मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल जीने वाली एक ऐसी महिला, जिन्होंने 30 सालों से नहीं खरीदी साड़ी

आज के मौर्डन युग में हम सभी को हद से ज्यादा चीजें चाहिए जैसे- ज्यादा पैसा कमाने की होड़, आलीशान घर, बड़ी गाड़ी, महंगा मोबाइल, फैशनेबल कपड़े, ज्यादा खाना, ज्यादा घूमना, ज्यादा मनोरंजन, ज्यादा पार्टियां और भी बहुत कुछ, यह ‘ज्यादा’ वाली मेन्टेल्टी ही हमे फिजूलखर्ची कराती है. ऐसा करके हम सब सोचते हैं कि हमने अपनी लाइफ में हैप्पीनेस और सक्सेस पा ली है लेकिन कुछ लोग ‘सादा जीवन उच्च विचार, वाले होते है वो आज भी इस बात पर अमल करते हैं कि कैसे कम चीजो में बेहतर जिंदगी जी जा सकती है. इसका एक उदाहरण इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन, राज्यसभा सांसद (member of parliament) और लेखिका ( writer) सुधा मूर्ति हैं जिन्होंने 30 सालो में एक भी साड़ी नहीं खरीदी.

सादगी पूर्ण जीवन

दशकों से भी ज्यादा समय से ‘100% नो शौपिंग पौलिसी’ पर चलने वाली इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन, राज्यसभा सांसद और लेखिका सुधा मूर्ति ने 30 सालों में अपने लिए एक साड़ी नहीं खरीदी है.
आज के समय में ऐसा होना वाकई में आश्चर्य में डालने वाला है. जबकि पद्मश्री सुधा मूर्ति खुद 775 करोड़ की संपत्ति की मालिक हैं. लेकिन उनका सादगी के साथ जीवन जीने का तरीका हर किसी का दिल जीत लेता है और साथ ही सुधा मूर्ति की इस सादगी से हम सब भी सीख ले सकते हैं कि कैसे कमसेकम चीजों में अच्छा जीवन बिता सकते हैं, कैसे पैसों का सही इस्तेमाल कर भी जिंदगी जी सकते हैं.

आपको बता दें पद्मश्री सुधा मूर्ति और उनके पति इंफोसिस कंपनी के पूर्व डायरेक्टर नारायण मूर्ति अपने सादा जीवन और उच्च विचारों के लिए जाने जाते हैं. करोड़ों के मालिक होने के बावजूद वे सरल जीवन जीने में यकीन रखते है. एक इंटरव्यू में सुधा मूर्ति ने बताया, “ऐसा मानना है कि जब आप काशी जाते हैं, तो आपको अपनी कोई एक पसंदीदा चीज छोड़ देनी चाहिए. मुझे शौपिंग करना बहुत पसंद था, इसलिए मैंने गंगा से वादा किया था कि मैं जीवन भर शौपिंग नहीं करूंगी.” शौपिंग छोड़ने के बाद से मूर्ति ने अपनी बहनों, करीबी दोस्तों और कभीकभी अपने साथ काम करने वाले एनजीओ द्वारा गिफ्ट में दी गई साड़ियां ही पहनी हैं. ये होता है अपने आप पर दृढ़ संकल्प और मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल जीने का तरीका.

क्या होती है मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल

मिनिमलिज्म का मंत्र है, ‘कम ही ज्यादा’ है. इसमें आप अपनी जरूरत की चीजें ही खरीदें, बजाय इसके कि आप जो चाहें वो खरीद लें. मिनिमलिस्ट लाइफ की शुरुआत आप एक ऐसी चीज से छुटकारा पाने से कर सकते हैं, जो आपको नहीं चाहिए या जिसकी आपको जरूरत नहीं है.

रिसर्चगेट की एक स्टडी में बताया गया है कि मिनिमलिज्म एक फेमस लाइफस्टाइल है. इसे अपनाकर लोग अपनी खुशी से कम संपत्ति के साथ रहते हैं. ऐसा जीवन जीने वाले लोगों के अनुभव के मुताबिक, मिनिमलिज्म से उन्हें कई फायदे हुए हैं जैसे-कॉम्पिटेंसी और कैपेसिटी का बढ़ना, मेंटलपीस मिलना, कैपेसिटी, अवेरनेस और पोसिटिव थिंकिंग डेवलप होना. लाइफ को ईजी बनाने के लिए मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल एक सही तरीका हो सकता है. आप कम-से-कम चीजों में लाइफ गुजार सकते है इसमें आप सिर्फ उन चीजों को ही खरीदे, जिनकी आपको वास्तव में जरूरत है और उन चीजों को हटा दे, जो ध्यान भटकाती हो. मिनिमलिस्ट होना हर व्यक्ति में अलग हो सकता है, इसलिए यह वास्तव में आप पर निर्भर करेगा कि आप क्या रखते हैं और क्या हटाते हैं. जो आपके काम में आती हैं. बहुत से लोग तनाव कम करने के लिए मिनिमलिस्ट लाइफस्टाइल जीने का फैसला करते हैं.

कैसे करें मिनिमलिस्ट लाइफ की शुरुआत

इसकी शुरुआत आप ‘कैप्सूल वार्डरोब’ में बदलाव करने भी कर सकते हैं. जो भी कपड़ा आपको फिट न आए या जिसमें आप सेल्फकॉन्फिडेन्स फील न करें, उसे हटा दें. अपने न पहनने वाले ऐसे शूज किसी जरूरतमंद को दे दें,अपने पास सिर्फ हर वी जरूरी चीज रखे जो डेली पहनने के लिए जरूरी हो.

मिनिमलिस्ट लाइफ जीने के फायदे

मिनिमलिस्टिक लाइफस्टाइल जीने के फायदे हर किसी व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं. किसी को फिजिकली, किसी को मेंटल और इमोशनल रूप से स्पेस बनाने में हेल्प मिलती है. कुछ लोगों को ज्यादा अव्यवस्था से चिंता हो सकती है, इसलिए मिनिमलिस्टिक लाइफस्टाइल अपनाने से कुछ हद तक सुकून मिल सकता है.

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