अगर आप के चेहरे और हाथों के कलर में है अंतर, तो जानें इस के कारण और ठीक करने के तरीके

Skin Care Tips : अकसर लोगों का चेहरा तो चांद सा चमकता है, लेकिन जब बात हाथपैरों की आती है तो उन की गहरी रंगत सारा इंप्रेशन खराब कर देती है. चेहरे और हाथपैरों के रंग में बड़ा अंतर होना एक आम समस्या है. इस परेशानी से अधिकांश लोग जूझते हैं. अगर आप के चेहरे का रंग भी साफ है, लेकिन हाथपैर डार्क हैं तो इस के कारण और निवारण दोनों जानना आप के लिए जरूरी है. चलिए, आज इस सीक्रेट को जानते हैं :

इसलिए होता है रंग में अंतर

चेहरे का रंग शरीर के बाकी अंगों से साफ होने का प्रमुख कारण यह है कि अधिकांश लोग सिर्फ फेस के स्किन केयर पर ही ध्यान देते हैं. लोग चेहरे को दिनभर में कई बार धोते हैं और उस पर क्रीम लगाते हैं, जिस से स्किन में नमी बनी रहती है और वह नुकसान से बचती है. वहीं सूरज की किरणों से बचने के लिए भी सनस्क्रीन का उपयोग चेहरे पर ही किया जाता है.

हाथपैरों को लोग भूल जाते हैं. यही कारण है कि धूप, गंदगी और प्रदूषण के कारण हाथपैरों की स्किन में मेलेनिन का उत्पादन बढ़ जाता है और त्वचा काली होने लगती है.

दूसरा बड़ा कारण यह है कि आप के हाथ और पैर गंदगी और धूल के संपर्क में ज्यादा आते हैं. कई बार पोषक तत्त्वों की कमी और साफसफाई के अभाव में भी हाथपैर काले पड़ने लगते हैं.

3 स्टैप्स से गोरे करें हाथपैर

हाथपैरों का रंग साफ करना कोई मुश्किल काम नहीं है. इस के लिए आप 3 आसान से स्टैप्स फौलो करें, आप को कुछ ही दिनों में असर नजर आएगा.

स्टेप 1 : सब से पहले आप चेहरे के साथ ही हाथपैरों को भी अपने नाइट स्किन केयर रूटीन में शामिल करें. रोज रात को कोजिक एसिड और ग्लाइकोलिक एसिड से युक्त क्रीम लगाएं. इस से आप की स्किन में कोलेजन बढ़ेगा और रंगत निखरेगी.

स्टेप 2 : दूसरा स्टेप है अपने चेहरे के साथ ही हाथपैरों पर भी सनस्क्रीन का यूज करना. घर से निकलते समय आप एसपीएफ 50 वाले अच्छे सनस्क्रीन को चेहरे, गरदन और हाथपैरों पर लगाएं. इस से सूरज की हानिकारक किरणों से आप का बचाव होगा व हाथपैरों का रंग और गहरा नहीं होगा.

स्टेप 3 : अपने खाने में ऐंटीऔक्सिडेंट रिच फूड शामिल करें. विटामिन सी से भरपूर फलों का सेवन करें. संतरे और आंवले जैसे फलों को अपनी डेली डाइट में शामिल करें. पालक और बादाम भी नियमित रूप से खाएं. इस से स्किन अंदर से हैल्दी होगी.

होंठों से घुटनों तक के कालापन से पाना चाहती हैं छुटकारा, तो ऐक्सपर्ट के टिप्स को करें फौलो

ब्लॉसम कोचर, सौंदर्य विशेषज्ञा

काले धब्बे या त्वचा का असमान रंग एक सामान्य सौंदर्य समस्या है, जिस से कई लोग परेशान होते हैं. होंठों, घुटनों, कोहनी, गर्दन, अंडरआर्म्स और यहां तक कि नितंबों पर कालापन या त्वचा का असमान रंग होने के कई कारण हो सकते हैं, जिन में धूप के प्रभाव, प्रदूषण, अनुचित स्किनकेयर रूटीन और हार्मोनल बदलाव शामिल हैं. हालांकि, इसे हल करना कठिन नहीं है.

होंठों का कालापन

होंठों का कालापन एक बहुत आम समस्या है, खासकर उन लोगों के लिए जो धूम्रपान करते हैं या जिन के होंठों पर बहुत अधिक धूप का असर होता है. इस के अलावा, होंठों को नियमित रूप से मौइस्चराइज न करने से भी उन में सूखापन और कालापन आ सकता है.

उपाय

नीबू और शहद का मिश्रण: नीबू में मौजूद प्राकृतिक ब्लीचिंग गुण होंठों के कालेपन को दूर करने में मदद करते हैं. नीबू के रस में थोड़ा शहद मिला कर होंठों पर लगाएं और 10-15 मिनट के बाद धो लें. इसे रोजाना उपयोग करने से होंठों की त्वचा धीरेधीरे हलकी हो जाएगी.

गुलाबजल और ग्लिसरीन: गुलाबजल होंठों को ताजगी और नमी प्रदान करता है, जबकि ग्लिसरीन उन्हें मौइस्चराइज रखता है. रात को सोने से पहले गुलाब जल और ग्लिसरीन को मिला कर होंठों पर लगाएं.

