दुल्हन बनीं ‘पांड्या स्टोर’ की ‘धरा’ शाइनी दोशी, वायरल हुईं Wedding Photos

जहां एक तरफ इन दिनों बिग बौस 14 फेम राहुल वैद्य और एक्ट्रेस दिशा परमार की शादी की धूम मची हुई है. तो वहीं ‘पांड्या स्टोर’ (Pandya Store) सीरियल में नजर आ रहीं एक्ट्रेस एक्ट्रेस शाइनी दोशी (Shiny Doshi) ने शादी कर ली है. दरअसल, एक्ट्रेस ने 15 जुलाई को मंगेतर लवेश खैरजानी (Lavesh Khairajani) के साथ प्राइवेट फंक्शन में शादी की रस्में अदा की हैं. आइए आपको दिखाते हैं शादी की खास फोटोज…

शादी में शामिल हुए ये सितारे

 

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‘पांड्या स्टोर’ (Pandya Store) और ‘जमाई राजा’ (Jamai Raja) जैसे टीवी शोज में नजर आईं एक्ट्रेस शाइनी दोशी (Shiny Doshi) ने मंगेतर लवेश खैरजानी (Lavesh Khairajani) के साथ शादी कर ली है, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो रही हैं. वहीं इस शादी में उनके खास दोस्त नजर आए, जिनमें कुंडली भाग्य के करण यानी धीरज धूपर और उनकी वाइफ से लेकर एक्ट्रेस प्रणिता पंडित शामिल हुए.

 

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कुछ ऐसा था लुक

 

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जहां शाइनी दोशी और लवेश की शादी की फोटोज (Shiny Doshi) और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए रही हैं तो वहीं फैंस उनके लुक की भी तारीफें कर रहे हैं. दरअसल, शादी में शाइनी दोशी ने लाल रंग की साड़ी और ज्वैलरी पहनी थी तो वहीं उनके पति लवेश वाइट कुर्ता पजामा और पिंक पगड़ी पहने दिखे.

मेहंदी में जमकर नाचीं एक्ट्रेस

एक्ट्रेस प्रणिता पंडित के द्वारा मिलने वाला कपल शाइनी दोशी और लवेश खैरजानी के चेहरे पर शादी की खुशी देखने को मिली. जहां शादी में दोनों एक दूसरे को किस करते नजर आए तो वहीं मेहंदी सेलिब्रेशन में एक्ट्रेस शाइनी दोशी जमकर डांस करती नजर आईं, जिसकी वीडियो सोशलमीडिया पर वायरल हो रही है.

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All Video Credits- Viral Bhayani

इंटीमेट सीन करने को नहीं मिला- शाइनी दोशी

मूलतया गुजराती, मगर मुंबई में पलीबढ़ी शाइनी की जिंदगी में उस वक्त बहुत बड़ा तूफान आ गया, जब अचानक उन के पिता का देहांत हो गया. उस के बाद शाइनी को अपनी मां व भाई  के साथ मुंबई छोड़ कर अहमदाबाद जाना पड़ा था. मगर शाइनी की ‘सिंगल मदर’ ने संघर्ष कर शाइनी के अंदर अभिनेत्री बनने का उत्साह उस वक्त भरा, जब शाइनी ने स्वयं अभिनेत्री बनने की बात सोची तक न थी. अंधेरे के बाद उजाले के आगमन की ही तरह मुसीबत के ही वक्त शाइनी दोशी का एक प्रिंट ऐड देख कर फिल्मकार संजय लीला भंसाली ने उन्हें बुला कर अपने बड़े बजट के टीवी सीरियल ‘सरस्वतीचंद्र’ में मुख्य किरदार निभाने का अवसर दिया. उस के बाद उन्हें पीछे मुड़ कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी. प्र्रस्तुत हैं, शाइनी दोशी से हुई ऐक्सक्लूसिब बातचीत के अंश: अभिनय का शौक कैसे लगा?

मैं मुंबई में जन्मी हूं पर गुजराती हूं. लेकिन बाद में हम लोग अहमदाबाद शिफ्ट हो गए थे. अभी भी मेरा पूरा परिवार अहमदाबाद में ही है. जब मैं अहमदाबाद में स्नातक की पढ़ाई कर रही थी, तभी मैं ने कई सारे प्रिंट के विज्ञापन करने शुरू कर दिए थे. फिर मुझे टीवी सीरियलों में अभिनय करने का अवसर मिला. तब से मेरी अभिनय यात्रा चलती जा रही है.

