क्या आप भी बैठेबैठे हिलाते हैं पैर? अगर हां तो हो जाएं सावधान!

अक्सर हम देखते है की कुछ लोगों में जाने अनजाने ऐसी बहुत सी आदतें है जो अपने आप devlope हो जाती हैं और उनके डेली लाइफ का हिस्सा बन जाती हैं. जैसे नाखून चबाना, कुर्सी पर झूलना, कंधे उचकाना, बार-बार पलकें झपकाना या बैठे-बैठे पैर हिलाना. actually आम तौर पर लोग इसे सामान्य आदत के रूप में लेते हैं. लेकिन यह सिर्फ एक आदत नहीं बल्कि एक बीमारी है और इस बारे में लोगों को जानकारी ही नहीं है.

अक्सर आप लोगों ने देखा होगा की कुछ लोग सोफे पर, बिस्तर पर या कुर्सी पर बैठे-बैठे अपने पैरों को हिलाते रहते हैं. और आपने ये भी गौर किया होगा की जब हम नाखून चबाते है या पैर हिलाते है तो अक्सर हमारे बुजुर्ग लोग हमे टोकते हैं और हम सोचते हैं की ‘मेरे पैर हिलाने से उन्हें क्या परेशानी है’. दरअसल ऐसी बहुत सी चीज़े हैं जो हम करते हैं पर हमारे बड़े बुजुर्ग हमें वो चीज़ें करने से रोकते हैं.आज हम आपको बताएँगे की आखिर ऐसा क्यूँ होता है.

दरअसल .वैदिक काल में हमारे पूर्वजों ने कुछ ऐसे नियम बनाये थे जिसका पालन करके हम स्वस्थ और सुखी जीवन जी सकते हैं.ये बाते सही प्रूफ होने पर ये नियम एक परंपरा में बदल गए. पर ये तो हम भी जानते हैं की कोई भी चीज़ ऐसे ही परंपरा नहीं बन जाती हैं.सभी परम्पराओं के पीछे कोई ठोस और scientific रीज़न छिपे हुए होते हैं.

ऐसा ही एक scientific रीज़न हैं पैर हिलाने के पीछे. .विशेषज्ञ इसे बीमारी का संकेत मानते हैं. अगर आपमें भी बैठे-बैठे पैर हिलाने की आदत है तो हो सकता है की आप इस बीमारी के शिकार हो.इस बीमारी को ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ के नाम से जाना जाता है.

क्या है ये बीमारी?

बेवजह पैर हिलाने की आदत को मेडिकल साइंस में ‘ रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ (RLS ) (RLS ) ’ कहते है. इस बीमारी पर बोस्‍टन के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल शोध किया गया . शोध में यह पाया गया की ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ यानी (RLS ) नर्वस सिस्टम से जुड़ा रोग है. या तो यूँ कहे की ये सीधे तौर पर नींद कम आने की समस्या से जुड़ा हुआ है. इसे स्लीप डिसऑर्डर भी कहते हैं.

नींद पूरी न होने पर वह थका हुआ महसूस करता है. पैर हिलाने पर व्यक्ति में डोपामाइन हार्मोन स्त्रावित होने के कारण मनुष्य को अच्छा अनुभव होने लगता है और उसे बार-बार पैर हिलाने का मन होता है.

इसके प्रमुख डाक्टर जान डब्ल्यू विंकलमैन के मुताबिक , ‘ रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (RLS ) से पीडि़त लोगों में हार्ट अटैक का खतरा दोगुना तक बढ़ जाता है.क्योंकि RLS से पीडि़त व्यक्ति नींद आने से पहले 200 से अधिक बार अपना पैर हिला चुका होता है. इससे व्यक्ति का ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट काफी बढ़ जाती हैं.धीरे धीरे आगे चलकर यह दिल की बीमारियों यानी कार्डियोवस्कुलर डिजीज की सबसे बड़ी वजह बन जाती है.’

