बुजुर्ग माता-पिता को रखें पास, करें बेहतरीन देखभाल

पिछले कुछ वर्षों में भारत की जनसंख्या में परिवर्तन हुआ और वरिष्ठ नागरिकों का प्रतिशत बढ़ गया है. आज कुल जनसंख्या का लगभग 8.6 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिक हैं. जिस प्रकार से वरिष्ठ नागरिकों की आबादी बढ़ी है. उसी प्रकार यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि वृद्धावस्था में मधुमेह,उच्च रक्तचाप,, स्लीप एपनिया और कैंसर जैसी स्वास्थ्य परेशानियों से जूझना पड़ता है. वरिष्ठ नागरिक जो एक समय में कभी हमारी देखभाल करते थे, अब उन्हें निरंतर देखभाल और स्वास्थ्य प्रबंधन की आवश्यकता होती है. साथ ही आज हमारी पारिवारिक संरचनाओं में काफी बदलाव भी आया है. भागदौड़ भरी लाइफ के चलते घर में बीमार बुजुर्गों की देखभाल के लिए लोगों के पास टाइम नहीं है.

हम में से बहुत से लोग स्थानांतरित हो गए हैं ,या काम के लिए दूसरे शहरों में जा रहे हैं. इस वजह से माता.पिता को अपनी देखभाल स्वयं ही करनी पड़ती है. इस स्थिति में कई माता.पिता वृद्धाश्रम में शरण ले लेते हैं और कुछ नौकरों पर निर्भर होते हैं .जो उनकी बुनियादी जरूरतों को नहीं समझ पाते हैं. जो लोग एक समय पर आर्थिक रूप से सक्षम थे और अपनी जरूरतों का ख्याल खुद रख सकते थे, वे अचानक हर चीज के लिए दूसरों पर निर्भर होने लगते हैं. दूसरी तरफ बच्चों को बड़े.बूढ़ों के साथ बिताने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता और साथ ही वह यह तय करने में असमर्थ होते हैं कि उन्हें वृद्धाश्रम में रखा जाए या नहीं. ग्रामीण क्षेत्र ऐसे किसी भी विकल्प से रहित होते हैं और समाज के संपन्न वर्ग सामाजिक दबाव के कारण यह कदम नहीं उठा पाते हैं.

फिर क्या विकल्प है और क्या कोई ऐसा उपाय है जो सुलभ ,नवीन सुविधाजनक और सस्ता हो?

जी हां! यही वजह है कि अब होम मेडिकल केयर सर्विसेज का क्रेज बढ़ रहा है. मेडिकल के क्षेत्र में इस सर्विस के जरिए एक बड़ा बिजनेस प्लेटफार्म खड़ा हो गया है. इसके तहत घर में आपको नर्स, डॉक्टर विजिट, लैबोरेट्री टेस्ट की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं. ट्राईसिटी में इस तरह की सेवाएं पहले मल्टीनेशनल मेडिकल कंपनियां दे रही थीं. लेकिन अब लोकल लेवल पर भी मेडिकल केयर मिल रही है. इसके तहत 24 घंटे और सातों दिन पेशेंट्स मॉनीटरिंग की जाती है. ताकि परिवार के सदस्यों को अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य की अच्छी तरह से जानकारी मिलती रहे. इसका उद्देश्य घर के बुजुर्गों को अच्छी क्वालिटी की देखभाल प्रदान करना है.

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1. स्वास्थ्य की निगरानी करना आसान है

भारत में  वरिष्ठ नागरिकों की आबादी जिसमें आपके माता.पिता शामिल हैंैं वह भी इस मोड़ पर आकर सम्मान और समर्थन के हकदार हैं. इसलिए परिष्कृत और एडवांस तकनीक के माध्यम से घर में स्वास्थ्य की निगरानी करना आसान है .

होम हेल्थकेयर इस स्थिति में कारगर साबित हो सकती है. यहां जानिए कि यह आपके माता.पिता की देखभाल में कैसे सहायक हो सकता है.

2. मेडिसिन और पर्सनल केयर

बुजुर्ग अक्सर अपनी दवाओं का गलत इस्तेमाल करते हैं या तो उन्हें लेना भूल जाते हैं या गलत खुराक खा लेते हैं. दूसरी ओर गंभीर परिस्थितियों वाले मरीजों को कई और दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है. होम हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स ऐसे मामलों में बड़े सहायक साबित हो सकते हैं.प्रोफेशनल्स को बुनियादी और उन्नत आवश्यकताओं की देखभाल करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. वे दैनिक जीवन की गतिविधियों में और दवाईयां आदि देने में बड़ों की सहायता करते हैं. इसके साथ ही उन्हें पर्सनल केयर में मदद करते हैं और इस दौरान यह सुनिश्चित करते हैं कि बुजुर्गों को असहज महसूस न हो. इस वजह से किसी भी प्रकार की जटिलताओं और इमरजेंसी जैसे कि गलत दवा के सेवन से भी बुजुर्ग बच जाते हैं.

3. हेल्थ का ध्यान

होम हेल्थकेयर के साथ बुजुर्गों को बेहतर चिकित्सा देखभाल प्रदान करना संभव है.  हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स चिकित्सा उपकरणों और अन्य जरूरतों का पूरा ज्ञान रखते हैं. होम हेल्थकेयर वर्कर्स रोगी की जरूरतों को समझते हैं और हर छोटी  बात पर ध्यान देते हैं .जिससे तेजी से रिकवरी में मदद मिलती है और इस तरह अनावश्यक संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने से भी बचाव हो जाता है.चिकित्सा उपकरणों और सहायता के साथ वे सुधारों पर निगरानी करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि रोगी की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा किया गया है.

4. भोजन का ध्यान

असंतुलित आहार और भोजन का गलत विकल्प बुजुर्गों और रोगियों के लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है.  दूसरी ओर उचित पोषण तेजी से रिकवरी करने में मदद कर सकता है. यदि बुजुर्ग भी कुछ स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित हैं तो होम हेल्थकेयर आहार और पोषण में सहायता प्रदान करता है.  बुजुर्ग न केवल उस उम्र में अपने आपको स्वस्थ बनाए रखने के लिए पोषण संबंधी परामर्श प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि उन्हें भोजन भी वही दिया जाता है जो उनकी आवश्यकताओं के अनुकूल होता है.

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5. सामाजिक संपर्क

होम हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि बुजुर्गों को सामाजिक संपर्क बेहतर करने के मौके मिलें. प्रोफेशनल्स वॉकिंग या अन्य सामाजिक गतिविधियों के लिए विश्वसनीय भागीदार साबित होते हैं. वे घर के कामों में भी बड़ों की मदद करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण बना रहे.

6. निष्कर्ष –

घर ही ऐसी जगह होती है जहां सबका दिल लगता है और अधिकांश वरिष्ठ नागरिक बीमार होने पर भी अपना घर नहीं छोड़ना चाहते हैं. इसी वजह से घर पर ही  देखभाल महत्वपूर्ण हो जाती है. होम हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स बुजुर्गों को विशेष रूप से प्रशिक्षित नर्सिंग और देखभाल सहायता प्रदान करने के अलावा अन्य आवश्यकताओं को संभालने में अच्छी तरह से ट्रेंड होते हैं.

7. लैब की सुविधा घर बैठे ही

ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि उनके माता-पिता की अच्छी तरह से देखभाल की जा रही है डेली रिपोर्ट अपडेट होती है. इसके अलावा घर से ही लैब टेस्ट के लिए ब्लड सेंपल लेकर रिपोर्ट भी घर तक पहुंचाई जाती है. रिपोर्ट ऑनलाइन कर इलाज कर रहे डॉक्टर तक पहुंचाई जाती हैं. ताकि मरीज को रिपोर्ट के मुताबिक जो मेडिकल केयर की जरूरत है वह दी जा सके.

ऐसे में बुजुर्गों के लिए इस औपचारिक सहायता प्रणाली और उनके जीवन को अधिक सुविधाजनक बनाने की क्षमता के बारे में इस समय अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है.

डॉ विशाल सहगल चिकित्सा निदेशक; पोर्टिया मेडिकल से बातचीत पर आधारित..

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