जब आप प्रेग्रेंसी प्लान कर रही होती हैं और इसी बीच आपको जब पता चलता है कि आपने कंसीव कर लिया है तो आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता. ऐसा लगने लगता है जैसे हमारी पूरी दुनिया ही बदलने वाली हो. यही बात स्किन केयर प्रोडक्ट्स पर भी लागू होती है. भले ही आपकी कैबिनेट क्रीम से भरी हुई हो, जो आपकी स्किन को खूबसूरत व ग्लोइंग बनाने का काम करती हो, लेकिन प्रेग्रेंट होते ही आपके शरीर की तरह आपकी स्किन में भी कई तरह के बदलाव आने शुरू हो जाते हैं. क्योंकि होर्मोन्स का संतुलन बिगड़ने की वजह से स्किन में नमी कम होने के साथ स्किन ज्यादा सेंसिटिव जो होने लगती है. इसलिए अब न तो आप पहले की तरह अपने रूटीन को फॉलो कर पाती हैं और न ही स्किन केयर रूटीन को. बल्कि अब आपको जरूरत होती है अपने स्किन केयर रूटीन में उन ब्यूटी प्रोडक्ट्स को शामिल करने की, जो प्रेग्रेंसी में आपके व आपके बच्चे के लिए सही व सेफ हो.
अनेक रिसर्च में यह साबित हुआ है कि प्रेग्रेंट महिला को प्रेग्रेंसी के दौरान निर्म बताए केमिकल्स से दूरी बना कर रखना बहुत जरूरी है, तो जानते हैं उन केमिकल्स के बारे में कॉस्मोटोलॉजिस्ट पूजा नागदेव से.
1. रेटिनोइड्स
अच्छी त्वचा , प्रजनन संबंधी व आंखों की अच्छी हैल्थ के लिए विटामिन ए बहुत ही आवश्यक तत्व माना जाता है. लेकिन जब हम इसे लेते हैं या फिर स्किन के जरिए अवशोषित करते हैं तो हमारा शरीर इसे रेटिनोल में बदल देता है. बता दें कि बहुत सारे एंटी एजिंग स्किन केयर प्रोडक्ट्स में रेटिनोइड्स होते हैं , जो एक तरह का रेटिनोल होता है. जिसमें एक्ने व झुर्रियों से लड़ने की क्षमता होती है. रेटिनोइड्स डेड स्किन को एक्सफोलिएट करके तेजी से कोलेजन के निर्माण में मदद करता है. लेकिन आपको बता दें कि ओवर द काउंटर मेडिसिन्स की तुलना में प्रेसक्राइब्ड मेडिसिन में काफी ज्यादा मात्रा में रेटिनोइड्स होते हैं. लेकिन जब जरूरत से ज्यादा इसका इस्तेमाल किया जाता है तो ये बच्चे में कई समस्याओं का कारण बन सकता है. इसलिए इनका इस्तेमाल प्रेग्रेंसी के दौरान स्किन केयर प्रोडक्ट्स में करने से बचना चाहिए.
2. सैलिसिलिक एसिड
ज्यादा मात्रा में सैलिसिलिक एसिड में एस्पिरिन की तुलना में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज होती हैं , जो आमतौर पर हमेशा एक्ने को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं. इसलिए डाक्टर के बिना पूछे आप सैलिसिलिक एसिड युक्त क्रीम्स का इस्तेमाल प्रेग्रेंसी के दौरान न करें. क्योंकि अकसर डाक्टर जरूरत पड़ने पर 2 पर्सेंट से कम वाले सैलिसिलिक एसिड का इस्तेमाल करने की ही सलाह देते हैं. लेकिन अगर आप ज्यादा मात्रा में इसका इस्तेमाल करती हैं तो ये नुकसान ही पहुंचाने का काम करेगा.
3. फथालेट्स
फथालेट्स एक ऐसा तत्व है, जो होर्मोनेस के संतुलन को बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार माना जाता है. यहां तक कि इसका इस्तेमाल ढेरों कोस्मेटिक्स व पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में किया जाता है. रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जानवरों की प्रजनन क्षमता व होर्मोनेस के संतुलन को बिगाड़ने के लिए इसे जिम्मेदार माना जाता है.तो आप समझ ही गए होंगे कि ये केमिकल कितना नुकसानदायक है. इसलिए इस केमिकल से दूरी बनाने में ही समझदारी है.
