जानें Abuse के बारें में क्या कहती है Actress सोमी अली

मॉडलिंग से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री, राइटर, फिल्म मेकर और सोशल वर्कर सोमी अली को सभी जानते है. वह अभिनेता सलमान खान की एक्स गर्लफ्रेंड है. सलमान की एक फिल्म देखकर उन्हें क्रश हुआ और फिल्मों में काम करने का मन उन्होंने सलमान खान को पाने के लिए किया था. सलमान खान मिले और दोनों ने 8 साल तक डेट किया, लेकिन सलमान के व्यवहार से दुखी होकर वापस मियामी चली गयी, पढाई पूरी की और सोशल वर्क में जुट गयी. उनकी संस्था ‘नो मोर टीयर्स’ काफी प्रचलित है, जिसमें महिलाओं के साथ हुई किसी भी ना इंसाफी का हल निकाला जाता है. सोमी को उसके जीवन का प्यार नहीं मिला, पर आज वह उन सभी महिलाओं की देखभाल करती है, जो प्रताड़ित और घर से निकाली गयी है. सोमी ने पिछले दिनों अमेरिका की मियामी से बात की अपनी जर्नी के बारें में , पेश है कुछ खास अंश.  

मिली प्रेरणा 

एक्टिंग में आने की प्रेरणा के बारें में पूछे जाने पर सोमी कहती है कि मैं पाकिस्तान की हूँ और 12 साल की उम्र में मैं माँ और भाई के साथ अमेरिका शिफ्ट हो गए थे. पकिस्तान रहते हुए मैंने कई हिंदी फिल्में देखी और अमेरिका जाने के बाद भी फिल्में देखती रही. मैंने एक दिन सलमान खान की एक फिल्म ‘मैंने प्यार किया देखी’. उस रात सपने में मैंने देखा कि मुझे इंडिया जाकर सलमान खान से शादी करनी है. मैं केवल 16 साल की थी और सुबह उठकर मैं अपना सूटकेस पैक करने लगी. उस दौरान माँ के पूछने पर मैंने उन्हें सपने की बात कही. माँ को उस समय सलमान खान के बारें में पता भी नहीं था, क्योंकि तब मेरी माँ अमिताभ बच्चन, परवीन बॉबी, राजेश खन्ना आदि की फिल्में देखा करती थी. माँ ने डांटा और मुझे कमरे में जाने को कहा. उसके बाद मैंने पाकिस्तान में रह रहे पिता को फ़ोन किया और कहा कि मुझे इंडिया जाकर ताजमहल देखना है. मैने उनसे पूरी झूठी बातें कही, पर वे मेरे लिए टिकट भेजने राजी हुए और खुद भी मेरे साथ भारत जाने का प्लान बना लिया.

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किया संघर्ष 

 मैं 16 साल की उम्र में इण्डिया पहुँच गयी और मुंबई के बांद्रा इलाके के एक बड़े होटल में ठहरी, वहां लॉबी में मुझे और मेरे पिता को देखकर फिल्म प्रोड्यूसर के एक एजेंट ने मुझे अपना कार्ड देकर कहा कि अगर मेरी इच्छा फिल्मों में काम करने की हो, तो मैं उन्हें कॉल कर सकती हूँ. पिताजी ने कार्ड लेने से मना किया, पर मैंने लेकर रख लिया, क्योंकि मैं पूरी तैयारी के साथ मुंबई फिल्मों के ज़रिये सलमान से मिलने आई थी और फैशन फोटोग्राफर गौतम राजाध्यक्ष से फोटो शूट करवाने के बाद मैने उनकी सलाह पर सभी एक्टिंग एजेंसी को बांट दिया. एक फिल्म एजेंसी में मैं सलमान खान से मिली और उन्होंने फिल्म बुलंद में काम करने का ऑफर दिया. अगले दिन मैं उनके घर गयी और उनके पेरेंट्स से मिली. इस तरह से फिल्मों का सिलसिला शुरू हो गया. मैं अमेरिका के मियामी से फिल्मों में आ गयी.

मिला परिवार का सहयोग 

परिवार के सहयोग के बारें में सोमी बताती है कि शुरू में पिता बहुत गुस्सा हुए और कहा कि तुम और तुम्हारी माँ मिलकर फिल्मों में काम करने की प्लान बनायीं है, जो मुझे बताया नहीं गया है. मैंने  अभिनेता सलमान से शादी करने की बात बताई, जो उन्हें बहुत अजीब लगा था,  लेकिन मैं कुछ कर नहीं सकती थी. मेरी जिद यही थी. मेरी डेब्यू फिल्म बुलंद में मैंने सलमान खान के साथ अभिनय किया, जो रिलीज नहीं हुई. फिर मैंने संजय दत्त की सेक्रेटरी पंकज खरबंदा को सेक्रेटरी रखा, उन्होंने मुझे संजय दत्त, चंकी पांडे, मिठुन चक्रवर्ती, गोविंदा आदि कई बड़े-बड़े कलाकारों के साथ काम दिलवाया.

