फेयरनेस क्रीम के इस्तेमाल से पहले जान लें ये 5 बातें

कहा जाता है कि सुंदरता देखने वाले की आंखों में देखी जाती है, लेकिन सुंदरता आमतौर पर स्किन के रंग के संदर्भ में मापी जाती है और यह हमेशा देखा जाता है कि फेयर स्किन टोन को सुंदर का खिताब दिया जाता है. फेयर स्किन टोन के बिना, किसी को समाज में सम्मानजनक नहीं माना जाता है. ब्लैक स्किन टोन अभी भी समाज में अपनी जगह बनाने के लिए लड़ रहा है. भारतीय बाजार को ब्यूटी उत्पादों और विशेष रूप से फेयरनेस सोल्यूशन के लिए सबसे अच्छे और सबसे बड़े बाजारों में से एक माना जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि इन क्रीम्स के इस्तेमाल से आपको कई तरह की एलर्जी भी हो सकती हैं…

1 खुजली की प्रौब्लम है आम

ब्यूटी क्रीम लगाने के सबसे सामान्य लक्षणों में से एक खुजली है. यह आम तौर पर ब्यूटी क्रीम के इस्तेमाल के बाद कुछ मिनटों में होता है. खुजली से स्किन लाल हो जाती है और इससे चकत्ते भी पड़ सकते हैं.

2 एलर्जी का रहता है खतरा

ब्यूटी क्रीम कई रसायनों और स्टेरौयड से बने होते हैं जिनके परिणामस्वरूप एलर्जी हो सकती है. अधिकांश स्किन एक ब्यूटी क्रीम के रासायनिक एजेंटों को सहन नहीं कर सकती है. इसके कारण लालिमा, स्किन में जलन, जलन, चकत्ते और बहुत सी समस्याएं होती हैं.

3 मुंहासे की प्रौब्लम है गंभीर

ब्यूटी क्रीम मुहांसों की गंभीर समस्या का कारण बनते हैं क्योंकि यह स्किन के छिद्रों को बाधित करता है. जिन ब्यूटी उत्पादों में तैलीय पदार्थ या लैनोलिन होता है, वे मुंहासे का कारण बनते हैं.

4 ड्राई स्किन पर हो सकता है ये नुकसान

स्किन के प्रकार को जानना बहुत ज़रूरी है क्योंकि ब्यूटी क्रीम को बिना जाने स्किन को ड्राई स्किन और झाइयों को जन्म दे सकता है.

5 स्किन का पतला होना

एक ब्यूटी क्रीम में मौजूद हानिकारक रसायन और स्टेरौयड स्किन को पतला बना देते हैं. पतली स्किन बहुत खतरनाक है क्योंकि यूवी किरणें सीधे स्किन में प्रवेश कर सकती हैं और इससे सनबर्न, पैच आदि हो सकते हैं.

ब्यूटी क्रीम में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स और स्टेरौयड का ज्यादा इस्तेमाल स्किन के लिए बहुत हानिकारक और खतरनाक है. स्किन को होने वाले नुकसान का स्थायी प्रभाव हो सकता है. ब्यूटी क्रीम का इस्तेमाल करने के बजाय, किसी को मूल स्किन टोन की सराहना करनी शुरू कर देनी चाहिए जो स्किन को चमकदार और खूबसूरत बनाने के लिए नेचुरल उपचार का इस्तेमाल करना चाहिए.

डौ. रोहित बत्रा, स्किन विशेषज्ञ, सर गंगा राम अस्पताल से बातचीत पर आधारित.

