कोरोना संक्रमण में हड्डियों को बनाये रखें मजबूत

कोरोना कहर की वजह से घर पर रहने वाले लोग एक बड़े स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहे है, जिसमें खास है हड्डियों की मजबूती, जो शारीरिक गतिविधियों के कम होने की वजह से कई प्रकार की समस्याओं मसलन बोन डेंसिटी का कम हो जाना है. इस बारें में मिलेनियम हर्बल केयर के डॉ. दीपेश महेंद्र वाघमारे कहते है कि जब तक कोरोना संक्रमण महामारी जारी है, सभी को एक बड़े स्वास्थ्य संकट से गुजरना पड़ रहा है. विश्व स्तर पर इस महामारी ने पूरी मानव आबादी को अस्त-व्यस्त कर दिया है. हालाँकि लोग कम शारीरिक गतिविधि के साथ अपने घरों तक ही सीमित हैं, इससे तेजी से हड्डी की हानि हो रही है, क्योंकि मांसपेशियों और हड्डियों को पर्याप्त उत्तेजना नहीं मिल रही है। इसके अलावा महामारी के दौरान सूरज के संपर्क में कमी से हमारे शरीर में गंभीर रूप से विटामिन डी का स्तर प्रभावित हो रहा है. ऊर्जा और शक्ति की कमी से लोग अक्सर थकान महसूस करते है.

हर किसी को अपनी हड्डियों की सेहत को लेकर उतना ही सतर्क रहने की जरूरत है जितना कि उनकी अन्य जरूरतों के लिए वे करते है. हड्डी के स्वास्थ्य को हमेशा एक प्राथमिकता देनी चाहिए और इसकी अनदेखा नहीं करनी चाहिए. हड्डी के घनत्व (Bone density) की समस्या साधारण समस्या लगती है, पर समय की अवधि में ये बड़ी समस्या हो सकती है. जबकि ऑस्टियोपोरोसिस पुरुषों और महिलाओं के बीच उम्र के बढ़ने के साथ होता है, जबकि कुछ महिलाओं को उनके 30 के दशक से पहले ही खामियाजा भुगतना पड़ता है. स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ और अनावश्यक हड्डियों के मुद्दों से बचने के लिए, कुछ उपाय निम्न है, जो महामारी के दौरान आपकी हड्डियों की देखभाल कर सकती है.

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लें कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर संतुलित आहार

कैल्शियम के अच्छे स्रोतों में कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियाँ और सूखे मेवे शामिल हैं। विटामिन डी के अच्छे स्रोतों में गढ़वाले अनाज, अंडे की जर्दी, समुद्री मछली और दूध शामिल हैं। कैल्शियम और विटामिन डी आपकी हड्डियों की रक्षा के लिए एक साथ काम करते हैं कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने रखने में मदद करता है,  जबकि विटामिन डी आपके शरीर को कैल्शियम को प्रभावी रूप से अवशोषित करने में मदद करता है.

पर्याप्त विटामिन डी के लिए रहे सूर्य के प्रकाश के संपर्क में

पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से सूरज का संपर्क सबसे प्राकृतिक तरीका है। सूर्य की अल्ट्राव्हायोलेट बी (यू वी बी) किरणें त्वचा की कोशिकाओं में कोलेस्ट्रॉल को हिट करती हैं, जिससे विटामिन डी संश्लेषण के लिए ऊर्जा मिलती है। अखिल भारतीय अध्ययन के अनुसार सूर्य के संपर्क में आने का सबसे अच्छा समय सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच होता है क्योंकि अल्ट्राव्हायोलेट बी (यूवीबी) किरणों की तरंग दैर्ध्य इस अवधि के दौरान 290-320 nm होती है, जो त्वचा को विटामिन डी बनाने के लिए आवश्यक है।

भरपूर शारीरिक गतिविधियों पर दे ध्यान

मांसपेशियों की तरह, व्यायाम से हड्डियां मजबूत बनती हैं। स्वस्थ हड्डियों के लिए सबसे अच्छा व्यायाम शक्ति निर्माण और वजन बढ़ाने वाले व्यायाम हैं जैसे चलना, सीढ़ियां चढ़ना, वजन उठाना और नृत्य करना. प्रत्येक दिन 30 मिनट का व्यायाम करने की कोशिश करें.

अपनाएं स्वस्थ जीवन शैली

धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन हड्डियों के नुकसान और कमजोर हड्डियों में योगदान देता है. ये हानिकारक आदतें अनजाने में हड्डियों को रक्त की आपूर्ति को कम कर देती हैं, हड्डी बनाने वाली कोशिकाओं के उत्पादन को धीमा कर देती हैं और कैल्शियम के अवशोषण को बिगाड़ देती है. इन आदतों से बचकर, आप अपनी हड्डियों के नुकसान की दर को कम कर सकते हैं और अपनी हड्डियों को नकारात्मक प्रभावों से बचा सकते है.

