कब बोरिंग होती है मैरिड लाइफ

विवाह के कुछ वर्ष बाद न सिर्फ जीवन में बल्कि सैक्स लाइफ में भी एकरसता आ जाती है. कई बार कुछ दंपती इस की तरफ से उदासीन भी हो जाते हैं और इस में कुछ नया न होने के कारण यह रूटीन जैसा भी हो जाता है. रिसर्च कहती है कि दांपत्य जीवन को खुशहाल व तरोताजा बनाए रखने में सैक्स का महत्त्वपूर्ण योगदान है. लेकिन यदि यही बोरिंग हो जाए तो क्या किया जाए?

पसंद का परफ्यूम लगाएं

अकसर महिलाएं सैक्स के लिए तैयार होने में पुरुषों से ज्यादा समय लेती हैं और कई बार इस वजह से पति को पूरा सहयोग भी नहीं दे पातीं. इसलिए यदि आज आप का मूड अच्छा है तो आप वक्त मिलने का या बच्चों के सो जाने का इंतजार न करें. अपने पति के आफिस से घर लौटने से पहले ही या सुबह आफिस जाते समय कानों के पीछे या गले के पास उन की पसंद का कोलोन, परफ्यूम लगाएं, वही खुशबू, जो वे रोज लगाते हैं. किन्से इंस्टिट्यूट फौर रिसर्च इन सैक्स, जेंडर एंड रिप्रोडक्शन के रिसर्चरों का कहना है कि पुरुषों के परफ्यूम की महक महिलाओं की उत्तेजना बढ़ाती है और सैक्स के लिए उन का मूड बनाती है.

साइक्लिंग करें

अमेरिकन हार्ट फाउंडेशन द्वारा जारी एक अध्ययन में स्पष्ट हुआ कि नियमित साइक्लिंग जैसे व्यायाम करने वाले पुरुषों का हृदय बेहतर तरीके से काम करता है और हृदय व यौनांगों की धमनियों व शिराओं में रक्त के बढ़े हुए प्रवाह के कारण वे बेडरूम में अच्छे प्रेमी साबित होते हैं. महिलाओं पर भी साइक्लिंग का यही प्रभाव पड़ता है. तो क्यों न सप्ताह में 1 बार आप साइक्लिंग का प्रोग्राम बनाएं. हालांकि साइक्लिंग को सैक्स विज्ञानी हमेशा से शक के दायरे में रखते हैं, क्योंकि ज्यादा साइक्लिंग करने से साइकिल की सीट पर पड़ने वाले दबाव के कारण नपुंसकता हो सकती है. लेकिन कभीकभी साइक्लिंग करने वाले लोगों को ऐसी कोई समस्या नहीं होती.

स्वस्थ रहें

वर्जिनिया की प्रसिद्ध सैक्स काउंसलर एनेट ओंस का कहना है कि कोई भी शारीरिक क्रिया, जिस के द्वारा आप के शरीर के रक्तप्रवाह की मात्रा कम होती है, सैक्स से जुड़ी उत्तेजना को कम करती है. सिगरेट या शराब पीना, अधिक वसायुक्त भोजन लेना, कोई शारीरिक श्रम न करना शरीर के रक्तप्रवाह में गतिरोध उत्पन्न कर के सैक्स की उत्तेजना को कम करता है. एक स्वस्थ दिनचर्या ही आप की सैक्स प्रक्रिया को बेहतर बना सकती है.

दवाइयां

वे दवाइयां, जिन्हें हम स्वस्थ रहने के लिए खाते हैं, हमारी सैक्स लाइफ का स्विच औफ कर सकती हैं. इन में से सब से ज्यादा बदनाम ब्लडप्रेशर के लिए ली जाने वाली दवाइयां और एंटीडिप्रेसेंट्स हैं. इन के अलावा गर्भनिरोधक गोलियां और कई गैरहानिकारक दवाइयां भी सैक्स की दुश्मन हैं. इसलिए कोई नई दवा लेने के कारण यदि आप को सैक्स के प्रति रुचि में कोई कमी महसूस हो रही हो तो अपने डाक्टर से बात करें.

सोने से पहले ब्रश

बेशक आप अपने साथी से बेइंतहा प्रेम करती हों, लेकिन अपने शरीर की साफसफाई का ध्यान अवश्य रखें. ओरल हाइजीन का तो सैक्स क्रीडा में महत्त्वपूर्ण स्थान है. यदि आप के मुंह से दुर्गंध आती हो तो आप का साथी आप से दूर भागेगा. इसलिए रात को सोने से पहले किसी अच्छे फ्लेवर वाले टूथपेस्ट से ब्रश जरूर करें.