चीनी स्क्रब: चीनी के छोटेछोटे दाने डेड स्किन को हटाने में मदद करते हैं. चीनी और नारियल तेल का स्क्रब बना कर होंठों पर हल्के हाथ से मसाज करें. इस से होंठ साफ, मुलायम और गुलाबी दिखाई देंगे.

कोहनी और घुटनों का कालापन

कोहनी और घुटनों पर कालापन अकसर कठोर त्वचा के कारण होता है. ये स्थान हमेशा घर्षण के संपर्क में होते हैं, जिस से वहां की त्वचा मोटी और काली हो जाती है.

उपाय

नीबू और बेकिंग सोडा: नीबू और बेकिंग सोडा का मिश्रण कोहनी और घुटनों के काले धब्बों को हलका करने के लिए प्रभावी होता है. आधे नीबू पर बेकिंग सोडा छिड़कें और इसे प्रभावित क्षेत्रों पर रगड़ें. यह त्वचा के मृत कोशिकाओं को हटा कर काले धब्बों को हल्का करता है.

एलोवेरा जैल: एलोवेरा त्वचा के रंग को सुधारने के साथ ही उसे नमी और पोषण भी प्रदान करता है. एलोवेरा जैल को सीधे घुटनों और कोहनी पर लगाएं और 20 मिनट बाद धो लें. इसे रोजाना

उपयोग करें.

नारियल तेल और हल्दी: नारियल तेल त्वचा को गहराई से मौइस्चराइज करता है और हल्दी में ऐंटीबैक्टीरियल और ऐंटीइंफ्लैमेटरी गुण होते हैं. नारियल तेल में थोड़ी हल्दी मिला कर प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं और 15-20 मिनट के बाद धो लें.

गर्दन का कालापन

गर्दन का कालापन अकसर अशुद्धियों और धूलमिट्टी के कारण होता है. साथ ही, त्वचा को साफ न करने या नियमित देखभाल न करने से भी गर्दन का रंग असमान हो सकता है.

उपाय

दूध और बेसन: दूध एक प्राकृतिक क्लींजर होता है और बेसन त्वचा की गहराई से सफाई करता है. दूध और बेसन को मिला कर पेस्ट बनाएं और इसे गर्दन पर लगाएं.

नीबू और गुलाबजल: नीबू का रस और गुलाबजल मिला कर रोजाना रात को सोने से पहले गर्दन पर लगाएं. यह त्वचा की रंगत को सुधारने में मदद करता है और काले धब्बों को दूर करता है.

खीरे का रस: खीरा त्वचा को ठंडक और ताजगी प्रदान करता है. खीरे का रस निकाल कर इसे रोजाना गर्दन पर लगाएं. इस से गर्दन की त्वचा साफ और चमकदार होगी.

अंडरआर्म्स का कालापन

अंडरआर्म्स का कालापन के कई कारण हो सकते हैं जैसे अत्यधिक पसीना, शेविंग और कठोर डियोडरेंट्स का उपयोग शामिल हैं.

उपाय

आलू का रस: आलू एक प्राकृतिक ब्लीचिंग एजेंट है. आलू के रस को अंडरआर्म्स पर लगाएं और 15-20 मिनट बाद धो लें. यह कालापन दूर करने में मदद करता है.

एप्पल साइडर विनेगर: एप्पल साइडर विनेगर में एसिडिक गुण होते हैं, जो त्वचा को साफ करने और मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करते हैं. इसे पानी में मिला कर अंडरआर्म्स पर लगाएं और कुछ देर बाद धो लें.

टी ट्री औयल और पानी: टी ट्री औयल

में ऐंटीसेप्टिक और ऐंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो अंडरआर्म्स को ताजगी प्रदान करने के साथसाथ त्वचा के रंग को भी हलका करते हैं.

टी ट्री औयल की कुछ बूंदें पानी में मिलाकर अंडरआर्म्स पर स्प्रे करें.

ऐसे चुनें बेबी केयर प्रोडक्ट्स

घरेलू तरीके नहीं, बच्चे के लिए चुनें सही बेबी केयर प्रोडक्ट्स…

न्यू  ली बौर्न बच्चों की देखभाल मांओं के लिए हमेशा ही उलझन का टापिक रहा है. रूरल इलाकों में जौइंट फैमिलियों के चलते ये परेशानियां थोड़ी कम होती हैं लेकिन शहरों में न्यूक्लियर परिवारों में जहां मांएं ही बच्चे की देखभाल के लिए जिम्मेदार होती हैं वहां यह परेशानी थोड़ी बढ़ जाती है. अरबन इलाकों में मांएं अपने न्यूबौर्न बेबी की देखभाल के लिए घरेलू उपचारों पर भरोसा नहीं करतीं, इस के बजाय वे बाजार में मौजूद सही बेबी केयर प्रोडक्टस का इस्तेमाल करती है.

