कोरोना में बतौर नर्स काम कर चुकी हैं ये एक्ट्रेस, पढ़ें खबर

ज  ब प्रशिक्षित डाक्टर व नर्सें कोविड अस्पताल से दूरी बना कर रखना चाहते थे, उस दौर में ‘रनिंग शादी’ और ‘फैन’ जैसी फिल्मों में छोटे किरदार तथा फिल्म ‘कांचली’ में बतौर हीरोइन अभिनय कर चुकीं शिखा मल्होत्रा ने आगे बढ़ कर नर्स के तौर पर मुफ्त में काम कर कोरोना मरीजों का इलाज कर एक नई मिसाल पेश की. मार्च 2020 से अक्तूबर 2020 तक सैकड़ों कोरोना मरीजों को अपनी नर्सिंग से ठीक करने के बाद वे स्वयं कोरोना की शिकार हो गईं. कोरोना से ठीक होने के 1 माह बाद उन के शरीर के दाहिने हिस्से में लकवा मार गया, पर फिर ठीक हो गईं. अब अभिनय के मैदान में पुन: कूदने के लिए तैयार हैं.

प्रस्तुत हैं, शिखा मल्होत्रा से हुई गुफ्तगू के कुछ अंश:

अपने बारे में कुछ बताएं?

मेरी परवरिश और शिक्षादीक्षा दिल्ली के मध्यवर्गीय परिवार में हुई है. मां शोभा देवी मल्होत्रा भी फ्रंटलाइन कोरोना वैरियर रही हैं. वे नर्स हैं ओर 35 वर्ष की नौकरी के बाद जुलाई, 2020 में ही रिटायर हुई हैं. 60 वर्ष की उम्र में भी वे दिल्ली के सरकारी अस्पताल में नर्स के रूप में कार्यरत थीं. पिताजी विद्या प्रकाश मल्होत्रा भी अवकाशप्राप्त हैं. मेरी स्कूल दिनों से ही पेंटिंग करने, नृत्य करने, गीत गाने, कविताएं लिखने आदि में रुचि रही है.

अभिनेत्री होते हुए भी कोरोना के मरीजों की सेवा करने की बात आप ने कैसे सोची?

मैं हमेशा अपने देश के लिए मरने के लिए तैयार रहती हूं. मेरे मातापिता ने मुझे सिखाया है कि देश सेवा से बढ़ कर इंसान के लिए कुछ नहीं होता. इस के अलावा आप जानते हैं कि अभिनेत्री बनने से पहले मैं ने नर्सिंग की पढ़ाई की थी.

24 मार्च की रात जब प्रधानमंत्रीजी ने कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते पूरे देश में 21 दिन के लौकडाउन की घोषणा की, तो मेरी समझ में आया कि आपदा काफी गंभीर है. अत: मैं ने सोचा कि मैं ने नर्सिंग की डिगरी ले रखी है, मैं ने एक शपथ ले रखी है. इसलिए मुझे भी नर्स के रूप में कोरोना मरीजों की सेवा करनी चाहिए. मेरी मां जो दिल्ली में कोविड मरीजों की सेवा में जुट चुकी थीं, उन्हें मैं ने फोन कर के अपने निर्णय के बारे में बताया. उन्होंने मुझे आगे बढ़ने के लिए कह दिया.

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25 मार्च को देश सहित पूरी मुंबई बंद थी. पर मैं अपने सफदरजंग अस्पताल की बीएससी नर्सिंग की डिगरी ले कर बाहर निकली. रास्ते में जगहजगह पुलिस वालों ने रोका. मैं ने उन्हें अपनी नर्सिंग की डिगरी दिखाते हुए बताया कि मैं अस्पताल जा रही हूं. मैं पहले नानावटी अस्पताल व कोकिलाबेन अस्पताल गई, पर वहां मुझे अहमियत नहीं दी गई. अभिनेत्री होने के चलते मुझे नर्स के तौर पर काम करने के लिए कोई नहीं दे रहा था.

तभी मेरे दिमाग में आया कि अपनी सेवाएं सरकारी अस्पताल में ही देनी चाहिए, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में ही गरीब मरीजों को मदद की जरूरत होती है. खैर, मैं जोगेश्वरी के ‘बाला साहेब ठाकरे अस्पताल’ यानी एचबीटी ट्रामा सैंटर पहुंची. वहां पर एम एस विद्या माने ने मुझे चेताया कि यहां न सिर्फ मेरी जिंदगी को खतरा है, बल्कि मेरा चेहरा भी बिगड़ सकता है. यहां बहुत अलग ढंग से काम करना पड़ रहा है.

तब मैं ने उन से कहा कि मुझे इस की परवाह नहीं है और मुझे नर्स के तौर पर किसी भी तरह की पारिश्रमिक राशि भी नहीं चाहिए. मैं तो मुफ्त में अपनी सेवाएं देना चाहती हूं. मेरे लिए यह देश सेवा का मामला है.

