Funny Indian Stories : मजेदार जिंदगी

व्यंग्य- डा. सुरेश मोहन प्रसाद

Funny Indian Stories : जापान के ओकिनावा में ओगिमी नामक विलेज है. इस के लोगों की औसत उम्र पूरे विश्व में सब से अधिक है. सभी शतकीय प्लस पारी खेलते हैं. इस विलेज के लोग कभी रिटायरमैंट की बात नहीं करते. हमेशा काम में व्यस्त रहते हैं. व्यस्त रहने से स्वास्थ्य ठीक रहता है. ओगिमी के लोग अपनी पसंद का जायकेदार भोजन करते हैं, लेकिन भरपेट भोजन से परहेज करते हैं यानी 80% पेट ही भरते हैं. भोजन में 20% की कमी ही उन की लंबी उम्र का राज है.

मेरी उम्र हुई तो मेरे पेरैंट्स ने ‘स्कोर्पियन’ से मेरी बेमेल जोड़ी बनाई. वैसे मेरी वाइफ खतरनाक स्कोर्पियन नहीं है. बिच्छू की तरह उस के पास जहरीला डंक बिलकुल नहीं है. उस ने अपनी बौडी पर स्कोर्पियन का टैटू बनवाया है.

‘‘मेरा जोडियक स्कोर्पियो है, इसलिए यह टैटू बनवाया है… आजकल टैटू का क्रेज है… मेरे सभी फ्रैंड्स ने टैटू बनवाए हैं…’’ स्कोर्पियन ने मुझे बताया.

‘‘हम ने तेरे लिए ब्यूटी क्वीन दुलहन पसंद की है… गोरीचिट्टी… लंबीछरहरी… पूरे 5 फुट

9 इंच की,’’ माताश्री ने मेरी नाक मरोड़ कर मुझे शुभ समाचार दिया था.

मेरा अपना जोडियक कैंसर है… मैं कैंसेरियन हूं… पता नहीं कैंसेरियनस्कोर्पियो की जोड़ी सही होती है या नहीं… बचपन से फूडी रहा हूं. मात्र 80% भोजन पर रोकना मुझ पर अत्याचार ही है. अपना तो नायक वाला फलसफा है कि जब तक जीयो सुख से जीयो, ऋण ले कर धृत का सेवन करो.

रब ने बना दी जोड़ी और यहीं से मेरी ट्रैजेडी की शुरुआत हो गई…

मेरी वाइफ में ओगिमी के जीन का समावेश है. मुझे परहेज पर विवश कर रखा है. ब्रेकफास्ट में अंकुरित मूंग और फ्रूट में सेवकेले का सलाद मिलता है. मेरे उदर तरसता रहता है… इस 25% से क्या संतुष्टि संभव है? मुझे तो मैदे की गरमगरम कचौरियां, रसीली जलेबियों के साथ मीठीतीखी रसदार सब्जी के 120% नाश्ते की जन्मजात आदत रही है. मेरा क्या होगा मुन्ना भाई के यार सर्किट?

‘‘मैं शतकवीर कतई नहीं बनना चाहता…’’ मैं ने ऐडवोकेट लगाए, लोअर कोर्ट, हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट में अपील की है. लेकिन अब तक बेल नहीं मिली है. किस्मत में तिहाड़ जेल जाना ही लिखा है.

‘‘आदत हो जाएगी… सब्र से काम लीजिए… आप के हित में है… फैमिली को लंबे समय तक आप की जरूरत है,’’ स्कोर्पियन मुझे दिलासा देती है.

मात्र 80% लंच का किस्सा, 1 कटोरी दही और 1 केला मात्र. हर दिन, महीने… साल…

‘‘डिनर बिलकुल हैवी नहीं होना चाहिए… नींद में खलल पड़ता है… स्ट्रीट फूड बिलकुल नहीं… फूड डिसिप्लिन बेहद जरूरी है,’’ स्कोर्पियन मुझे प्यार से झिड़कती है.

वह न तो खुद पार्टी में जाती है और न ही मुझे जाने देती है. यदि जाने की मजबूरी हो तो सलाद से मुंह जूठा कर लिफाफा थमा कर आ जाती है.

जीवनभर शुद्ध वैजिटेरियन खाना खाने से मेरा तो बंटाधार हो जाएगा. अपनी सब से नजदीकी पड़ोसिन अपने हसबैंड को चिकनबिरयानी परोसती है. उस की किचन से देशी घी के बघार की खुशबू आती है. पड़ोसिन सुंदर भी तो है.

मुझे वन प्लस साइज पसंद है. विलियम शैक्सपीयर ने कहा है कि ब्लड ऐंड फ्लैश इज ब्यूटी… मैं स्कोर्पियन से नजरें बचा कर पड़ोसिन से कभीकभार नजरें चार भी कर लिया करता हूं. उस की मनमोहक मुसकान पर फिदा हो जाता हूं.

आप को आपत्ति होगी…आप कहेंगे कि पराई नार पर नजर मत डालो, बुरी आदत है

ये, इसे बदल डालो… आपसी आपत्ति बिलकुल जायज है. मगर जनाब मेरा पड़ोसी मिस्टर इंजीनियर मेरी स्कोर्पियन से बाकायदा इश्क फरमाते हैं. मेरे सामने अपनी बेगमजान की मौजूदगी में मेरी स्कोर्पियन की फिगर की तारीफ करते हैं. बहाने बना कर पहुंच जाते हैं… स्कोर्पियन उन के लिए स्वीट्स भी मंगाती है. मनाही तो सिर्फ मेरे लिए है.

लुकाछिपी का यह खेल खत्म करने की सोचते हैं. मुझे रिच फूड पसंद है. मैदे की पूरियां… रसभरी जलेबियां… पुलाव… बिरयानी… स्ट्रीट फूड… चाट, गोलगप्पे, स्वीट्स, सोहन हलवा, कैलोरी की कोई परवाह नहीं… ब्लड प्रैशर… यूरिक ऐसिड… डायबिटीज सबकुछ मंजूर है… मैं अपनेआप को पूरी तरह नैगलैक्ट कर के ही सही जीना चाहता हूं. मुझे लौंगिविटी नहीं लाइफ चाहिए… मजेदार जिंदगी… मैं अपनेआप को रोक कर, इच्छाओं का दमन कर रोजरोज नहीं मरना चाहता… मैं ओगिमी विलेज में नहीं, अपने शहर में रहना चाहता हूं…

हां तो जनाब, क्या हम अपनीअपनी पसंद को पसंद करने की दिशा में सोच सकते हैं?

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