सोलो ट्रिप- अकेले हैं तो क्या गम है

क्याआप भी घूमने की शौकीन हैं, लेकिन किसी का साथ न होने पर घूमने नहीं जातीं तो अब हो जाएं तैयार दुनिया की सैर पर जाने के लिए. अकेले होने का यह मतलब नहीं कि आप दुनिया की सैर नहीं कर सकतीं. सच तो यह है कि अकेले घूमने में जो मजा है वह औरों के संग नहीं. ऐसे सफर में न तो बच्चे की तबीयत की चिंता होती है और न ही हमसफर की जरूरतों की जिम्मेदारी. दिल खोल कर और टैंशन फ्री हो कर सफर का मजा लिया जा सकता है. अकेले घूमने के कई फायदे हैं, यकीनन उन्हें जानने के बाद आप अकेले घूमना शुरू कर देंगी:

खुद से मिलने का मौका

जब आप घर पर होती हैं तब बेटी, औफिस में सहयोगी और दोस्तों के बीच सहेली की भूमिका निभाती हैं, तो क्या आप का अपना कोई अस्तित्व नहीं? आप की अपनी कोई पहचान नहीं? इन सवालों के जवाब जानने हों तो निकल पड़ें अकेले सैर पर. खुद को समझने और जानने का इस से अच्छा मौका फिर नहीं मिलेगा. जब आप अकेले कहीं घूमने जाती हैं तब आप हमेशा अपने दिल की सुनती हैं. आप के जो मन में आता है वह करती हैं. आप पर किसी का दबाव नहीं होता. खुद को समझने और जानने का मौका भी मिलता है, जिस से सोच में सकारात्मकता आती है और सुकून का एहसास होता है.

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आत्मविश्वास से भरी होंगी आप

अगर आप के भीतर आत्मविश्वास की कमी है, तो सोलो ट्रिप आप को आत्मविश्वास से भर सकती है, क्योंकि सफर के दौरान कई नए लोगों से मुलाकात होती है तो कभीकभी कुछ परेशानियों से भी जूझना पड़ता है और उन का हल भी खुद निकालना पड़ता है. इतना ही नहीं, कई बार आप को जोखिम भरे फैसले भी खुद लेने होते हैं, जिस से आप के भीतर साहस और आत्मविश्वास दोनों बढ़ जाते हैं.

अनुभवों के साथ होगी वापसी

कहते हैं अनुभव मिनटों में बहुत कुछ सिखा जाता है, जिस से जीवन की डगर और भी आसान लगने लगती है. अपने अनुभवों से सीखने के लिए आप को नए अनुभव लेने होंगे जो घर बैठे मुमकिन नहीं. इस के लिए आप को घर से बाहर जाना होगा. जब आप कहीं घूमने जाएंगी तब ही आप दुनिया के ऐसे लोगों से मिलेंगी, जिन से आज तक आप की मुलाकात नहीं हुई. उन के साथ आप ऐसे अनुभवों की साक्षी बन सकती हैं, जिन्हें आप ने अपने जीवन में कभी अनुभव नहीं किया.

भूल जाएंगी क्या होता है अकेलापन

सफर पर निकलते वक्त हो सकता है आप को यों महसूस हो कि आप अकेली हैं, लेकिन यकीन मानिए एक बार जहां आप का सफर असल में शुरू हुआ, अकेलापन क्या होता है आप भूल जाएंगी, क्योंकि सफर के दौरान आप को कई साथी ऐसे मिलेंगे जो आप की तरह खुद भी अकेले होंगे. हो सकता है कई मामलों में आप दोनों का अकेलापन एकजैसा हो या यह भी हो सकता है कि वे आप से ज्यादा अकेले हों, जिन से मिलने के बाद आप को अपना अकेलापन न के बराबर लगने लगे. सफर के दौरान उन से बातचीत, उन का कल और उन के अनुभव आप को बहुत कुछ बता देंगे.

खुद को दें चुनौती और हासिल करें जीत

खुद को चुनौती देना और चित भी कर देना, सब के बस की बात नहीं, लेकिन सोलो ट्रिप आप को इन दोनों का अनुभव दिला सकती है. आप होटल में अकेले कैसे रहेंगी, आप को ऊंचाइयों से डर लगता है, आप कैसे सैर कर पाएंगी जैसी बातें आप को आगे बढ़ने से रोकती हैं, इसलिए खुद को चुनौती दें कि आप अकेली रह लेंगी, ऊंचाई क्या आप सैलाब का सामना भी कर लेंगी. फिर देखिए आप का डर किस तरह छूमंतर हो जाता है.