स्पर्श की चाहत को जगाएं

आमतौर पर लोगों को गलतफहमी होती है कि अच्छी सैक्स क्रीडा के लिए पहले से मूड होना या उत्तेजित होना आवश्यक है, लेकिन यह सत्य नहीं है. एकसाथ समय बिताएं, बीते समय को याद करें, एकदूसरे को बांहों में भरें. कभीकभी घर वालों व बच्चों की नजर बचा कर एकदूसरे का स्पर्श करें, फुट मसाज करें. ऐसी छोटीछोटी चुहलबाजी भी आप का मूड फ्रेश करेगी और फोरप्ले का काम भी.

थ्रिलर मूवी देखें

वैज्ञानिकों का मानना है कि डर और रोमांस जैसी अनुभूतियां मस्तिष्क के एक ही हिस्से से उत्पन्न होती हैं, इसलिए कभीकभी कोई डरावनी या रोमांचक मूवी एकसाथ देख कर आप स्वयं को सैक्स के लिए तैयार कर सकती हैं.

फ्लर्ट करें

वैज्ञानिकों का मानना है कि फ्लर्टिंग से महिलाओं के शरीर में आक्सीटोसिन नामक हारमोन का स्राव होता है, जो रोमांटिक अनुभूतियां उत्पन्न करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसलिए दोस्तों व सहेलियों के बीच सैक्सी जोक्स का आदानप्रदान करें, कभीकभी किसी हैंडसम कुलीग, दोस्त के साथ फ्लर्ट भी कर लें. अपने पति के साथ भी फ्लर्टिंग का कोई मौका न छोड़ें. आप स्वयं सैक्स के प्रति अपनी बदली रुचि को देख कर हैरान हो जाएंगी.

जानें बेहतर मैरिड लाइफ से जुड़ी जानकारी

लेखिका- भाषणा बांसल गुप्ता

कई दिनों से निशा की बढ़ती व्यस्तता नितिन की बेचैनी बढ़ा रही थी. जब भी नितिन सेक्स के मूड में होता वह उस की व्यस्तता के कारण यौनसुख प्राप्त नहीं कर पाता. यह नहीं कि निशा को इस की जरूरत महसूस नहीं होती, पर वह अपने काम को अपनी इस जरूरत से अधिक महत्त्व देती. इस से नितिन की यौन भावनाएं आहत होतीं.  धीरेधीरे वह यौन कुंठा का शिकार हो गया. अकसर व्यस्त दंपती अपनी सेक्सलाइफ का पूर्णरूप से आनंद नहीं उठा पाते, क्योंकि अगर वे सेक्स करते भी हैं तो किसी कार्य को निबटाने की तरह. न तो उन्हें एकदूसरे से रोमांटिक बातें करने की फुरसत होती, न ही वे परस्पर छेड़छाड़ का मजा ले पाते. सेक्स विशेषज्ञों का मानना है कि सेक्स में चरमसुख की प्राप्ति तभी हो पाती है जब पतिपत्नी दोनों पूरी तरह उत्तेजित हों और यह उत्तेजना उन में तभी आ सकती है, जब वे सेक्स से पहले आवश्यक क्रियाएं जैसे परस्पर छेड़छाड़, एकदूसरे के गुप्त अंगों को सहलाना, होंठ चूमना, आलिंगनबद्ध होना इत्यादि करें. इन क्रियाओं से सेक्सग्रंथियां तेजी से काम करना शुरू कर देती हैं व पतिपत्नी में अत्यधिक उत्तेजना पैदा हो जाती है, जो उन्हें चरमसुख प्रदान करने में सहायक होती है. पर जो दंपती अपने काम को सेक्स से ज्यादा महत्त्वपूर्ण मानते हैं, वे ऐसा कदापि नहीं कर पाते.

