Boyfriend के साथ पहली बार सैक्स किया, इसके बाद यूटरस में दर्द होने लगा…

Boyfriend : अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल…

मैं 21 साल की युवती हूं. कुछ दिनों पहले अपने बौयफ्रैंड (Boyfriend) के साथ शारीरिक संबंध स्थापित किया. हालांकि इस दौरान बौयफ्रैंड ने कंडोम का प्रयोग कर सैक्स किया पर दूसरे दिन सुबह मेरे यूटरस में दर्द होने लगा और मुझे बुखार भी हो गया. अत: बताएं कि सुरक्षित संबंध बनाने के बाद भी दर्द क्यों हुआ?

जवाब…

सैक्स संबंध हमेशा सुरक्षित ही बनाना चाहिए. सैक्स क्रिया में कंडोम एक सरल व सहज गर्भनिरोधक है, जिस से अनचाहे गर्भधारण से बचा जा सकता है. यूटरस में दर्द और बुखार होने का सुरक्षित सैक्स संबंध बनाने से कोई वास्ता नहीं है. संभव है कि आप के साथ कोई अंदरूनी वजह रही होगी. बेहतर होगा कि आप अपने डाक्टर से मिल कर सलाह लें.

ये भी पढ़ें…

तो नहीं सताएगा उन से दूरी का एहसास…

रिया और वंश इंटरनैट के जरीए एकदूसरे से मिले और दोनों के बीच प्यार हो गया. फिर दोनों ने शादी करने का फैसला किया. लेकिन इन की शादी के बीच आ रही थी इन की नौकरी. दरअसल, दोनों अलगअलग शहर में नौकरी करते थे और नौकरी चेंज करना दोनों के लिए मुश्किल था. फिर भी दोनों ने आपसी सहमति से शादी कर ली और अलगअलग शहर में रहने लगे.

रिया और वंश की तरह और भी न जाने कितने जोड़े नौकरी, बुजुर्ग मातापिता की देखरेख, पढ़ाई आदि कारणों से लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप में रहते हैं. इन शादियों को कंप्यूटर मैरिज कहा जाता है यानी ऐसी शादियां जिन में पतिपत्नी अस्थायी रूप से अलग रहते हैं और कंप्यूटर के माध्यम से एकदूसरे से जुड़े रहते हैं.

लौंग डिस्टैंस रिलेशन निभाना काफी मुश्किल है. छोटीछोटी बातें भी रिश्ते में दूरी लाती हैं.

शादी के कुछ महीने बाद से ही लौंग डिस्टैंस में रहने वाली दिल्ली की 26 वर्षीय अमृता कहती हैं, ‘‘हमारी शादी को 10 महीने हो चुके हैं. मैं दिल्ली में रहती हूं और मेरे पति की पोस्टिंग चंडीगढ़ में है. शादी के बाद दूरदूर रहना काफी मुश्किल होता है. एकदूसरे की बहुत कमी खलती है. अकेलापन महसूस होता है. लेकिन फिर यह सोच कर खुद को संभाल लेती हूं कि यह कदम हम ने अपने अच्छे भविष्य के लिए उठाया है. कभीकभी तो छोटीछोटी बातों को ले कर हमारे बीच इतना बड़ा झगड़ा हो जाता है कि हम 2-2, 3-3 दिन तक बातचीत नहीं करते. कई बार तो ऐसा भी होता है कि मैं कुछ पूछती हूं तो उन्हें लगता है कि मैं उन की जासूसी कर रही हूं.’’

दरअसल, ऐसा होने की मुख्य वजह है कि हम लौंग डिस्टैंस रिलेशन में अपनी भावनाओं को जाहिर करने में विफल रहते हैं. पास रहने पर भावनाओं को आसानी से जाहिर कर लेते हैं.

इस बारे में दिल्ली के रोहिणी स्थित परफैक्ट हैल्थ इंस्टिट्यूट के मनोवैज्ञानिक डा. आर. पाराशर का कहना है, ‘‘पतिपत्नी के रिश्ते में दूरी का बहुत असर होता है, क्योंकि यह रिश्ता बेहद नाजुक और अन्य रिश्तों से अलग होता है. हम भाईबहनों, मातापिता से बड़ी आसानी से दूर रह सकते हैं, लेकिन पतिपत्नी न केवल भावनात्मक बल्कि शारीरिक रूप से भी एकदृसरे से जुड़े होते हैं और दूर रहने पर इस से वंचित रहते हैं. जिस की वजह से शरीर में पौजिटिव हारमोंस नहीं बन पाते. पौजिटिव हारमोंस की कमी होने की वजह से वे स्वभाव से चिड़चिड़े हो जाते हैं. उन की क्रिएटिविटी खत्म होने लगती है. वे डिप्रैशन में जाने लगते हैं.’’

कुछ कपल तो ऐसे भी होते हैं, जो इस दूरी की वजह से इतना अकेलापन महसूस करते हैं कि अगर कोई भी उन्हें जरा सा प्यार देता है तो वे उस के प्रति आकर्षित हो जाते हैं.

एक केस को याद करते हुए डा. पारासर आगे कहते हैं, ‘‘मेरे पास एक केस आया था, जिस में पतिपत्नी एकदूसरे से दूर रहते थे. पत्नी शारीरिक सुख न मिलने की वजह से खुद को इतना अकेला महसूस करती थी कि उस ने इस अकेलेपन को दूर करने के लिए अपने औफिस के ही एक साथी के साथ संबंध बना लिए.’’

इस तरह के कई केसेज हैं, जिन में पतिपत्नी का साथ न रहने पर पार्टनर ने किसी और के साथ संबंध बना लिए. कुछ कपल्स ऐसे भी होते हैं, जो अपनी इस दूरी का गम मनाते रहते हैं और जिंदगी को जीना भूल जाते हैं. यह ठीक है कि दूर होने पर रिश्ते में गरमाहट बनाए रखना थोड़ा मुश्किल होता है. लेकिन आज फोन, ईमेल, इंटरनैट आदि माध्यमों से जुड़ कर लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप में प्यार को बढ़ाया जा सकता है.