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हड्डी के स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा तरीका उचित जीवन शैली को अपनाना है और हड्डी बनाने वाली कोशिकाओं (ओस्टियोब्लास्ट) और हड्डी के पुनर्जीवन कोशिकाओं (ओस्टियोक्लास्ट) के स्वस्थ संतुलन को बहाल करना है. उम्र बढ़ने के साथ यह संतुलन एक नकारात्मक दिशा में बदल जाता है, जिससे हड्डियों का नुकसान अधिक होता है, नियमित देखभाल से इसे रोका जा सकता है और आप एक अच्छी जीवनशैली गुजार सकते है.

इरादों को पूरा करने के लिए हड्डियों को मजबूत बनाना है जरूरी

चाहे राजनीति का क्षेत्र हो या खेल जगत का, माउंट एवरेस्ट पर फतह की बात हो या फिर देश की रक्षा की खातिर मरमिटने की, महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं. वे पूरे आत्मविश्वास के साथ हर जोखिम झेल कर आगे बढ़ने को तैयार हैं. लेकिन इस सचाई से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि 30 की उम्र पार होते ही महिलाओं के शरीर में अनेक बदलाव होने शुरू हो जाते हैं, खासकर मांसपेशियों को बनाने वाले हारमोन्स के लैवल में कमी आनी शुरू हो जाती है, जिस से मसल्स कमजोर होती हैं. जो हमारे मैटाबोलिज्म को धीमा करने का काम करती है. इस स्थिति में उन्हें भीतर से भी स्ट्रौंग बनने की जरूरत होती है ताकि वो अपने सपनों, अपनी इच्छाओं को बिना किसी रुकावट के पूरा कर सके. ऐसे में इस वूमंस डे पर महिलाएं वूमंस होर्लिक्स के साथ खुद की इनर स्ट्रैंथ को ओर बढ़ाएं.

हर उम्र में हैल्दी बोन्स की जरूरत

हर उम्र व जीवन के हर पड़ाव पर हड्डियों का हैल्दी होना बहुत जरूरी होता है. बचपन से ही हमारे शरीर में हड्डियों को खनिज का पोषण मिलता रहता है, जिस से शरीर की जरूरतें पूरी होती रहती हैं. लेकिन उम्र बढ़ने खास कर 30 के बाद व विभिन्न स्टेजिस जिस में पीरियड्स, प्रैग्नैंसी, फीडिंग व मैनोपोज भी शामिल हैं, तब हारमोन लैवल गड़बड़ा जाता है और शरीर में कैल्शियम की खपत काफी बढ़ जाती है. यदि ऐसे समय में कैल्शियम की कमी को पौष्टिक डाइट के साथसाथ सप्लिमैंट्स से पूरा नहीं किया जाता तो हड्डियों को नुकसान पहुंचने के साथसाथ शरीर में फैट बर्न होने की प्रक्रिया भी धीमी हो जाती है.

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रिसर्च की मानें तो भारत में 30 के बाद की 50 प्रतिशत महिलाओं में कैल्शियम की कमी देखी गईर् है. यह भी देखा गया है कि हर 2 में से 1 महिला की लो बोन डेंसिटी होती है. इस में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि मामूली चोट पर फ्रैक्चर तक होने का डर बना रहता है. यहां तक कि जिन कार्यों को वे पहले आसानी से कर लेती थीं जैसे सीढि़यां चढ़ना, कई तरह के घरेलू कार्य, घूमनाफिरना आदि लेकिन अब उन्हें इन्हें करने में थकान महसूस होने लगती है.

छोटी पहल से बड़ा फायदा

कहते हैं न कि छोटीछोटी कोशिशों से ही कामयाबी मिलती है. ठीक उसी तरह अगर आप अपने लाइफस्टाइल में हैल्दी ईटिंग हैबिट्स को शामिल करेंगे तो आप हर उम्र में स्वस्थ रह पाएंगी. और आप की हड्डियां भी स्ट्रौंग बनेंगी.

आप को बता दें कि हड्डियों को स्ट्रौंग बनाने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी की जरूरत होती है. ऐसे में वूमंस होर्लिक्स का फौर्मूला आप की हड्डियों तक कैल्शियम को पहुंचाने का काम करता है. वहीं इस में विटामिन डी की मौजूदगी कैल्शियम को अवशोषित करती है. तो विटामिन के2 कैल्शियम को हड्डियों में स्टोर करने का काम करता है. तो फिर इस वूमंस डे पर इस छोटी सी कोशिश से खुद को स्ट्रौंग बनाने का संकल्प लें. लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं.

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