यदि नौकरी करनी होती, तो मैं अभिनेत्री न बनती. हाथ में हथियार होते हुए जंग के मैदान से दूर भागने की बात मैं सोच भी नहीं सकती. मुझे मौका दीजिए. 27 मार्च को कुछ घंटे की कोविड संबंधी ट्रेनिंग के बाद मैं ने नर्स के तौर पर एचबीटी अस्पताल, ट्रामा सैंटर के ‘स्पैशल कोविड आईसीयू’ में काम करना शुरू कर दिया. फिर मैं 6 माह तक काम करती रही.

नर्स के तौर पर काम करना कितना  कठिन था?

हमें अस्पताल के अंदर पीपीई किट पहननी पड़ती थी. उस के बाद हम लोग कुछ भी खा या पी नहीं सकते थे. हाथ में 4-5 ग्लव्स पहनने के चलते उंगलियां सुन्न हो जाती थीं. 3 हैड कवर और मास्क लगाने के कारण कई बार दम घुटने लगता. कई बार चेहरे में सूजन आ जाती थी.

देखिए, मेरी जान चली जाती तो भी कुछ नहीं था. मैं ने जितनी जिंदगियां बचाई हैं, उन से बढ़ कर मेरे लिए कोई संतुष्टि नहीं है.

क्या अनुभव रहे?

शुरुआत में अस्पताल में मुझे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया. सभी कह रहे थे कि यह तो अभिनेत्री है, 2-4 दिन में प्रचार पा कर चली जाएगी. लेकिन मैं ने ऐसा कुछ नहीं सोचा था. मैं ने इसे देश सेवा की भावना के चलते करने का निर्णय लिया था. मैं दूसरे डाक्टरों व नर्सों को भी संदेश देना चाहती थी कि वे कोरोना से डरने के बजाय अपने फर्म का पालन करें.

30 मार्च को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, सोनू सूद, नीति आयोग, कैटरीना कैफ आदि ने मेरे इस काम की सराहना करते हुए ट्वीट किए. इस से मेरा हौसला और बढ़ा.

आप को भी कोविड हो गया था?

जी हां, मैं ने 27 मार्च, 2020 से 2 अक्तूबर, 2020 तक ‘स्पैशल कोविड आईसीयू’ वार्ड में काम किया. 2 अक्तूबर की शाम जब मैं ‘आईसीयू वार्ड’ में थी, मेरी तबीयत खराब होने लगी. मैं ने तुरंत नीचे कैजुअलिटी में जा कर अपना टैस्ट करवाया, तो कोविड पौजिटिव आया पर मेरा औक्सीजन का स्तर सही था. तो मैं ‘होम क्वारंटाइन’ हो गई.

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कोविड के दौरान मरीजों की सेवा करने वाली एक्ट्रेस शिखा मल्होत्रा वागधारा नव रत्न से हुईं सम्मानित

जब कोरोना महामारी चरम पर थी, उस वक्त कई डाक्टर व नर्से कोविड अस्पताल से दूरी बनाकर रखना चाहते थे. ऐसे कठिन समय में ‘रनिंग शादी’’ और ‘फैन’ जैसी फिल्मों में छोटे किरदार तथा फिल्म ‘कांचली’ में बतौर हीरोईन अभिनय कर चुकी शिखा मल्होत्रा ने आगे बढ़कर नर्स के तौर पर मुंबई के ठाकरे अस्पताल में मुफ्त में काम करते हुए कोरोना मरीजों का इलाज कर एक नई मिसाल पेश की. मार्च से अक्टूबर माह तक सैकड़ों कोरोना मरीजों को अपनी नर्सिंग से ठीक करने के बाद वह स्वयं कोरोना की शिकार हुई. कोरोना से ठीक होने के एक माह बाद उनके शरीर के दाहिने हिस्से में लकवा मार गया. पर वह ठीक हो गयीं. बचपन से फाइटर रही शिखा मल्होत्रा के योगदान को उस वक्त सम्मान मिला जब राजभवन में महाराष्ट् के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हाथों उन्हें ‘वागधारा नव रत्न सम्मान 2021’के तहत ‘कोरोना सम्मान’ से सम्मानित किया गया.  इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे और पूर्व राज्य मंत्री कृपा शंकर सिंह और वागधारा राष्ट्रीय मंच के अध्यक्ष वागीश  सारस्वत उपस्थित थे.

यूं तो शिखा मल्होत्रा अभिनेत्री होने के साथ साथ एक प्रशिक्षत नर्सिंग अधिकारी हैं. कोरोना महामारी के दौरान सात महीने तक  फ्रंटलाइन योद्धा के रूप में शिखा मल्होत्रा ने सात माह के बच्चे से लेकर 98 साल की उम्र के सैकड़ों कोरोनोवायरस रोगियों की देखभाल की और उन्हें स्वस्थ कर घर वापस जाने योग्य बनाया.