जब टूटा रिलेशनशिप 

मेरा मकसद सलमान खान से शादी करना, घर गृहस्थी सम्हालना और बच्चे पैदा करना था, लेकिन मेरे पास पकिस्तान और अमेरिका की नागरिकता होने की वजह से मुझे इंडिया में वर्क परमिट मिला था और यहाँ रहने के लिए मुझे फिल्में करनी थी. उस समय मैं सलमान खान के साथ रिलेशनशिप में थी, लेकिन कुछ वजह से साल 1999 दिसम्बर में मैं रिलेशनशिप तोड़कर अमेरिका आ गयी. रिलेशनशिप तोड़ देने के बाद वहां रहने का कोई मकसद नहीं रहा. रिश्ते टूटने की वजह से मैं बहुत हर्ट हुई थी. एक्टर्स के क्रसेज बहुत होते है और कम लोग उनतक पहुँच पाते है. मैं उस समय छोटी थी, 8 साल साथ में रहने के बाद पता चला कि इंसान अलग होता है और एक्टर अलग होता है. उस समय मुझे लगा कि ये रिश्ता सही नहीं है. उन्हें छोड़कर आने पर मैं बहुत दुखी हुई थी. मैं 6 महीने तक डिप्रेशन में रही. एक दिन भाई ने मुझे उठाया और मुझे अपनी पढाई पूरी करने की सलाह दी, क्योंकि मैं 9वीं की पढाई छोड़कर मुंबई चली गयी थी. इसके बाद मैंने पढाई पर ध्यान दिया और वर्ष 2006 तक फिल्म डिग्री भी हासिल की. मैं सलमान से कभी भी शादी नहीं करने वाली थी, क्योंकि मैंने प्यार एक एक्टर से किया था, इंसान के रूप में सलमान से नहीं.

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 संस्था है सबकुछ 

सोमी की संस्था ‘नो मोर टीयर्स’ के बारें में उनका कहना है कि दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते है, जो वायलेंस के बिना नहीं रह सकते. वे वायलेंस से प्यार करते है. खासकर पकिस्तान में हमारे कल्चर में मैंने डोमेस्टिक वायलेंस की शिकार माँ की सहेलियों को देखा है. किसी की आँख पर चोट, किसी की हाथ टूटी हुई आदि मैंने बचपन से पकिस्तान में देखती आई हूँ. अमेरिका गयी तो वहां भी मैंने डोमेस्टिक वायलेंस देखी, इंडिया गयी, तो वहां भी मैंने बच्चों और महिलाओं पर अत्याचार होते हुए देखा है. इसकी वजह पुरुष प्रधान समाज का होना है. इस विषय पर जबतक अधिक बातचीत नहीं की जाती, तबतक ये ख़त्म नहीं हो सकता. इसके अलावा महिलाये इसे छुपाती है, क्योंकि वे इसे कहने से शर्मिंदगी महसूस करती है. आज मैं भी बोल्डली कहना चाहती हूँ कि मैं भी डोमेस्टिक वायलेंस की शिकार हुई हूँ. इसके लिए सबको सच बोलना और अपनी कहानी शेयर करना पड़ेगा, नहीं तो ये सालों साल जिन्दा रहेगा. विक्टिम से अधिक एब्युजर इसमें दोषी है. आवाज महिलाओं को उठाना बहुत जरुरी है. अभी मैं 7 साल से मेरी ऑटोबायोग्राफी पर काम कर रही हूँ, इसके बाद मैं सीरीज में अपनी कहानी को कहना चाहती हूँ, क्योंकि मैंने 3 देशों में बहुत बुरा हाल महिलाओं का देखा है. 

डरे नहीं 

डोमेस्टिक वायलेंस करने वाला अपनी पत्नी या गर्ल फ्रेंड को प्यार अधिक करने के पीछे उसको बैलेंस करना है, क्योंकि जब वे मारते है, तो उन्हें अपनी पत्नी के छोड़कर जाने या  पुलिस के पास जाने का डर रहता है. वे एक थप्पड़ से फूल लाते है और एक मुक्के से अंगूठी लाते है. इसके अलावा वह डरती भी है. पहले इमोशनल एब्यूज से शुरू होकर मारपीट तक पहुँचता है. अगर समाज भी इसका साथ नहीं देता है, तो महिलाएं आवाज नहीं उठा सकती. 