निम्न टिप्स को फौलो करें, फिर देखें दूरी कैसे प्यार बढ़ाने का काम करती है:

सरप्राइज दें

सरप्राइज हर किसी को पसंद आता है. खासतौर पर तब जब इसे देने वाला आप से कोसों दूर हो. चौकलेट, फ्लौवर, ड्रैस, ई कार्ड्स या फिर साथी की पसंद का गिफ्ट भेज कर आप उसे सरप्राइज दे सकते हैं. गिफ्ट के साथ एक खास नोट भी लिख कर भेजें कि आप उन के लिए कितने स्पैशल हैं. कभी खुद उन्हें बिना बताए मिलने पहुंच जाएं, इस से रिश्ते की नीरसता खत्म होगी और ऊर्जा का संचार होगा.

रोचक पलों को शेयर करें: तकनीक ने आजकल कई चीजों को आसान बना दिया है, इसलिए कोशिश करें कि आप दिन के रोचकरोमांचक पलों को फोटो और वीडियो के जरीए कैप्चर करें, जो साथी के चेहरे पर खुशी ला सकें. यकीन मानिए यह छोटी सी चीज साथी के चेहरे पर लंबी मुसकान लाएगी.

बातचीत करते रहें: मोबाइल, इंटरनैट के जरीए एकदूसरे से जुड़े रहें. थोड़ेथोड़े समय के अंतराल पर मैसेज या फोन के द्वारा साथी की खबर पूछते रहें. स्काइप पर बातें करें. वीडियो चैट करें. वीडियो चैट करते समय कभीकभी वर्बल फोरप्ले भी करें. इस से रिश्ते में मिठास बनी रहती है.

फीलिंग्स ऐक्सप्रैस करें: जब भी आप का पार्टनर आप से दूर हो तो उसे बीचबीच में ‘आई लव यू’ कहते रहें. ये 3 शब्द आप के रिश्ते को मधुर बनाए रखेंगे. रात में सोने से पहले एक रोमांटिक मैसेज करें. जब भी वीडियो चैट करें तो अच्छी तरह तैयार हो कर करें. इसे हमेशा एक डेट के रूप में लें. आप को खुश देख कर पाटर्नर को भी अच्छा लगेगा.

ईमानदार रहें: ईमानदारी दूरी निभाने की पहली नीति है. इस का मतलब यह है कि न सिर्फ साथी, बल्कि स्वयं के प्रति भी ईमानदार रहें. अन्यत्र अफेयर्स के बजाय अपने वास्तविक प्यार के बारे में सोचें.

साथ छुट्टी लें: साथ छुट्टी ले कर कहीं घूमने जाएं. एकदूसरे को पूरा समय दें. इस से रोमांस बना रहता है. बर्थडे, मैरिज ऐनिवर्सरी जैसे खास पलों को यादगार बनाने के लिए कुछ स्पैशल प्लान करें.

क्या न करें

बात करें बहस नहीं: कपल हमेशा बात करतेकरते बहस करने लगते हैं और जब दूर होते हैं तो छोटीछोटी बातों का भी बुरामान जाते हैं. तुम ने मुझे फोन नहीं किया, तुम्हारे पास मेरे लिए टाइम नहीं है, मैं तुम्हारे पास होती या होता तो तुम ऐसा नहीं करते जैसी छोटीछोटी बातों पर वे झगड़ पड़ते हैं और एकदूसरे से बात नहीं करते. ऐसा बिलकुल न करें. ऐसा करने से प्यार नहीं, बल्कि दूरी ही बढ़ती है. जब भी बात करें तो उन पलों को खास बनाएं.

शक न करें: पतिपत्नी हमेशा शक करते हैं कि कहीं पार्टनर किसी और के क्लोज तो नहीं है. वह झूठ तो नहीं बोल रहा, सचाई तो नहीं छिपा रहा. इस तरह का बरताव बिलकुल न करें. ये बातें एकदूसरे को पास नहीं लातीं, बल्कि एकदूसरे से दूर ही करती हैं.

कम्यूनिकेशन गैप न आने दें: जब लौंग डिस्टैंस में रह रहे हों तो बात कर के ही आप एकदूसरे से जुड़े रह सकते हैं. इसलिए झगड़ा कर के बात करना बंद न करें. इस से कम्यूनिकेशन गैप आता है. वक्त निकाल कर दिन में 4-5 बार एकदूसरे से बात जरूर करें. लेकिन ध्यान रखें कि यह सिर्फ औपचारिकता न हो, बल्कि बातों में प्यार और रोमांस का तड़का हो.

पार्टनर पर गुस्सा न उतारें: जब आप दूरदूर हों तो किसी भी बात का गुस्सा अपने पार्टनर पर न उतारें. किसी एक के साथ कुछ गलत होता है तो वह अपना सारा गुस्सा दूसरे पर उतारता है.

जासूस न बनें: बातबात पर जासूसी न करें. बारबार फोन कर के यह पता लगाने की कोशिश न करें कि साथी कहां है. किस केसाथ है और क्या कर रहा है. आपसी विश्वास बनाए रखें.

बातें न छिपाएं: कोई भी बात पार्टनर से न छिपाएं, क्योंकि बाते छिपाने पर पार्टनर के मन में तरहतरह के विचार आने लगते हैं और फिर दूरी बढ़ने लगती है.

जिद न करें: अपनी बातें मनवाने की जिद न करें. अगर आप का पार्टनर व्यस्त है और आप का फोन नहीं उठा रहा है, तो उसे बारबार फोन न करें और उस के फोन उठाते ही चिल्लाने न लगें और आप बेहतर रोमांटिक लाइफ जीना चाहते हैं, तो रिश्ते में औफिस की टैंशन कभी न लाएं.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर 8588843415 पर  भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- sampadak@delhipress.biz सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मेरे सासससुर पुराने ख्यालात वाले हैं, जिस वजह से मैं पति से ढंग से बात भी नहीं कर पाती हूं…

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 26 साल की हूं. विवाह को डेढ़ साल हुए हैं. परिवार संयुक्त और बड़ा है. यों तो सभी एकदूसरे का खयाल रखते हैं पर बड़ी समस्या वैवाहिक जीवन जीने को ले कर है. सासससुर पुराने खयालात वाले हैं, जिस वजह से घर में इतना परदा है कि 9-10 दिन में पति से सिर्फ हांहूं में भी बात हो जाए तो काफी है. रात को भी हम खुल कर सैक्स का आनंद नहीं उठा पाते. कभीकभी मन बहुत बेचैन हो जाता है. दूसरी जगह घर भी नहीं ले सकते. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

सैक्स संबंध हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है. स्वस्थ व जोशीली सैक्स लाइफ हमारे संबंधों को मजबूत बनाती है एवं जीवन को खुशियों से भरती है. संयुक्त परिवारों में जानबूझ कर औरतों को दबाने के लिए उन्हें पति से दूर रखा जाता है और वे पति के साथ खुल कर सैक्स ऐंजौय नहीं कर पातीं. इस के लिए आप को पति से खुल कर बात करनी होगी. सिर्फ आप ही नहीं आप के पति भी आप की चाह रखते होंगे.

