Cancer : दर्द को हलके में लेने की न करें गलती, हो सकता है इस जानलेवा बीमारी का खतरा

रोजमर्रा की भागदौङ में व्यस्त लोगों के लिए छोटेमोटे दर्द को गंभीरता से लेने के लिए वक्त ही नहीं है. सभी सुखसुविधाएं होते हुए भी आजकल के लोग दर्द को लाइफस्टाइल का हिस्सा मानने लगे हैं क्योंकि अधिकतर लोग काम के प्रैशर को ही दर्द का कारण मान लेते हैं और लापरवाही करने लगते हैं. बाद में यही लापरवाही जान का जोखिम बन जाती है इसीलिए सितंबर महीने को लोगों के बीच ‘पैन अवेयरनैस’ के तौर पर मनाया जाता है जिस की शुरुआत सब से पहले साल 2001 में अमेरिकन क्रौनिक पेन ऐसोसिएशन ने की थी.

यदि समय पर दर्द का निदान करा लिया जाए तो कई ऐसी जानलेवा बीमारियों से बचा जा सकता है.

कैंसर (Cancer)  का खतरा

कई बार दर्द की शुरुआत धीरेधीरे होती है. यदि पेट, सिर, छाती में दर्द है तो हम अधिकतर इसे गैस की समस्या मान लेते हैं और कोई उपचार नहीं लेते.  लेकिन यह नासमझी हमें कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित कर सकती है। यदि शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द है साथ ही वजन कम होने लगा है. थकावट या भूख में कमी के साथ दर्द, पेट, स्तन या जोड़ों जैसे विशेष हिस्सों पर सूजन या गांठ की परेशानी हो रही है तो डाक्टर को अवश्य दिखाएं, क्योंकि यह लक्षण कैंसर जैसी घातक बीमारी के कारण भी हो सकते हैं .

लाइलाज दर्द

कई बार लगातार होता सिरदर्द, पीठदर्द, ब्रेन, स्पाइन या पेल्विक रीजन में ट्यूमर का कारण भी हो सकता है जिस का हमें लंबे समय से दर्द का अनुभव हो रहा होता है और इलाज कराने पर भी हमें आराम नहीं मिलता.

इन स्थितियों का तुरंत इलाज किया जाना चाहिए जिन का पता कुछ जांच आदि के जरीए ही लगाया जा सकता है जैसे इन में ऐक्सरे, सीटी स्कैन (कंप्यूटेड टोमोग्राफी), एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनैंस इमेजिंग) स्कैन या पीईटी (पौजिट्रौन ऐमिशन टोमोग्राफी) स्कैन के जरीए ही पता लगाया जा सकता है.

दर्द होने पर घरेलू उपचार का लेना बीमारी को बढ़ा सकता है जिस से कैंसर जैसी बीमारी का इलाज हो पाना बड़ा ही मुश्किल हो सकता है क्योंकि कैंसर शरीर में बहुत जल्दी फैलता है. साथ ही अपने दर्द की तुलना किसी और की परेशानी से न करें क्योंकि हर किसी के लक्षण अलग हो सकते हैं इसलिए समय रहते डाक्टर का परामर्श अवश्य लें.

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