जानें क्या होता है स्लीप डिवोर्स

क्या आपका पार्ट्नर,नींद में खरांटे लेता है,बार बार आपकी चादर खींच कर आपकी नींद में ख़लल पैदा करता है,रात में कई बार उठता है ,निजी हायजीन के प्रति लापरवाह है,उसे जल्दी सोने और आपको देर से उठने की आदत है,तो ,निश्चित रूप से आप का मन मस्तिष्क दोनों ही परेशान होंगें.

कुछ कपल ,बेमन से ,अपने पार्ट्नर के साथ निकटता और आत्मीयता का प्रदर्शन करने के लिए एक ही कमरे में सोते रहते हैं . हमारी संस्कृति भी शादी शुदा जोड़े को एक ही बिस्तर शेयर करने को उचित ठहराती है. यदि आपको निर्विघ्न अपने पार्ट्नर के साथ ,एक ही बिस्तर पर,पूरी रात नींद आती है तो ठीक है.लेकिन,अगर,अपने पार्ट्नर की इन आदतों की वजह से आपकी ,नींद में ख़लल पडता है ,तो ,स्वास्थ्य की दृष्टि से ये,आपके शरीर के लिए बेहद नुक़्सान दायक सिद्ध हो सकता है .क्योंकि,भोजन,हवा पानी के साथ ही अच्छी नींद भी हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है..

1-स्ट्रेस हॉर्मोन कौर्टिजोल के निष्कासन के वजह से आप हर समय तनाव में रहेंगी.आप ब्लड प्रेशर,और पेट सम्बंधी कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो सकती हैं.

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2- महिलाएँ अपने सोने की जगह को लेकर अधिक संवेदनशील होती हैं विशेषत:गर्भवती महिलाएँ.होर्मोनल चेंजेज़ के कारण अपना बिस्तर अपने पार्ट्नर के साथ रखने में असहजता का अनुभव करती हैं.ऐसे में,ग्लानि महसूस करने के बजाय(आपकी आदतों की वजह से आपके पार्ट्नर की नींद डिस्टर्ब हुई है,या उसे स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है)स्लीप डाईवोर्स एक अच्छा विकल्प होगा.
स्लीप डायवोर्स क्या है- अच्छी नींद लेने के लिए,कपल का अपने पार्ट्नर से अलग सोने का निर्णय ही ,सही मायने में स्लीपिंग डायवोर्स कहलाता है,अब चाहे ये एक ही रूम में अलग अलग बिस्तर पर हो या अलग अलग कमरों में अलग अलग बिस्तर पर हो.

1- अच्छी नींद “फ़ील गुड” का अहसास दिलाती है आपके काम की कार्यकुशलता बढ़ती है,और आपको,कई बीमारियों से निजात भी मिलती है.

2-एक कपल के अनुसार,स्लीपिंग डायवोर्स के वजह से उनका ,अपने पार्ट्नर के साथ कम्यूनिकेशन स्किल में इज़ाफ़ा हुआ है

कैसा हो सोने का अलग प्रबंध-

1- एक ही कमरे में ,एक ही साइज़ के दो अलग अलग बिस्तर,या एक बिस्तर बड़ा और दूसरा छोटा बिस्तर लगाया जा सकता है,ताकि जब आप अपने पार्ट्नर से घनिष्ठ होना चाहें तो किसी प्रकार की असुविधा न हो

2-अलग अलग कमरों में भी सोने का प्रबंध किया जा सकता है. ये उन कपल्स के लिए सुविधाजनक होता है जिनके सोने के समय ,निश्चित नहीं हैं.

नेशनल स्लीप फ़ाउँडेशन के एक सर्वे के अनुसार 10% शादी शूर कपों अलग अलग कमरों में सोते हैं जब की 25% अलग अलग बिस्तरों पर. कुछ कपल्स का मत है कि स्लीपिंग डायवोर्स के कारण उनके निजी सम्बंध ख़तरे में पड़ गए हैं. ऐसा तब होता है अगर आप इन बातों को ध्यान में नहीं रख रही हैं-

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याद रहे,

1-आप सिर्फ़ अपना बिस्तर अलग कर रही हैं,पार्ट्नर से अलग नहीं हो रहीं.

2-आप ऐसा क्यों कर रही हैं,अपने पार्ट्नर को स्पष्ट रूप से बता दें.

3- आपका आपके पार्ट्नर के साथ,हग्गिंग,किसिंग ,सेक्स ,एक साथ नाश्ता ,लंच,डिनर ,सैर सपाटा,टीवी ,और मूवी देखने का समय पूर्ववत ही रहना चाहिए.उसमें किसी प्रकार की अदल बदल नहीं होनी चाहिए.

4-अपने पार्ट्नर को आश्वस्त करें कि वो,जब चाहे आपके बेड पर बेहिचक आ सकता है.

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