4. केमिकल सनस्क्रीन
सनस्क्रीन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला अल्ट्रा वायलेट फ़िल्टर ऑक्सीबेंज़ोन व इसके विभिन प्रकार हैं. हालांकि ये स्किन को प्रोटेक्ट करने का काम करता है. लेकिन ऑक्सीबेंज़ोन स्वास्थय व पर्यावरण के लिए सही नहीं माना जाता. क्योंकि ऑक्सीबेंज़ोन एक एंडोक्राइन डिसरूपतर है. इसलिए ये आशंका है कि प्रेग्रेंसी के दौरान ये तत्व होर्मोनेस का संतुलन बिगड़ने के साथसाथ मां व बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है.
5. हेयर डाई
बता दें कि हेयर कलर्स में अमोनिया और पेरोक्साइड होता है. जो स्कैल्प के जरिए शरीर में जाकर जलन , एलर्जी व कई नकारात्मक प्रभाव डालने का काम करता है.
6. ब्लीच
ब्लीच में हाइड्रोजन पेरोक्साइड होता है, जो स्किन को डैमेज करने के साथसाथ आंखों के टिश्यू को भी नुकसान पहुंचाने का काम करता है. इसलिए प्रेग्रेंसी में तो इसका इस्तेमाल करने से बचना ही चाहिए , साथ ही वैसे भी आप ब्लीच का जितना हो सके, कम से कम ही इस्तेमाल करें.
अब जानते हैं अल्टरनेटिव
सेफ स्किन केयर इंग्रीडिएंट्स के बारे में–
1. एक्ने एंड हाइपरपिगमेंटेशन
अगर आप प्रेग्रेंसी के दौरान एक्ने व स्किन पिगमेंटेशन की समस्या से परेशान हैं , जो इस समय की यह आम समस्या है तो आप रेटिनोइड बेस्ड कोस्मेटिक्स की जगह, जिसमें ग्ल्य्कोलिक एसिड इंग्रीडिएंट हो, उसका इस्तेमाल करें. क्योंकि ये हैल्दी स्किन सेल्स को प्रमोट करके आपके प्रेग्रेंसी के ग्लो को भी बनाए रखने का काम करता है.
2. एंटी एजिंग
विटामिन सी जिस तरह से आपकी इम्युनिटी को बूस्ट करने का काम करता है, उसी तरह से विटामिन सी जैसा एन्टिओक्सीडेंट कोलेजन को बनाए रखने व स्किन को फ्री रेडिकल्स से बचाए रखने का भी काम करता है. इसी के साथ आप प्रेग्रेंसी के दौरान अन्य एन्टिओक्सीडैंट्स जैसे विटामिन इ, विटामिन के , विटामिन बी- 3 व ग्रीन टी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
3. ड्राई स्किन एंड स्ट्रेक्च मार्क्स
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि प्रेग्रेंसी के दौरान शरीर पर काफी दबाव व भार पड़ता है. और गर्भ में पल रहे शिशु को किसी भी समय पानी की जरूरत होती है, तो वो आपसे ही इसकी पूर्ति करता है. जिससे स्किन ड्राई हो जाती है. रूखी त्वचा इसका व होर्मोनेस के असंतुलन का ही परिणाम है. ऐसे में अगर आप स्ट्रेच मार्क्स से बचना चाहती हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपकी स्किन ड्राई न हो. इसके लिए आप स्वीट आलमंड आयल, सीसम या ओलिव आयल का इस्तेमाल कर सकती हैं. आप लैवेंडर आयल, रोज आयल, जैसमिन आयल का भी बिना डरे इस्तेमाल करके ड्राई स्किन व स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से निजात पा सकती हैं.
4. सन प्रोटेक्शन
स्किन को धूप से बचाना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि अगर आपकी स्किन धूप से बची रहेगी तो स्किन कैंसर के साथसाथ झुर्रियों का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाएगा. ऐसे में आप प्रेग्रेंसी के दौरान नेचुरल सनस्क्रीन के तौर पर रसभरी सीड आयल का इस्तेमाल कर सकती हैं. आप इस बात का ध्यान रखें कि प्रेग्रेंसी के दौरान आप केमिकल वाले सनस्क्रीन की जगह मिनरल बेस्ड सनस्क्रीन का ही इस्तेमाल करें.