इन 6 तरीकों में नींद हो सकती है आपकी सुपर पावर

आज के इतने व्यस्त और थका देने वाले शेड्यूल में हम एक चीज को सबसे हल्के में लेते हैं और वह है हमारी नींद. हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक भारतीय लोग दुनिया के स्लीप डेप्रिव्ड लोगों की श्रेणी में दूसरे नंबर पर आते हैं. इसमें पहले नंबर पर जापान है. मॉडर्न दुनिया में अब नींद को एक जरूरत ही नहीं माना जा रहा है. नींद पूरी करना काफी ज्यादा जरूरी होता है और इससे हमारा शरीर और दिमाग रिचार्ज होता है. नींद पूरी करने से आप पूरे दिन के लिए रिफ्रेश महसूस करते हैं.

चूंकि नींद शरीर का एक काफी जरूरी फंक्शन है, अगर इसे पूरा नहीं किया गया तो हमारे दिन की एनर्जी पर प्रभाव पड़ सकता है. इससे इमोशनल बैलेंस, प्रोडक्टिविटी और यहां तक कि हमारा वजन भी प्रभावित हो सकता है. एक व्यक्ति को रोजाना 7 से 9 घंटों की नींद जरूर पूरी करनी चाहिए.

कोरोना के साथ साथ अन्य चुनौतियों के साथ लोग अब अपने रूटीन को नॉर्मल बनाने की ओर जा रहे हैं. स्ट्रेस मुक्त रहने के लिए और चैन की नींद सोने के लिए आप काफी कुछ कर सकते हैं. स्लीपX न्यू एज मैट्रेस ब्रांड, शीला फोम के अनुसार इसके लिए आपको सोने का एक प्रॉपर वातावरण चाहिए होता है जो आपकी सारी आराम की जरूरतों को पूरा कर पाए. निम्न टिप्स की मदद से आप चैन की नींद सो सकते हैं.

1. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें :

अगर रोजाना ब्रिस्क वॉक करते हैं तो मसल्स टोन होने में मदद मिलती है और रात में थोड़ा शांत भी महसूस होता है. जो लोग रोजाना एक्सरसाइज करते हैं वह रात में शांति से सो पाते हैं और अगले दिन भी उन्हे एनर्जेटिक महसूस होता है. मेटाबॉलिक बेनिफिट्स के साथ साथ एक्सरसाइज इमसोमनिया के लक्षणों से राहत दिलाने में लाभदायक है और इससे आपके सोने का समय भी बढ़ सकता है. सोने से पहले 3 से 4 घंटे पहले ही एक्सरसाइज करें. इसके बाद एक्सरसाइज करने से रात में सोने में दिक्कत हो सकती है. एक्सरसाइज करने से स्लीप अपनिया जैसे डिसऑर्डर के लक्षणों से भी राहत पाई जा सकती है.

2. सही गद्दे को चुनें :

अगर गद्दा कंफर्टेबल होगा तो आपको सोने के समय जिस आराम की जरूरत होती है वह शरीर को मिल जाता है. यह शरीर को सोते समय सही पोस्चर में और सही स्पाइनल अलाइनमेंट रखने में मदद करता है. एक बढ़िया गद्दा वही होता है जो आपकी स्किन को सोते समय सही रख सके. इससे आपको अगले दिन भी पूरी एनर्जी महसूस होगी. गद्दा ज्यादा गर्म भी नहीं होना चाहिए और आपके बजट में भी फिट बैठना चाहिए. अगर गद्दा अच्छा नहीं होगा तो अगले दिन आपके पूरे शरीर में दर्द हो सकता है जिससे आप इरिटेट महसूस कर सकते हैं.

3. लाइट कम कर दें :

आपका शरीर एक प्राकृतिक क्लॉक का काम करता है. यह क्लॉक आपके दिमाग, शरीर और हार्मोन्स को प्रभावित कर सकते हैं. यह क्लॉक ही आपको दिन के दौरान जागते रहने और रात के समय सोने में मदद करती है. रात को सोने से एक से दो घंटे पहले आपको ब्लू स्क्रीन से दूरी बना लेनी चाहिए. फोन या टीवी से निकलने वाली रोशनी आपकी नींद को प्रभावित कर सकती है.