बेबी फीडिंग बोतल

नए पैदा हुए बच्चे को समयसमय पर मां का दूध पिलाना जरूरी होता है, लेकिन कभीकभी कुछ विशेष कारणों से ऐसा करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में फीडिंग बोतल सब से मददगार साबित होती है. फीडिंग बोतल बच्चों के लिए सब से जरूरी समान में से एक है. इस का चुनाव करते समय हमेशा ध्यान रखें कि बोतल ब्रैंडेड हो और सौफ्ट हो. ब्रैंडेड होने का मतलब यह नहीं है कि कोई महंगी बोतल खरीदी जाए लेकिन आप के लिए उस की क्वालिटी का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

डायपर्स

शहरों में बैडशीट, सोफा बच्चों के कपडे़ ज्यादा गंदे न हों इस के लिए बच्चों को डायपर्स पहना दिए जाते हैं. एक डायपर 3-4 घंटे तक बच्चे द्वारा पहना जाता है. न्यूबौर्न दिन में कई बार सूसूपौटी करता है. ऐसे में पूरे दिन में एक बेबी के लिए 6-7 डायपर्स की जरूरत होती है. ऐसे में ऐसे डायपर्स का चुनाव करें जो बच्चे के लिए अनकंफर्टेबल न हों. उन्हें चुभें नहीं और न ही लिक्विड को सोखने में नाकामयाब हों. सौफ्ट मैटीरियल क्वालिटी के डायपर्स बेहतर होते हैं.

स्किन केयर प्रोडक्ट्स

न्यूबौर्न बेबी की स्किन बहुत ही सैंसिटिव होती है, अकसर हलकी सी लापरवाही और खराब बेबी केयर प्रोडक्टस का इस्तेमाल उन्हें ऐलर्जी या रैशेज कर देता है. न्यूबौर्न के लिए डाई फ्री, फ्रैगरैंस फ्री और मैडिकली टैस्टेड प्रोडक्ट्स ही खरीदें. प्रोडक्ट्स खरीदते समय लेबल अच्छे से पढें़. इस में तेल, लोशन, साबुन वगैरह सामिल है.

सही से चुनाव न कर पाने पर बेबी को नुकसान भी हो सकते है जैसे बेबी के लिए क्रीम चुनते वक्त इनग्रीडिऐंट्स जरूर चैक कर लें. बेबी के के लिए ज्यादातर एक्सपर्ट्स फ्रूटी क्रीम लेने की सलाह देते हैं क्योंकि इस में हार्ड कैमीकल्स की मात्रा कम होती है और यह स्किन मौइस्चर के लिए अच्छी होती है.

कैसे करें सही साबुन का चुनाव

बेबी के लिए सोप चुनते समय भी कुछ चीजों का ध्यान रखना होता है. सब से पहले इस बात को गांठ बांध लें कि कोई भी शैंपू या सोप नैचुरल नहीं होता है, हर साबुन में कई तरीके के कैमिकल्स मिलाए जाते हैं. न्यूबौर्न बेबी की स्किन मुलायम होती है इसलिए ऐसे सोप का इस्तेमाल करे जिस में हार्श कैमिकल न हो. अधिकतर आईएसओ सर्टीफाइड प्रोडक्ट ही लें.

बेबी पाउडर कैसे चुनें

ऐसा बेबी पाउडर चुनें जिस की खुशबू ज्यादा तेज न हो. अगर पाउडर में ज्यादा कैमिकल होंगे या खुशबू तेज होगी तो खुजली या रैशेज हो सकते हैं. पाउडर का इस्तेमाल करने के बाद बेबी की स्किन पर रैडनैस हो तो उस पाउडर को इस्तेमाल न करें और डाक्टर की सलाह लें. रैडनैस का इलाज करें. नहलाने के बाद शरीर सूखने दें उस के बाद पाउडर लगाएं.

औयल कैसे चुनें

इस का भी सेम ही रीजन है, औयल में ऐसे हार्श कैमिकल्स न हों जिन से बेबी की स्कैल्पा पर दाने या खुजली हो. बेबी के लिए नारियल तेल, सरसों के तेल या बादाम के तेल का इस्तेमाल बेहतर माना जाता है. मसाज करने के लिए भी आप इन तेलों में से ही किसी का चुनाव कर सकते हैं.

तौलिया या टौवेल

बेबी को लपेटने के लिए टौवेल जैसे मुलायम कपड़े की भी जरूरत पडती है. गर्भ से बाहर आए बेबी को आसपास के तापमान के अनुसार ढलने में थोड़ा वक्त लगता है इसलिए शुरुआती दिनों में उसे साफ और सौफ्ट तौलिए में अच्छी तरह लपेट कर रखने की जरूरत होती है. सही तरह से लपेटने से बेबी को आराम मिलता है और वह रोता भी नहीं है.

थर्मामीटर

बेबी का तापमान वक्त पर नापने के लिए एक डिजिटल थर्मामीटर होना बहुत जरूरी हो जाता है. बाहर तापमान के बदलने के कारण अकसर बच्चों के शरीर के तापमान में भी बदलाव आता रहता है, जिस से शुरुआती दिनों में बच्चों को बुखार, जुकाम होने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाती है. इसलिए उन का तापमान चैक करते रहना जरूरी हो जाता है. बच्चे का तापमान बढ़ने पर उसे तुरंत डाक्टर को दिखाएं.