मेकअप से एलर्जी, खराब न हो जाए स्किन

युवतियां सुंदर दिखने के लिए कई सारे कौस्मेटिक्स और मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं. ये प्रोडक्ट्स हालांकि सुंदरता बढ़ाते हैं लेकिन त्वचा के लिहाज से ज्यादातर उत्पाद सुरक्षित नहीं होते हैं. इन में कई प्रकार के हानिकारक रसायन होते हैं जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसी युवतियों, जो नियमित मेकअप का इस्तेमाल करती हैं, को मेकअप के कई हानिकारक प्रभावों का सामना करना पड़ता है. कौस्मेटिक्स के अत्यधिक प्रयोग से त्वचा में जलन, धब्बे, मुंहासों और बैक्टीरिया के फैलने की समस्या आम है.

इस्तेमाल मेकअप प्रोडक्ट्स का फेसक्रीम : सभी फेसक्रीम, जिनमें मौइश्चराइजर क्रीम, फाउंडेशन क्रीम आदि शामिल होती हैं, इसमे कई बेसिक इंग्रीडिएंट्स समान होते हैं, जैसे पेटोलैटम, प्रिजर्वेटिव्स, इमलसिफायर, पशु वसा, बीवैक्स, लैनोलिन, प्रोपलीन ग्लायकोल और खुशबू. रसायनयुक्त क्रीम से चेहरे, गरदन, पलकों और हाथों पर एलर्जी हो सकती है. अगर खुजली महसूस होती है, त्वचा पर चकते हो जाते हैं या वह लाल हो जाती है तो समझ जाइए कि आप को क्रीम से एलर्जी हो रही है. ऐसे में तुरंत डाक्टर को दिखाएं.

  • लिपस्टिक : लिपस्टिक का इस्तेमाल करने से कुछ महिलाओं के होंठों पर दरारें पड़ जाती हैं और पपड़ी आ जाती है. कुछ के होंठ काले भी हो जाते हैं. लिपस्टिक में लैनोलिन, खुशबू, कोलोफोनी, सनस्क्रीन और एंटीऔक्सीडैंट्स होते हैं, जिन से एलर्जी हो सकती है. इसलिए हमेशा अच्छे ब्रैंड की लिपस्टिक खरीदें.

लाल लिपस्टिक में लेड बड़ी मात्रा में पाया जाता है जो खानेपीने के साथ अंदर चला जाता है. लिपस्टिक में पाया जाने वाला मिनरल औयल त्वचा के रोमछिद्रों को बंद कर देता है. इस से त्वचा की कोशिकाओं का विकास और उन की उचित कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाती है.

  • बिंदी और कुमकुम : बिंदी से एलर्जी और रैशेज हो सकते हैं. कुमकुम में हलदी पाउडर, टोल्युडाइन, कोलतार डाई, इरिथ्रोसाइन, लिथौल रैड कैल्शियम सौल्ट होता है. इस के कारण ल्युकोडर्मा या सफेद चकते हो सकते हैं. तो अगर बिंदी और कुमकुम के कारण आप को एलर्जी हो जाती है तो तुरंत इन का इस्तेमाल बंद कर दें.