बेहतर होगा कि इस के लिए कभी किसी रिश्तेदार के या कभी मायके जाने के बहाने पति के साथ बाहर घूमने जाएं. इस तरह के संबंधों को तो झेलना ही होता है. कोई उपाय नहीं मिलता.

 ये भी पढ़ें-

 सवाल

मैं 23 वर्षीय अविवाहित युवक हूं. 2-3 महिलाओं से बगैर कंडोम लगाए शारीरिक संबंध बना चुका हूं. अब कुछ दिनों से एक समस्या से जूझ रहा हूं. सैक्स संबंध के बाद मेरे प्राइवेट पार्ट में जलन होने लगती है. अंदर की त्वचा लाल हो जाती है और कभीकभी खुजली भी होती है. बताएं मैं क्या करूं?

 जवाब

आज के लाइफस्टाइल में सुरक्षित सैक्स संबंध बनाना बेहद जरूरी है और इस का सरल और सस्ता विकल्प है कंडोम. कंडोम लगा कर सैक्स संबंध बनाने से संक्रमण की संभावना न के बराबर रहती है. जैसाकि आप ने बताया कि आप की 2-3 महिलाओं से रिलेशनशिप रही है तो जाहिर है कि इस से आप को प्रौस्टेटिक संक्रमण या किसी तरह का फंगल इन्फैक्शन हो गया हो.

आप को जल्द ही किसी यूरोलौजिस्ट से मिल कर सलाह लेने की जरूरत है. और हां, आगे से सैक्स संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करना न भूलें. कंडोम न सिर्फ संक्रमण से बचाने का, बल्कि गर्भनिरोध का भी बेहतर विकल्प है.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर 8588843415 पर  भेजें. 

या हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- sampadak@delhipress.biz सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मैं 26 साल का हूं और जानना चाहता हूं कि असामान्य पैप स्मीयर परिणामों का क्या मतलब है?

आजकल युवाओं में गंभीर बीमारियों की समस्या बढ़ती जा रही है. सर्वाइकल कनाल और यूटरस के मुहाने पर यानी सर्विक्स में सेलुलर बदलाव की जांच करने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट किया जाता है. जाने कब करवाना चाहिए पैंप स्मीयर टेस्ट

सवाल

मैं 26 साल का हूं और जानना चाहता हूं कि असामान्य पैप स्मीयर परिणामों का क्या मतलब है?

जवाब

पैप स्मीयर टेस्ट का रिजल्ट आसामान्य आने का मतलब सर्विक्स में विकसित हो रहा चीज नौर्मल नहीं है. सर्वाइकल कनाल और यूटरस के मुहाने पर यानी सर्विक्स में सेलुलर बदलाव की जांच करने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट किया जाता है. अगर पैप स्मीयर टेस्ट में कोई असामान्यता पाई जाती है तो आप का डाक्टर इंफैक्शन के लिए इलाज सुलझा सकता है.

डाक्टर लिक्विड बेस साइकोलौजी टेस्ट जैसे एडवांस पैप स्मीयर टेस्ट की सलाह दे सकता है. इस के साथ ह्यूमन पैपुलोमा टेस्ट की भी सलाह दे सकता है. अगर इन टेस्ट में भी रिजल्ट असामान्य आते हैं तो डाक्टर आप को 3 महीने की फालोअप विजिट पर बुला सकता है. अगर3 महीने बाद भी टेस्ट का रिजल्ट असामान्य आता है तो डाक्टर सर्विक्स के मुहाने की माइक्रोस्कोपिक जांच जिसे कौल्पोस्कोपी या सर्वाइकल बायोप्सी कराने की सलाह दे सकता है.

 

-डा. रितु सेठी एसोसिएट डाइरैक्टर (औब्सटेट्रिक्स ऐंड गायनोकोलौजी), मैक्स हौस्पिटल्स, औरा स्पैश्यालिटी क्लीनिक 

 

जब पार्टनर हो Emotionless तो क्या करें

रिया ने प्रशांत से अपना अफेयर खत्म कर लिया. और करती भी क्या, क्योंकि जब भी कोई मनमुटाव होता, प्रशांत एक दीवार की तरह सख्त और कठोर बन जाता. उस में जैसे भावनाएं हैं ही नहीं. जो कुछ भी हो रहा है उस की पूरी जिम्मेदारी रिया पर है और उसे ही इस रिश्ते को आगे चलाने का दारोमदार उठाना है.

अपनी बात, अपनी भावनाएं प्रशांत को कितनी ही बार सम झाने के विफल प्रयासों के बाद रिया को लगने लगा था कि प्रशांत उसे कभी नहीं सम झ पाएगा. आखिर कब तक वह अकेले रिश्ता निभाती रहेगी. फिर एक समय ऐसा आया जब दोनों में से कोई भी रिश्ते में भावनाएं नहीं उड़ेल रहा था. रिश्ते का टूटना तय होने लगा था. रिया को तब तक पता नहीं था कि प्रशांत दरअसल एक कम आईक्यू वाला इंसान है.

क्या होता है आईक्यू

आईक्यू यानी इमोशनल कोशैंट, मतलब इमोशनल इंटैलिजैंस का माप. अपनी तथा दूसरों की भावनाओं को सम झ पाना, अपनी भावनाओं पर काबू रख पाना, उन्हें ढंग से प्रस्तुत कर पाना और आपसी रिश्तों को सू झबू झ व समानभाव से चला पाना इमोशनल इंटैलिजैंस की श्रेणी में आता है. निजी और व्यावसायिक दोनों में उन्नति की राह इमोशनल इंटैलिजैंस से हो कर गुजरती है. कुछ ऐक्सपर्ट्स का मानना है कि जिंदगी में तरक्की के लिए इमोशनल इंटैलिजैंस, इंटैलिजैंस कोशैंट से भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण होती है.