आप ने संजय लीला भंसाली द्वारा निर्मित सीरियल ‘सरस्वतीचंद्र’ से अभिनय कैरियर की शुरुआत की थी. इसे 8 साल हो गए. अब अपने कैरियर को किस तरह से देखती हैं?

मेरी 8 वर्ष के कैरियर की एक बहुत ही खूबसूरत यात्रा रही है. इस बीच बहुत सारे उतारचढ़ाव भी रहे हैं. हमेशा ऐसा नहीं हुआ कि मैं सिर्फ ऊपर ही चढ़ी हूं. मैं ने नीचे का रास्ता भी देखा है. मैं सीरियल ‘सरस्वतीचंद्र’ के बाद और कई सीरियलों में अभिनय कर चुकी हूं. इन में से कुछ जबरदस्त सफल हुए तो कुछ नहीं चले. मैं ने ‘सरस्वतीचंद्र’ के अपने किरदार को पूरी ईमानदारी के साथ निभाया था. मुझे काफी लोकप्रियता मिली थी. लोगों ने मुझे कलाकार के तौर पर पहचानना शुरू किया था. इस के बाद टीवी सीरियलों का सिलसिला चलता ही रहा. पहले सीरियल से ही टीवी इंडस्ट्री से जुड़े सभी लोग मुझे पहचानने लगे थे.

अब तक के अपने कैरियर में टर्निंग पौइंट किसे मानती हैं?

मेरी नजर में मेरा पहला सीरियल ‘सरस्वतीचंद्र’ ही मेरे कैरियर का सब से बड़ा टर्निंग पौइंट रहा. यह बड़े बजट का सीरियल था. जब आप प्रिंट विज्ञापन कर रहे होते हैं, तो विश्वभर में आप की कोई पहचान नहीं हो पाती है. आप ने जिस क्षेत्र में विज्ञापन किया होता, उसी के आसपास के लोग जानने लगते हैं, जबकि सीरियल ‘सरस्वतीचंद्र’ से मुझे राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली, क्योंकि इस सीरियल को जबरदस्त लोकप्रियता मिली थी. तभी लोगों ने मुझे पहचाना था. इसलिए भी ‘सरस्वतीचंद्र’ मेरे लिए सब से बड़ा टर्निंग पौइंट रहा.

इस के बाद मुझे हर सीरियल में अभिनय करने के बाद कुछ न कुछ नया सीखने को मिला. फिर चाहे वह अभिनय के संदर्भ में हो या किरदारों के संबंध में. मैं ने अभिनय करते हुए ही अभिनय सीखा. मैं ने अभिनय की कोई ट्रेनिंग हासिल नहीं की है. मुझे शूटिंग के दौरान सैट पर ही व्यावहारिक सीख मिली.

किस सीरियल ने आप के कैरियर को सब से अधिक नुकसान पहुंचाया?

मैं कुदरत की आभारी हूं कि मेरे किसी भी सीरियल से मेरा कैरियर नीचे नहीं गया. हर सीरियल से मेरा कैरियर निरंतर ऊंचाइयों पर ही पहुंचा. कैरियर में उतार से मेरा मतलब एक सीरियल की समाप्ति के बाद दूसरे सीरियल के मिलने में लगने वाले वक्त को ले कर है.

एक सीरियल का प्रसारण खत्म होने के बाद दूसरे सीरियल के मिलने में कई बार 6 माह से 1 साल तक का भी समय लगा, जबकि मैं लगातार काम करने में विश्वास रखती हूं. ऐसे में मेरे लिए इंतजार करना थोड़ा सा कठिन होता है, क्योंकि आप के पास अपनी पसंद का कोई काम नहीं होता है. जब तक पसंदीदा काम नहीं मिलता है तब तक इंतजार जारी ही रहता है. मेरी मां ‘सिंगल मदर’ हैं, तो उन के ऊपर भी सारी जिम्मेदारियां होती हैं. कभी अच्छे दिन होते हैं तो कभी बुरे दिन होते हैं. ये सब तो चलता ही रहता है. बुरे दिन भी इतने बुरे नहीं होते हैं कि सबकुछ जिंदगी से खत्म हो गया हो.

आप ने अपनी मां को संघर्ष करते हुए देख कर उन से क्या सीखा?