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  • नेल पौलिश : नेल पौलिश में महीन पिसे मैग्नीशियम पौलीसिलिकेट, स्टार्च और खुशबू होती है. इस के कारण जलन और रैशेज हो सकते हैं. इस से आप की त्वचा और नाखूनों को नुकसान पहुंच सकता है. अगर आप लाल या काले जैसे चटकीले रंगों का इस्तेमाल करते हैं और नियमित इन का उपयोग करते हैं तो आप के नाखूनों को काफी नुकसान हो सकता है.
  • नेल कलर से पलकों का संक्रमण हो सकता है क्योंकि महिलाएं अकसर चेहरे व आंखों के आसपास अपने हाथों का उपयोग करती हैं इस से पहले कि वह सूखे. इस के साथ ही, घटिया नेलकलर से नाखूनों का रंग बदरंग हो जाता है. इस के अलावा, गहरे रंग की नेल पौलिश में एसीटोन होता है जिस से नाखून कमजोर और क्षतिग्रस्त हो जाते हैं.
  • काजल : दूसरे देशों के मुकाबले भारत में आंखों को सजाने के लिए काजल और सुरमे का खूब इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, काजल से आंखों पर कई प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हैं. इन से कंजक्टिवाइटिस, ग्लुकोमा, ड्राइ आई की समस्या हो सकती है. सो, सब से बेहतर यह है कि बहुत अच्छे बैं्रड्स के काजल का उपयोग करें.
  • जब आंखों का संक्रमण हो, कोई चोट लगी हो, सर्जरी हुई हो तब आई मेकअप या काजल का इस्तेमाल न करें.
  • टैलकम पाउडर : टैलकम पाउडर में सिलिकैट होता है. यह न केवल एक शक्तिशाली कार्सिनोजन होता है, यह एलर्जी और फेफड़ों में संक्रमण का कारण भी बनता है.
  • मस्कारा : मस्कारा हानिकारक बैक्टीरिया सुडोमोनास एयरूजिनोसा के लिए ब्रीडिंग ग्राउंड होते हैं जिस के कारण कौर्निया का संक्रमण और आंखों के लाल होने की समस्या हो जाती है.
  • कंसीलर और फाउंडेशन : चेहरे के दागधब्बों को छिपाने के लिए युवतियां कंसीलर और फाउंडेशन का इस्तेमाल करती हैं, यही त्वचा की समस्याओं का सब से प्रमुख कारण है.

मेकअप के साइड इफैक्ट्स

पिग्मैंटेशन : पिग्मैंटेशन सब से सामान्य साइड इफैक्ट है जो मेकअप उत्पादों के अधिक इस्तेमाल के कारण होता है. इस से त्वचा पर पिग्मैंटेशन के चकते पड़ जाते हैं.

अधिकतर मेकअप प्रोडक्ट्स में खुशबू होती है जो सन एक्सपोजर में पिग्मैंटेशन की समस्या का कारण बन जाती हैं. पिग्मैंटेशन की समस्या जब त्वचा की ऊपरी परत डर्मिस में होती है तब उस का उपचार संभव है. लेकिन जब यह त्वचा की निचली परत तक चली जाती है, इस का पूरी तरह से उपचार संभव नहीं है.

मुंहासे : फाउंडेशन और पाउडर के अधिक उपयोग से हेअर फौलिकल्स बंद हो जाते हैं जिस से मुंहासों की समस्या बढ़ जाती है. इसलिए विशेषरूप से औयल बेस्ड मेकअप से बचना चाहिए. कुछ मामलों में मुंहासे एलर्जन के लगातार संपर्क में आने से होते हैं, जिस के कारण त्वचा पर पपडि़यां जमना, लालपन और खुजली की समस्या हो जाती है.

ड्राइनैस : यह एलर्जी का ही एक भाग है. कुछ मामलों में मेकअप के अत्यधिक इस्तेमाल से, फाउंडेशन या पाउडर आप की त्वचा को सुखा देते हैं जिस से त्वचा पपड़ीदार या बेजान हो जाती है. इन मेकअप उत्पादों के इस्तेमाल से त्वचा पर दरारेें और महीन रेखाएं पड़ जाती हैं, जिस के कारण संक्रमण विकसित हो सकता है. रूखी होने से त्वचा पर खुजली होती है. इस से निबटने के लिए मौइश्चराइजर या किसी वाटर बेस्ड मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें.

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हमारे मेकअप उत्पादों में सैकड़ों रसायन होते हैं. कुछ मेकअप इंग्रीडिएंट्स जैसे खुशबू और प्रिजर्वेटिव्स एलर्जिक रिऐक्शंस को ट्रिगर कर सकते हैं. मेकअप में प्रिजर्वेटिव्स होते हैं. उन में पैराबेन्स भी शामिल है. यह त्वचा के लिए हानिकारक है. इस के अलावा फार्मेलडिहाइड भी होता है जो आंखों व त्वचा में जलन पैदा कर सकता है.

जो युवतियां या महिलाएं मेकअप अधिक करती हैं, उनकी त्वचा अति संवेदनशील हो जाती है.   

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