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, टोरंटो यूनिवर्सिटी और लंदन के यूनिवर्सिटी कालेज द्वारा प्रकाशित शोधों से साफ है कि जो लोग अपनी इमोशनल इंटैलिजैंस को बढ़ा लेते हैं वे दूसरों को मैनिपुलेट करने में कामयाब रहते हैं. लेकिन जो इस में कमजोर होते हैं, उन के पार्टनर्स को बहुत मुसीबत उठानी पड़ती है.

कैसे पहचानें ऐसे पार्टनर को

रहेजा हौस्टिपल के साइकिएट्रिस्ट डा. केदार तिलवे कम आईक्यू वाले इंसान को पहचानने के लिए जिन बातों का ध्यान करते हैं वे हैं भावनात्मक विस्फोट, अपनी या अपने पार्टनर की भावनाओं को न सम झ सकना, इमोशंस को गलत ढंग से सम झना, परेशानी की स्थिति में सामने वाले को दोषी ठहराना, बिना तर्कसंगत और विवेकशील हुए बहसबाजी करना, सामने वाले की बात को न सुनना.

कंसल्टैंट साइकिएट्रिस्ट

डा. अनीता चंद्रा बताती हैं कि ऐसे व्यक्ति जल्दी में प्रतिक्रिया देते हैं और सामाजिक तालमेल बैठाने में कमजोर होते हैं. इन्हें अपने गुस्से के कारणों का पता नहीं होता और ये थोड़े अडि़यल स्वभाव के होते हैं.

कम आईक्यू के कारण

मनोचिकित्सक डा. अंजलि छाबरिया कहती हैं कि कम आईक्यू वाले लोग अपनी भावनाओं को भी नहीं पहचान पाते हैं और इसीलिए अपनी बातों या अपने क्रियाकलापों का असर सम झने में भी पिछड़ जाते हैं. ऐक्सपर्ट्स की राय में परेशानी में बीता बचपन या आत्ममुग्ध अभिभावकों की वजह से आईक्यू में कमी आ सकती है. कम आईक्यू जेनेटिक भी हो सकता है. ऐसे लोग दूसरों की तकलीफ कम सम झ पाते हैं और अकसर अपने कार्यों पर पछताते भी नहीं हैं.

डा. छाबरिया इन कारणों को इन के रिश्ते में आती दरारों से जोड़ कर देखती हैं. क्लीनिकल साइकोलौजिस्ट डा. सीमा हिंगोरानी के अनुसार ऐसे लोग अपने पार्टनर का ‘पौइंट औफ व्यू’ नहीं सम झते और मनमुटाव की स्थिति में सारा दोष पार्टनर के सिर पर डालने लगते हैं.

ऐसी ही एक लड़ाई के बाद जब सारिका दिल टूटने के कारण रोने लगी तब भी मोहित ने न तो उसे चुप कराया और न ही गले लगाया, उलटा पीठ फेर कर बैठ गया. हर बार रोने या दुखी होने का मोहित पर कोई फर्क न पड़ता देख सारिका ने इसे मैंटल एब्यूज का दर्जा दिया.

रिश्तों पर असर

डा. छाबरिया अपने एक केस के बारे में बताती हैं जहां एक पत्नी का ऐक्सट्रा मैरिटल अफेयर था, क्योंकि उसे अपने पति से भावनात्मक सामीप्य नहीं मिलता था. लेकिन वह अपने पति को छोड़ना भी नहीं चाहती थी. पति का अपने बच्चों के प्रति रवैया भी शुष्क था. फिर भी पत्नी उसे एक अच्छा इंसान मानती थी. कम आईक्यू वाले इंसान अपने रिश्तों में काफी कमजोर होते हैं. दोनों पार्टनर्स में एकदम अलग भावनात्मक स्तर होने के कारण रिश्ते पर आंच आने लगती है. ऐसे लोगों को उन के पार्टनर्स अच्छे से सम झ नहीं पाते और न ही वे स्वयं उन्हें सम झा पाते हैं, जिस की वजह से उन में गुस्सा और खीज बढ़ती है और तनाव व अवसाद होने की आशंका रहती है.

डा. हिंगोरानी हाल ही में हुए 3 केसों के बारे में बताती हैं जहां पत्नियां अपने पतियों से किसी भी तरह की भावनात्मक बातचीत नहीं कर पा रही थीं, क्योंकि हर बात पति या तो वहां से चला जाता या फिर टीवी की आवाज बढ़ा कर बातचीत न होने देता.

यों बचाएं रिश्ता

डा. हिंगोरानी के मुताबिक ऐसे रिश्तों को जिंदा रखने का एक ही तरीका है और वह है कम्यूनिकेशन. ‘कम्यूनिकेशन इज द की.’

आप को यह ध्यान रखना होगा कि आप का पार्टनर कुछ भी जानतेबू झते नहीं कर रहा है. उस की बैकग्राउंड को ध्यान में रखें. रोने झगड़ने, दोषारोपण करने से कोई हल नहीं निकलेगा, बल्कि आप को शांत रहना होगा.

डा. तिलवे कहते हैं कि बातचीत के दौरान आप उन की बात को दोहराएं ताकि उन्हें विश्वास हो कि आप उन्हें सम झ रहे हैं, साथ ही उन्हें भी सही तरह से सुनना आ सके, जोकि कम्यूनिकेशन में बेहद जरूरी होता है.

डा. छाबरिया कम आईक्यू वाले लोगों के पार्टनर्स को सलाह देती हैं कि वे अपनी भावनाएं, इच्छाएं और विचारों को साफ तौर पर व्यक्त करें.

क्या और कैसे करें

कम आईक्यू वाले पार्टनर से डील करते समय आप को क्या करना चाहिए कि रिश्ता कायम रहे और आप पर अत्यधिक दबाव भी न पड़े, आइए जानें:

लक्ष्मण रेखा खींचें: यह नियम बना लें कि खाने के समय पर कोई तनावपूर्ण बात नहीं की जाएगी या फिर औफिस में एकदूसरे को फोन कर के परेशान नहीं किया जाएगा.

