ऐलर्जी दूर करने के उपाय
– एक ठंडे, गीले कपड़े को प्रभावित हिस्से पर लपेट दें.
– अपनी स्किन पर ठंडी क्रीम लगाएं. शरीर पर मौइस्चराइजर या बौडी लोशन लगाएं.
– खुजली से छुटकारा पाने के लिए खुजली दूर करने वाली क्रीम का प्रयोग किया जा सकता है.
– कुनकुने पानी से स्नान करने से भी राहत मिलती है.
– उन पदार्थों से परहेज करें जो स्किन में समस्या पैदा करते हैं. वैसे आभूषण न पहनें जिन से प्रौब्लम होती है.
– खुजली होने पर सिंथैटिक कपड़े पहनने के बजाय सूती कपड़ों का उपयोग करें.
– ऐलर्जी की दवा का सेवन कर के भी आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं.
24 साल की अंजलि वर्मा काफी बिंदास स्वभाव की लड़की है. उसे घूमनाफिरना, शौपिंग करना और खूबसूरत दिखना बहुत पसंद है. गरमी के मौसम में भी वह एक से बढ़ कर एक ड्रैसेज खरीदती है और पूरे मेकअप में निकलती है. मगर पिछले कुछ दिनों से उसे घमौरियों की समस्या होने लगी है.
पिछले संडे जब वह अपनी सहेली की बर्थडे पार्टी में पहुंची तो सब उसे देख कर चौंक उठे. स्टाइलिश वनपीस ड्रैस और खुले बालों में वह बहुत सुंदर लग रही थी. मगर शाम होतेहोते उसे पीठ और गले के निचले हिस्से में खुजली शुरू हो गई. यह खुजली बढ़ती ही गई और छोटे लाललाल दाने निकल आए. तब उस की सहेली ने उसे ऐलर्जी की दवा दी और उसे नहाने भेजा. नहाने के बाद उसे अपने कौटन के कपड़े पहनने को दिए, साथ ही प्रभावित हिस्सों में ऐलोवेरा जैल भी लगा दिया. धीरेधीरे उस की प्रौब्लम कम हो गई.
दरअसल, गरमी के दिनों में स्किन संबंधी रोगों जैसे घमौरियां आदि की संभावना बढ़ जाती है. लापरवाही बरतने से यह रोग गंभीर भी हो सकता है. स्किन पर लाल रंग के दाने और उन में खुजली का होना आमतौर पर घमौरियों के लक्षण हैं. इस स्थिति में शरीर में या तो पसीने वाली जगहों पर या सिंथैटिक कपड़े से ढकी जगह पर छोटेछोटे लाल चकत्ते हो जाते हैं जिन में खुजली होने लगती है.
यह अधिक गरमी या टाइट कपड़े पहनने के कारण भी होता है. इस से बचने के लिए जितना हो सके धूप से बचें. बाहर निकलना ही हो तो कैप लगा कर और अंब्रेला ले कर तथा शरीर के खुले हिस्सों पर सनस्क्रीन लगा लें. पौलिएस्टर या नायलोन के कपड़ों की जगह सूती, ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें.
यदि हमारी स्किन किसी विशेष चीज के प्रति संवेदनशील है तो ऐसे में स्किन पर उस चीज के प्रभाव से दाने, मुंहासे या लाल चकत्ते निकल सकते हैं. स्किन ऐलर्जी के बहुत से कारण हो सकते हैं:
– कुछ लोगों को खास तरह के खाने से ऐलर्जी होती है. कोई चीज खाने भर से उन्हें खुजली की समस्या हो सकती है.
– कुछ लोगों को किसी दवा के साइड इफैक्ट के कारण भी खुजली या ऐलर्जी हो सकती है.
– कैमिकल वाले सौंदर्यप्रसाधनों के इस्तेमाल से भी खुजली हो सकती है. कैमिकल युक्त हेयर डाई या हेयर कलर के इस्तेमाल से अकसर खुजली की समस्या हो जाती है. इसी तरह किसी को फाउंडेशन से तो किसी को किसी खास फेस क्रीम से भी ऐसी प्रौब्लम हो जाती है.
– कुछ महिलाओं की स्किन जेवरों के प्रति संवेदनशील होती है. ऐसी महिलाएं यदि धातु से बनी कोई जेवर पहनती हैं तो उन्हें स्किन पर खुजली हो सकती है. गरमियों में जेवर जब पसीने के संपर्क में आते हैं तो ऐसे में स्किन पर ऐलर्जी हो जाती है.
– कुछ लोगों को सिंथैटिक कपड़ों से भी ऐलर्जी होती है.
– पालतू जानवर को छूने या हार्ड साबुन के ज्यादा प्रयोग से भी खुजली शुरू हो सकती है. इस से स्किन पर लाली या दाने आ जाते हैं. छाले भी हो सकते हैं.
– किडनी या थायराइड की समस्या से भी खुजली हो सकती है.
– सूखी स्किन की प्रौब्लम भी इस की एक वजह है. बहुत अधिक गरम या ठंडे मौसम में ऐसा संभव है. ऐसे में एक अच्छा मौइस्चराइजर नियमित रूप से लगाना जरूरी है.
– किसी तरह के कीड़े के काटने पर भी स्किन पर खुजली या कोई और प्रौब्लम पैदा हो सकती है.
– फंगल इन्फैक्शन भी खुजली का कारण हो सकता है.
– डायबिटीज के कारण भी ऐसी समस्या हो सकती है.
– सर्दियों में अकसर लोग ऊनी कपड़े पहनती हैं जिस के कारण स्किन पर खुजली जैसी समस्या पैदा हो सकती है.
– किडनी खराब होने पर खुजली की समस्या हो जाती है.