मेरी मां मुझे बेटी नहीं बेटा मानती हैं. वैसे तो हमारे घर में भैया, भाभी व उन का छोटा बेटा है, लेकिन जब आप का समय बुरा चलता है, तो सारी चीजें अपनेआप बिखर जाती हैं. उस समय मैं ने अपनी मां से सिर्फ एक ही बात सीखी थी कि कभी हार नहीं मानना चाहिए. आप अपनी यात्रा चालू रखें. आप की यात्रा में उतारचढ़ाव आते रहेंगे, पर उसे अपने काम पर किसी भी तरह से जाहिर न होने दें. मेरी मां एक दोस्त की तरह आज भी मेरे साथ खड़ी हैं. मां हमेशा कहती हैं कि कभी हार नहीं माननी चाहिए. जिंदगी कभी रुकती नहीं है. उसे हमेशा चलते रहना चाहिए.

अकसर कहा जाता है कि रिऐलिटी शोज पहले से ही स्क्रिप्टेड होते हैं?

मुझे ऐसा नहीं लगता. मैं ने तो ‘खतरों के खिलाड़ी’ रिऐलिटी शो किया है, यह स्क्रिप्टेड कैसे हो सकता है? अगर आप वहां पर स्टंट नहीं करेंगे, तो वहीं के वहीं हार जाएंगे. वहां पर कोई चीटिंग भी नहीं हो सकती है, क्योंकि वहां हर हर स्टंट की टाइमिंग रिकौर्ड होती है. मैं ने ‘खतरों के खिलाड़ी’ के अलावा कोई दूसरा रिऐलिटी शो नहीं किया है. इसलिए दूसरे रिऐलिटी शो को ले कर मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकती.

आप 8 सालों से सिर्फ टीवी कर रही हैं. आप ने फिल्मों के लिए कोशिश नहीं की?

मैं ने कोशिश जरूर की, लेकिन अब तक कोई पसंदीदा फिल्म नहीं मिली, इसलिए नहीं की.

अब ओटीटी प्लेटफौर्म के चलते नईनई वैब सीरीज बन रही हैं. क्या आप वैब सीरीज करने की सोच रही हैं?

मैं वैब सीरीज करना चाहती हूं बशर्ते उस में कुछ बेहतरीन व चुनौतीपूर्ण किरदार निभाने का मौका मिले. मैं ने ओटीटी प्लेटफौर्म पर वैब सीरीज के लिए अपनी तरफ से थोड़े प्रयास भी किए. मैं ने काफी सारे औडिशन दिए हैं. कभी कुछ चीजें बन भी जाती थीं, तो मुझे कंटैंट पसंद नहीं आता था या मुझे उस किरदार को निभाने के लिए प्रेरणा नहीं मिल रही थी. इसलिए अब तक नहीं कर पाई. पर में वेब सीरीज में जरूर अभिनय करना चाहूंगी.

कोई ऐसा किरदार जिसे आप निभाना चाहती हों?

फिलहाल मैं अपने सपनों का किरदार यानी धारा पंड्या का किरदार निभा रही हूं. मुझे धारा का किरदार बहुत ही ज्यादा फैशिनेटिंग लग रहा है. मुझे बहुत मजा आ रहा है. बहुत ऐक्साइटमैंट भी है. जब मैं सेट पर जाती हूं तो मुझे अपने हर सीन को करने के लिए बहुत ज्यादा ऐक्साइटमैंट रहती है. हां. मुझे आलिया भट्ट द्वारा निभाए गए कुछ किरदार जरूर काफी पसंद हैं. मुझे वे किरदार बहुत ज्यादा फैशिनेटिंग लगते हैं, जहां हमें अपनेआप को निभाने का मौका मिलता है. मुझे ज्यादा ग्लैमरस किरदार निभाने में आनंद नहीं आता.

ग्लैमरस किरदार न निभाने या अंगप्रदर्शन न करना चाहती हों, इसलिए कुछ फिल्में न मिली हों?

नहीं, ऐसी तो समस्या कभी नहीं हुई. मैं ने खुद को सीमाओं में बांध कर नहीं रखा कि मुझे यह नहीं करना है, क्योंकि मैं इस बात में यकीन करती हूं कि कभी भी किसी भी चीज के लिए न नहीं बोलना चाहिए. मैं ने आज तक यह नहीं कहा कि मुझे ग्लैमरस किरदार नहीं निभाने हैं या अपनेआप को ऐक्सपोज नहीं करना है. यह एक अलग बात है कि अब तक कंटैंट के हिसाब से मुझे कोई भी ऐक्सपोज करने वाला या इंटीमेट सीन करने को नहीं मिला है. यदि किसी पटकथा में इस तरह के दृश्य जबरन डाले गए होते हैं, तो मैं स्वीकार नहीं करती.