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‘‘वागधारा नव रत्न सम्मान’’से सम्मानित होने पर शिखा मल्होत्रा ने कहा-“मैं वागधारा न्यायिक चयन समिति का बहुत आभारी हूं,  जिसने मुझे इस सम्मान से गौरवान्वित किया. एक अभिनेत्री होने के साथ- साथ,  मैंने नर्सिंग में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रखी है. वैश्विक महामारी के समय देश के लिए कुछ करना मेरा सौभाग्य था. मैं हमेशा मानव कल्याण के लिए तत्पर रहूंगी. मैं अपने माता-पिता और प्रशंसकों को धन्यवाद देना चाहती हूं. ”

महाराष्ट्र और गोवा के राज्यपाल माननीय भगत सिंह कोशियारी जी ने ट्वीट किया,  ‘‘जाने-माने हिंदी लेखक डॉ. रामजी तिवारी को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया, जबकि फिल्म स्टार शिखा मल्होत्रा को कोविड 19 महामारी के दौरान उनके काम के लिए सम्मानित किया गया. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश जोशी,  आईपीएस अधिकारी क्वैसर खालिद और अन्य को सम्मानित किया गया. इसके साथ ही  साहित्य व सिनेमा की कई अन्य हस्तियों को भी सम्मानित किया गया. ’’

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बतौर नर्स कोरोना मरीजों की देखभाल कर चुकी एक्ट्रेस शिखा मल्होत्रा बनीं वोलिनी की ब्रांड अंबेसडर

शाहरुख खान के साथ फिल्म “फैन”, तापसी पन्नू के साथ फिल्म “रनिंग शादी “तथा फिल्म “कांचली” में बताओ हीरोइन अभिनय कर अपनी एक अलग पहचान बना लेने वाली अभिनेत्री शिखा मल्होत्रा एक प्रशिक्षित नर्स भी हैं . इसी वजह से कोरोना महामारी के दौरान छह माह तक वह मुंबई के एक अस्पताल में बतौर नर्स करोना मरीजों की देखभाल का काम मुफ्त में किया. यहां तक कि कोरोना मरीजों की देखभाल करते करते वह स्वयं को रोना की चपेट में आ गई थी.उनके इस सामाजिक और मानवीय सेवा के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, अभिनेत्री कैटरीना कैफ़, सोनू सूद , शत्रुघन सिन्हा के साथ ही नीति आयोग ने बहुत प्रसंशा की थी .

उन्हीं शिखा मल्होत्रा को वोलिनी ने 2 वर्ष के लिए ब्रांड अंबेसडर नियुक्त किया है.पिछले दिनो लोकप्रिय विज्ञापन फ़िल्मों की निर्देशिका कोपल नथानी ने वोलिनी रियल हीरोज़ सीरिज़ के लिए एक विज्ञापन फ़िल्म का शूट किया था, जिसे हाल में कई न्यून चैनल और मनोरंजन टीवी चैनल पर प्रसारित किया जा रहा हैं. हिंदी , अंग्रेज़ी, मराठी , गुजराती , तेलगू , तमिल कन्नड़ , मलयालम के साथ ही कई अन्य भाषाओं में भी रिलीज़ किया गया हैं .

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इस संबंध में शिखा मल्होत्रा ने कहा,” मैं वोलिनी जैसे भरोसेमन्द ब्रांड से जुड़कर बहुत खुश हूँ . वोलिनी की दर्द से तुरंत आराम का एक भरोसा दशकों से हैं मैं इसी लेगसी को प्रमोट करूँगी . उम्मीद हैं कि ब्रांड के नए क़ैपेन लोगों को पसंद आएगा.”

विज्ञापन का लिंक : https://youtu.be/wsYuaeDDv7Q

वैसे कोरोनावायरस से स्वस्थ होने के बाद शिखा मल्होत्रा ने पुनः कोरोनावायरस के मरीजों की देखभाल के लिए नर्स के तौर पर काम करने की इच्छा जाहिर की. मगर वह अस्पताल में नर्स के तौर पर नहीं बल्कि पैरालाइज मरीज के तौर पर पहुंची. पहले उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में ,फिर कूपर अस्पताल में भर्ती किया गया था. इन दिनों वह के एम अस्पताल में भर्ती हैं. शिखा मल्होत्रा ने अस्पताल से कहा है कि अभी उन्हें स्वस्थ होने में समय लगेगा . शरीर का दाहिना हिस्सा अभी तक काम नहीं कर रहा है . लेकिन शिखा मल्होत्रा को उम्मीद है कि वह जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगी.

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