टाइम आउट: यदि बातचीत लड़ाई का रूप लेने लगे या फिर कोई एक आपा खोने लगे तो उसी समय बातचीत रोक देने में ही आप का और आप के रिश्ते का फायदा है.

किसी तीसरे की सलाह: कई बार किसी बाहर वाले या काउंसलर की सलाह काम कर जाती है.

साफ बताएं: रिश्तों में कम्यूनिकेशन अकसर गैरमौखिक और सांकेतिक संप्रेषण

होता है. लेकिन यदि आप का पार्टनर कम आईक्यू वाला है तो उस से साफ शब्दों में अपनी भावनाएं व्यक्त करना ही सही रहता है, क्योंकि उस के लिए आप की भावनाओं को सम झ पाना मुश्किल है.

बहस न करें: आप चाहे कितने भी सही हों, किंतु कम आईक्यू वाले पार्टनर से बहस करना, उस के आगे रोना, अपनी बात को तर्क से कहना, उस की सोच बदलने की कोशिश करना सब व्यर्थ है. उलटा इस का असर यह भी हो सकता है कि वह आप पर  झल्ला पड़े, आप की बेइज्जती करने लगे, आप से लड़ने लगे या फिर आप की भावनाओं से एकदम पीछे हट जाए, इसलिए अपनी बात को शांत मन से कहें और फिर चुप हो जाएं.

रिश्तों पर पकड़ आपसी मनोभावों की सम झदारी में है. आप इन भावों को कैसे बताते हैं, कैसे सम झ पाते हैं, इसी पर रिश्तों का निबाह निर्भर करता है. यदि एक पार्टनर इस विषय में कमजोर है तो दूसरे पार्टनर को थोड़ी ज्यादा जिम्मेदारी निभानी होगी. आखिर आप का आईक्यू आप के पार्टनर से अधिक जो है.

मैं अपने पति और प्रेमी दोनों से प्यार करती हूं, इस स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल

मैं 28 साल की महिला हूं. मैं और मेरे पति एकदूसरे का बहुत खयाल रखते हैं, मगर इधर कुछ दिनों से मैं किसी दूसरे के प्रेम में पड़ गई हूं. हमारे बीच कई बार शारीरिक संबंध भी बन चुके हैं. मु झे इस में बेहद आनंद आता है. मैं अब पति के साथसाथ प्रेमी को भी नहीं खोना चाहती हूं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

आप के बारे में यही कहा जा सकता है कि दूसरे के बगीचे का फूल तभी अच्छा लगता है जब हम अपने बगीचे के फूल पर ध्यान नहीं देते. आप के लिए बेहतर यही होगा कि आप अपने ही बगीचे के फूल तक सीमित रहें. फिर सचाई यह भी है कि यदि पति बेहतर प्रेमी साबित नहीं हो पाता तो प्रेमी भी पति के रहते दूसरा पति नहीं बन सकता. विवाहेतर संबंध आग में खेलने जैसा है जो कभी भी आप के दांपत्य को  झुलस सकता है.

ऐसे में बेहतर यही होगा कि आग से न खेल कर इस संबंध को जितनी जल्दी हो सके खत्म कर लें. अपने साथी के प्रति वफादार रहें. अगर आप अपनी खुशियां अपने पति के साथ बांटेंगी तो इस से विवाह संबंध और मजबूत होगा.

अगर आप भी लेती हैं Contraceptive pills, तो जानें इसके क्या हैं नुकसान

अपनी शुरुआत के साथ ही गर्भनिरोधक गोलियां(कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स) महिलाओं की सेक्शुअल लाइफ में एक बड़ा बदलाव लेकर आईं. 21वीं सदी में जीने के बावजूद आज भी हम इन पिल्स के विषय में पूरी तरह से जागरूक नहीं है.

कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के कई साइड-इफेक्ट्स भी हैं. पर बहुत सी महिलायें इन साइड-इफेक्ट्स से अंजान हैं और इन गोलियों को सेवन कर रही हैं. इन गोलियों को लगातार लेने से सेक्स करने की इच्छा कम होने लगती है. इसके अलावा डिप्रेशन, वजन बढ़ना, अनियमित ब्लीडिंग जैसे दुष्प्रभाव भी महिलाओं को होने लगते हैं. इससे आपकी सेहत बुरी तरह प्रभावित करते हैं.

कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स डीप वेन थ्राम्बोसिस (अंदरूनी नसों में खून के थक्के बनना) की वजह हो सकती है. यह दिक्कत 10 हजार महिलाओं में से केवल दो को होने की संभावना रहती है. कुछ कॉन्ट्रसेप्टिव पिल्स लेने से ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के बहुत से साइड-इफेक्ट्स हैं

1. नॉजिया

पहली बार कॉन्ट्रासेप्टिव गोली लेने पर कुछ लोगों को नॉसिया यानी कि जी मचलने की दिक्कत आ सकती है.

2. ब्रेस्ट साइज में बदलाव

कॉन्ट्रासेप्टिव पिल लेने से आपके ब्रेस्ट साइज में अंतर आ सकता है. पर अगर आप ब्रेस्ट में गांठ बनने लगे तो तुरंत डॉक्टर के पास जायें.

3. सिर दर्द

अगर आप माइग्रेन से पीड़ित हैं तो गोलियां लेने के बाद आपका दर्द बढ़ सकता है.

4. मूड स्वींग

अगर पास्ट में आप डिप्रेस्ड थीं, तो पिल्स लेने के दौरान भी आपको निगेटिव थॉट्स आ सकते हैं.

5. पीरियड्स

पिल्स लेने के दौरान आपके पीरियड्स मिस हो सकते हैं. फ्लो भी बढ़ सकता है.

