मेरी बेटी को स्किजोप्रेनिआ की बीमारी है, क्या इससे जौब या शादी में दिक्कत आ सकती है?

सवाल-

मेरी बेटी की उम्र 17 वर्ष है. पिछले 2 साल से वह स्किजोप्रेनिआ से पीडि़त है. वह बहुत ही असहज ढंग से बरताव करती है और रात में डर कर उठ जाती है. वह खुद इस समस्या से बाहर निकलना चाहती है. मुझे भी बहुत चिंता सताती है क्योंकि इस की वजह से बच्ची की पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है. आगे चल कर इस की जौब या शादी में दिक्कत आ सकती है. कृपया कर के बताएं क्या इस का कोई इलाज संभव है?

जवाब-

स्किजोप्रेनिआ एक गंभीर मानसिक रोग है. इस बीमारी से पीडि़त के निजी और सार्वजनिक जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. आप की बच्ची के मामले में बिना जांच के कुछ भी कह पाना मुश्किल होगा क्योंकि बच्ची की स्थिति का पूरी तरह आंकलन किया जाएगा. मानसिक रोग में कुछ भी जनरल नहीं होता हर मरीज की परिस्थितियों और मानसिक स्थिति के मुताबिक जांच और उपचार किया जाता है.

अगर इनिशियल स्टेज है तो बीमारी का इलाज संभव है, लेकिन एडवांस स्टेज में इस बीमारी को पूर्ण  रूप से स्थाई इलाज थोड़ा कौंप्लैक्स होता है. लेकिन दवाओं और सही उपचार की मदद से इस के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इसलिए आप को निराश होने की आवश्यकता

नहीं है. बच्ची की उम्र कम है ऐसे में उस का अभी मैडिकल इलाज शुरू करवाएं तो आप स्थिति को नियंत्रित कर सकती हैं. परिवार के सदस्यों को भी समझाएं और तुरंत डाक्टर से सलाह लें.

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डा. अनुरंजन बिस्ट

सीनियर साइकेट्रिक्ट, फाउंडर, माइंड ब्रेन टीएमएस इंस्टिट्यूट

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दुनियाभर में कोरोनावायरस महामारी के समय में सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारंटाइन और देश भर में स्कूलों के बंद रहने से बच्चे प्रभावित हुए हैं. कुछ बच्चे और युवा बेहद अलग-थलग महसूस कर रहे हैं और उन्हें चिंता, उदासी और अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है. वे अपने परिवारों पर इस वायरस के प्रभाव को लेकर भय और दुख महसूस कर सकते हैं. ऐसे भय, अनिश्चितत, और कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए घर पर ही रहने जैसी स्थिति उन्हें शांत बैठे रहना मुश्किल बना सकती है. लेकिन बच्चों को सुरक्षित महसूस कराना, उनके हेल्दी रुटीन को बरकरार रखना, उनकी भावनाओं को समझना बेहद महत्वपूर्ण है. इस बारे में बता रहे हैं Kunwar’s Educational Foundation के educationist(शिक्षाविद्) राजेश कुमार सिंह.

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