घातक स्थिति है यह

राघव की जौब ऐसी है कि वह रात को 11 बजे से पहले घर नहीं लौट पाता. उस की पत्नी ट्विंकल भी नौकरी करती है. दोनों इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें एकदूसरे से ढंग से बात  करने तक की फुरसत नहीं मिलती. सेक्स को भी दोनों अपने जौबवर्क की तरह ही निबटाते हैं. नतीजा यह होता है कि वे कई सप्ताह तक शारीरिक तौर पर एकदूसरे के साथ जुड़ते ही नहीं, क्योंकि सेक्स में उन्हें बिलकुल भी आनंद नहीं आता और इसी कारण उन की इस में रुचि घटती जा रही है. अधिक व्यस्त रहने के कारण पतिपत्नी लगातार अपनी यौनइच्छाओं को दबाते रहते हैं, क्योंकि कई बार ऐसी स्थिति भी आती है कि उन में से एक जल्दी फ्री हो जाता है व दूसरे के साथ अपना समय गुजारना चाहता है, शारीरिक सुख प्राप्त करना चाहता है परंतु उस की यह चाहत पूरी नहीं हो पाती, क्योंकि उस का साथी बिजी है. ऐसे में पतिपत्नी न तो कभी अपनी यौन भावनाओं को एकदूसरे से शेयर कर पाते हैं, न ही सेक्स के विषय पर एकदूसरे से खुल कर बातचीत करते हैं. या तो वे लगातार सेक्स को नजरअंदाज करते हैं या इसे सिर्फ निबटाते हैं. ऐसी स्थिति में उन के सेक्स संबंधों पर प्रतिकूल असर पड़ता है. धीरेधीरे सेक्स उन्हें बोर करने लगता है.

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सेक्स में बोरियत होने से दोनों ही इस से विमुख होने लगते हैं. उन की सेक्स के प्रति अंदरूनी चाहत खत्म होने लगती है और पति का अंग शिथिल पड़ता चला जाता है, साथ ही पत्नी को भी उत्तेजित होने में अधिक समय लगता है. यह स्थिति दांपत्य संबंधों के लिए खतरे की घंटी है. सेक्स, जो सफल वैवाहिक जीवन का आधार है, अगर पतिपत्नी इस से ही विमुख हो जाएंगे तो उन्हें एकदूसरे के प्रति कोई आकर्षण नहीं रहेगा. ऐसे में विवाहेतर संबंध पनपते हैं, जो पतिपत्नी के आपसी रिश्ते की जड़ें खोखली करने में अहम भूमिका निभाते हैं. अगर पतिपत्नी दोनों मिल कर प्रयास करें तो वे अपने व्यस्त जीवन में से सेक्स में पूर्ण आनंद प्राप्त करने हेतु समय निकाल ही सकते हैं. बस, जरूरत है थोड़ी समझदारी व इच्छाशक्ति की. अपनी यौनइच्छाओं को दबाएं नहीं बल्कि मौका देख कर उन्हें जीवनसाथी के समक्ष उजागर करें.

नेहा और सूजल ऐसी स्थिति में एकदूसरे को पूर्ण सहयोग देते हैं. एक फ्री है तो उस ने दूसरे के काम निबटा दिए, दूसरा जल्दी फ्री हो जाता है तो वह अपने साथी के कार्यों में सहयोग देता है ताकि वे दोनों एकदूसरे के साथ कुछ वक्त बिता सकें. नेहा कहती है, ‘‘कई बार सूजल जल्दी फ्री हो जाते हैं तो वह नौकरानी को खाना बनाने संबंधी हिदायतें देते हैं, फिर अन्य काम जैसे प्रेस के कपड़े भिजवाना, बेडरूम को व्यवस्थित करना इत्यादि कार्य निबटा लेते हैं. मैं जब घर लौटती हूं तो वह जल्दी से मुझे फे्रश होने को कह खाना लगा देते हैं. ऐसे में हमारा शारीरिक व मानसिक रिश्ता अधिक मजबूत हो जाता है.’’ यह तो तय है कि जिन पतिपत्नी में परस्पर सहयोग की भावना होती है, वे मानसिक तथा शारीरिक तौर पर एकदूसरे के अधिक करीब होते हैं, क्योंकि एकदूसरे का सहयोग उन्हें मानसिक संबल प्रदान करने के साथसाथ आपसी लगाव, प्यार व विश्वास में भी वृद्धि करता है. ऐसे में वे शारीरिक तौर पर भी सहज ही एकदूसरे से जुड़ जाते हैं और उन्हें उत्तेजित होने में भी अधिक समय नहीं लगता.

इन्हीं सब बातों पर आप की सेक्सलाइफ निर्भर करती है. अगर आप चरमसुख की अनुभूति प्राप्त करना चाहते हैं तो परस्पर सहयोग तो करना ही होगा, क्योंकि सेक्स भी टैक्स मांगता है. तो फिर देर किस बात की, टैक्स चुकाइए व सेक्स का लुत्फ उठाइए.

