नपुसंक बना सकता है तम्बाकू और धूम्रपान, जानें कैसे

सभी जानते है कि हमारे देश में युवाओं की आबादी अधिक है, लेकिन आज की आधुनिक जीवन शैली और केयर फ्री स्वभाव का उनपर बहुत प्रभाव दिखता है, इसमें किसी भी खास अवसर हो या नाईट क्लब, युवाओं की एक बड़ी समुदाय उस पल को अच्छी तरह से जी लेना चाहते है, ऐसे में तम्बाकू और धुम्रपान लगातार चलता रहता है. इसकी लत इतनी ख़राब होती है कि चाहकर भी इससे बाहर निकल पाना मुश्किल होता है. इस तरह के नशे इतने ख़राब होते है कि इससे इनका शरीर घर-परिवार सब धीरे-धीरे ख़त्म हो जाता है.

इस बारें में एसआरव्ही हॉस्पिटल, चेंबूर मुंबई की हेड एंड नेक ओरल ऑन्कोसर्जनडॉ खोजेमा फतेहीकहते है कि तंबाकू केलगातार सेवन से कैंसर जैसी बिमारी के साथ-साथ मनुष्य को नपुंसक भी बना देता है, क्योंकितंबाकू के सेवन से दिमाग और नर्व सिस्टम कमजोर हो जाता है, इससे इंसान के दिमाग से लेकर सेक्स लाइफ पर असर पड़ता है. अगर इन बीमारियों से बचना है,तो इसकी लत को छोड़ने की जरुरत है.

मुंह के कैंसर में लगातार वृद्धि

एक सर्वे में यह पाया गया है कि भारत में तंबाकू सेवन से मुंह के कैंसर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसमें 90 प्रतिशत फेफड़ों के कैंसर और अन्य कैंसर का कारण धूम्रपान ही है. दरअसल अधिक धूम्रपान से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि धूम्रपान के कारण रक्तचाप में अचानक वृद्धि से हृदय को रक्त की आपूर्ति में कमी हो जाती है, इससे दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है. इसके अलावा तंबाकू और धूम्रपान की वजह से महिलाओं में गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है, जबकि पुरुषों में नपुंसकता का कारण बनता है.

तम्बाकू है क्या

असल में तंबाकू में चार हजार से अधिक रसायन होते है. इन रसायनों में निकोटीन एक ऐसा रसायन है, जो व्यक्ति को थोड़ी देर के लिए अच्छा महसूस करवाती है. इसलिए व्यक्ति  तंबाकू का सेवन करता है,निकोटिन के अलावा फिनाईल, नायटोअमाईड, डेनझिन, कार्बन मोनोऑक्साइडआदि होते है, जिससे व्यक्ति के शरीर पर इसका असर पड़ता है, जिसमें  मुंह, होंठ, जबड़े, फेफड़े, गले, पेट, गुर्दे और मूत्राशय का कैंसर होने की संभावना रहती है.

खतरनाक होते है केमिकल्स

डॉक्टर खोजेमा आगे कहते है कि तंबाखू एक ऐसा पदार्थ है, जिसमें कई ऐसे केमिकल है, जिसका मनुष्य के स्वास्थ्य पर गलत असर पडता है और उन्हें कई रोगों का शिकार बनाने के अलावा नपुंसकता की ओर अग्रसर भी करता है.खासकर युवा वर्ग को इससे बचना होगा, क्योंकि 80 प्रतिशत युवा वर्ग इस दलदल में फंस चुका है. कुछ असर निम्न है,

होती है बांझपन

तम्बाकू सेवन करनेवालों को तम्बाकू न सेवनकरने वालों की तुलना में बांझपन का सामना करना पडता है. तंबाकू की वजह से अंडे और शुक्राणू की डीएनए क्षतिग्रस्त हो जाता है. प्रजनन समस्याओं का सामना करने वाले पुरूषों के अलावा नशे की लत वाली महिलाओं में भी गर्भ धारण करने की संभावना कम हो जाती है, क्योंकि अंडे के खराब होने के पीछे निकोटीन, कार्बन मोनोऑक्साइड और साइनाइड मुख्य कारण होता है.

शीघ्र पतन की समस्या

अधिक धुम्रपान के कारण पुरूषों में नपुंसकता बढती है, उनके सेक्सुअल लाइफ पर असर पड़ता है. धुम्रपान से पुरूषों में शीघ्र पतन की समस्या भी शुरू हो जाती है.

आती है यौन क्षमता में कमी

तंबाकू का स्वाद बढाने के लिए जिस केमिकल का उपयोग किया जाता है.उससे व्यक्ति की शारीरिक क्षमता पर असर पडता है. अधिक मात्रा में इन तंबाकू का सेवन, धीरे-धीरे उसकी यौनक्षमता में कमी आ जाती है.

इलाज करें ऐसे

इस तरह की नशे से खुद को छुड़ाने के लिए किसी संस्था या डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक  है, किसी प्रकार की झाड़-फूंक और पूजा पाठ से बचें, ताकि आपको सही सलाह मिले और आप धुम्रपान और तम्बाकू से खुद को छुड़ाने में समर्थ हो.

अंत में यह कहना सही होगा कि तम्बाकू और धुम्रपान से रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने से स्नायुबंधन की कठोरता कम हो जाती है और नपुंसकता का खतरा रहता है. लत जितनी लंबी होगी, प्रभाव उतना ही अधिक होगा. इसलिए ऐसे पुरुषों को यौन समस्याओं का खतरा भी अधिक रहता है.इतना ही नहीं, तंबाकू उत्पादों में गुटखा भी पुरुष वीर्य में पुरुष शुक्राणु की गति को धीमा कर देता है, इससे पुरुषों में भी बांझपन होता है. अपने सेक्सुअल लाइफ को हानिकारक प्रभाव से बचाने के लिए तम्बाकू के आदी पुरुषों, जिसमे खासकर युवाओं को विशेष सलाह दी जाती है कि यदि आप एक पुरुष के रूप में अच्छी जिंदगी जीना चाहते है,तो तम्बाकू और गुटखा से दूर रहे.

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