उन्होंने 68 साल की औसत उम्र वाले 3400 लोगों पर शोध करने के बाद इस बात की पुष्टि की.शोध के दौरान 7% महिलाओं व 3% पुरुषों में RLS और दिल की बीमारियों में सीधा संबंध मिला. इतना ही नहीं, RLS लक्षणों को जब उम्र, वजन, ब्लड प्रेशर और धूम्रपान जैसे दूसरे कारणों से जोड़ा गया तो पता चला कि पैर हिलाने की मामूली सी लगने वाली ये आदत दरअसल हार्ट अटैक के खतरे को दोगुना तक बढ़ा देती है.

किन व्यक्तियों में ये बीमारी पायी जाती है?

अध्यनों में ये बात प्रूफ हुई है की 25 % लोगों में ये समस्या आम तौर पर होती है. इसके ज्यादातर लक्षण 25 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में पाए जाते हैं. इस बीमारी के और भी कारन हो सकते है जैसे-
– जो लोग किसी तनाव के कारण पूरी नींद नहीं ले पाते वह इस बीमारी का शिकार होते हैं.
– देर रात तक काम करने वालों को अत्यधिक थकान होने के कारण भी ये बीमारी हो सकती है.

– महिलाओं में यह समस्या पीरियड्स या प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले हारमोनल बदलाव के कारण होती है.

-वजन का ज्यादा होना, व्यायाम ना करना, शराब और सिगरेट का अत्यधिक सेवन करना भी इसके मुख्य कारण हैं.

– पार्किंसस और किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीज में भी इसके लक्षण पाए जाते हैं.
– शरीर में आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन बी12 आदि पोषक तत्वों की कमी भी इस बीमारी का कारन हो सकती हैं. इसके अलावा डिप्रेशन या एलर्जी की दवाई लगातार खाने से भी रेस्टलेस लेग सिंड्रोम की समस्या हो सकती है.

क्या है इस बीमारी का इलाज़?

इस बीमारी से खुद को निजात दिलाने के लिए आप नीचे लिखे तरीके अपना सकते हैं.

1-अपने भोजन में आयरन युक्त चीजों को शामिल करें. जैसे सरसों का साग, पालक, केला, चुकंदर इत्यादि.

2-शराब या सिगरेट का सेवन बंद कर दे या इसका सेवन कम कर दें.

3-कम से कम 7 या 8 घंटे की अच्छी नींद जरूर लें.

4-कैफीन युक्त पेय पदार्थों जैसे कॉफ़ी ,चाय इत्यादि का सेवन अधिक न करे और रात में सोने से पहले तो बिलकुल भी नहीं.

5-हल्के गुनगुने पानी में नहाने से भी इस समस्या को काफी हद तक टाला जा सकता है.

6-ज्यादा से ज्यादा फलों और सब्जियों का सेवन करें.

7-पैरों की अच्छे से मसाज करने पर भी इस समस्या से निजात पाई जा सकती है.

8-रोजाना व्यायाम जरूर करें और प्रतिदिन medium स्पीड से पैदल चले.

9-सोने के पहले अपने घुटने के नीचे की, जांघों की और कूल्हों की माँसपेशियों को स्ट्रेच करें, इससे लाभ होगा.

10-कुछ खास व्यायाम जैसे हॉट ऐंड कोल्ड बाथ, वाइब्रेटिंग पैड पर पैर रखने से भी राहत मिलती है.
अगर आपको ज्यादा परेशानी हो तो डॉक्टर की सलाह लें.

इस लेख के माध्यान से मेरा सिर्फ आपसे ये कहना है की कोई भी चीज छोटी नहीं होती है.इसलिए आवश्यक है कि अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए इन छोटी सी दिखने वाली चीजों पर ध्यान दें, जिससे आगे चलकर आपको किसी बड़ी परेशानियों का सामना न करना पड़े.

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