जानें महिलाओं में होने वाले 10 यौन रोगों के बारे में

महिलाओं में यौन रोग होना कोई नई बात नहीं महिलाओं  में यौन  रोग  पुरुषों की तुलना में अधिक होने की संभावना होती है. यौन रोगों के संक्रमण, विशेष रूप से जननांग  में खुजली या यू टी आई, बदबू,सफेद दाग, फंगस इंफेक्शन आदि महिलाओं में आम  यौन संचारित रोग (  एसटीडी ) है.

कारण 

यौन  रोग का मुख्य कारण असुरक्षित यौनसंपर्क और जानकारी का अभाव ,इंजेक्शन व स्तनपान आदि हैं .  इसके अलावा सेक्स से संबंधित  कई बातें हैं जो इन रोगों को जन्म देती है. आइए जानते हैं वे कौन कौन सी बिमारियां हैं.

1. क्लैमिडिया 

महिलाओं में क्लैमिडिया रोग, क्लैमिडिया ट्रैकोमेटिस नामक जीवाणु से होता है.इसके लक्षण हैं-

  • पेशाब के दौरान दर्द
  • निचले पेट में दर्द
  • वैजाइना डिस्चार्ज
  • दर्दनाक संभोग
  • मासिक धर्म चक्रों के बीच रक्तस्राव

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2. गोनोरिया 

यह रोग बैक्टीरिया से होता है. जो कि शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. जिसकी वजह से गला, यरिनल ट्रैक, वैजाइना आदि संक्रमित हो जाते हैं. इसके मुख्य लक्षण  हैं

  • वैजाइना से ब्लड डिस्चार्ज
  • यूरिनेशन में दर्द
  • लंबे समय तक रक्त स्त्राव
  • वैजाइना और एनस में खुजली

3. स्कैबीज 

यह रोग यौन संबंधों या एक दूसरे के संपर्क के कारण  या  संक्रमित  व्यक्ति के कपड़े या बिस्तर का प्रयोग करने से भी फैलता है. इसके मुख्य लक्षण  हैं–

  • कलाइयों, उंगलियों के बीच दाने और खुजली
  • गुप्तांगों के आस-पास मुंहासे जैसे खुजली वाले दाने

4. सिफि़लिस 

इस संक्रमण का कारण ट्रेपेनेमा पैलिडम सिफलिस वायरस है.  महिलाओं में यह संक्रमण जननांग के बाहरी हिस्से, सर्विक्स और गुदा पर होता हैं.इसके लक्षण  हैं

  • चकत्ते
  • मुंह, एनस या वैजाइना में सूजन
  • बाद के चरणों में, यह नर्वज़ और अंगों को हानि

5. जेनिटल वार्ट्स 

महिलाओं में आमतौर पर पाए जाना वाला यह रोग एचपीवी यानी  ह्यूमन पेपिलोमा वायरस है. इस रोग में महिला के जननांगों पर मस्से हो जाते है. जो कि त्‍वचा के रंग के ही होते हैं. इनमें खुजली रहती है लेकिन छूने पर दर्द नहीं होता.एचपीवी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का रूप ले सकता है.इनके लक्षण है –

  • वैजाइना के ऊपरी या अंदर, सर्विक्स और एनस पर दाने
  • या पीरियड के समय दर्द
  • खुजली
  • सेक्स के समयरक्त स्त्राव

5. जेनिटल हर्पीज 

इस रोग में संक्रमण  छालों या फफोलों की तरह दिखता हैं. इस संक्रमण से ग्रसित महिला को दौर में बुखार थकान पीठ के निचले हिस्से में दर्द,  सूजन  होता है. लक्षण शामिल हैं-

  • गुदा, जननांग और अन्य क्षेत्रों में छोटे लाल दाने या छाले
  • जननांग क्षेत्र, जांघों और नितंबों के आसपास खुजली या दर्द

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6. बैक्टीरियल वेजिनोसिस 

जब महिला के वैजाइना में जीवाणु बढ़ने लगते हैं तो बैक्टीरियल वेजिनोसिस की समस्‍या होती है. आमतौर पर इस रोग से ग्रसित  महिला में कोई लक्षण नज़र नहीं आते क्योंकि  इस तरह के जीवाणुओं के बढ़ने से कोई नुकसान नहीं होता. इस के लक्षण हैं-

  • योनि से सफेद या पीला स्राव
  • तेज बदबू,
  • यूरीनेशन में दर्द,
  • वैजाइना के बाहरी भाग में खुजली, लाली और सूजन

7. कैन्डिडा 

यह एक यीस्ट संक्रमण  हैं . इस संक्रमण में भी शुरू में कोई लक्षण नज़र नहीं आते. इस के लक्षण हैं-

  • वैजाइना के आस-पास जलन,
  • खुजली, रैश और सूजन,
  • योनि से गाढ़ा और बदबू स्राव
  • यूरीन या सेक्‍स करते समय दर्द

8. वाटर वाटर्स 

यह  संक्रमण वायरस से होता हैं और त्‍वचा पर बुरा असर डालता है. इसके लक्षण हैं

  • पानी से भरे फफोले जननांगों, गुदा, जांघों और धड़ पर

9. एक्टोपैरासिटिक 

यह संक्रमण  छोटे परजीवी कीड़े या जूँ के कारण होते हैं. ये बालों या त्वचा को प्रभावित करते हैं. इसके लक्षण है-

  • तीव्र खुजली और शरीर पर नजर आने वाले चकत्ते

10. इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (एचआईवी) 

एड्स का कारण बनने वाला वायरस एचआईवी कहलाता है. यह रक्त, वैजाइना , स्तन के दूध के माध्यम से फैल सकता है. इसके लक्षण  हैं,

  • हल्काबुखार
  • थकान
  • मांसपेशी में दर्द
  • वजन घटना

सीनियर कंसलटेंट एंड गाइनो ,मालती सक्सेना, मानसी नर्सिंग होम से बातचीत पर आधारित..

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