प्रतिदिन अपनी पसंदीदा डिश की फरमाइश करने वाली पंखुड़ी आजकल जो बनता चुपचाप खा लेती. किसी रिश्तेदार के घर कोई फंक्शन हो या सहेलियों के साथ पार्टी, अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने को हमेशा तैयार रहने वाली पंखुड़ी इन दिनों मां के कहने पर भी साथ चलने को मना कर देती. सहेलियों के फोन आते तो उठाती ही नहीं. मातापिता उस के बदले व्यवहार से चिंतित थे.
मां ने एक दिन दुलार से उस का सिर सहलाते हुए कारण जानना चाहा तो पंखुड़ी के आंसू बहने लगे. 8 महीने पहले अपने ही कालेज के एक सीनियर नमन से प्रेम का रिश्ता बन जाना और 15 दिन पहले उस के टूट जाने की बात मां को बता कर वह सुबकने लगी.
मां एकाएक यह सब सुन सकते में आ गईं, लेकिन पंखुड़ी की पीड़ा देख उन का मन भर आया. उस लड़के के बारे में पंखुड़ी ने जो भी बताया उस से पता लगा कि शुरू में पंखुड़ी की प्रशंसा करते हुए उस के आगेपीछे घूम कर उसे अपने वश में करने के बाद नमन उस पर हावी होने लगा था. पंखुड़ी पर अपने मित्रों और शुभचिंतकों से दूरी बनाने पर वह जोर डालने लगा था. पंखुड़ी से उम्मीद करता कि वह उस की हर बात माने साथ ही खूब तारीफ भी करे. पंखुड़ी कोई सलाह देती तो उसे अपनी बात का विरोध मान झगड़ने लगता.
इन बातों से जब पंखुड़ी का मूड उखड़ाउखड़ा रहने लगा तो नमन ने यह कह कर ब्रेकअप कर लिया कि वह अब पहले सी नहीं रही. ब्रेकअप का दर्द पंखुड़ी झेल नहीं पा रही थी. उस की 1-1 बात उस दिन मां ने धैर्य से सुनी और नमन के चरित्र को समझ कर पंखुड़ी को बताया कि वह लड़का नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऔर्डर से ग्रस्त लग रहा है. ऐसे लोगों का पार्टनर बन कर रिश्ता निभाना टेढ़ी खीर है. पंखुड़ी से उन्होंने यह भी कहा कि वह यदि पहले ही उस लड़के के बारे में मां से जिक्र करती तो रिश्ता शायद आगे न बढ़ता. भविष्य को ले कर सचेत हो चुकी पंखुड़ी स्वयं को तब बहुत हलका महसूस कर रही थी.
रिश्तों में उतारचढ़ाव
विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित हो कर या भावी जीवनसाथी की तलाश में रिलेशनशिप हो जाना सामान्य है. ऐसे रिश्तों में अनेक उतारचढ़ाव आना भी सामान्य है, लेकिन समस्या तब होती है जब रिश्तों का प्रतिकूल प्रभाव सुकून छीनने लगता है. जब तक बात आपसी मतभेद को ले कर हो, किसी तीसरे की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन जब पार्टनर में भावी जीवनसाथी का रूप दिखना बंद हो जाए या ब्रेकअप हो जाए तो मामला गंभीर हो जाता है.
ऐसी परिस्थितियां कभीकभी किसी के जीवन को संकट में भी डाल देती हैं. पेरैंट्स को समयसमय पर रिलेशनशिप की जानकारी मिलती रहे तो संभव है कि ऐसे हालात का सामना ही न करना पड़े या इन से निबटना आसान रहे.
जब उस में लाइफ पार्टनर का रूप दिखना बंद हो जाए रिश्ता तब खोखला लगने लगता है और उस के आगे बढ़ने की गुंजाइश नहीं बचती. उन परिस्थितियों में पेरैंट्स की भूमिका क्या हो सकती है इस पर एक नजर डालते हैं:
एक हो गंभीर दूसरे के लिए रिश्ता टाइम पास: जब एक साथी रिलेशन को सीरियसली ले और दूसरा उसे शारीरिक आवश्यकता की पूर्ति का साधन मात्र माने, जब एक के लिए पार्टनर ही दुनिया हो और दूसरे का कई लोगों से रिश्ता रखने पर भीजी न भरता हो तो ऐसे रिश्ते तनाव का कारण बनने के साथ ही जानलेवा भी साबित हो जाते हैं. छत्तीसगढ़ की रहने वाली न्यूज एंकर सलमा सुल्तान की जिम संचालक मधुर साहू के हाथों हुई नृशंस हत्या कुछ ऐसे ही रिश्ते का परिणाम है. सलमा मधुर द्वारा दिए गए शादी के झांसे में आ कर उस के साथ रहने लगी थी.