नवीनता लाएं

अगर आप सदैव व्यस्तता का रोना रो कर सेक्स से कटते हैं तो आप के संबंध बेहद नीरस हो जाते हैं. ऐसी स्थिति पैदा होने पर आप को स्वयं में कुछ बदलाव लाने होंगे, तभी आप अपने संबंधों को चरमसुख के रस से सराबोर कर सकते हैं.

सेक्स का पूरा आनंद उठाने हेतु आप दोनों का पूर्णरूप से उत्तेजित होना बहुत आवश्यक है और यह उत्तेजना तभी आ सकती है, जब आप सेक्स से पूर्व एकदूसरे के साथ मीठीमीठी बातें, शरारतें, छेड़छाड़ करें.

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कभीकभी रूटीन से हट कर कुछ नया करें. समय निकाल कर जीवनसाथी से मोबाइल पर मीठी बातें करें. अगर वह बिजी हो तो उसे रोमांटिक मैसेज भेजें.

अपने अंत:वस्त्रों में बदलाव लाएं. ऐसे रंग के अंत:वस्त्र पहनें, जो जीवनसाथी को बेहद पसंद हों.

डिनर के वक्त प्यार से एकदूसरे को निहारें. पैरों से शरारतें करें. कभी खाना लेते वक्त हलके से हाथों का स्पर्श करें या फिर अचानक उस अंग को छू दें, जिस से जीवनसाथी में उत्तेजना पैदा होती हो. रोमांटिक गाने सुनें.

आप का बेडरूम व्यवस्थित व खुशबूदार होना चाहिए. बेडरूम में भीगी महक वाला स्पे्र करें. यह महक आप को मदहोश कर देगी और आप मौका मिलते ही आलिंगनबद्ध हो जाएंगे और आप को पता भी नहीं चलेगा कि कब आप एकदूसरे में समा गए.

Dr Ak Jain: क्या करें जब पुरुषों में घटने लगे बच्चा पैदा करने की ताकत

बेऔलाद जोड़ों की तादाद में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है क्योंकि नामर्दी के चलते मर्द अपनी पत्नी को पेट से करने में नाकाम होते हैं. वैसे, अगर गर्भनिरोधक उपाय आजमाए बगैर एक साल तक हमबिस्तरी करने पर भी जब बच्चा नहीं ठहरता है तो इसे शुक्राणुओं की समस्या के चलते नामर्दी मान लिया जाता है.

आमतौर पर इस तरह की समस्या  कमजोर शुक्राणु के चलते होती है जबकि बच्चा ठहरने के लिए शुक्राणु

की ही जरूरत पड़ती है. ऐसे मामलों में औरतों की फैलोपियन ट्यूब तक शुक्राणु पहुंच ही नहीं पाते हैं और कई कोशिशों के बावजूद औरत पेट से होने में नाकाम रहती है.

इस समस्या के लिए कई बातें जिम्मेदार होती हैं. खास वजह धूम्रपान और ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करना है. ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि गठीला बदन बनाने के लिए लड़के कम उम्र से ही स्टेरौयड और दूसरी दवाओं का सेवन करने लग जाते हैं. इस वजह से बाद की उम्र में उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ जाता है. बहुत ज्यादा कसरत और डायटिंग के लिए भूखे रहने जैसी आदतें भी इस की खास वजहें हैं.

नौजवानों में तेजी से बढ़ते तनाव और डिप्रैशन के साथसाथ प्रदूषण और गलत लाइफस्टाइल के चलते एनीमिया की समस्या भी मर्दों में नामर्दी की वजह बनती है. इनफर्टिलिटी से जुड़े सब से बुरे हालात तब पैदा होते हैं जब मर्द के वीर्य में शुक्राणु नहीं बन पाते हैं. इस को एजूस्पर्मिया कहा जाता है. तकरीबन एक फीसदी मर्द आबादी भारत में इसी समस्या से पीडि़त है.

हमारे शरीर को रोज थोड़ी मात्रा में कसरत की जरूरत होती है, भले ही वह किसी भी रूप में क्यों न हो. इस से हमारे शारीरिक विकास को बढ़ावा मिलता है.

अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो संपर्क करिए लखनऊ के डॉक्टर ए. के. जैन से जो पिछले 40 सालों से इन समस्याओं का इलाज कर रहे हैं.

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हालांकि कसरत के कई अच्छे पहलू भी हैं. मगर इस के कुछ बुरे पहलुओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है जिन की तरफ कम ही लोगों का ध्यान जाता है. मसलन, औरतों का ज्यादा कसरत करना बांझपन की वजह भी बन सकता है. वैसे, कसरत करने के कुछ फायदे इस तरह से हैं:

दिल बने मजबूत : हमारे दिल की हालत सीधेतौर पर इस बात से जुड़ी होती है कि हम शारीरिक रूप से कितना काम करते हैं. जो लोग रोजाना शारीरिक रूप से ज्यादा ऐक्टिव नहीं रहते हैं, दिल से जुड़ी सब से ज्यादा बीमारियां भी उन्हीं लोगों को होती हैं खासतौर से उन लोगों के मुकाबले जो रोजाना कसरत करते हैं.

अच्छी नींद आना : यह साबित हो चुका है कि जो लोग रोजाना कसरत करते हैं, उन्हें रात को नींद भी अच्छी आती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कसरत करने की वजह से हमारे शरीर की सरकेडियन रिदम मजबूत होती है जो दिन में आप को ऐक्टिव बनाए रखने में मदद करती है और जिस की वजह से रात में आप को अच्छी नींद आती है.

शारीरिक ताकत में बढ़ोतरी : हम में से कई लोगों के मन में कसरत को ले कर कई तरह की गलतफहमियां होती हैं, जैसे कसरत हमारे शरीर की सारी ताकत को सोख लेती है और फिर आप पूरे दिन कुछ नहीं कर पाते हैं. मगर असल में होता इस का बिलकुल उलटा है. इस की वजह से आप दिनभर ऐक्टिव रहते हैं, क्योंकि कसरत करने के दौरान हमारे शरीर से कुछ खास तरह के हार्मोंस रिलीज होते हैं, जो हमें दिनभर ऐक्टिव बनाए रखने में मदद करते हैं.

आत्मविश्वास को मिले बढ़ावा : नियमित रूप से कसरत कर के अपने शरीर को उस परफैक्ट शेप में ला सकते हैं जो आप हमेशा से चाहते हैं. इस से आप के आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होती है.

रोजाना कसरत करने के कई सारे फायदे हैं इसलिए फिजिकल ऐक्टिविटी को नजरअंदाज करने का तो मतलब ही नहीं बनता, लेकिन बहुत ज्यादा कसरत करने का हमारे शरीर पर बुरा असर भी पड़ सकता है खासतौर से आप की फर्टिलिटी कम होती है, फिर चाहे वह कोई औरत हो या मर्द.

ऐसा कहा जाता है कि बहुत ज्यादा अच्छाई भी बुरी साबित हो सकती है. अकसर औरतों में एक खास तरह के हालात पैदा हो जाते हैं जिन्हें एमेनोरिया कहते हैं. ऐसी हालत तब पैदा होती है, जब एक सामान्य औरत को लगातार 3 महीने से ज्यादा वक्त तक सही तरीके से माहवारी नहीं हो पाती है.

कई औरतों में ऐसी हालत इस वजह से पैदा होती है क्योंकि वे शरीर को नियमित रूप से ताकत देने के लिए जरूरी कैलोरी देने वाली चीजों का सेवन किए बिना ही जिम में नियमित रूप से किसी खास तरह की कसरत के 3 से 4 सैशन करती हैं.

शरीर में कैलोरी की कमी का सीधा असर न केवल फर्टिलिटी पर पड़ता है, बल्कि औरतों की सेक्स इच्छा पर भी बुरा असर पड़ता है. साथ ही मोटापा भी इस में एक अहम रोल निभाता है क्योंकि ज्यादातर मोटी औरतें वजन घटाने के लिए कई बार काफी मुश्किल कसरतें भी करती हैं. इस वजह से भी उन की फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है.

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इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे जोड़े शारीरिक और मानसिक तनाव की हालत में पहुंच जाते हैं. अकसर देखा गया है कि ऐसे मामलों में या तो शुक्राणु की मात्रा कम होती है या स्पर्म की ऐक्टिविटी बहुत कम रहती है. लिहाजा ऐसे शुक्राणु औरत के अंडाणु को गर्भाधान करने में नाकाम रहते हैं.

वैसे अब इनफर्टिलिटी से नजात पाने के लिए कई उपयोगी इलाज मुहैया हैं. ओलिगोस्पर्मिया में स्पर्म की तादाद बहुत कम पाई जाती है और एजूस्पर्मिया में तो वीर्य के नमूने में स्पर्म होता ही नहीं है. एजूस्पर्मिया में मर्द के स्खलित वीर्य से स्पर्म नहीं निकलता है जिसे जीरो स्पर्म काउंट कहा जाता है. इस का पता वीर्य की जांच के बाद ही लग पाता है.

कुछ मामलों में जांच के दौरान तो स्पर्म नजर आता है लेकिन कुछ रुकावट होने के चलते वीर्य के जरीए यह स्खलित नहीं हो पाता है. स्पर्म न पनपने की एक और वजह है वैरिकोसिल. इस का इलाज सर्जरी से ही मुमकिन है.

कुछ समय पहले तक पिता बनने के लिए या तो दाता के स्पर्म का इस्तेमाल करना पड़ता था या किसी बच्चे को गोद लेना पड़ता था, लेकिन अब चिकित्सा विज्ञान में स्टेम सैल्स टैक्नोलौजी की तरक्की ने लैबोरेटरी में स्पर्म बनाना मुमकिन कर दिया है.

लैबोरेटरी में  मरीज के स्टेम सैल्स का इस्तेमाल करते हुए स्पर्म को बनाया जाता है, फिर इसे विट्रो फर्टिलाइजेशन तरीके से औरत पार्टनर के अंडाशय में डाल कर अंडाणु में फर्टिलाइज किया जाता है. इस तरीके से वह औरत पेट से हो सकती है.

लखनऊ के डॉक्टर ए. के. जैन, पिछले 40 सालों से इन सभी समस्याओं का इलाज कर रहे हैं. तो आप भी पाइए अपनी सभी  सेक्स समस्या का बेहतर इलाज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति एवं मान्यता प्राप्त डॉ. जैन द्वारा. 

Dr Ak Jain: अंडकोष के दर्द को न करें अनदेखा

मैडिकल साइंस की एक पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ सालों से पुरुषों में अंडकोष के कैंसर की समस्या तेजी से बढ़ रही है. अंडकोष में कैंसर 6 माह के अंदर खतरनाक हालत में पहुंच जाता है. इस का फैलाव पेड़ से दिमाग तक हो सकता है.

 पुरुष अंडकोष के दर्द को सामान्य रूप में लेते हैं जिस की वजह से वे डाक्टर के पास देर से जाते हैं. कुछ डाक्टर के पास जाते भी हैं तो डाक्टर पहचानने में गलती कर जाते हैं. साधारण बीमारी समझ कर उस का इलाज कर देते हैं. अधिकतर भारतीय पुरुष  अंडकोष के कैंसर से अनजान हैं जिस की वजह से वे अपने अंडकोष में आए परिवर्तन की ओर ध्यान नहीं देते हैं. जब समस्या बढ़ जाती है तब डाक्टर के पास पहुंचते हैं.

अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो संपर्क करिए लखनऊ के डॉक्टर ए. के. जैन से जो पिछले 40 सालों से इन समस्याओं का इलाज कर रहे हैं.

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हर पुरुष को चाहिए कि वह अपने अंडकोष  में आए परिवर्तन पर ध्यान रखे. अंडकोश में दर्द, सूजन, आसपास भारीपन, अजीब सा महसूस होना, लगातार हलका दर्द बना रहना, अचानक अंडकोष के साइज में काफी अंतर महसूस करना, अंडकोष पर गांठ, अंडकोश का धंसना आदि लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए. पुरुषों में यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है.

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अंडकोष  कैंसर के कारण

किसी भी व्यक्ति के अंडकोष में कैंसर उत्पन्न हो सकता है. इस के होने की कुछ वजहें ये हैं :

क्रिस्टोरचाइडिज्म :

यदि किसी युवक के बचपन से ही अंडकोश शरीर के अंदर धंसे रहें तो उसे अंडकोष कैंसर की समस्या हो सकती है. क्रिप्टोरचाइडिज्म का इलाज बचपन में ही करवा लेना चाहिए ताकि बड़े होने पर उसे खतरनाक समस्या से न जूझना पड़े. सर्जन छोटा सा औपरेशन कर के अंडकोष को बाहर कर देते हैं.

आनुवंशिकता :

यदि पिता, चाचा, नाना, भाई आदि किसी को अंडकोष के कैंसर की समस्या हुई हो तो सावधान हो जाना चाहिए. टीएसई यानी टैस्टीक्युलर सैल्फ एक्जामिनेशन द्वारा अंडकोष की जांच करते रहना चाहिए.

बचपन की चोट :

बचपन में खेलते वक्त कभी किसी बच्चे को यदि अंडकोष में चोट लगी है तो बड़े होने पर उसे अंडकोष के कैंसर की समस्या उत्पन्न हो सकती है. बचपन में चोट लगने वाले पुरुषों के अंडकोष में किसी तरह का दर्द, सूजन आदि महसूस होने पर तुरंत डाक्टर को दिखाना चाहिए.

हर्निया :

हर्निया की समस्या की वजह से भी किसीकिसी के अंडकोश में दर्द व सूजन उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में डाक्टर से शीघ्र मिलना चाहिए.

हाइड्रोसील :

हाइड्रोसील की समस्या होने पर अंडकोष की थैली में पानी जैसा द्रव्य जमा हो जाता है. इस में अंडकोष में दर्द भले ही न हो लेकिन थैली के भारीपन से अंडकोश प्रभावित हो जाते हैं जिस की वजह से अंडकोष का कैंसर हो सकता है.

इंपोटैंसी :

नई खोज के अनुसार, इंपोटैंसी की वजह से भी अंडकोष के कैंसर की समस्या उत्पन्न हो सकती है. डा. जूड मोले बताते हैं कि जिन लोगों को अंडकोष कैंसर की समस्या पाई गई है उन में से अधिकतर पुरुष इंपोटैंसी यानी नपुंसकता के शिकार थे.

अंडकोष का इलाज :

अंडकोष में असामान्यता दिखाई देने पर तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए. डा. राना का कहना है कि ब्लड, यूरिन टैस्ट व अल्ट्रासाउंड द्वारा बीमारी का पता लगा लिया जाता है. बीमारी की स्थिति के मद्देनजर मरीज को दवा, कीमोथेरैपी या सर्जरी की सलाह दी जाती है. जिस तरह से महिला अपने स्तन का सैल्फ टैस्ट करती है उसी प्रकार पुरुष अपने अंडकोश का सैल्फ टैस्ट कर के जोखिम से बच सकते हैं.

सावधानी

  1. विपरीत पोजिशन में संबंध बनाते वक्त ध्यान रखें कि अंडकोष में चोट न लगे.
  2. तेज गति से हस्तमैथुन न करें, इस से अंडकोष को चोट लग सकती है.
  3. किसी भी हालत में शुक्राणुओं को न रोकें. उन्हें बाहर निकल जाने दें नहीं तो यह शुक्रवाहिनियों में मर कर गांठ बना देते हैं. आगे चल कर कैंसर जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है.
  4. क्रिकेट, हौकी, फुटबाल, कुश्ती आदि खेल खेलते समय अपने अंडकोश का ध्यान रखें. उस में चोट न लग जाए. चोट लगने पर तुरंत डाक्टर को दिखाएं.
  5. टाइट अंडरवियर न पहनें, लंगोट बहुत अधिक कस कर न बांधें. इस से अंडकोष पर अधिक दबाव पड़ता है.
  6. सूती और हलके रंग के अंडरवियर पहनें. नायलोन के अंडरवियर पहनने से अंडकोष को हवा नहीं मिल पाती है. गहरे रंग का अंडरवियर अंडकोष को गरमी पहुंचाता है.
  7. हमेशा अंडरवियर पहन कर न रहें. रात के वक्त उसे उतार दें जिस से अंडकोष को हवा लग सके.
  8. अधिक गरम जगह जैसे भट्ठी, कोयला इंजन के ड्राइवर, लंबी दूरी के ट्रक ड्राइवर आदि अपने अंडकोष को तेज गरमी से बचाएं.
  9. अंडकोष पर किसी प्रकार के तेल की तेजी से मालिश न करें. यह नुकसान पहुंचा सकता है.

बहरहाल, अंडकोष में किसी भी प्रकार की तकलीफ या फर्क महसूस करने पर खामोश न रहें. डाक्टर से सलाह लें. अंडकोष की हर तकलीफ कैंसर नहीं होती लेकिन आगे चल कर वह कैंसर को जन्म दे सकती है इसलिए इस से पहले कि कोई तकलीफ गंभीर रूप ले, उस का निदान कर लें.

लखनऊ के डॉक्टर ए. के. जैन, पिछले 40 सालों से इन सभी समस्याओं का इलाज कर रहे हैं. तो आप भी पाइए अपनी सभी  सेक्स समस्या का बेहतर इलाज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति एवं मान्यता प्राप्त डॉ. जैन द्वारा. 