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संकोची नहीं बिंदास होंगी आप

अगर आप स्वभाव से संकोची हैं, खुद के लिए आवाज उठाने का हुनर आप के भीतर नहीं है, तब तो सोलो ट्रिप पर जाना आप के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि जब हम सोचते हैं कि हमारे लिए बोलने वाले लोग हैं, तब हम जानबूझ कर भी कई बार कुछ नहीं बोलते. जब आप अकेले ट्रिप पर होंगी, तब वहां आप के लिए बोलने वाला या आप की मुसीबतों को कम करने वाला कोई न होगा. तब आप को ये सारी चीजें खुद करनी पड़ेंगी. इस तरह आप का संकोची स्वभाव पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. यकीन मानिए अकेले सैर के बाद आप अंदरूनी तौर पर शेर सा महसूस करेंगी.

खुशी, संतुष्टि और शांति से होगी मुलाकात

रोजाना की दिनचर्या से कहीं दूर निकल कर जब आप सफर की डगर पर चल पड़ेंगी, तब यकीनन आप की मुलाकात खुशी, संतुष्टि और शांति से होगी, नहीं समझीं? चलिए हम बताते हैं. जब बिना किसी की टोकाटाकी के आप जो जी में आए वह करेंगी तो बेशक आप को खुशी होगी. अपने मन की करने से आप को संतुष्टि मिलेगी. अपने शहर ही नहीं, बल्कि औफिस के काम से जब आप को कुछ देर के लिए ही सही, लेकिन छुटकारा तो मिल ही जाएगा, जिस से शांति मिलना तय है.

बनेंगे कई नए दोस्त

गांव, महल्ले और अपने शहर तक ही दोस्ती तक सीमित होना क्या काफी है? क्या आप को नहीं लगता कि आप का दोस्त देश के उस कोने का हो, जहां आप आज तक नहीं गईं या आप का दोस्त दुनिया के उस कोने में रहता हो, जहां उस की बदौलत आप भी जा सकती हैं? अगर आप के इन सवालों के जवाब हां में हैं, तो निकल जाएं सैर पर. जब आप सैर में अकेली होंगी तो खुदबखुद वहां मिलने वाले या आप के साथ ट्रिप में शामिल हुए अजनबियों को अपना साथी बना लेंगी. इस से आप के दोस्तों की सूची लंबी होती जाएगी.

हो सकती है हमसफर से मुलाकात

अगर आप सिंगल हैं और अपने हमसफर की तलाश में हैं, तो सोलो ट्रिप का आइडिया आप के काम आ सकता है. हो सकता है सफर के दौरान आप की मुलाकात आप के हमसफर से हो जाए. इसलिए ऐसा मौका अपने हाथ से न जाने दें. अकेले ही सही, मगर चल पडि़ए सफर की डगर पर. क्या पता लौटते समय आप अकेली न हों.

कर सकती हैं मौजमस्ती

कई बार संकोचवश तो कभी लोग क्या कहेंगे कि वजह से अगर आप खुल कर मौजमस्ती नहीं कर पातीं, तो सोलो ट्रिप में जा कर आप अपनी इन सारी इच्छाओं को पूरा कर सकती हैं. जाहिर है वहां आप को पहचानने वाला कोई नहीं होगा. भरपूर मस्ती की आप को पूरी आजादी मिलेगी. अगर आप सैक्स क्रिया का आनंद लेना चाहती हैं तो नई जगहों पर आप किसी पार्टनर के साथ सैक्स भी ऐंजौय कर सकती हैं. हां, लेकिन अपनी सुरक्षा का खयाल रखते हुए सुरक्षित सैक्स करें.

सोलो ट्रिप सस्ता भी, अच्छा भी

जब आप गु्रप के साथ या पार्टनर के संग कहीं घूमने जाती हैं तो आप को अपनी जेब

ढीली करनी पड़ सकती है. माना कि बहुत हद तक पत्नी का खर्च पति देख लेते हैं, लेकिन

अगर आप कमाऊ बीवी हैं तब आप की भागीदारी बराबर की होती है. ऐसे में सिंगल

वूमन का अकेले ट्रिप पर जाना काफी सस्ता

होता है. इस के लिए आप को बहुत ज्यादा पैसे जुटाने की जरूरत नहीं होती. चूंकि आप जानती

हैं कि आप के पास कितने पैसे हैं, कितने खर्च हुए और कितने बचे हैं. यानी आप अपने पांव चादर देख कर पसारती हैं. आप बजट में रहती हैं और अपना बजट बनाना भी जान जाती हैं.

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