 

Summer Special: एक्सपर्ट से जानें गर्मियों में कैसे करें स्किन की केयर

गर्मियां आते ही स्किन पर सारे इन्फेक्शन और प्रोब्लम होने का खतरा बढ़ता जाता है. इसलिए गर्मियों के दिनों में स्किन की सही देखभाल बहुत आवश्यक है. चिलचिलाती धूप, पल्युशन, ह्यूमिडिटी और धूल मिट्टी स्किन की नैचुरल ग्लो को खत्म कर देता है. इन सबसे बचने के लिए गर्मियों में हमे एक अच्छे स्किनकेयर टिप्स की आवश्यकता है और आसान से टिप्स बता रहे हैं, डर्मेटोलॉजिस्ट और एस्थेटिक फिजिशियन संस्थापक और निदेशक, आईएलएएमईडी के डॉ. अजय राणा.

1. स्किनकेयर के लिए सबसे जरूरी है अपने स्किन को एक्सफोलियट करना. हमारी बॉडी और स्किन हर दिन हजारों की तादाद में डेड स्किन सेल्स शेड करती है. जो स्किन को ड्राई और डल बनाती है. इन डेड सेल्स को गिरने से रोकने के लिए स्किन को एक्सफोलिएट करना बहुत जरूरी है. खासकर गर्मियों के दिनों में चेहरे को एक्सफोलिएट करना न भूले. एक्सफोलियेट करने के लिए एक्सफोलिएटर को सर्कुलर मोशन में मूव करें.

2. गर्मियों में सबसे जरूरी है एक अच्छे सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना. ऐसे सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें जिसकी एसपीएफ रेटिंग 30 या 70 हो. जो स्किन को सूरज की हानिकारक युवी किरणों से बचाता है. हर एक दो घंटे में सनस्क्रीन का दुबारा इस्तेमाल करें.

3. गर्मियों के दिनों में जितना कम हो उतना कम मेक अप यूज करें. क्योंकि मेकअप स्किन के पोर्स को बंद कर देता है. अगर आपको मेकअप यूज करना भी पड़े तो उससे पहले एक अच्छी एसपीएफ का फेस पाउडर का इस्तेमाल करें जिससे स्किन पर इचिंग नहीं होगी.

4. गर्मियों में बॉडी और स्किन को हाइड्रेट रखना आवश्यक है. इसके लिए हर रेगुलर इंटरवल पर पानी पीते रहे. स्किन को हाइड्रेट रखने से स्किन में मौजूद सभी हार्मफुल टॉक्सिन्स निकल जाते है.

5. गर्मियों के दिनों में हमेशा कॉटन और लाईट फैब्रिक के ही कपड़े पहने, जो स्किन को किसी भी प्रकार के इरीटेशन और पसीने के कारण होने वाले इन्फेक्शन से बचाता है. क्योंकि गर्मियों में पसीने के कारण रैशेज और अन्य प्रकार के स्किन कंडीशन के होने के चांसेज ज्यादा होते है.

6. गर्मियों के दिनों में ऐसे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें जो नैचुरल हो ताकि स्किन ब्रिद कर सकें. इसके लिए लाइटर लोशन्स और सीरम का प्रयोग करना चाहिए. ऐसे किसी भी स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें, को स्किन के पोर्स को बंद कर दें. वॉटर वाले मॉइश्चराइज सबसे बेस्ट होते है. उनका इस्तेमाल करें. ऑइली और एक्ने प्रॉन स्किन के लिए ऐसे मिनरल बेस्ड फेशियल स्प्रे का इस्तेमाल करें.

7. गर्मियों के दिनों में हमें स्पेशल स्किनकेयर रूटीन फॉलो करना चाहिए. ताकि स्किन हाइड्रेट और क्लीन रहे. गर्मियों के दिनों में बहुत सारे लोगों को ब्रेकआउट और एक्ने की समस्या होती है. इसलिए आवश्यक है कि अपनी स्किन को दिन में 3 से 4 बार धोए. सप्ताह में दो बार कम से कम स्क्रब का इस्तेमाल करें.

8. गर्मियों के दिनों में बेसिक स्किनकेयर रुटीन को अपनाए. जो है – क्लीनिंग, टोनिंग और मॉइचराइजिंग. इसका इस्तेमाल हर दिन सोने से पहले करें. पसीने के कारण स्किन के पोर्स खुल जाते है. इसके लिए टोनर का उपयोग करें, यह स्किन के पोर्स को बंद करने में मदद करता है. इन सबके इस्तेमाल से आप गर्मियों में होने वाले रिंकल्स और एजिंग से बच सकते है.

9. गर्मियों के दिनों में जितना हो सके विटामिन सी का प्रयोग करें. वैसे तो विटामिन सी का प्रयोग हर सीजन में अच्छा होता है. पर गर्मियों के दिनों में यह स्किन के लिए सबसे ज़रूरी होता है. विटामिन सी हमें हाइपरपिगमेंटेशन से बचाता है, स्किन पर होने वाले फाइन लाइन्स को कम करता है, और साथ ही साथ कोलेजन के प्रोडक्शन को भी बढ़ाता है.

10. अपनी डाइट में ऐसी चीज़े लें जिसमें विटामिन, न्यूट्रिएंट्स और एंटी ऑक्सीडेंट्स की मात्रा ज्यादा से ज्यादा हो. ज्यादा से ज्यादा फ्रूट्स और सब्जियां खाएं. यह इनफ्लैमेशन को कम करने के साथ साथ स्किन में कोलेजन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है और स्किन को अन्य प्रकार के डैमेज से भी बचाता है.

स्किन के लिए बेहद फायदेमंद है ह्यालुरोनिक एसिड, जानें ये 5 फायदें

गर्मियों में हमारी स्किन काफी मुरझाई हुई सी रहती है इसलिए इस मौसम में स्किन की देख भाल करना काफी जरूरी हो जाता है। जैसे बाहर निकलते समय आपको पूरे कपड़े पहनने चाहिए और स्किन को बार बार साफ करते रहना चाहिए और सबसे जरूरी सन स्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए। लेकिन इसके बाद भी स्किन में डलनेस दिखने लगती ही है।

ऐसे में अपने चेहरे को गर्मियों के दौरान एक ग्लो अप देने के लिए आप ह्यालुरोनिक एसिड का प्रयोग करना शुरू कर सकती हैं। यह स्किन केयर इंग्रीडिएंट इन दिनों काफी चर्चा में है और इसके प्रसिद्ध होने की वजहें भी बिलकुल सटीक हैं क्योंकि यह सही में आपकी स्किन के लिए काफी लाभदायक होता है। आइए जानते हैं इसे प्रयोग करने के लाभ।

सन डैमेज से आपको बचाता है :

गर्मियों में ज्यादा समय तक सूर्य के संपर्क में रहने से आपकी स्किन को सन बर्न और हाइपर पिग्मेंटेशन हो सकती है। इससे बचने के लिए ह्यालुरोनिक एसिड का प्रयोग करें क्योंकि यह आपकी स्किन के मॉइश्चर लेवल को बनाए रखता है और सेल रिजनरेशन में मदद करता है। यह आपकी स्किन से सन स्पॉट और हाइपर पिग्मेंटेशन को कम करने में मदद करता है। इससे स्किन पहले से काफी ब्राइट हो सकती है।

सभी स्किन टाइप के लिए है सूटेबल :

अधिकतर प्रोडक्ट्स को प्रयोग करने से पहले हम यह देखते हैं की यह हमारी स्किन के टाइप का है या नहीं। लेकिन ह्यालुरोनिक एसिड सभी स्किन टाइप के लिए सूटेबल होता है इसलिए इसका प्रयोग हर कोई कर सकता है जो काफी अच्छी बात है। यह एक्ने प्रॉन स्किन के लिए भी सहायक है। यह स्किन में ऑयल कंट्रोल करने में भी मदद करता है।

एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर :

ह्यालुरोनिक एसिड में एंटी ऑक्सीडेंट काफी ज्यादा होते हैं। इसलिए यह आपकी स्किन को वातावरण में मौजूद पॉल्यूटेंट्स जैसे प्रदूषण, धूल मिट्टी और फ्री रेडिकल्स आदि से बचा सकता है। फ्री रेडिकल्स आपकी स्किन को डैमेज कर सकते हैं और आपको एजिंग के लक्षण कम उम्र में ही देखने को मिल सकते हैं। ह्यालुरोनिक एसिड को अपने स्किन केयर रूटीन में शामिल करके आप इन सभी चीजों से स्किन को बचा सकते हैं। इसके अलावा आप इसका प्रयोग करके सूर्य की यूवी किरणों का प्रभाव भी कम कर सकते हैं।

एजिंग के लक्षणों से बचाता है :

जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है वैसे वैसे आपकी स्किन ड्राई होती जाती है और झुर्रियां जैसे एजिंग के लक्षण आपको देखने को मिलते हैं। ह्यालुरोनिक एसिड का प्रयोग करने से आप इन लक्षणों से बच सकते है। समय से पहले होने वाली एजिंग से आप स्किन को बचा सकती हैं और स्किन को मॉइश्चराइज भी रख सकती हैं।

डार्क सर्कल कम करने में सहायक :

ह्यालुरोनिक एसिड का प्रयोग अगर आप आंखों के नीचे करती हैं तो इससे आपको डार्क सर्कल्स कम होने में भी मदद मिल सकती है। यह आपकी स्किन में कॉलेजन के उत्पादन में मदद करता है जिस कारण आपकी स्किन से इस तरह की डार्कनेस कम हो सकती है। इसका प्रयोग आपको आंखों के नीचे थोड़ी थोड़ी मात्रा में ही करना चाहिए। अगर आपकी स्किन काफी पतली है तो उससे डील करने में भी यह लाभदायक रहने वाला है।