मैं अपने पति के साथसाथ प्रेमी को नहीं खोना चाहती हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 28 साल की महिला हूं. मैं और मेरे पति एकदूसरे का बहुत खयाल रखते हैं, मगर इधर कुछ दिनों से मैं किसी दूसरे के प्रेम में पड़ गई हूं. हमारे बीच कई बार शारीरिक संबंध भी बन चुके हैं. मुझे इस में बेहद आनंद आता है. मैं अब पति के साथसाथ प्रेमी को भी नहीं खोना चाहती हूं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

आप के बारे में यही कहा जा सकता है कि दूसरे के बगीचे का फूल तभी अच्छा लगता है जब हम अपने बगीचे के फूल पर ध्यान नहीं देते. आप के लिए बेहतर यही होगा कि आप अपने ही बगीचे के फूल तक सीमित रहें. फिर सचाई यह भी है कि यदि पति बेहतर प्रेमी साबित नहीं हो पाता तो प्रेमी भी पति के रहते दूसरा पति नहीं बन सकता. विवाहेतर संबंध आग में खेलने जैसा है जो कभी भी आप के दांपत्य को झुलस सकता है.ऐसे में बेहतर यही होगा कि आग से न खेल कर इस संबंध को जितनी जल्दी हो सके खत्मकर लें. अपने साथी के प्रति वफादार रहें. अगर आप अपनी खुशियां अपने पति के साथ बांटेंगी तो इस से विवाह संबंध और मजबूत होगा.

ये भी पढ़ें…

मैं 26 साल की हूं. विवाह को डेढ़ साल हुए हैं. परिवार संयुक्त और बड़ा है. यों तो सभी एकदूसरे का खयाल रखते हैं पर बड़ी समस्या वैवाहिक जीवन जीने को ले कर है. सासससुर पुराने खयालात वाले हैं, जिस वजह से घर में इतना परदा है कि 9-10 दिन में पति से सिर्फ हांहूं में भी बात हो जाए तो काफी है. रात को भी हम खुल कर सैक्स का आनंद नहीं उठा पाते. कभीकभी मन बहुत बेचैन हो जाता है. दूसरी जगह घर भी नहीं ले सकते. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

सैक्स संबंध हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है. स्वस्थ व जोशीली सैक्स लाइफ हमारे संबंधों को मजबूत बनाती है एवं जीवन को खुशियों से भरती है. संयुक्त परिवारों में जानबूझ कर औरतों को दबाने के लिए उन्हें पति से दूर रखा जाता है और वे पति के साथ खुल कर सैक्स ऐंजौय नहीं कर पातीं. इस के लिए आप को पति से खुल कर बात करनी होगी. सिर्फ आप ही नहीं आप के पति भी आप की चाह रखते होंगे.बेहतर होगा कि इस के लिए कभी किसी रिश्तेदार के या कभी मायके जाने के बहाने पति के साथ बाहर घूमने जाएं. इस तरह के संबंधों को तो झेलना ही होता है. कोई उपाय नहीं मिलता.

मैं 34 साल की हूं. सैक्स के दौरान चरम पर नहीं पहुंच पाती. इस से मन बेचैन रहने लगा है. बताएं मैं क्या करूं?

यह महिलाओं में एक आम समस्या है, जिसे दवा से ज्यादा आप खुद ही दूर कर सकती हैं.इस बारे में आप पति से बात करें. सोने से 2-3 घंटे पहले खाना खाएं और हलका भोजन करें. सैक्स के दौरान जल्दबाजी दिखाने से भी यह समस्या होती है. इसलिए बेहतर होगा कि सैक्स से पहले फोरप्ले की प्रक्रिया अपनाएं, जो लंबी हो. इस मामले में गलती पुरुषों की भी होती है. सैक्स को निबटाने की सोच रखने वाले ऐसे पुरुषों की संख्या ज्यादा है, जो खुद की संतुष्टि को ही ज्यादा तवज्जो देते हैं और सैक्स के तुरंत बाद करवट बदल कर सो जाते हैं.बेहतर होगा कि सैक्स से पहले ऐसा माहौल बनाएं जो सैक्स प्रक्रिया को उबाऊ न बना कर प्यारभरा व रोमांचक बनाए.

पाठक अपनी समस्याएं इस पते पर भेजें : गृहशोभा, ई-8, रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली-110055.

स्रूस्, व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या 9650966493 पर भेजें.       

 

8 लव मेकिंग मिस्टेक्स

क्या  औफिस से घर पहुंचने पर आप थक कर चूर हो जाते हैं और आप के पार्टनर का प्यार भरा स्पर्श भी आप में उत्तेजना पैदा नहीं करता? क्या उस के साथ प्यार करना आप को पहाड़ खोदने जैसा लगता है?

जी हां, शाम को थक कर चूर हुए कई कपल्स अकसर घर आ कर अपने पार्टनर से मुंह बिचकाते नजर आते हैं. अगर आप के साथ भी ऐसा होता है तो मुंह बिचकाने से पहले सोचें कि शादी का मतलब यह कतई नहीं है कि रोमांटिक फीलिंग्स ही हवा हो जाएं. प्यार का एहसास उस समय कंप्लीट होता है, जब 2 जिस्म 1 जान बन जाते हैं. तब उन के बीच लव की फीलिंग इतनी होती है कि उन की बौडी भी एकदूसरे को ऐक्सैप्ट कर लेती है और तब वे लव मेकिंग करने लगते हैं.

इस दौरान कपल्स ऐसी कई गलतियां कर बैठते हैं, जिस से वे सैक्स को पूरी तरह ऐंजौय नहीं कर पाते. जानिए कैसे इन गलतियों से बचा जाए और लव मेकिंग से पहले किन बातों का ध्यान रखा जाए, ताकि जोड़ा दुनिया की सब से प्यारी फीलिंग को सम झ पाए और उसे दिल से अपना सके.

डिस्कस करने में हिचकिचाहट

कभीकभी एक पार्टनर अपनी लव मेकिंग को स्पाइसी तो बनाना चाहता है, लेकिन वह अपने पार्टनर से कुछ कहने में हिचकिचाता है. हो सकता है आप के साथ भी ऐसा होता हो. आप मानें या न मानें 90प्रतिशत केसेज में आप का पार्टनर भी नई चीजें करना पसंद करता है, लेकिन आप की ही तरह उसे भी बात करने में हिचकिचाहट या घबराहट होती है.

