बेटियों को बेटों की तरह करें परवरिश – शारुल चन्ना

 शारुल चन्ना (स्टैंड अप कॉमेडियन )

बचपन से कुछ अलग करने की इच्छा रखने वाली स्टैंड अप कॉमेडियन शारुल चन्ना इंडियन बोर्न है और अभी सिंगापुर में रहती हैं. शारुल को हमेशा कुछ गलत बातें जो समाज में होती रहती है उन्हें ह्यूमर में कहना पसंद है और इसे वह अपनी इस क्रिएटिव तरीके से सबके सामने रखती हैं. अभी उन्होंने ऍम आई ओल्ड एक कोमेडिक मोनोलोग, जिसे उन्होंने लिखा और परफॉर्म भी किया है, जिसे लोगों की काफी प्रसंशा मिल रही है. कॉमेडी शारुल चन्ना के जीवन का सबसे बेहतरीन अंग है, जिसे उनके पति भी तराशने में सहयोग देते है, क्योंकि वे भी इसी क्षेत्र से जुड़े है. उन्हें जब भी मौका मिलता है. इंडिया आकर स्टैंड अप कॉमेडी करती है. उनकी जर्नी के बारें में बात हुई, पेश है कुछ अंश.

सवाल-ऍम आई ओल्डकोमेडिक मोनोलोग को करने की वजह क्या रही?

असल में भारत में व्यस्क लोगों की संख्या बहुत बढ़ चुकी है और उन्हें सम्हालना मुश्किल हो रहा है, जिन बच्चों ने शादियाँ नहीं की है, वे ही अपने माता-पिता का ध्यान रखते है, ऐसा करते-करते  उनके माता-पिता के गुजर जाने के बाद बच्चे भी व्यस्क हो जाते है. इस मोनोलोग में यह कहने की कोशिश की गयी है कि उम्र होने पर भी आप कैसे अपने आपको सम्हाल सकते है. कैसे परिवार के बारें में सोच सकते है आदि. असल में बच्चों पर माता-पिता बहुत प्रेशर डालते है कि वे उनकी देखभाल करें और उस बच्चे पर वित्तीय भार भी अधिक बढ़ जाता है. इसे ही कॉमेडी में दिखाया गया है.

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सवाल-कॉमेडी में आने की प्रेरणा कहाँ से मिली?

हमारे समाज में लड़कियों को हमेशा उठने बैठने के लिए नसीहत दी जाती है, जबकि लड़कों को नहीं. उन्हें किसी के साथ मजाक करने की आज़ादी नहीं होती है, जो मुझे पसंद नहीं थी. मेरे पिता पहले भारत में थे, जॉब मिलने से सिंगापुर आ गए फिर हम सब आ गये थे. मेरे पिता शेफ है,इसलिए वह घर में खाना बनाते थे और मेरी माँ बाहर पढ़ाने जाती थी. हम तीनों बेटियों को खुद काम कर सेटल होने को कहा गया था, ऐसे में मुझे काम करना पड़ा. मैंने कई जगहों पर थिएटर में काम किया, और सबने मेरे काम की तारीफ की, जिससे मुझे इस फील्ड में काम करने में मजा आने लगा.

सवाल- क्या किसी कॉमेडियन को फोलो किया ?

मैं पाकिस्तानी कलाकार उमर शरीफ से काफी प्रभावित थी, उनकी राइटिंग मुझे बहुत प्रभावित करती थी. इसके अलावा राजू श्रीवास्तव की कॉमेडी भी मुझे बहुत पसंद है.

सवाल- कॉमेडी में सही टाइमिंग को कैसे बनाये रखती है?

कॉमेडी में टाइमिंग और पंच लाइन सबसे अधिक सही होने की जरुरत होती है. कॉमेडी ट्रेजीडी से आती है. कॉमेडी में हर चीजों को अपने स्तर पर एडजस्ट करने की जरुरत पड़ती है, मसलन भारत में माहौल अलग होता है, जबकि सिंगापुर का माहौल अलग होता है. इसके लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ती है. ट्रेजीडी को कॉमेडी में बदलना भी माहौल के हिसाब से आ जाता है. पिछले 9 साल से मैं कॉमेडी के क्षेत्र में हूँ जबकि थिएटर मैं 15 साल से कर रही हूँ. ये कॉलेज से पहले से ही रहा है.

सवाल- किसी को हसाना कितना मुश्किल है?

भारत में महिला कॉमेडियन के लिए किसी को हँसाना बहुत आधिक मुश्किल है, क्योंकि वहां के लोग महिलाओं को सम्मान कम देती है. समाज में अभी भी बहुत कम सम्मान है, इसलिए जब वे महिलाओं को स्टेज पर देखते है तो बौखला जाते है. अजीब बातें सुननी पड़ती है, लेकिन अगर आपने मेहनत कर कॉमेडी को आगे लायी है, तो लोग भूल जायेंगे कि महिला कॉमेडियन सबको हंसा रही है.

सवाल-कॉमेडी में द्विअर्थी शब्दों का प्रयोग न हो इसका ख्याल कितना रख पाती है?

मेरे हिसाब से गलियां देना या किसी को भला-बुरा कहना एक साधारण सा एक्सप्रेशन है. जोक अगर आपने ठीक से नहीं लिखा है, तो वह वल्गर लगेगा. कई कॉमेडियन इसके लिए अभद्र शब्दों का व्यवहार कर लोगों को हंसाने की कोशिश करते है, जो कभी सुनने में अच्छा नहीं लगता. अच्छी लिखावट इसमें बहुत जरुरी है. मैं खुलकर बात करती हूँ और अच्छी जोक्स लिखती हूँ. इससे कोई गलत शब्द नहीं निकलता.

सवाल-आपकी खास शो जिसके लिए आप भारत में जानी जाती है?

वैसे तो मेरा परफोर्मेंस का तरीका बाक़ी कॉमेडियन से अलग होता है,जिसे कई लोगों को समस्या होती है. मेरा अधिकतर कॉमेडी समाज में महिलाओं की दशा को लेकर होती है. Potty Mouth by Shrul Channa (बड़बोली शारुल चन्ना) मेरा सबसे प्रसिद्ध शो रहा जिसे मैंने मुम्बई, चेन्नई, दिल्ली आदि शहरों में परफॉर्म किया था.

सवाल-कॉमेडी करते वक्त कोई आहत न हो, इसका ख्याल कितना रख पाती है?

मैं किसी ख़ास व्यक्ति के उपर कॉमेडी नहीं करती. राजनीति पर भी हाथ नहीं लगाती, क्योंकि अगर आप राजनीति से जुड़े कुछ कॉमेडी करते है तो उसे अच्छी तरह समझने की जरुरत होती है. जिस बात को आप समझते नहीं ऐसी किसी भी विषय को मैं नहीं छूती.

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सवाल- जीवन में हँसना कितना जरुरी है?

जीवन में हँसना बहुत जरुरी है, अभी जिस हालात से हम सभी गुजर रहे है, ऐसे में सबको खुश रहने और हंसने की आवश्यकता है, इससे तनाव कम होगा. किसी ख़राब परिस्थिति को भी हल्के तरीके से देखने की जरुरत है. तभी आप खुश रह सकते है.

सवाल-परिवार का सहयोग कितना रहता है?

मेरे माता-पिता मेरे काम से बहुत गर्व महसूस करते है. वे यहाँ सिंगापुर में रहते है. मिडिल क्लास वैल्यू के तहत हम सब काम कर रहे है. इससे वे बहुत खुश है. मेरे पति भी स्टैंडअप कॉमेडियन है और मेरे काम को समझते है और सहयोग देते है. मुश्किल हम दोनों में ये है कि हम कभी सीरियस बात कर ही नहीं सकते. दोनों के बीच में हंसी मजाक चलता है. बच्चे नहीं है, क्योंकि उनपर बहुत खर्चा होता है और शोर मचाते है, इसलिए मेरे पास एक पप्पी है, जिसका नाम बबल है.

सवाल-गृहशोभा के ज़रिये क्या मेसेज देना चाहती है?

अपनी बेटियों को बेटो की तरह परवरिश करें. आप कितनी भी उम्र की हो अपनी हॉबी को करें. आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करें. पति चाहे कितना भी अच्छा हो उस पर डिपेंड न हो. खुश रहने की कोशिश करें.

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