यह सारे लाभ आपको एक इंग्रेडिएंट्स का प्रयोग करके हो सकते हैं इसलिए आपको अपने स्किन केयर प्रोडक्ट्स में इस इंग्रीडिएंट से बनने वाले प्रोडक्ट्स का प्रयोग जरूर करना चाहिए ताकि गर्मियों में भी आपके चेहरे का निखार कहीं जाए न।

स्किन केयर प्रौडक्ट खरीदने से पहले जान ले ये बातें

मौनसून यानी बारिश का मौसम जहां उमंग से भर देता है वहीं स्किन के लिए कई परेशानियां भी ले कर आता है जैसे ऐक्ने, इन्फैक्शन, ऐलर्जी, औयली स्किन की समस्या आदि. ऐसे में स्किन को खास केयर की जरूरत होती है, जिस में सब से जरूरी है कि जो भी प्रोडक्ट खरीदें या यूज करें उस के बारे में पूरी जानकारी हो ताकि वह स्किन को किसी तरह का कोई नुकसान न पहुंचा सके.

आइए, कौस्मैटोलौजिस्ट डाक्टर भारती तनेजा से स्किन केयर उत्पादों को खरीदने से पहले ध्यान रखने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से जानते हैं:

स्किन टाइप के हिसाब से हो केयर

औयली स्किन: मौनसून औयली स्किन वालों के लिए सब से ज्यादा मुसीबत बन कर आता है, क्योंकि हवा में जो मौइस्चर होता है, वह गंदगी को स्किन के अंदर तक पहुंचा देता है, जिस से पोर्स बंद हो जाते हैं. इस कारण पिंपल्स, ऐक्ने की समस्या पैदा होती है. औयली और ड्राई स्किन वालों को पसीना भी बहुत ज्यादा आता है. इसलिए उन्हें पूरे दिन में 3 बार क्लींजिंग जरूर करना चाहिए.

इस बात का खास खयाल रखें कि जब भी क्लींजिंग करें तो उस के लिए हलके गरम पानी का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि इस की मदद से स्किन से औयल आसानी से क्लीन हो जाता है. दूसरी बात कि रोज स्क्रब जरूर इस्तेमाल करें. आप सोच रही होंगी कि स्क्रब तो कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है तो आप को बता दें कि अगर आप ऐप्रिकोट या फिर होममेड स्क्रब का इस्तेमाल स्किन पर हलके हाथों से करती हैं तो इस से आप की स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.

आप रोजाना साबुन की जगह इसे ही इस्तेमाल करें. बस ध्यान रखें कि इसे ज्यादा देर अप्लाई नहीं करना है.

ड्राई स्किन: जिन की स्किन ड्राई होती है उन्हें भी इस मौसम में काफी परेशानी होती है. इस मौसम में ड्राई स्किन वालों की स्किन पर पैच भी हो जाते हैं, जिन पर बहुत जल्दी इन्फैक्शन हो जाता है. इसलिए उन्हें मौइस्चराइजर जरूर इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन उन्हें भूल कर भी औयल बेस्ड क्रीम यूज नहीं करनी चाहिए. औयली स्किन वालों को भी लाइट मौइस्चराइजर या फिर वाटर बेस्ड मौइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. क्योंकि स्किन में नमी कम हो जाती है.

नौर्मल स्किन: नौर्मल स्किन वाले रोजाना सुबह और रात को क्लींजिंग जरूर करें वरना स्किन पोर्स बंद होने से पिंपल्स, इन्फैक्शन हो सकता है. नौर्मल स्किन वालों को हमेशा जैल बेस्ड मौइस्चराइजर या क्रीम ही यूज करनी चाहिए. अब बात करते हैं कि जो भी स्किन टोनर, फेस वाश, मौइस्चराइजर, क्रीम, स्क्रब आप इस्तेमाल करें वह कैसा होना चाहिए.

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स्किन टोनर

टोनर ऐसा हो, जिस में रोजवाटर, ऐलोवीरा, खीरा या फिर उस में टीट्री औयल हो, क्योंकि जहां रोजवाटर में इनफ्लैमेटरी प्रौपर्टीज होती हैं. वहीं ऐलोवेरा स्किन को ठंडक पहुंचाने के साथसाथ उसे मौइस्चर भी प्रदान करता है, साथ ही स्किन की डार्कनैस को भी दूर करने का काम करता है. खीरे में विटामिन सी होने के कारण यह स्किन

को हाइड्रेट रखने के साथसाथ सनबर्न से भी बचाता है. टीट्री औयल किसी भी तरह की

स्किन ऐलर्जी को ठीक करने में मददगार साबित होता है.

टोनर में क्या न हो

मार्केट में मिलने वाले ज्यादातर टोनर्स में अल्कोहल होता है, जिस से स्किन का मौइस्चर धीरेधीरे खत्म होने लगता है. इसलिए अल्कोहल युक्त टोनर न खरीदें खासकर इथाइल अलकोहल और मिथाइल अल्कोहल मिले प्रोडक्ट बिलकुल न खरीदें.

फैटी ऐसिड्स से भी अल्कोहल बनते हैं, जो महंगे जरूर होते हैं, लेकिन स्किन को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. ये स्किन को नरिश व मौइस्चराइज भी करते हैं. इसलिए जब भी टोनर खरीदें तो इन चीजों को देख कर ही खरीदें.