डिस्कस करने से घबराएं नहीं और यह कोई रूल नहीं है कि मेल पार्टनर ही पहल करे. दोनों में से कोई भी पहल कर सकता है और दर्जनों तरीकों में से किसी एक तरीके को चुन कर पूरे जोश से उसे ट्राई कर सकता है. सैक्स के बारे में डिस्कशन से जोड़े लव मेकिंग तो ऐंजौय करेंगे ही, अपने रिश्तों में मिठास भी लाएंगे.

कनविंस करना न आना

अगर एक पार्टनर थका हुआ है और सैक्स के मूड में नहीं है तो दूसरा कई बार उसे रेडी करने में असफल हो जाता है. एक सच यह भी है कि सैक्स के लिए जब कोई रेडी होता है, तो उस समय उस की बौडी से ऐड्रीनलीन कैमिकल रिलीज होता है, जो प्यार या सैक्स करने की भरपूर ऐनर्जी देता है.

पार्टनर को शाम को मूड में लाने के लिए सुबह 9 से 10 बजे के बीच उसे मैनुअली कई बार बेमतलब छुएं. दिन भर में इस समय टैस्टोस्टेरौन अपने हाई लैवल पर होता है. शाम को बैटर रिजल्ट के लिए आप सैक्सी गारमैंट्स पहनना भी न भूलें. यह उन्हें जरूर पसंद आएगा. ऐसा कर के आप अपनी लव मेकिंग को हमेशा के लिए स्ट्रौंग बना सकेंगे और पार्टनर में दिन भर के काम में थकान के बावजूद सैक्स की इच्छा बनी रहेगी.

जल्दबाजी का चक्कर

तुरंत मजे के चक्कर में कई पुरुष फोरप्ले अवौइड कर देते हैं. उन की कोशिश होती है कि वे जल्द से एक ही बाइट में पूरा सेब खा लें. लेकिन क्या आप को पता है कि फोरप्ले और्गेज्म की ओर बढ़ने में बहुत मदद करता है? अपने पार्टनर के साथ किसिंग, लव बाइट और टच करना आप की लव मेकिंग को ज्यादा मजेदार बनाता है, इसलिए स्पीड कम करिए, पूरा टाइम दीजिए और अपने पार्टनर को छेडि़ए. यह फौर्मूला शर्तिया ही काम करेगा और दोनों का मजा दोगुना हो जाएगा.

अगर आप को लगे कि किसी खास भूमिका में आप के पार्टनर को ज्यादा मजा आ रहा है, तो रुकें और उसे दोबारा करें. जितना ज्यादा आप उसे करेंगे, उतना ज्यादा मजा उसे आएगा और यह आप को भी अच्छा लगेगा. इस ढंग से आप यह गेम खेल कर पार्टनर को पूरे तौर पर सैटिस्फाई कर सकते हैं. इस से प्यार का मजा दोगुना भी हो जाएगा.

पोर्न मूवीज या टौय इस्तेमाल करना

सैक्स के दौरान कई लोगों को लगता है कि पोर्न मूवीज, वीडियो या फिर प्लास्टिक या रबर के टौय से मजा चरम पर पहुंचेगा. ऐसा सोचना या ऐसा करना गलत है. हालांकि टौयज का लव मेकिंग में खास महत्त्व है, लेकिन उन पर निर्भर होना खतरनाक हो सकता है. प्लेजर के लिए बाहरी सोर्स आप को कम मजा देंगे क्योंकि यह तो आप भी नहीं चाहेंगे कि आप के पार्टनर को आप के बजाय किसी सैक्स टौय से प्लेजर मिले.

कपल्स को अपने पार्टनर को सैटिस्फाई करने के लिए बाहरी चीजों के बजाय अपनी बौडी की मदद लेनी चाहिए. सैक्स टौयज को महज स्पाइस के तौर पर इस्तेमाल करें.

और्गेज्म के बारे में गलतफहमी

फीमेल पार्टनर को सैक्स से सैटिस्फाई न कर पाना, कई मेल पार्टनर्स को अपनी तौहीन लगती है, लेकिन उन को सम झने की जरूरत है कि ज्यादातर औरतें सिंपल या नौर्मल सैक्स से और्गेज्म हासिल नहीं कर पाती हैं. अगर पुरुष यह बात सम झ लें तो उन का यह प्रैशर जरूर कम हो जाएगा. अगर स्त्री और्गेज्म तक नहीं पहुंचती है, तो इस से परेशान होने की जरूरत नहीं है. इस के बजाय पुरुष को बड़ी चतुराई के साथ स्त्री को डाउन पोस्चर में ला कर सैटिस्फाई करना चाहिए.

एकसाथ फिनिश करने की कोशिश

पार्टनर्स की एकसाथ फिनिश करने की कोशिश जैसी बातें हवाहवाई हैं. ऐसा होता नहीं है. इस के बजाय एक पार्टनर को पहले सैटिस्फाई करने की कोशिश होनी चहिए. इस में फीमेल पार्टनर पहले सैटिस्फाई हो तो बेहतर. ऐसे में दोनों को खूब मजा आएगा.

हर बार सैट रूटीन से चलना

अगर आप की सारी कसरत कपड़े उतारने और ‘प्लग’ को ‘सौकेट’ में फिट करने की कुछ मिनट की मेहनत तक है, तो यह काफी बासी और सैट रूटीन है. ऐसे में आप की लव मेकिंग चाहे कितनी भी फैंटास्टिक हो कुछ सालों के बाद बोरिंग हो ही जाती है, जिस का आप के रिश्ते पर भी असर पड़ सकता है. आप की लव लाइफ को बचाने का तरीका नए आइडियाज में छिपा है. अगर आप नए टिप्स और नई तकनीकें अपनाते हैं, तो इसे दोनों ऐंजौय करेंगे और आप हर बार प्यार में खो जाना चाहेंगे.

बेमतलब की बातें करना

अगर आप बिस्तर पर रोजाना लड़ाई झगड़े की या नैगेटिव बातें करेंगे, तो उस समय हो सकता है कि आप का मूड सैक्स से हट कर फ्यूचर प्लानिंग या लड़ाई झगड़े की बातें सुनने में रह जाए. अगर ऐसा कुछ करना हो तो बिस्तर

पर जाने के करीब 1 घंटा पहले कर लें. इस के लिए दोनों को यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए. दोनों पार्टनर्स की यही कोशिश हो कि वे एकदूसरे के मूड को स्पाइसअप करें और दोनों को चिल रखें, ताकि आप के बीच का प्यार बढ़ता

मेरी शादी होने वाली है शादी के बाद ससुराल में मेरी लाइफ कैसी रहेगी इसको लेकर मुझे चिंता हो रही है.