आप का फिटनैस मंत्र क्या है?

मैं सबकुछ खाती हूं. मेरी जानकारी के अनुसार हमारे शरीर को हर चीज की जरूरत होती है. चाहे फिटनैस या ऐक्सरसाइज हो. लौकडाउन से पहले मैं अपने फिटनैस ट्रेनर से जुड़ी रहती थी. हमेशा समय पर उन का संदेश आ जाता था कि मैडम समय हो गया है आ जाइए. मुझे ऐसा लगता था ट्रेनर है, जो मुझ से वर्कआउट करवा रहा है.

मैं ने कभी अपनेआप वर्कआउट नहीं किया था. मेरी कभी यह इच्छा नहीं रही कि शरीर ऐसा होना चाहिए. लेकिन जब लौकडाउन हुआ और मेरा सीरियल ‘आलिफ लैला’ अचानक बंद हो गया. तब घर पर रहते हुए मैं ने 1 माह तक काफी कुछ खाया. जिस से मेरा वजन अचानक ज्यादा बढ़ गया. तब मुझे इस बात का एहसास हुआ कि शाइनी तुम्हारा वजन अचानक बहुत ज्यादा बढ़ गया है. यह परदे पर बहुत ज्यादा भद्दा लगेगा. तब मैं ने कुछ वीडियो देख कर ऐक्सरसाइज शुरू की.  फिर मैं हर दिन अपने लिए 1 घंटा निकालती थी, जहां पर मैं जम कर वर्कआउट करती थी.

आप सोशल मीडिया पर कितना सक्रिय रहती हैं और क्या लिखना या पोस्ट करना पसंद करती हैं?

मैं बहुत ज्यादा सोचसमझ कर अपनी चीजें डालती हूं. पहले तो मैं बिलकुल भी पोस्ट नहीं करती थी. मैं ने लौकडाउन में सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा पोस्ट करना शुरू कर दिया था, क्योंकि मुझे भी लगा कि लोगों को भी पता चलना चाहिए कि शाइनी दोशी कौन है? किरदार के पीछे या स्क्रीन के पीछे वह कैसी हैं? तो मैं ने कई सारी चीजें पोस्ट करनी शुरू की. लेकिन मैं अपनी निजी जिंदगी को सोशल मीडिया पर ज्यादा शेयर करना पसंद नहीं करती हूं, क्योंकि जब निजता की बात आती है, तब मैं बहुत ज्यादा प्राइवेसी चाहती हूं. मुझे प्राइवेसी बहुत ज्यादा पसंद है.

सोशल मीडिया में भी इंस्टाग्राम पर पोस्ट करना बहुत अच्छा लगता है. मैं अपने सीरियल व संगीत की चर्चा इंस्टाग्राम पर पोस्ट करती हूं ताकि मुझे भी पता चले कि मैं क्या कर रही हूं. पर वह भी बहुत ज्यादा चुनिंदा है.

आप उन लड़कियों को क्या सलाह देना चाहेंगी, जो अपनी सिंगल मदर के साथ रह रही हैं?

मुझे तो लगता है कि लड़कियां कहीं से भी लड़कों से कम नहीं है. इसलिए किसी भी लड़की को यह नहीं सोचना चाहिए कि उसे किसी के ऊपर निर्भर रहने की जरूरत है. आप मेहनत करें, क्योंकि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती. मेहनत कभी न कभी अच्छा फल देती ही है. रात के बाद दिन भी होता है. सुबह भी होती है. जिंदगी में भी सूर्योदय होगा, यह हमेशा याद रखें.

जिंदगी में अच्छी उम्मीद की किरण का आना तय है. आप सिर्फ संघर्ष कीजिए. एक अकेली मां सिंगल मदर के लिए चीजों को संभालना इतना आसान नहीं होता है, बहुत मुश्किल होता है. पर जब तक आप के अंदर पैशन है, आत्मनिर्भर रहने का जज्बा है, तब तक आप सबकुछ खुद से कर सकती हैं. हर घटना का जिंदगी में घटित होने के पीछे कोई न कोई मकसद होता है, जिस का एहसास सही वक्त पर ही इंसान को होता है. कई सवालों के जवाब इंसान को खुद व खुद वक्त देता है.

यदि मेरे पापा जीवित रहते तो, वे मेरी हर सुखसुविधा का खयाल रखते. तब शायद मैं इतना मेहनत व संघर्ष न करती और आज जिस मुकाम पर हूं, वहां न होती.

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