महिलाओं को होने वाले 5 सामान्‍य स्‍त्री रोग, हो सकते हैं चिंता का कारण

लगभग हर महिला अपने जीवनकाल में किसी न किसी स्त्रीरोग समस्याओं से पीड़ित रहती हैं. इनमें कुछ मामले हल्के और उपचार योग्य हो सकते हैं, तो वहीं कुछ गंभीर हो सकते हैं और जटिलताओं को जन्म दे सकते हैं.

डॉ तनवीर औजला, सीनियर कंसल्टेंट ऑब्स्टेट्रिशन और गाइनेकोलॉजिस्ट, मदरहुड हॉस्पिटल, नोएडा.

कहना है- वैसे तो अनियमित माहवारी या मासिक धर्म में होने वाली तकलीफ कुछ ऐसी आम समस्याएं होती हैं, जो महिलाओं को प्रभावित करती हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि इसे हल्के में लिया जाए.

5 ऐसे स्त्री रोग है जो कि चिंता का कारण होने चाहिए.

1. ओवेरियन सिस्ट

ओवेरियन सिस्ट तरल पदार्थ से भरी एक थैली होती है जो अंडाशय पर और उसके आसपास विकसित होती है, ये विभिन्न आकार की हो सकती है और यह ट्यूमर हो भी सकता है और नहीं भी. कई महिलाएं इन सिस्ट की उपस्थिति को महसूस किए बिना भी स्वस्थ जीवन जीती हैं. इसकी काफी संभावना होती है कि ये अपने आप ही घुल जाएं, यदि नहीं, तो आपका डॉक्टर उन्हें खत्म करने में मदद करने के लिये ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव गोलियां लिख सकते हैं. वैसे भी, समय-समय पर उन पर नजर रखना जरूरी है.

2. एंडोमेट्रियोसिस

एंडोमेट्रियोसिस तब होता है जब गर्भाशय की परत के समान ऊतक गर्भाशय की दीवारों के बाहर बढ़ने लगता है. ऊतक आमतौर पर एंडोमेट्रियल ऊतक की तरह सूज जाता है और उससे खून बहता है,  लेकिन खून और अपशिष्ट उत्तक के बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं होता. हालांकि, यह कैंसर नहीं है, यह जख्म और स्राव पैदा कर सकता है और फैलोपियन ट्यूब को अवरुद्ध कर सकता है. इससे सिस्ट हो सकते हैं जो रक्त के अवरोध का कारण बन सकता है. इसके लक्षणों में दर्द, असामान्य रक्तस्राव शामिल हो सकते हैं और गर्भधारण में परेशानी पैदा हो सकती है.

3. पीसीओएस या पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक ऐसी स्थिति है जो एक महिला के शरीर में हॉर्मोनल स्तर को प्रभावित करती है. शरीर में पुरुष हॉर्मोन की मात्रा एंड्रोजन की वृद्धि हो सकती है. इस समस्या वाली महिला में लंबे समय तक या कम मासिक धर्म हो सकता है और अंडाशय पर कई फोलिकल्स दिखाई दे सकते हैं, जो अंडे रिलीज करने में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं. पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को पेट पर चर्बी, मुंहासे, बालों का असामान्य विकास, मासिक धर्म की असामान्यता का अनुभव हो सकता है या बांझपन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

4. यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई)

हर आयु वर्ग में यह सबसे आम स्त्रीरोगों में से एक है. आमतौर पर यह योनि या मलद्वार में बैक्टीरिया की मौजूदगी की वजह से होता है, जोकि मूत्रमार्ग और मूत्राशय तक पहुंच जाता है और कई मामलों में किडनी तक भी. इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन यह प्रेग्नेंसी, इंटरकोर्स या डायबिटीज की वजह से हो सकता है. इसके लक्षणों में पेशाब करने के दौरान जलन महसूस होना, पेट में मरोड़, पीड़ादायक सेक्स और बार-बार पेशाब का आना शामिल है.

5. फाइब्रॉयड्स

फाइब्रॉएड मस्क्यूलर ट्यूमर होते हैं जो एक महिला के गर्भाशय के अंदर बन सकते हैं जो शायद ही कभी कैंसरकारी होते हैं. वे आम तौर पर स्थान, शेप और साइज में भिन्न होते हैं. यह तब होता है जब हॉर्मोन या आनुवंशिकी परेशानी पैदा करती है, यह फाइब्रॉयड्स का कारण बन सकता है. इसकी वजह से भारी मासिक चक्र होता है, पेट के निचले हिस्से में दबाव महसूस होता है, साइकिल के बीच में रक्तस्राव होता है या यौन संबंध के दौरान दर्द महसूस होता है.

हालांकि, अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास समय पर जाना और अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इन समस्याओं को रोका जा सकता है.

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