सवाल

मैं 25 साल की हूं और जल्द ही मेरी शादी होने वाली है. शादी के बाद ससुराल में मेरी जिंदगी कैसी होगी, यह सवाल मुझे बहुत परेशान करता है. ऊपर से खुश हूं लेकिन अंदर ही अंदर यह डर खाए जा रहा है. इस तनाव को कैसे दूर करूं?

जवाब

शादी के बाद विशेषकर एक लड़की की जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है. नई जिम्मेदारियों का खयाल अकसर तनाव का कारण बनता है. लेकिन यह आप को मानसिक रूप के साथसाथ शारीरिक रूप से भी बीमार कर सकता है. शादी जैसे माहौल में विशेषकर दूल्हादुलहन का पौजिटिव रहना बेहद जरूरी है. इस के लिए सब से पहले खुद को इन सब सवालों से मुक्त कर दें. रोज हैल्दी नाश्ता करें क्योंकि यह आप को पूरे दिन ऐक्टिव रहने में मदद करता है. फाइबर, हरी सब्जियां, फलों और ड्राई फ्रूट्स का सेवन अवश्य करें. दिनभर ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं. दोस्तों के साथ समय बिताएं और हंसीमजाक में शामिल हों. इस से आप को तनाव से मुक्ति मिलेगी.

ये भी पढे़ं..

जल्द ही मेरा निकाह होने वाला है. घर में तरहतरह के लोग आ कर मुझे तरहतरह की सीख दे कर जाते हैं. यह माहौल मेरे तनाव का कारण बन गया है. इस कारण मैं अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकलती हूं, तो मम्मी चिल्लाने लगती हैं. मैं ये सब बातें और बरदाश्त नहीं कर सकती. इस तनाव को कैसे दूर करूं?

आप का परेशान होना स्वभाविक है लेकिन यदि आप अपने परिवार वालों के सामने अपनी बात रखेंगी तो वे इसे जरूर समझेंगे. उन्हें बताएं कि कैसे लोगों की बातें आप को परेशान कर रही हैं. वे कोई न कोई हल जरूर निकालेंगे. इस के अलावा आप लोगों की बातों से बचने के लिए काम का बहाना बना सकती हैं. यदि कोई अच्छी सीख दे रहा है तो अवश्य लें लेकिन यदि आप को लगता है कि इस से आप सिर्फ तनावग्रस्त हो रही हैं तो उन्हें प्यार से यह बात समझएं. तनाव से बचने के लिए दिनभर अच्छी गतिविधियों में शामिल हों. अच्छा खाएं, अच्छा पीएं. सुबह उठ कर व्यायाम करें.

डाक्टर गौरव गुप्ता
साइकोलौजिस्ट, डाइरैक्टर,
तुलसी हैल्थकेयर

पाठक अपनी समस्याएं इस पते पर भेजें : गृहशोभा, ई-8, रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली-110055.
व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या 9650966493 पर भेजें.

 

मैं अपने बूढ़े पिता की देखभाल नहीं कर सकता, क्या उन्हें किसी वृद्धाश्रम में रख सकते हैं?

सवाल

मैं 42 वर्षीय हूं. 1 बेटा है जो होस्टल में रह कर पढ़ाई करता है. मैं और मेरी पत्नी दोनों कामकाजी हैं. समस्या वृद्ध पिता को ले कर है. वे चलनेफिरने में लाचार हैं और उन की विशेष देखभाल करनी पड़ती है. समय की कमी की वजह से हम उन की उचित देखभाल नहीं कर पा रहे. क्या उन्हें किसी वृद्धाश्रम में रख सकते हैं? किसी वृद्धाश्रम की जानकारी मिले तो हमारा काम आसान हो जाएगा?

जवाब

बेहतर यही होगा कि आप अपने वृद्ध पिता की देखभाल के लिए दिन में कोई केयर टेकर रख लें. इस अवस्था में वृद्धों को सिर्फ आर्थिक ही नहीं शारीरिक व मानसिक रूप से भी अपनों का साथ पसंद होता है. फिर सुबहशाम और छुट्टी के दिन तो उन्हें आप का साथ मिल ही रहा है. इस से वे बोर भी नहीं होंगे और उचित देखभाल की वजह से स्वस्थ भी रहेंगे.

ये भी पढ़े…

सवाल
मैं 26 साल की हूं. विवाह को डेढ़ साल हुए हैं. परिवार संयुक्त और बड़ा है. यों तो सभी एकदूसरे का खयाल रखते हैं पर बड़ी समस्या वैवाहिक जीवन जीने को ले कर है. सासससुर पुराने खयालात वाले हैं, जिस वजह से घर में इतना परदा है कि 9-10 दिन में पति से सिर्फ हांहूं में भी बात हो जाए तो काफी है. रात को भी हम खुल कर सैक्स का आनंद नहीं उठा पाते. कभीकभी मन बहुत बेचैन हो जाता है. दूसरी जगह घर भी नहीं ले सकते. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

सैक्स संबंध हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है. स्वस्थ व जोशीली सैक्स लाइफ हमारे संबंधों को मजबूत बनाती है एवं जीवन को खुशियों से भरती है. संयुक्त परिवारों में जानबूझ कर औरतों को दबाने के लिए उन्हें पति से दूर रखा जाता है और वे पति के साथ खुल कर सैक्स ऐंजौय नहीं कर पातीं. इस के लिए आप को पति से खुल कर बात करनी होगी. सिर्फ आप ही नहीं आप के पति भी आप की चाह रखते होंगे.

बेहतर होगा कि इस के लिए कभी किसी रिश्तेदार के या कभी मायके जाने के बहाने पति के साथ बाहर घूमने जाएं. इस तरह के संबंधों को तो झेलना ही होता है. कोई उपाय नहीं मिलता.

पाठक अपनी समस्याएं इस पते पर भेजें : गृहशोभाई-8, रानी झांसी  मार्गनई दिल्ली-110055.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या 9650966493 पर भेजें. 

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें