबिक नया कार्ड लेने के लिए ग्राहक को कोई शुल्क देने की जरूरत नहीं है. नया कार्ड आप अपने होम ब्रांच से पा सकती हैं. इसके अलावा अगर आप इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करती हैं तो अपने अकाउंट में लौग इन कर नए कार्ड के लिए अप्लाई कर सकती हैं.

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