4. अपने सोने के वातावरण पर भी ध्यान दें :

सोने के वातावरण में आवाज, रूम का तापमान और आपके कमरे का ओवर ऑल वातावरण शामिल होता है. अगर यह माहौल अच्छा होगा तो आपका शरीर दिमाग तक यह संकेत भेजेगा कि अब सोने का समय हो गया है और अब चिंता मुक्त हो कर सो जाना चाहिए. इसलिए सोते समय यह जरूरी होता है कि सारी आवाज को बंद किया जाए और कमरे के तापमान को नॉर्मल रखा जाए. सोते समय कमरे की अधिकतर लाइट भी बंद कर देनी चाहिए.

5. पूरे दिन की डाइट का भी ध्यान रखें :

आपके खाने और पीने का ढंग भी आपकी नींद को प्रभावित करता है. अपने खाने पीने का ढंग पर ध्यान रखने के कारण आप खुद को हेल्दी रख सकते हैं और इससे आपको रात में सोने में भी मदद मिल सकती है. अपनी डाइट को फल और सब्जियों से भरपूर रखें. ड्रिंकिंग में शराब, निकोटिन और कैफ़ीन का सेवन ज्यादा मात्रा में न करें. अगर सोने से पहले कैफ़ीन का सेवन कर लिया जाए तो इसके बाद सोने में दिक्कत आती है और 12 घंटे तक सोया नहीं जाता है. अगर सोने के समय शराब पीते हैं तो इससे नींद आने में तो मदद मिल सकती है लेकिन बाद में नींद खराब हो सकती है.

6. शरीर के जागने और सोने के ढंग का ख्याल रखें :

अच्छी नींद आने का सबसे बढ़िया तरीका है अपने सोने और जागने के समय का ध्यान रखना. अगर आप अपने सोने और जागने के समय का एक शेड्यूल बना लेते हैं तो आपको काफी रिफ्रेश महसूस होता है और एनर्जी भी महसूस होती है. ऐसा तब होता है जब आप रोजाना एक ही समय पर सोते हैं और एक ही समय पर जागते हैं. इसलिए अपने जागने और सोने का खासकर वीकेंड के समय जरूर ध्यान रखें. अगर दिन में सोते हैं तो 15 से 20 मिनट के लिए ही झपकी ले. अगर इससे ज्यादा सोते हैं तो रात में नींद कम आ सकती है और सोते समय बीच में आंख भी खुल सकती हैं.

हिस्टेरेक्टोमी के बाद मैं सो नहीं पाती, क्या करुं?

सवाल-

मैं ने कुछ महीने पहले हिस्टेरेक्टोमी (गर्भाशय को काट कर निकाल देना) करवाई थी. इस के बाद मेरे सोने का चक्र बदल गया. मैं सो नहीं पाती. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

जिन महिलाओं के गर्भाशय को सर्जरी से निकाल दिया जाता है उन्हें  वर्चुअल रूप से रातोंरात मेनोपौज (रजोनिवृत्ति यानी माहवारी बंद होना) हो जाता है. इन मामलों में नींद में बाधा आना आम बात है. संभावित रूप से हौट फ्लशेज या रात में पसीना आने के अलावा यह मेनोपौज का सब से आम लक्षण है. मेनोपौज के बाद ज्यादा से ज्यादा आराम करें, सोने के दौरान साफसफाई का पूरा ध्यान रखें. कौफी कम से कम पीएं, सही खानपान लें, नियमित रूप से व्यायाम करें और सोने का एक निश्चित समय तय करें. सर्जरी के कारण होने वाले मेनोपौज में महिलाओं को नींद आने में काफी मुश्किल आती है और वे रात में ज्यादा बार जागती हैं. मेनोपौज के साइड इफैक्ट्स को कम करने के लिए हारमोन रिप्लेसमैंट थेरैपी पर विचार करने की भी सलाह दी जाती है.

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गर्भाशय फाइब्रोइड्ससुसाध्य (गैरकैंसर) ट्यूमर है, जो गर्भाश्य की मांसपेशीय परत पर अथवा उसके भीतर विकसति होता है.इसमें तंतुमय टिश्यू और चिकने मांसपेशी सेल्स होते है, जिनका पोषण रक्तवाहिनी के सघन नेटवर्क से होता है. फाइब्रोइड्स महिलाओं में होने वाला बहुत ही सामान्य सुसाध्य ट्यूमर है. अनुमान है कि 30 से 50 वर्ष के बीच की महिलाओं में करीब 25 से 35 प्रतिशत में फाइब्रोइड्स का इलाज सापेक्ष हो गया है. सामान्यतया जिस महिला में गर्भाशय फाइब्रोइड्स की समस्या है, उनमें एक से अधिक फाइब्रोइड्स है और वे बडे़ आकार के हो सकते है. कुछ मटर से बडे़ नहीं होते है, जबकि अन्य बढ़कर खरबूजे के आकार का हो सकते है.