जब सलमा ने मधुर के अन्य लड़कियों से संबंध पर ऐतराज जताया तो उसे जान से हाथ धोना पड़ा. इस हत्या का खुलासा लगभग 5 वर्ष बाद हुआ, कारण कि सलमा के परिवार वाले उस के और मधुर के रिश्ते का सच नहीं जानते थे. काम की व्यस्तता के बहाने सलमा मधुर के साथ लिवइन रिलेशन में रह रही थी.
मातापिता को यदि कुछ अंदाज होता तो शायद सलमा की जान बच जाती. हिंसा करने वाला हो जब पार्टनर:
बातबात में मारनेपीटने पर उतारू हो जाने वाले बौयफ्रैंड को कोई लड़की तभी सहती है जब वह मानसिक रूप से उस पर निर्भर हो गई हो और रिश्ता टूटने का डर उसे अकेलेपन का पर्याय लगने लगे. मातापिता को अफेयर की जानकारी होगी तो कुछ संबल मिलेगा और हिंसा करने वाले पार्टनर से पीछा छुड़ाने में संकोच नहीं होगा.
मानसिक स्वास्थ्य दुरूस्त न होना: छोटीछोटी बातों पर चिल्लाना, पब्लिक में डांटनाडपटना, आत्महत्या की धमकियां देना या स्वयं को चोट पहुंचाना, शक करना आदि बातें रिलेशनशिप को नुकसान पहुंचाती हैं. मैंटल हैल्थ से जुड़ी समस्याएं रिश्ते में तनाव और अलगाव का कारण बनती चली जाती हैं जो एक दिन रिलेशनशिप की टूट के रूप में सामने आती हैं. मातापिता को सब बातें समयसमय पर बताते रहें तो वे अनुभवी होने के कारण पहले ही भांप कर आगाह कर देंगे.
प्रेम की आड़ में सौदा: चेतना की मित्रता यूएसए में रहने वाले हैरी से हुई फिर यह संबंध ‘लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप’ में बदल गया. चेतना को शुरू में सब ठीक लग रहा था, लेकिन धीरेधीरे हैरी का रवैया बदला सा लगने लगा. भावी जीवनसाथी तो क्या वह उस में एक प्रेमी की छवि भी नहीं देख पा रही थी. हैरी वीडियो कौल करते हुए उसे बहुत कम कपड़े पहनने को कहने लगा.
ऐसे ही कपड़ों में वह फोटो भेजने की मांग भी करता. चेतना ने अपनी मम्मी को हैरी से दोस्ती के विषय में बताया था. हैरी की अटपटी मांग से उल?ान में पड़ी चेतना ने उन को यह बात भी बता दी. तब मां ने समझाया कि ऐसी तसवीरें अकसर पोर्नसाइट पर डाल दी जाती हैं. इस प्रकार प्यार के नाम पर धोखे को चेतना ने समझ लिया.
ईशानी का लिवइन पार्टनर रोहित प्रेम के नाम पर अंतरंग पलों को वीडियो में कैंद कर लिया करता था. ईशानी को उस की मरजी के खिलाफ रोहित का उन पलों में वीडियो बनाना बहुत अखर रहा था, लेकिन क्या करती? पेरैंट्स से लड़झगड़ कर लिवइन में रह रही थी.
रिश्ता तोड़ने की बात सोचती तो लगता पता नहीं मातापिता कैसा व्यवहार करेंगे? क्या करे और क्या नहीं, इसी उधेड़बुन में ईशानी दिनरात घुलने लगी. उस के पैरों तले तब जमीन खिसक गई, जब उसे अपनी एक सहेली से पता लगा कि कुछ लड़कों का एक ग्रुप व्हाट्सऐप पर ऐसे वीडियो शेयर करता है, रोहित भी ऐसा ही कर रहा है. अंतत: उसे घर का रुख करना पड़ा लेकिन एक पश्चात्ताप के साथ.
छोटीछोटी बातें: कई बार पार्टनर की छोटीछोटी बातें अखरने लगती हैं और यह फैसला करना मुश्किल हो जाता है कि ये आदतें बदली जा सकती हैं या भविष्य के लिए खतरा हैं. पेरैंट्स को अफेयर की जानकारी होगी तो इन छोटीछोटी बातों को समझना आसान हो जाएगा और सही निर्णय लिया जा सकेगा. दिखने में छोटी लेकिन मनमुटाव पैदा करने वाली ये बातों हैं- कौल या मैसेज को इग्नोर करना, अन्य मित्रों व सोशल मीडिया में व्यस्त हो जाना, ऐक्स की बातें करना, ताने मारना, बातबात पर नाराज होना फिर रूठ कर जल्दी से न मानना जिस से लंबे समय तक बातचीत का बंद हो जाना, बेहद खर्चीला या कंजूस होना आदि. स्वार्थी पार्टनर भी जल्द ही नापसंद किया जाने लगता है.
