एयर पौल्यूशन से स्किन को बचाने के लिए करें ये काम

बड़े शहरों में रहने वाले लोगों के लिए वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचना मुश्किल होता जा रहा है. इसका असर शरीर के लगभग हरेक अंग पर पड़ता है. दिल्ली जैसे शहर वायु प्रदूषण से अत्यधिक प्रभावित हैं, वहीं लंदन और पेरिस की एयर क्वालिटी भी खराब है.

 स्किन प्रौब्लम

स्किन हमारे शरीर के भीतरी अंगों को बाहरी दुष्प्रभावों से बचाकर रखने वाला सबसे बड़ा अंग है, और इस पर बाहरी तत्वों का असर पड़ता है. इन समस्याओं में स्किन का शुष्क पड़ना, रैशेज़ होना, एलर्जी, झुर्रियां, पिग्मेंट उभरना, एक्ज़ीमा और तेजी से स्किन का बुढ़ाना शामिल है. वायु प्रदूषण से हवा में फ्री रैडिकल्स की मात्रा बढ़ती है और अल्ट्रावायलेट किरणों के साथ मिलकर ये स्किन में कोलेजन की मात्रा को घटाते हैं. इस तरह, स्किन का लचीलापन घटने लगता है जिसके परिणामस्वरूप महीन रेखाएं और झुर्रियां उभरती हैं. हवा में विषाक्तता बढ़ने से, स्किन कोशिकाओं को मिलने वाली आॅक्सीजन की मात्रा भी कम होती है, जिसके चलते वह बेरौनक और थकान भरी दिखती है.

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 पिग्मेंटेशन

वाहन प्रदूषण की वजह से हवा में मौजूद महीन कण स्किन पर पिग्मेंटेशन का कारण बनते हैं. नए शोध से यह सामने आया है कि हवा में मौजूद पॉलीसाइक्लिक एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन, नाइट्रोजन डायआॅक्साइड तथा अन्य रसायनों से स्किन की एजिंग काफी तेजी से होती है. ‘फ्रंटियर्स आॅफ एन्वायरनमेंटल साइंस’ जर्नल में प्रकाशित आलेख ‘एयर पॉल्यूशन एंड द स्किन’ में चेताया गया है कि ‘स्किन पर वायु प्रदूषकों से स्किन की एजिंग, एटोपिक डर्मेटाइटिस, स्किन कैंसर, सोरायसिस और एक्ने’ जैसी समस्या बढ़ सकती है.

यहां ध्यान देने वाली बात है कि हम सिर्फ घर से बाहर होने पर ही प्रदूषण के संपर्क में नहीं आते, बल्कि घरों के अंदर कई बार इनका असर और भी खतरनाक हो सकता है.

बेशक, यह हमेशा मुमकिन नहीं होता कि हम शहरों को छोड़कर गांवों में जा बसें, लेकिन अपनी स्किन पर वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए निश्चित ही काफी कुछ किया जा सकता है. घरों को धूल—धक्कड़ मुक्त रखना सबसे जरूरी है. घरों में सामान फैला नहीं होना चाहिए ताकि साफ—सफाई ठीक से हो जाए. वैक्यूम क्लीनिंग और गीला पोछा लगाने तथा गीले कपड़े से धूल हटाने डस्टिंग की सलाह दी जाती है. बाज़ार में कई एयर प्योरीफायर्स उपलब्ध हैं जो प्रदूषण कम करने का दावा करते हैं, लेकिन ये दावे किसी साक्ष्य पर आधारित नहीं हैं और हो सकता है कि उतने प्रभावी भी नहीं हों जितना दावा किया जाता है. लेकिन यदि वे मामूली मात्रा में धूल—धक्कड़ या प्रदूषणकारी कणों को हटाने में कारगर हैं, तो कुछ न होने से तो बेहतर ही है.

 उपाय

​प्रदूषण स्तरों के अधिक होने पर, पूरी बाजू के कपड़े पहनने से स्किन को ​कुछ सुरक्षा मिल सकती है. अच्छी क्वालिटी की सनस्क्रीन लगाएं, सर्दियों में भी सूरज की किरणों से अपना बचाव करने के लिए इनका इस्तेमाल करें. इसी तरह, अच्छी क्वालिटी का मिनिरल मेकअप लगाने से भी कुछ हद तक शारीरिक सुरक्षा का लाभ मिलता है.

स्वस्थ स्किन सबसे कारगर सुरक्षा कवच होती है और स्वस्थ शरीर से स्किन को बढ़िया पोषण मिलता है. सेहतमंद, संतुलित खुराक लेना, धूम्रपान न करना, कम शराब का सेवन और नियमित व्यायाम से शरीर स्वस्थ बना रहता है. क्लीनिंग, टोनिंग और मौयश्चराइज़िंग से स्किन की नियमित देखभाल करें. सुबह—शाम इस प्रक्रिया से स्किन को पोषण दें. स्किन को हाइड्रेट करने के लिए पानी पीएं.

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 स्किन रीज्युवनेशन

स्किन रीज्युवनेशन इन दिनों काफी चर्चा में है और कौस्मेटिक सर्जन अब केमिकल पील्स, पीआरपी थेरेपी जैसी आसान तकनीकों से स्किन में सुधार लाने के विकल्प उपलब्ध कराने लगे हैं. इसी तरह, स्किन को सुरक्षित रखने तथा पोषित करने के लिए बेहतर क्वालिटी के कौस्मेटिक्स तैयार करने के क्षेत्र में भी काफी शोध जारी हैं.

 डॉ अनूप धीर, सीनियर कंसल्टैंट, कॉस्मेटिक सर्जन, अपोलो अस्पताल से बातचीत पर आधारित.

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