लक्षण

एक महिला मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव, दर्दभरा मासिकधर्म, मासिकधर्म के दौरान रक्तस्राव और पीठशूल या पीठदर्द जैसे लक्षणों से इसका अनुभव करती है. अधिकतर मरीजों में रक्तस्राव इतना अधिक होगा किउनमें यह खून की कमी का कारण बन जाता है. खून की कमी से थकान,सिरदर्द हो सकता है.जब फाइब्रोइड्स आकार में बड़ा होता है, तब यह अन्य पेल्विक अंगो पर दबाव बनाने लगता है. इसके फलस्वरूप पेट के नीचले हिस्से में भारीपन, बार-बार पेशाब लगना, पेशाब होने में कठिनाई और कब्ज महसूस हो सकता है. ये लक्षण किसी को हल्का, कम आकर्षक लग सकते है और चिड़चिड़ापन आगे चलकर कामेच्छा घटा सकती है और इसका असर लोगों की जिंदगी पर पड़ सकता है. ओबेस्ट्रिक्स एंड ग्यानकोलाजी जर्नल तथा वुमेन हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार गर्भाशय फाइब्रोइड से काफी भय एवं रूग्णता हो सकती है और वर्कप्लेस प्रदशर्न से समझौता करना पड़ सकता है.

रात में सुकून भरी नींद चाहिए, तो तुरंत अपनाएं ये 4 टिप्स

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

दिनभर की थकान के बाद हर कोई सोचता है कि रात में अच्छी नींद आ जाए. लेकिन कुछ लोगों को चैन और सुकून की नींद नसीब नहीं होती. तमाम कोशिशों के बाद भी रात में घंटों बिस्तर पर करवटे बदलते रहते हैं. एक दो दिन ऐसा होना सामान्य है. लेकिन लगातार आपके साथ ये हालात बन रहे हैं, तो यह चिंता की विषय है. क्योंकि नींद की कमी आपको थका हुआ और सुस्त बना देती है. इतना ही नहीं अगले दिन आप ऊर्जा में कमी का अनुभव भी कर सकते हैं. कई रिसर्च बताती  हैं कि खराब नींद का असर आपके हार्मोन और मास्तिष्क के काम करने पर पड़ता है. तो अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जिनकी स्लीपिंग साइकिल डिस्टर्ब हो रही है या नींद की कमी के कारण लो एनर्जी जैसा फील कर रहे हैं, तो यहां कुछ तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर आप  रात में स्वभाविक रूप से बेहतर नींद ले पाएंगे.

1. सही रूटीन बनाएं-

यदि आपको स्वभाविक रूप से नींद नहीं आती, तो इसका मतलब है कि आपका स्लीपिंग रूटीन गड़बड़ है. बता दें कि आपकी बायोलॉजिकल क्लॉक शरीर की सभी चीजों को निर्धारित करती है. इसलिए आपको सोने का एक समय फिक्स करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि जब एक बार आप अपने शरीर को ये बता देते हैं कि आप इसे किस समय आराम करने देंगे , तो यह आपके मास्तिष्क को रिलेक्स करने और आपको सोने में मदद करने के लिए उन संकेतों को किक करना शुरू कर देता है. इसलिए अगर आपको घंटों तक बिस्तर पर लेटे रहने के बाद भी नींद न आए, तो सबसे पहले साने और जागने का समय फिक्स करें.

2. दिनभर एक्टिव रहें-

जब आप पूरे दिन एक्टिव रहते हैं, तो शरीर थक जाता है और अंत में इसे आराम की जरूरत होती है. कई लोग एक्टिव रहने के लिए व्यायाम भी करते हैं. व्यायाम करने से शरीर एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज करता है, जिससे आपको बहुत जल्दी नींद नहीं आती और आप जागे हुए रहते हैं. इसलिए वर्कआउट करते समय एक बात का ध्यान रखें कि इसे सोने के दो घण्टे के भीतर बिल्कुल न करें. यदि आप रोजाना व्यायाम नहीं करते हैं तो आप तेज चलने या एरोबिक  करने की कोशिश करें. इससे आपका सोने का समय बढ़ जाएगा और आपको गहरी नींद भी आ जाएगी.