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इनफर्टिलिटी, आईवीएफ से लेकर सेक्सुअल लाइफ तक, यहां मिलेगा हर प्रौब्लम का सोल्यूशन

आज की भागम भाग वाली जिंदगी और खराब किस्‍म के खान पान के चलते हमें ऐसी कई समस्याओं के शिकार हो जाते हैं जिसका असर हमारी सेक्सुअल लाइफ पर पड़ता है. इनफर्टिलिटी, संतान होने में देरी, सेक्स की कमी या फिर यौन दुर्बलता ऐसी ही कई समस्याओं से लोगों को सामना होता है जिसका इलाज करवाने के लिए वो अलग-अलग जगह जाते हैं लेकिन अगर आपको एक ही जगह इन सभी समस्याओं का समाधान एक ही डॉक्टर के पास मिल जाए तो.

ऐसे ही एक डॉक्टर है लखनऊ के डॉक्टर ए. के. जैन, जो पिछले 40 सालों से इन सभी समस्याओं का इलाज कर रहे हैं. तो आप भी पाइए अपनी सभी  सेक्स समस्या का बेहतर इलाज
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति एवं मान्यता प्राप्त डॉ. ए. के. जैन द्वारां.

आइए जानते हैं डॉक्टर ए. के. जैन के चुनिंदा कामों के बारे में…

  1. इनफर्टिलिटी

इनफर्टिलिटी एक बहुत गंभीर समस्‍या है. जिसके कारण बहुत से कपल्‍स की गोद सूनी ही रह जाती है. मौजूदा लाइफस्टाइल की वजह से इनफर्टिलिटी की समस्‍या आम बात हो गई है. इनफर्टिलिटी का मुख्य लक्षण प्रेग्नेंट न हो पाना है. अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो संपर्क करिए लखनऊ के डॉक्टर जैन से जो पिछले 40 सालों से इसका इलाज कर रहे हैं.

  1. आईवीएफ

निःसंतानता एक दम्पती के लिए अभिशाप के समान है. संतान न होने से एक दम्पती न सिर्फ निजी तनाव महसूस करता है बल्कि उसके ऊपर सामाजिक व पारिवारिक दबाव भी रहते हैं. निःसंतान दम्पतियों को भारतीय समाज में हमेशा से दोयम दर्जे का समझा जाता है, बावजूद इसके कि संतान न होने में उन दम्पतियों की कोई गलती नहीं होती, फिर भी उन्हें हमेशा इसकी सजा मिलती रहती है. खासतौर से महिलाओं को इसका अत्यधिक नुकसान भुगतना पड़ता है.

संतान न होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे की आनुवांशिक कारण, जीवनशैली, महिला के गर्भधारण में समस्या या फिर पुरुष के शरीर में कोई समस्या लेकिन वर्तमान समय में आईवीएफ जैसे उपाय से आप बिना किसी खतरे के संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं.

  1. सेक्सुअल प्रॉब्ल्म

हम सभी एक ऐसा समाज में रहते हैं जहां शारीरिक संबंध बनाने, संभोग करने या फिर सेक्‍स को लेकर बात ही नहीं की जाती. यहीं वजह है कि अक्‍सर लोग यौन जीवन (Sex Life) का सुख पूरी तरह ले ही नहीं पाते. क्‍योंकि जब इस विषय पर खुलकर बात ही नहीं कि जाती तो यौन समस्‍याओं (Sex Problems) पर भी लोगों को अधिक जानकारी नहीं होती. अगर आपको भी ऐसी ही किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो डॉक्टर जैन आपके सभी सवालों का जवाब देने के लिए सबसे सही व्यक्ति होंगे.

  1. मैरिड लाइफ प्रॉब्लम

प्यार करते हैं तो सेक्स से परहेज क्यों? क्या आप सेक्स से दूरियाँ बना रहे हैं? यदि आप ऐसा कर रहे हैं तो सावधान हो जाये क्योकि ये आपके और आपकी पत्नी के बीच के प्यारे रिश्ते के लिए अच्छा नहीं. एक सर्वे रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में 70 फीसदी तलाक, अच्छी सेक्सुअल लाइफ ना होने के कारण होते हैं.

अगर आप भी इनमें से किसी गंभीर समस्या से घिरे हैं, तो आज ही कीजिये बातें भारत के जाने-मानें सेक्सोलॉजिस्ट से. डॉ० ए० के० जैन, 40 वर्षो का अनुभव. 

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