महिलाओं का आत्मनिर्भर होना जरुरी 

इसके लिए महिला को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर होना बहुत जरुरी है. समाज अधिकतर विक्टिम को दोषी मानती है, ऐसे में कठिन कदम उठाना संभव नहीं होता. इसलिए मेरी संस्था उनको रहने के लिए घर देने के अलावा उन्हें पढ़ा-लिखाकर नौकरियां भी देते है. मेरी संस्था से वकील, सामाजिक कार्यकर्त्ता, टीचर आदि कई लोग निकले है. महिलाओं को आत्मनिर्भर होने पर ही डोमेस्टिक वायलेंस कम हो सकता है. वेस्टर्न देशों में कम होने की वजह वहां की महिलाओं का स्ट्रोंग होना है, जो कुछ होने पर पुलिस बुला लेती है, लेकिन मिडिल ईस्ट और साउथ ईस्ट एशिया में ऐसी सुविधा नहीं है. जालंधर के एक पति शादी कर पत्नी को अमेरिका ले आया, यहाँ उसने पत्नी को दाल में नमक कम होने की वजह से हाथ जला दिया. परिवार ने नहीं, मैंने उसे पढाया और अब वह डॉक्टर बन एक डॉक्टर से दूसरी शादी कर खुश है.

इन दिनों सोमी अमेरिका में एब्युज्ड महिलाओं, बच्चों और जानवरों के साथ काम कर रही है और इस काम की कोई समय सीमा नहीं होती. 24 घंटे नो मोर टीयर्स के साथ काम करती है. सलमान खान के साथ सोमी ने पिछले 5 साल से कोई बातचीत नहीं की है. वह कहती है कि इसकी वजह मेरी मानसिक और शारीरिक स्वाथ्य की भलाई के लिए है. उनकी माँ सलमा आंटी से मेरी मुलाकात मियामी में हुई थी. तब मुंबई की हाल-चाल का पता चल पाया था.

संस्था से की है शादी  

शादी कब करनी है, पूछे जाने पर सोमी हंसती हुई कहती है कि मैं ‘नो मोर टीयर्स’ से हैपिली मैरिड हूँ. शादी की इच्छा तब थी जब मैं 24 साल की थी. इसके बाद मैंने पढाई की नो मोर टीयर्स से जुडी. सामाजिक काम करना बहुत खतरनाक होता है. बहुत सारी धमकियाँ मुझे मार डालने की मिलती है. मैंने 29 हज़ार बच्चों को बचाया है और मैं इन सभी बच्चों की माँ हूँ. इस तरह मदरहुड मेरी पूरी हो चुकी है और शादी मेरे हिसाब से अगर कोई मिला, तो अवश्य करुँगी. अभी अमेरिका में मेरी माँ और भाई अलग-अलग जगहों पर रहते है और मेरे पिता पाकिस्तान में रहते है. मेरी माँ बचपन से लेकर 38 वर्ष तक शारीरिक,मानसिक और मौखिक यातनाएं झेली है. मेरा हौसला मेरी माँ से मिला है. उनका कहना है कि सही बात को कहने में कभी डरों नहीं. मुझे इंडिया का राजस्थान बहुत पसंद है, लेकिन जब भी मैं वीजा के लिए कोशिश करती हूँ, मेरा वीजा कैंसिल कर दिया जाता है, क्योंकि मेरा जुर्म पकिस्तान में जन्म लेने से है. मेरे पास अमेरिका का भी वीजा है. दोनों देशों के हालात बेहतर होने पर अगर मुझे इंडिया आने की परमिशन मिला तो मैं ताजमहल देखना और मुंबई के शिवसागर रेस्तरा में जाकर पाव भाजी खाना खाना चाहूंगी.

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सम्हलना है कोविड में 

कोविड पीरियड में काम करने के बारें में पूछने पर सोमी बताती है कि मुझे तो बहुत काम अपनी संस्था के लिए करना पड़ता है, इसलिए मैं हर सप्ताह अपनी कोविड टेस्ट करवाती हूँ और सारी सावधानियों का पालन करती हूँ, लेकिन मैं भारत के लोगों के लिए बहुत दुखी हूँ और जल्दी सब ठीक होने की कामना करती हूँ. इसके आगे महिलाओं के लिए सोमी का कहना है कि किसी को ये हक नहीं होता है कि कोई आपको मानसिक और सेक्सुअली एब्यूज करें और आपकी मान मर्यादा को आपसे छीन लें. फिर चाहे वह पति,दोस्त या परिवार का सदस्य हो. अगर किसी को भी कोई समस्या है, तो आप मुझसे जुड़ सकते है.  जीवन में कभी गिवअप न करें. खुद के लिए ही नहीं, बल्कि किसी भी महिला को घरेलू प्रताड़ना से बचाएँ.  

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