सिएटल: यह शहर है बेमिसाल

आज मैं पाठकों को अमेरिका के वाशिंगटन राज्य के अपने प्रिय नगर सिएटल से परिचय करवाने जा रही हूं. सिएटल नगरी उत्तरी अमेरिका के पैसिफिक उत्तर पश्चिम प्रदेश में कनाडा और अमेरिका की सीमा के निकट, वाशिंगटन राज्य में प्रशांत महासागर के इनलेट पुजीट साउंड के किनारे स्थित है. सिएटल एक आधुनिक सुंदर पोर्ट सिटी है. पैसिफिक उत्तर पश्चिम प्रदेश के पहाड़ी इलाके, मनोहर ?ालें, बर्फ से घिरा माउंट रेनियर, कास्केड माउंटेन रेंज, ओलिंपिक माउंटेंस, रेन फौरैस्ट आदि अपने नैसर्गिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध हैं.

सदाबहार शहर

प्यार से सिएटल को डिजिटल सिटी (आईटी टैक्नोलौजी), जेट सिटी (बोइंग विमान कारखाना), ऐमराल्ड सिटी (सदाबहार हरे वृक्ष) इत्यादि नामों से भी जाना जाता है. पिछले 30 सालों में इस शहर में बहुत बदलाव आया है.

ग्रेटर सिएटल का अमेरिका में अब प्रथम स्थान है जहां साइंस, टैक्नोलौजी, इंजीनियरिंग आदि में कुशल लोगों को नौकरियां उपलब्ध हैं. माइक्रोसौफ्ट, अमेजन, ऐक्सपीडिया, फेसबुक (मेटा), गूगल, ऐप्पल, स्टारबक कौफी, बोइंग इत्यादि ग्लोबल कंपनियों, बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन जैसे चैरिटीज के कारोबार सिएटल और उस के उपनगरों से चलते हैं.

पूरी दुनिया के लोग इन कंपनियों में काम करने आते हैं. इन सारी कंपनियों में करीब 1 लाख प्रतिभाशाली भारतीय ऊंचे वेतन पर काम करते हैं. सिएटल की ‘यूनिवर्सिटी औफ वाशिंगटन’ अपने शिक्षा के स्तर तथा बायोलौजिकल विज्ञान विषयों के उत्तम संशोधन के लिए प्रसिद्ध है.

ग्रेटर सिएटल में अनेक भारतीयों की किराने की दुकानों के साथसाथ वहां भारतीय भोजनालय और संस्थाए भी हैं. भारतीय खाद्यपदार्थ सारे शहरवासियों में लोकप्रिय हैं.

ग्रेटर सिएटल रहने के लिए महंगा है. यहां भिन्नभिन्न जातियों, धर्मों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं. शहरवासी प्रगतिशील विचारों के साथसाथ स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक नागरिक हैं.

सब लोग अलगअलग संस्कृति के होते हुए भी दूसरी संस्कृति के लोगों के साथ शांतिपूर्वक रहते हैं. एकदूसरे की मदद करते हैं. यहां चेरी ब्लौसम, ट्यूलिप फैस्टिवल जैसे अनेक उत्सव मनाए जाते हैं.

मैं इस शहर में कई सालों से रह रही हूं. मु?ो सिएटल में रहने में कोई परेशानी नहीं हुई. अपनी जन्मभूमि छोड़ क र अमेरिका को कर्मभूमि बना कर रहना है तो थोड़ा समायोजन करना जरूरी है. मु?ो इस सुंदर नगर से प्यार है. बाहर से आने वालों के लिए शहर के स्पेस नीडल, पाइकप्लेस मार्केट, म्यूजियम औफ फ्लाइट्स इत्यादि स्थान लोकप्रिय हैं. यहां के नैसर्गिक सौंदर्य का रहस्य, उस का भौगोलिक स्थान, उत्तम तापमान, शरद से वसंत ऋतु तक चलने वाली हलकी रिम?िम बारिश और ज्वालामुखीय उपजाऊ जमीन की वजह से ही सिएटल में वसंत की बरात सजती है.

