मानसून और कोविड-19 महामारी में त्वचा का रखें खास ख्याल

डॉ. विदुषी जैन, डर्मालिंक्स, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

मानसून की रिमझिम फुहारों से गर्मी में झुलसी स्किन को आराम जरूर मिलता है लेकिन नम और उमस भरा यह मौसम स्किन के छिद्रों को बंद कर स्किन संबंधी कई समस्याओं को ट्रिगर कर सकता है. बारिश में भीगने से स्किन संबंधित कई समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है. इस साल तो हमें मानसून में दुगनी सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि कोविड-19 के कई लक्षण स्किन की विभिन्न समस्याओं के रूप में भी सामने आ रहे हैं. तो जानिए मानसून में स्किन से संबंधित प्रमुख समस्याएं कौन-कौन सी हैं, इन से कैसे बचें और स्किन में दिखाई देने वाले कौन से लक्षण कोरोना संक्रमण का संकेत हैं.

मानसून में स्किन से संबंधित प्रमुख समस्याएं

मानसून में वातावरण में उमस और नमी बढ़ने से वाइरस, बैक्टीरिया और फंगस की गतिविधियां तेज हो जाती हैं जिस से विभिन्न प्रकार की एलर्जी और संक्रमणों की आशंका बढ़ जाती है.

फंगल इंफेक्शन

मानसून में यह स्किन की सब से सामान्य समस्या है जो अक्सर गीले कपड़ों और पसीने के कारण होती है. बगलों, स्तनों के नीचे की स्किन और पैरों की उंगलियों के बीच यह संक्रमण सब से अधिक होता है.

एथलीट फुट

इसमें पैरों की उंगलियों के बीच में दाद हो जाता है. यह मानसून में होने वाला सबसे सामान्य फंगस का संक्रमण है. वातावरण में आद्रता अधिक होने के कारण पसीना जल्दी नहीं सूख पाता जिस से फंगस विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. इस से स्किन में तेज खुजली चलती है और वो लाल पड़ जाती है.

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मुंहासे

मानसून में वातावरण में उमस बढ़ने से स्किन की तेल ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं. इस से स्किन पर तेल और गंदगी अधिक मात्रा में जमा होने के कारण रोमछिद्र बंद होने का खतरा बढ़ जाता है. गंदी स्किन बैक्टीरिया को भी अधिक मात्रा में आकर्षित करती है जिससे स्किन पर मुंहासे और फोड़े-फुंसी निकल सकते हैं.

एक्जिमा

एक्जिमा में स्किन लाल हो जाती है, सूजन आ जाती है और उस में खुजली होने लगती है. जिन लोगों की स्किन संवेदनशील होती है उन्हें अक्सर मानसून में इस समस्या का सामना करना पड़ता है.

स्किन की ये समस्याएं हो सकती हैं कोविड-19 के लक्षण

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण कई लोगों में स्किन से संबंधित कुछ ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं कि कोई सोच नहीं सकता कि उसमें यह लक्षण कोरोना के संक्रमण के कारण हैं. निम्न लक्षण दिखें तो इन्हें स्किन संबंधी सामान्य समस्याएं समझकर नज़रअंदाज़ न करें. ये आप के कोरोना संक्रमित होने का संकेत हो सकते हैं.

कोरोना फुट

कोरोना के संक्रमण के कारण कोरोना फुट की समस्या भी हो रही है. इस में पैरों में रैशेज़ और चकते पड़ जाना, उनमें दर्द होना, एलर्जी हो जाना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. कोरोना फुट के लक्षण बच्चों में अधिक दिखाई दे रहे हैं.

कोविड टोज़

अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार अभी पिछले कुछ दिनों से कोविड टोज़ के मामले सामने आ रहे हैं. यह कोरोना वायरस के संक्रमण का सब से नवीनतम संकेत है. इस में पैरों की उंगलियां सूज कर लाल और जामुनी रंग की हो जाती हैं.

स्किन रैशेज़

इटली में हुए एक अध्ययन के अनुसार, कोरोना से संक्रमित 20 प्रतिशत लोगों में स्किन से संबंधित लक्षण दिखाई दे रहे हैं. इन में स्किन रैशेज़ प्रमुख हैं. हमारा शरीर वायरस के संक्रमण के प्रति जो प्रतिक्रिया देता है उस के कारण स्किन रैशेज़ की समस्या ट्रिगर हो सकती है.

मानसून में स्किन के लिए जरूरी टिप्स

  • चेहरे को दिन में 3-4 बार साफ पानी से जरूर धोएं. इस से अतरिक्त तेल और गंदगी निकल जाएगी जो रोमछिद्रों को बंद कर मुंहासों की समस्या को ट्रिगर कर सकती है.
  • इस मौसम में ज्यादा प्यास नहीं लगती,लेकिन शरीर में जल का स्तर बनाए रखने के लिए रोज़ाना 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं.
  • पचने में आसान और पोषक भोजन का सेवन करें. अपने डाइट चार्ट में साबुत अनाजों, फलों और सब्जियों को अधिक मात्रा में शामिल करें.
  • कैफीन युक्त पेय पदार्थों जैसे चाय-कॉफी और तले-भुने खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें. अधिक मात्रा में इन के सेवन से शरीर में हीट और टॉक्सिन की मात्रा बढ़ती है, जिस से स्किन बेजान और अनाकर्षक हो जाती है.
  • मानसून में अपने कपड़े और दूसरी निजी चीजें किसी से साझा न करें क्योंकि स्किन की कुछ समस्याएं संक्रामक होती हैं.
  • इस मौसम में खुले फुटवेयर जैसे चप्पल या सैंडल पहने. जूतों में पानी भरने के कारण फंगल इंफेक्शन और दूसरी समस्याएं होने का खतरा बढ़ सकता है.
  • हैंड हाइजीन का विशेष ध्यान रखें. जब भी जरूरी हो साबुन पानी से हाथ धो लें या सेनेटाइज़र से हाथ साफ करें.
  • ऑइल के बजाय वॉटर बेस्ड मेकअप प्रोडक्ट को चुनें ताकि आप की स्किन सांस ले सके.

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यह जानना भी है जरूरी

इस मौसम में स्किन एलर्जी होने का एक प्रमुख कारण यह है कि एक बार जब खुजली शुरू हो जाती है तो लोग लगातार खुजालते रहते हैं जिस से स्किन की उपरी परत क्षतिग्रस्त हो जाती है. यह बैक्टीरिया और फंगस का ब्रीडिंग ग्राउंड बन जाती है. अगर खुजली अधिक हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.

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