– पित्ती या चिकन पौक्स के कारण भी स्किन पर खुजली या खराश होनी शुरू हो जाती है.
– कुछ लोगों को परफ्यूम से ऐलर्जी होती है. ऐसे लोग जब परफ्यूम का इस्तेमाल करते हैं तो उन की स्किन पर लाल चकत्ते हो जाते हैं.
स्किन ऐलर्जी के प्रकार
फंगल इन्फैक्शन: फंगल इन्फैक्शन एक प्रकार की स्किन ऐलर्जी है जो फंगस के द्वारा होती है. इसे माइकोसिस भी कहते हैं. फंगल इन्फैक्शन चेहरे, हाथों की स्किन या शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है. इस ऐलर्जी में स्किन पर एक प्रकार का खुरदरापन सा होने लगता है और खुजली भी होती है. यह इन्फैक्शन शरीर के ऐसी जगहों की स्किन पर ज्यादा होता है जहां थोड़ी नमी होती है जैसेकि पैरों की उंगलियों के बीच, एडि़यों, नाखूनों, जननांग, स्तन इत्यादि.
लाइकेन प्लेनस: यह भी एक प्रकार का स्किन इन्फैक्शन या स्किन ऐलर्जी है जो 30 साल से अधिक के व्यक्तियों में देखने को मिलती है. यह एक तरह से खुजली वाले लाल चकत्ते होते हैं जो शरीर के किसी भी भाग पर हो सकते हैं लेकिन कलाइयों, पैरों के निचले भाग, पीठ, गरदन इत्यादि में इस ऐलर्जी के होने की ज्यादा संभावना बनी रहती है. यह ऐलर्जी जेनेटिक होती है.
ऐक्जिमा: ऐक्जिमा एक ऐसी बीमारी है जिस में स्किन में तेज खुजली होती है और स्किन रूखी हो जाती है. कुछ लोगों में यह समस्या इतनी तकलीफदेह हो जाती है कि उन्हें इस का लंबा ट्रीटमैंट कराना पड़ता है. मौसम बदलने के साथ ही यह दिक्कत और बढ़ जाती है. कुछ लोगों को इतनी तेज खुजली होती है कि स्किन से खून तक आने लगता है. यह बड़े लोगों तथा बच्चों दोनों को ही हो सकती है.
पित्ती: यह एक प्रकार की स्किन ऐलर्जी है जिस में स्किन पर बड़ेबड़े लाल चकत्ते उभर आते हैं. स्किन पर बने इन लाल चकत्तों में बहुत ज्यादा खुजली होती है. जितना ज्यादा उस जगह को खुजलाते हैं यह ऐलर्जी और तेजी से बढ़ने लगती है. यह कुछ दिनों में अपनेआप भी ठीक हो जाती है.
स्किन ऐलर्जी के लिए घरेलू उपाय
टी ट्री औयल: स्किन ऐलर्जी में टी ट्री औयल काफी हैल्पफुल होता है. इस में ऐंटीमाइक्रोबियल और ऐंटीइनफ्लैमेटरी प्रौपर्टीज होती हैं जो कई तरह की स्किन ऐलर्जी से छुटकारा दिलाती हैं. स्किन में होने वाली रैडनैस और खुजली से छुटकारा पाने के लिए टी ट्री औयल एक बेहतर औप्शन है.
तुलसी: तुलसी ऐंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है जो आप की स्किन को संक्रमण से बचाने का काम करती है. इस के अलावा इस में ऐंटीइनफ्लैमेटरी गुण होते हैं जो स्किन ऐलर्जी से जुड़ी रैडनैस, सूजन और खुजली में आराम दिलाते हैं. साथ ही तुलसी ऐंटीऐलर्जिक भी होती है. तुलसी के पत्तों को धो कर इस का पेस्ट बना लें. अब इसे प्रभावित जगह पर लगाएं और 20 से 30 मिनट बाद धो लें.
सेब का सिरका: सेब के सिरके में ऐंटीइनफ्लैमेटरी और ऐंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. इन गुणों की मदद से इसे स्किन पर लगाने से ऐलर्जी से आराम मिलता है और स्किन पर संक्रमण बढ़ता नहीं है.
आप पानी को गरम कर के उस में सेब का सिरका मिला लें. अब रुई की मदद से इस मिश्रण को प्रभावित जगह पर लगाएं. 15 से 20 मिनट लगा रहने के बाद धो लें.
ऐलोवेरा: ऐलोवेरा जैल को हीलिंग गुणों के लिए जाना जाता है. इस में मौजूद ऐंटीइनफ्लैमेटरी गुण खुजली और लाल चकत्तों से राहत दिलाने में मदद करते हैं.
ताजा ऐलोवेरा जैल को प्रभावित जगह पर लगाएं और 30 मिनट लगा रहने दें. सूखने पर धो लें.
नारियल तेल: नारियल तेल मौइस्चराइजिंग गुणों से भरपूर होता है. इस में ऐनाल्जेसिक और ऐंटीइनफ्लैमेटरी गुण मौजूद होते हैं, इसलिए यह स्किन की ऐलर्जी के कारण होने वाली रैडनैस और खुजली से छुटकारा दिलाने में मदद करता है. इसे इस्तेमाल करने के लिए नारियल के तेल की कुछ बूंदों को हथेली पर ले कर प्रभावित स्किन पर लगाएं. 20 से 30 मिनट बाद स्किन को सादे पानी से धोएं और फिर तौलिए से सुखा लें.
नीम: नीम में ऐंटीइनफ्लैमेटरी और ऐंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. यह स्किन ऐलर्जी के इलाज में असरदार माना जाता है. नीम के पत्तों को पीस कर पेस्ट बना लें और स्किन पर लगा कर 20 से 30 मिनट के लिए छोड़ दें. सूखने पर पानी से धो लें.