अपनी पसंद की फिल्में, खुद की पसंद का खाना और घूमने के लिए अपनी पसंद की जगह चुन कर पार्टनर पर थोपना रिलेशनशिप को आगे बढ़ने से रोकता है. पेरैंट्स से बातचीत कर यह जानना सरल हो जाएगा कि कौन सी आदत समय के साथ बदल जाएगी और कौन सी रिश्ते को पनपने से रोक देगी.
जब हो जाए ब्रेकअप
सही पार्टनर न मिलने से, कैरियर के कारण, पार्टनर के बेरोजगार होने या अन्य किसी कारण से ब्रेकअप हो सकता है. उस समय कोशिश यह होनी चाहिए कि अपना ध्यान वहां से हटा लिया जाए. पेरैंट्स का साथ ऐसे में मददगार साबित हो सकता है. जानते हैं कैसे-
बीता वक्त शेयर करना जरूरी: ब्रेकअप होने पर किसी से बात करना बहुत जरूरी होता है. यह कदम सही था या नहीं, यह सवाल मन में बारबार उठता है. पेरैंट्स से मन की बातें शेयर करते हुए इस स्थिति से उबरा जा सकता है.
चाहिए व्यस्त रहना: ब्रेकअप के बाद अवसाद से घिर कर अपना खयाल न रखना बड़ी भूल है. किसी भी काम में बिजी हो जाने से तनाव कम होने लगता है. मातापिता समय पर भोजन करने, रिश्तेदारों से मिलनेजुलने व घर के किसी काम में लगाए रख कर व्यस्त रखने में मदद कर सकते हैं.
जब ऐक्स देने लगे धमकी: तान्या का पार्टनर दोस्ती के नाम की आड़ ले कर रिलेशनशिप को जारी रखना चाहता था जबकि तान्या उस से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती थी. तान्या पर दबाव बनाने के लिए वह निजी तसवीरों को सार्वजानिक करने की धमकी दे रहा था. तान्या ने अपने पिता को बताया तो उन्होंने पुलिस में शिकायत कर दी. उस के बाद धमकियां मिलनी बंद हो गईं.
मन में आ जाए हीनभावना: श्रेया अपने बौयफ्रैंड सारांश द्वारा ब्रेकअप किए जाने से हीनभावना से घिर गई. अपने को इस टूट का जिम्मेदार मान वह सारांश के पीछे लग कर वापस रिश्ता जोड़ने की विनती करने लगी. सारांश का दिल तो कहीं और ही लग गया था. श्रेया को वह हर बार ?िड़क देता था. श्रेया की हीनभावना दूर होने के स्थान पर बढ़ती चली गई. श्रेया के विपरीत मुग्धा ने खुल कर मातापिता को अपने पार्टनर द्वारा रिश्ता तोड़ने की बातें बताईं तो पेरैंट्स ने मुग्धा जैसी गुणी लड़की से रिश्ता न रख पाने के लिए पार्टनर को दोषी बताया और कहा कि मुग्धा को वह डिजर्व ही नहीं करता था. पुराने पार्टनर के पीछे लग कर वापस रिश्ता जोड़ने की भूल से मातापिता की मदद से बचा जा सकता है.
नशे का सहारा: कुछ लोग रिलेशनशिप खत्म होने के बाद सब भूलने के लिए नशे का सहारा ले लेते हैं, जो सही नहीं है. पेरैंट्स के संपर्क में रहा जाए तो दिल का गुबार निकल जाएगा और सब भूलने की आवश्यकता ही नहीं रह जाएगी.
रिक्तता लगे तो: ब्रेकअप के बाद जीवन में एक खालीपन आने से जल्द ही किसी से रिश्ता बनाने की इच्छा जाग्रत होने लगती है. जल्दबाजी में उठने वाले ऐसे कदम पूर्व में बने कच्चे रिश्ते से भी कहीं घातक सिद्ध हो सकते हैं. मातापिता से बातचीत कर खालीपन को दूर किया जा सकता है. उन के साथ कहीं घूमने का कार्यक्रम बना कर भी इस स्थिति से बचा जा सकता है.
अफेयर की जानकारी समयसमय पर मातापिता को देते रहना सही कदम है. वे हाथ थाम कर प्रेम की राह में आने वाले गड्ढों में गिरने से बचा सकते हैं.