स्क्रब

अगर स्क्रब में ऐप्रिकोट, ग्रीन टी, ग्लिसरीन मिला हुई है तो आप के लिए वह स्क्रब बैस्ट है, क्योंकि ग्रीन टी स्किन पर ग्लो लाती है, ऐंटीऔक्सीडैंट्स प्रौपर्टीज होने के कारण बैक्टीरिया को भी मारने में यह मददगार होती है, साथ ही ग्रीन टी स्किन को नरिश करने के साथसाथ और ऐंटीएजिंग का भी काम करती है.

स्क्रब में क्या नहीं होना चाहिए

ऐसा स्क्रब न खरीदें, जिस में मिथाइल पैराबिन, इथाइल पैराबिन, प्रौपिल पैराबिन और लेड हो.

सनस्क्रीन

अकसर हमारी सोच होती है कि बारिश में सनस्क्रीन लगाने की कोई जरूरत नहीं होती है, क्योंकि बादल जो छाए हुए होते हैं, जबकि ऐसा नहीं है सनस्क्रीन हर मौसम में लगाना चाहिए. इसलिए ऐसा सनस्क्रीन खरीदें, जिस में जिंक औक्साइड, टाइटेनियम औक्साइड हो, क्योंकि ये स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.

सनस्क्रीन में क्या न हो

आप जिस सनस्क्रीन को खरीद रही हैं उस में देख लें कि औक्सीबैनजोन, होमोसोलेट न हों, क्योंकि ये स्किन के लिए अच्छे नहीं होते. इन से कैंसर भी हो सकता है.

फेस वाश

जब भी चेहरे को धोने की बात आती है तो हम चेहरे को साबुन के बजाय फेस वाश से ही धोते हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा खुशबू वाले फेस वाश इस्तेमाल न करें, बल्कि माइल्ड और नैचुरल चीजों से बने फेस वाश ही इस्तेमाल करें. ऐसे फेस वाश स्किन पर ग्लो लाने के साथसाथ उसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.

फेस वाश में क्या न हो

ज्यादातर फेस वाश में ऐंटीबैक्टीरियल प्रौपर्टीज ज्यादा मात्रा में होती हैं, जिन में टीसीएस, टीसीसी और टैल्कोसन होते हैं, जोकि सिर्फ प्रोडक्ट की सैल्फ लाइफ को बढ़ाते हैं, लेकिन स्किन के लिए सही नहीं होते, साथ ही फेस वाश में एसएलएस यानी सोडियम लौरेल सल्फेट होता है, जो स्किन के लिए सही नहीं होता. इसलिए ये सब देख कर ही फेस वाश खरीदना चाहिए.

क्रीम या मौइस्चराइजर

जब भी महिलाएं मार्केट से कोई क्रीम खरीदने जाते हैं वही क्रीम खरीदती हैं, जिस में वही क्रीम खरीदेंगे जिस में सब से ज्यादा खुशबू हो. लेकिन जिस प्रोडक्ट में जितनी खुशबू होगी उस में उतने ही ज्यादा कैमिकल्स भी होते हैं, जो स्किन के लिए सही नहीं होते. इसलिए ऐसी क्रीम को अवौइड ही करना चाहिए. अगर उस में हाइड्रोनिक ऐसिड है तो वह आप की स्किन के लिए अच्छा है, क्योंकि वह हवा में मौजूद मौइस्चर का स्किन के भीतर पहुंचाता है, जिस से स्किन हाइड्रेट रहती है, साथ ही  झुर्रियों की समस्या भी दूर होती है.

क्या नहीं हो

ज्यादातर क्रीम्स में औक्सीबैनजोन डला होता है, जो उस की खुशबू और कलर को ज्यादा देर तक टिकाए रखने के लिए होता है. यह स्किन को अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाता तो है, लेकिन लंबे समय तक इस का इस्तेमाल करने से हारमोंस गड़बड़ा जाते हैं.

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कैसी हो ऐक्ने क्रीम

जब भी ऐक्ने क्रीम या मौइस्चराइजर खरीदें तो देख लें कि उस में सैलिसिलिक ऐसिड जरूर हो. क्योंकि वह एक तरह से बीटा हाइड्रौक्सी ऐसिड है, जो पोर्स को खोल कर ऐक्नों को ठीक करने का काम करेगा. ऐक्नों के ट्रीटमैंट के लिए रैटिनौल ऐसिड भी बहुत अच्छा होता है, क्योंकि यह एक तरह से विटामिन ए का फौर्म है, जो स्किन के लिए काफी अच्छा माना जाता है. यह डार्क सर्कल्स को कम करने, रंग में निखार लाने और इरिटेशन को कम करने का काम करता है.

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टाइटन के नए ब्रैंड तनाएरा ने दिल्ली के क्राफ्ट्स म्यूजियम में एक विशेष कार्यक्रम ‘परिचय’ का उद्घाटन किया, जिस में हाथ से बनी खादी की 150 साडि़यां प्रदर्शित की गईं. खादी से बनी तनाएरा की ये साडि़यां पूरी तरह स्वदेशी हैं.

1. नाम्या की पेशकश

नाम्या ले कर आया है नया बौडी टोनिंग और स्कल्पटिंग वंडर औयल जो प्राकृतिक गुणों से बना है. इस बौडी औयल को पूरे शरीर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. यह स्ट्रैच मार्क्स, ड्राइनैस, क्षतिग्रस्त त्वचा, फाइन लाइनों और झुर्रियों की स्थिति में मददगार है. इस के 200 एमएल पैक की कीमत ₹800 है.

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2. हवाइयंस का ऐनिमल प्रिंट

हवाइयंस ले कर आया है ट्रैंडी ऐनिमल प्रिंट्स से सजे नए फ्लिप फ्लाप, जो आप के व्यक्तित्व की मजबूती को दर्शाते हैं. ये बोल्ड और एलिगैंट होने के साथ ही इंस्टैंट फैशन स्टेटमैंट बनाते हैं. किसी भी लुक को ग्लैमरस या आकर्षक बनाने के लिए आप मेटैलिक स्ट्रैप वाले इस प्रिंटेड फुटवियर को अपना सकती हैं. हवाइयंस स्लिम ऐनिमल्स की कीमत ₹999 है.

3. फेबइंडिया सिल्वर कौइन

कमल, मयूर और बरगद के पेड़ जैसी खूबसूरत पारंपरिक डिजाइनों से सजे फेबइंडिया सिल्वर कौइन फैस्टिव सीजन के दौरान शानदार गिफ्टिंग सौल्यूशन बन सकते हैं. ये 99.9% चांदी से बने हैं. 10 ग्राम सिक्के की कीमत ₹990 और 50 ग्राम के सिक्के की ₹3,990 है. ये सिक्के फेबइंडिया स्टोर्स में और औनलाइन उपलब्ध है.

4. एस्टाबेरी की पेशकश

एस्टाबेरी बायोसाईंसेस ने अपना नया पपाया फेस वाश बाजार में उतारा है, जो त्वचा को मौइस्चराइज करने के साथ अनचाही पिगमैंटेशन कम करता है. यह गाजर और सोया प्रोटीन के एक्सट्रैक्ट्स जैसे प्राकृतिक तत्त्वों से युक्त है और त्वचा की समस्याओं से निबटता है. यह रंगत सुधारने का काम करता है और टैनिंग को दूर करता है. इस के 100 एमएल पैक की कीमत ₹110 है. यह एक फ्री फेयरनेस क्रीम के साथ आता है. इस के 50 एमएल पैक की कीमत ₹85 है.

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5. मोदीकेयर की अर्बन कलर प्रो व्हाइट स्किन रेंज

मोदीकेयर ले कर आया है अर्बन कलर प्रो व्हाइट स्किन रेंज. इस में 4 इन 1 रैडिएंस व्हाइटनिंग कौंप्लैक्स है, जो स्किन टोन का निखार बढ़ाने और उस की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है. यह गहरे धब्बों को कम करता है तथा लंबे समय तक हाइड्रेशन प्रदान करता है. मोदीकेयर प्रो व्हाइट रेंज उत्पाद ₹499 से ₹1699 के बीच हैं.

6. मैजिकल मिसलर

ब्लू हैवन ले कर आया है बी फेज मिसलर क्लींजिंग वाटर. इस के प्रयोग से आप बहुत आसानी से एक हलके से स्वाइप के साथ अपना सारा मेकअप रिमूव कर सकती हैं. यही नहीं यह त्वचा को हाइड्रेशन और नरिशमैंट भी देता है. इस के 125 एमएल पैक की कीमत ₹150 है.

7. ओशिया का रेडिएंस डी-टैन फेस पैक

ओशिया हर्बल्स ने नया ओशिया रेडिएंस डी-टैन फेस पैक बाजार में उतारा है, जिस में लिकोराइस के ऐक्सट्रैक्ट्स की अच्छाई है. यह सनटैन से छुटकारा पाने के लिए प्रभावी है. लिकोराइस के अलावा इस में मौजूद बादाम का तेल, शियाबटर, ग्लिसरीन, शहतूत, एलोवेरा धूप व प्रदूषण के कारण त्वचा में हुए क्षति को कम करता है. साथ ही यह त्वचा को पर्याप्त पोषण प्रदान कर फिर से जीवंत, तरोताजा, तेल मुक्त और असमान त्वचा टोन प्रदान करता है. इस के 120 ग्राम पैक की कीमत ₹285 है.

8. हिबिस्कस मंकी के उत्पाद

हिबिस्कस मंकी ने ब्यूटी, वूमन पर्सनल केयर और मैंस्ट्रुएशन से जुड़ी रूढि़वादी सोच को तोड़ने के लिए कुछ परंपरागत उत्पाद बाजार में पेश किए हैं. इन उत्पादों की रेंज में 5 खास उत्पाद हैं जो बालों, त्वचा और माहवारी के दौरान नैचुरल और कैमिकल फ्री केयर देते हैं. वहीं हिबिस्कस हेयर औयल भारतीय महिलाओं को ठंडीठंडी चंपी का वही पुराना एहसास याद दिला देता है.

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