प्रकृति का चमत्कार

वसंत के बराती तो असंख्य हैं. रंगीन, शानदार वस्त्र पहने बरातियों का आना लगातार चलता रहता है. पौधों, लताओं, छोटे और विशाल वृक्षों पर नए नन्हें पत्ते खिलते हैं. कभी रंगीन, चमकीले और विविध रंगरूप के फूलपत्तों के पहले खिलते हैं तो कभी पत्तों के बाद. ये फूल कभी डालियों पर ?ामकों की तरह लटक कर ?ालते हैं तो कुछ सीधे पेड़ के तनों पर ही खिलते हैं. मैं सम?ाती थी रंग 7 प्रकार के होते हैं, लेकिन इन फूलों ने सिखाया है कि सातों रंगों की छटाएं अनगणित हैं. इन छटाओं से अनगिनत, अप्रतिम और विस्मयकारी रूप बन सकते हैं. प्रकृति के इस चमत्कार से मैं हैरान हूं.

वसंत की बरात मेक्राकसेस के बाद

ट्यूलिप और डैफोडिल्स के फूल आते हैं. उन के पीछेपीछे हयासिंथ्स, मस्कारी, कमेलिया आते हैं. हयासिंथ की मीठी खूशबू वातावरण को सुगंधित कर देती है.

खुशी के गीत गाती रंगीन तितलियां, मधुमक्खियां बरात के स्वागत में नृत्य करने लगती हैं. हमिंग बर्ड्स, रौबिनस, ब्लू जे इत्यादि पक्षियों की हलचल नजर में आने लगती है. गोल्डन रेन वृक्ष, गोल्डन चेन वृक्ष, अमरथ पेड़ वगैरह गोल्डन रंग के फूलों से सज कर मुसकराने लगते हैं.

डैफोडिल्स ट्यूलिप्स

बरात में अब चेरी, प्लम इत्यादि की बारी है. ये वृक्ष अपने सारे आभूषण पहन कर बरात में शामिल होते हैं. ये सारे वृक्ष गुलाबी या सफेद रंगों के फूलों से इतने ढक जाते हैं कि पूछो मत. पूरा शहर मानो गुलाबी दुपट्टे में लिपट गया हो. जहां देखो वहां चेरी के वृक्षों की मनोरम बहार नजर आती है. यह नजारा देख कर मेरा मन चाहता है कि मैं इन सभी वृक्षों को गले लगाऊं. यह नजारा आंखों से हटा भी नहीं था कि अपनी मीठी खुशबू के साथ परपल, गुलाबी, सफेद रंगों के फूलों से सज कर बरात आगे बढ़ाते हैं.

अब आ रहे हैं डांगवूड्स, मंगनोलिया और रोडहिडेनड्रांस. इन तीनों फूलों से भरे वृक्षों का सौंदर्य मनमोहक होता है. अब तक आप का बहुत से बडे़ बरातियों से परिचय हुआ. लेकिन धरती पर उतना ही रंगीन नजारा दिखाई देता है. नन्हेनन्हे रंगबिरंगे फूलों पियोनिया, आइरिस, ब्लूबेल्स, कोलंबाइन इत्यादि का जो बरात में शामिल हो कर उस की शोभा बढ़ाते हैं.

फूलों के रंग के साथसाथ उन की खुशबू भी विविधतापूर्ण होती है. कभी मीठी, कभी लैमनी, कभी इलायची जैसी कभी अजवाइन की तरह तो कभी मजेदार स्पाइसी.

प्रकृति की खासीयत

डांगवूड्स के फूल जब खिलने लगते हैं तो सम?ा जाइए कि वसंत की पूर्ण बरात आ पहुंची है. सिएटल की खासीयत यह है कि ग्रीष्म काल में भी वसंतोत्सव जारी रहता है. आइरिस, गुलाब, जैसमिन, ग्लैडियोलस, डहेलिया आदि फूल ग्रीष्मकाल में वसंत का एहसास दिलाते हैं.

यहां की एक खास बात है कि यहां बहुत तरह के नीले रंग के फूल देखने को मिलते हैं. वसंत के आते ही सिएटल में धूप, छांव, बादल, बारिश का आंखमिचौली का खेल शुरू होता है. आकाश में धूप और बारिश एकसाथ होते हैं.

नागरिकों की जिम्मेदारी

अचानक कहीं मनोहर इंद्रधनुष चमकने लगता है. कभीकभी 2 इंद्रधनुष एकसाथ दिखाई देते हैं. सिएटल के वसंत की यह रंगीन बरात हर साल मेरे मनमयूर को आनंदित कर जाती है. प्रकृति का यह करिश्मा हर साल नजर आता है. कैसी विस्मयकारी है यह सृष्टि. इस का पूर्णरूप से संरक्षण करना दुनिया के सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है ताकि आने वाली पीढि़यां भी सृष्टि के सौंदर्य का आनंद ले सकें

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