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3. गर्म पानी से नहाएं-

शायद आप न जानते हों, लेकिन शाम ढलने के बाद सोने से कुछ घण्टे पहले आपके शरीर का प्राकृतिक तापमान कम हो जाता है और सुबह 5 बजे के करीब फिर से ज्यादा हो जाता है. इसलिए सोने से दो घ्ंाटे पहले गर्म पानी से नहाएं. ऐसा करने से आपके शरीर का तापमान बढ़ जाएगा. इसके तुंरत बाद तेजी से ठंडा होने की अवधि आपके शरीर को तुरंत आराम देती है. जब आप ऐसा करते हैं, तो शरीर के तापमान में गर्म से लेकर ठंडी तक की तेज गिरावट से नींद आने लगती है. इसलिए अगर आपको सोने में परेशानी हो रही है तो साने से 90 मिनट पहले गर्म पानी से नहाने की कोशिश करें.

4. चाय पीएं-

वैसे तो कहा जाता है कि चाय पीने से नींद उड़ जाती है, लेकिन जिन लोगों को नींद की समस्या है, डॉक्टर्स उन्हें सोने से पहले कैफीन फ्री चाय पीने की सलाह देते हैं. ऐसे में कैमोमाइल टी बढ़िया विकल्प है. यह मास्तिष्क में रिसेप्टर्स के साथ बातचीत करने के लिए जानी जाती है. इसके नियमित सेवन से आपको स्वस्थ और लगातार नींद की दिनचर्या बनाने में बहुत मदद मिलती है.

नींद आपके स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाती  है. अपर्याप्त नींद बच्चों और वयस्कों में मोटापे के जोखिम को बढ़ाती है. साथ ही इससे हृदय रोग और मधुमेह का खतरा भी बढ़ता है. ऐसे में यहां बताए गए टिप्स आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं.

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टुकड़ों में नींद लेना पड़ सकता है भारी

खूब थके हों और झपकी आ जाए तो आप तरोताजा हो जाते हैं. लेकिन ऐसी दशा में पूरी नींद न लेना या लगातार टुकड़ों में सोना सेहत लिए अच्छा नहीं है. एक स्टडी की मानें तो बार-बार नींद टूटने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है

वैसे लंबी और चैन की नींद सौभाग्यशाली लोगों को ही मिलती है, सभी के लिए एक बार में 7-9 घंटे सोना संभव नहीं है. नींद की कमी से कई सारी बीमारियां भी होने लगती हैं. जो लोग एक बार में भरपूर नींद नहीं ले पाते हैं या फिर देर रात तक जगने के बाद सोते हैं उनके मन में अक्सर ख्याल आता है कि क्यों न टुकड़ों में नींद पूरी की जाए.

ऐसे में अमेरिका की जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में दो तरह की नींद का अध्ययन किया. बिना व्यवधान की लंबी नींद और दूसरी कम समय के लिए टुकड़ों में ली जाने वाली नींद. इस स्टडी में 62 सेहतमंद पुरुषों को शामिल किया गया और एक लैबरेटरी में रखा गया. इनमें कुछ लोगों को बार-बार जगाया गया.

वैज्ञानिकों ने इस शोध में पाया कि पहली रात के बाद दोनों ही समूह के प्रतिभागियों को थकान थी. बाद की रातों में टुकड़ों में सोने वाले समूह की अपेक्षा देर रात के बाद शांति से सोने वाले समूह के लोगों का मूड 30 प्रतिशत बेहतर था. यह भी पता चला कि टुकड़ों में सोने वाले लोग अगले दिन ज्यादा थके और सुस्त नजर आए

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दिन में सोना खतरनाक

स्लीप जर्नल में पब्लिश हुए एक दूसरे शोध की मानें तो जो लोग दिन में 6 घंटे की नींद लेते हैं, उन्हें रात में सात घंटे रोज नींद लेने वालों की अपेक्षा बीमारी का खतरा चार गुना ज्यादा रहता है.

याद्दाश्त कमजोर होना

कम नींद लेने का प्रभाव दिमाग पर पड़ता है और दिमाग सही तरीके से काम नहीं करता. इसकी वजह से पढ़ने, सीखने व निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है.

भूख ज्यादा लगना

टुकड़ों में नींद लेने से मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है. कम नींद लेने के कारण हॉर्मोन में असंतुलन भी होता है जिससे कारण ज्यादा भूख लगती है. इसके कारण ही अच्छी नींद न लेने वाले लोगों को पेट भरने का आभास देर से होता है. इसलिए टुकड़ों में नींद लेने के बजाय एक साथ लंबी नींद लीजिए.

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