Women’s Day 2020: ‘बुरे समय में दृढ़ होना सब से ज्यादा जरूरी है’- सायरी चहल

सायरी चहल फाउंडर, शीरोज

सायरी चहल ‘शीरोज’ (महिलाओं का सोशल नैटवर्क) की फाउंडर, सीईओ हैं. वे ‘देवी अवार्ड,’ ‘फेमिना अचीवर्स अवार्ड,’ ‘एडिटर्स चौइस फौर लौरिअल,’ ‘फेमिना वूमंस’ सहित और कई अवार्ड पा चुकी हैं. ‘शीरोज’ अपनेआप में एक अनोखा प्लेटफौर्म है. यह महिलाओं का एक सोशल नैटवर्क है जहां वे बहुत सारी मजेदार चीजें करती हैं. वे कुछ भी पोस्ट कर सकती हैं, फूड से ले कर आर्ट, फैशन आदि. वे प्रोडक्ट्स बेच और खरीद सकती हैं, कविताएं, कहानियां या अपनी और कोई कला शेयर कर सकती हैं. वे घर से काम कर सकती हैं.

इस प्लेटफौर्म पर कोई पुरुष नहीं है और इसलिए रिश्ते, सैक्स, पीरियड्स, बौडी इमेज, आर्थिक परेशानी जैसे निजी मुद्दों पर बात करने के लिए एक सुरक्षित स्पेस है. यह ऐसी जगह है, जहां आप अपनी छिपी आकांक्षाओं को भी शेयर कर सकती हैं.

पेश हैं, सायरी से हुई मुलाकात के कुछ अहम अंश:

सवाल. क्या आप बचपन से ही बिजनैस वुमन बनना चाहती थीं या कोई और सपना था?

मैं ने सोचा था कि बड़ी हो कर किसी यूनिवर्सिटी में प्रोफैसर बनूंगी. लेकिन जिंदगी की योजना ही अलग थी. कालेज में ही मेरी ऐंटरप्रन्योरशिप यात्रा शुरू हो गई. 1999 में जब मैं इंटरनैट से जुड़ी तो मुझे इस की दुनिया को बदलने की क्षमता से प्यार हो गया. 2014 में मैं ने सोचा कि इंटरनैट का इस्तेमाल कर के खासतौर पर महिलाओं को सहयोग करने का सही समय आ गया है. यहीं से बिजनैस वूमन बनने का रास्ता शुरू हो गया.

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सवाल. महिलाओं के सपनों को पूरा करने में शिरोज किस तरह से उन की मदद करता है?

महिलाएं हर जगह पहचान, सम्मान, दोस्त, मौके, अभिव्यक्ति और सलाह चाहती हैं. उन की आकांक्षाओं को पूरा करने में ‘शीरोज’ ने एक बड़ा औनलाइन इकोसिस्टम बनाया है. हम ने स्॥श्वष्टहृ को लौंच किया है, जो घर में रहने वाली महिलाओं की एेंटरप्रन्योर बनने में मदद करता है. वे कभी भी शीरोज काउंसलिंग हैल्पलाइन का इस्तेमाल कर के काउंसलर के साथ अपने संघर्षों के बारे में बात कर के सलाह और सहयोग पा सकती हैं.

कुछ महिलाओं के सपने भी पूरे हुए हैं. नेपाल में रहने वाली होममेकर अलका ने ‘अलका की बगिया’ के नाम से बागबानी कम्युनिटी लौंच की है. 19 साल की हर्षिता की अपनी आर्ट कम्युनिटी है और अपनी कलाकारी को ‘शीरोज’ के जरीए बेचती भी है. स्कूल टीचर सीमा शर्मा ने अपनी फैशन कम्युनिटी लौंच की है और अब वह ‘शीरोज’ के जरीए पार्टटाइम एेंटरप्रन्योर भी है.

सवाल. अपनी यात्रा में किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा?

हम एक पितृसत्तात्मक समाज में रहते हैं और निवेशकों को यह कह कर तैयार करते हैं कि हम ऐसे प्रोडक्ट बना रहे हैं, जो ज्वैलरी, कपड़ा या जूतों के बारे में नहीं हैं, बल्कि महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए हैं. इस की अलग तरह की चुनौतियां थीं. लेकिन हमारे यूजर्स के प्यार ने इस संघर्ष के हर पल को कमाल का बना दिया.

सवाल. खुद को फिट कैसे रखती हैं?

मैं अपने दिन की शुरुआत व्यायाम से करती हूं और यात्रा के दौरान भी यह मेरी रोज की दिनचर्या का एक हिस्सा है. मुझे नेचर वाक लेना पसंद है. यही वजह है कि आप मुझे हमेशा स्नीकर्स पहने देखेंगी, फिर चाहे मैं ने साड़ी पहनी हो या जींस.

सवाल. आपके विचार में महिलाएं कब कमजोर हो जाती हैं?

महिलाएं हमेशा मजबूत रही हैं, लेकिन परिवार और अन्य महिलाओं के सहयोग से वे अधिक मजबूत हो सकती हैं. अपने विकास, खुशहाली, आर्थिक आजादी के लिए इंटरनैट का प्रयोग सीखना भी उन्हें मजबूत और स्वावलंबी बनाता है.

सवाल. आप को किस से डर लगता है?

सफलता के साथ हम कंफर्टेबल और संतुष्ट हो जाते हैं. बस जरूरत है आगे बढ़ते जाने की, काम करने की, कुछ अलग करने की और स्वयं को बनाने की. एकमात्र डर खराब स्वास्थ्य है, इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की देखभाल करें.

सवाल. एक सफल ऐंटरप्रन्योर बनने के लिए क्या गुण होने जरूरी हैं?

कड़ी मेहनत, फोकस, त्याग, लीडरशिप, क्रिएटिविटी और रिसोर्सफुल होने से मदद मिलती है. लेकिन बुरे समय में दृढ़ होना सब से ज्यादा जरूरी है. यदि आप फेल होने से सीखते हैं तो यह आप के सफर को बेहतरीन बनाता है.

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सवाल. आप की सब से बड़ी उपलब्धि क्या है?

मेरी मां ही पहली लीडर थीं, जिन्हें मैं ने बड़ा होते देखा. वे एक हाउसवाइफ  हैं, जो घरपरिवार और अन्य चीजों को बेहतर ढंग से मैनेज करती हैं. अब वे ‘शीरोज’ पर सुपर यूजर हैं और इंटरनैट का बखूबी इस्तेमाल करती हैं. वे अपनी बागबानी के फोटोज, रैसिपीज, कहानियां और अन्य चीजें यहां शेयर करती हैं. उन्हें औनलाइन ये सब करते हुए देखने से मुझे प्रेरणा मिलती है. ‘शीरोज’ अब 16 मिलियन सदस्यों का प्लेटफौर्म है और रोजाना अपनी मां जैसी महिलाओं को इस तरह से जुड़ते देख मुझे गर्व महसूस होता है.

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