बौलीवुड में नेपोटिज्म का मसला हमेशा गर्म रहता है. कंगना रनौट तो बार-बार नेपोटिज्म को लेकर करण जौहर पर तीखे बाण चलाती रहती हैं. लेकिन करण जौहर पर इसका कोई असर नहीं पड़ता. वह अपनी फिल्मों मे अक्सर फिल्मी हस्तियों की संतानों को अभिनय करने का अवसर देते रहते हैं. करण जौहर ने 2012 की अपनी सफल फिल्म ‘‘स्टूडेंट आफ द ईअर’’ का सीक्वअल ‘‘स्टूडेंट आफ द ईअर 2’’ का निर्माण किया है, जिसका निर्देशन पुनीत मल्होत्रा ने किया है. दस मई को रिलीज होने वाली फिल्म ‘‘स्टूडेंट आफ द ईअर 2’’ में करण जौहर ने एक बार फिर बौलीवुड एक्टर चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे के साथ गैर फिल्मी परिवार की सिंगर और एक्ट्रेस तारा सुतारिया को एक्टिंग करने का मौका दिया है. इस फिल्म के हीरो हैं जैकी श्राफ के बेटे टाइगर श्राफ.
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अनन्या के डेब्यू पर उठे सवाल…
अनन्या के फिल्मी परिवार से होने की वजह से बौलीवुड में कुछ लोग कह रहे हैं कि नेपोटिज्म के ही चलते अनन्या को फिल्म ‘‘स्टूडेंट आफ द ईअर 2’’ में अभिनय करने का अवसर मिला. हाल ही मे जब अनन्या पांडे से हमारी एक्सक्लूसिव बात हुई, तो हमने अनन्या के सामने नेपोटिज्म का मुद्दा उठाया. इस पर अनन्या पांडे ने बिना किसी लाग लपेट के बौलीवुड में नेपोटिज्म की मौजूदगी को स्वीकार करते हुए उन लोगों को शालीनता के साथ खरी खोटी सुनाई, जो नेपोटिज्म के नाम पर फिल्मी परिवार से जुड़े कलाकारों की प्रतिभा और मेहनत को नजरंदाज करते हैं.
अनन्या का करारा जवाब..
अनन्या ने कहा- ‘‘मेरा मानना है कि सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में ही नहीं, बल्कि हर इंडस्ट्री में नेपोटिज्म मौजूद है. इसलिए सिर्फ बौलीवुड में नेपोटिज्म की बातें करना मूर्खतापूर्ण है. दूसरी बात मेरे डैड चंकी पांडे भी अभिनेता हैं, इस कारण मुझे शर्मिंदा नहीं होना चाहिए, बल्कि यह मेरे लिए गौरव की बात है कि उन्होंने बतौर अभिनेता अपना नाम कमाया, शिखर तक पहुंचे और अब मैं उन्ही के नक्शे कदम पर चलते हुए कुछ बेहतर करने तक पहुंची हूं. मेरे डैड ने बहुत मेहनत से अपना मुकाम बनाया. अब देखिए, मेरे डैड के डैड डौक्टर स्व. शरद पांडे तो अपने समय के मशहूर हार्ट सर्जन थे, पर मेरे डैड ने डौक्टर बनने की बजाय अभिनेता बनना पसंद किया.
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डैड के नाम पर धब्बा नहीं लगाना चाहती…
मैं अपने डैड की इज्जत पर धब्बा नहीं लगाना चाहती. मुझे किसी भी तरह की निगेटिव फीलिंग नही चाहिए. यह सच है कि हमारी इंडस्ट्री में भी नेपोटिज्म है. पर मैं लोगों से, दर्शकों से सिर्फ एक ही प्रार्थना करती हूं कि वह मेरी फिल्म देखे, मुझे और मेरे अभिनय को पसंद करें. मेरे अभिनय की तुलना मेरे डैड या किसी और से ना करें. वैसे अब दर्शक भी टैलेंट को देखते हैं ना कि यह कि कलाकार किसका बेटा या बेटी है.’’
‘‘जब दर्शक फिल्म देखते समय कलाकार की प्रतिभा के आधार पर पसंद करता है. तो फिर नेपोटिज्म को लेकर इतना हो हल्ला क्यों मचाया जा रहा है?’’
हमारे इस सवाल पर अनन्या ने नेपोटिज्म की बातें करने वालों को आइना दिखाते हुए कहा-‘‘मुझे लगता है कि इस तरह की बातें करने वाले लोगों को लगता है कि फिल्मी संतानें प्रतिभाशाली नही होती हैं. पर वह भूल जाते हैं कि वरूण धवन, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट फिल्मी संतानें ही हैं. जिन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया हुआ है. हर कोई इनके अभिनय की तारीफ करता है. फिर इसी फिल्म इंडस्ट्री में रणबीर सिंह, अनुष्का शर्मा और दीपिका पादुकोण जैसे प्रतिभाशाली कलाकार हैं, जो कि फिल्मी परिवार से नही हैं. तो मेरा कहना यह है कि टैलेंट, टैलेंट होता है, उसे महज इस आधार पर नजरंदाज नहीं किया जा सकता कि वह टैलेंट किसी फिल्म परिवार से आया है.’’
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बता दें कि करण जोहर ने 2012 में अपने निर्देशन में बनी फिल्म ‘‘स्टूडेंट आफ द ईअर’’ में महेश भट्ट की बेटी आलिया भट्ट और डेविड धवन के बेटे वरूण धवन को ब्रेक दिया था. यह दोनों पांच साल के अंदर स्टार बन चुके हैं. लोग इनके अभिनय के दीवाने हैं. इसके बाद भी करण जौहर कई फिल्मी संतानो को मौका दे चुके हैं. पिछले साल ही उन्होने स्व. श्रीदेवी और बोनी कपूर की बेटी जान्हवी कपूर को फिल्म ‘‘धड़क’’में ब्रेक दिया था.
Edited by- Nisha rai