#coronavirus: तो तीसरी लहर बच्चों पर रहेगी बेअसर

हमारे बच्चों को दुनिया की हर खुशी मिले, उन्हें कोई बीमारी छूने न पाए, यही कामना करते हैं सभी पेरैंट्स. इस के लिए उन की हर खुशी का, उन के खानपान का खास खयाल रखते हैं. लेकिन आज के हालात अलग और ज्यादा मुश्किल हैं. हर जगह डर का माहौल है.

कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर भारी होने का डर पेरैंट्स को सता रहा है. ऐसे में डरने की नहीं, बल्कि बच्चों की इम्यूनिटी को बूस्ट करने की जरूरत है ताकि वे बीमारियों से लड़ने में सक्षम बन सकें.

आइए, जानते हैं कैसे बच्चों की इम्यूनिटी को बनाए रखें:

मील हो फ्रूट व वैजिटेबल्स से भरपूर

बच्चे फलों व सब्जियों को खाने से आनाकानी करते हैं. इन की बजाय उन्हें फास्ट फूड खाना ज्यादा पसंद होता है, जो भले ही उन की भूख को तो शांत कर देता है, लेकिन यह उन के शरीर को थुलथुला व अंदर से खोखला बनाने का काम करता है, जबकि फल व सब्जियां ऐंटीऔक्सीडैंट्स व विटामिंस से भरपूर होती हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करती हैं. इस से आप के बच्चे में ऐनर्जी का स्तर भी बना रहता है और वह अपने हर कार्य को पूरी ऊर्जा से कर पाता है.

क्रिएटिव आइडिया: अगर बच्चों को सीधे फू्रट्स व वैजिटेबल्स सर्व करेंगे तो वे इन्हें खाने में आनाकानी करेंगे. ऐसे में आप उन्हें अपनी क्रिएटिव कुकिंग के जरीए फ्रूट्स व वैजिटेबल्स सर्व करें. दाल व सब्जियों के कटलेट और सब्जियों के कलरफुल सैंडविच, जिन में उन की पसंद की सौसेज हो बना कर उन्हें सर्व करें.

वहीं फू्रट्स को फ्रूट्स कटर्स से मनचाहे आकार में काट कर उन्हें दें. यकीन मानिए  आप की यह क्रिएटिविटी उन की फूट्स व वैजिटेबल्स के प्रति क्रेविंग को बढ़ाने में  मददगार साबित होगी.

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ड्राईफ्रूट्स बनाएं स्ट्रौंग

बच्चे जो ग्रोइंग ऐज में होते हैं, उन के खानपान का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है वरना छोटी उम्र से ही उन में ढेरों कमियां रह जाती हैं, जो आगे चल कर उन के लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं.

इसलिए जरूरी है कि उन्हें अंदर से स्ट्रौंग बनाने के लिए रोजाना ड्राईफू्रट्स सर्व करें. ड्राईफ्रूट्स प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, फाइबर रिच होने के कारण ये बीमारियों से लड़ने में सक्षम बढ़ाने के साथसाथ बच्चों की ब्रेन हैल्थ व उन की मैमोरी को भी शार्प बनाने का काम करते हैं. इन में ऐंटीऔक्सीडैंट्स प्रौपर्टीज होने के कारण ये वायरस व विभिन्न प्रकार की मौसमी बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं.

क्रिएटिव आइडिया: अगर बच्चों को डाइरैक्ट ड्राईफ्रूट्स खिलाना मुश्किल है, तो आप ड्राईफ्रूट्स का पेस्ट बना कर दूध में मिला कर दे सकती हैं. उन की पसंद की स्मूथी में डाल कर दे सकती हैं या फिर स्वीट डिश में ऐड कर सकती हैं. इस से बच्चा इन्हें शौक से खा भी लेंगे और आप की भी टैंशन कम होगी.

योगर्ट बड़े काम का

आप अपने बच्चों को दिन में एक बार जब भी उन्हें भूख लगे तो दही या योगर्ट जरूर खिलाएं, क्योंकि यह ऐसे न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता  है, जिस की शरीर को सब से ज्यादा जरूरत होती है. इस में भरपूर मात्रा में कैल्सियम होता है, जो दांतों व हड्डियों के लिए बहुत ही काम का साबित होता है.

इस में प्रोटीन व विटामिन डी की मौजूदगी इम्यून सिस्टम को स्ट्रौंग बनाने के साथसाथ मैटाबोलिज्म को स्ट्रौंग बनाने का काम भी करती है. इस में मैग्नीशियम, सेलेनियम, जिंक की उपस्थिति शरीर में वायरस के कारण किसी भी तरह की जलन व सूजन को नहीं होने देती, जिस से मौसमी बीमारी भी दूर रहती है.

इस में हैल्दी प्रोबायोटिक होते हैं, जो जर्म्स से बचाने का काम करते हैं. रिसर्च में यह साबित हुआ है कि अगर बच्चा रोज योगर्ट खाता है, तो उस में खासीजुकाम, कान व गले के दर्द का खतरा 19% कम होता है.

क्रिएटिव आइडिया: आप अपने बच्चों को दही में चौकलेट सिरप, रोज सिरप व ड्राईफ्रूट्स डाल कर उन के टेस्ट को बढ़ा सकती हैं या फिर मैंगो, रसबेरी, ब्लूबेरी, अलफांसो मैंगो, स्ट्राबेरी योगर्ट दे कर उन की हैल्थ का खास ध्यान रख सकती हैं.

नो सप्लिमैंट औनली न्यूट्रिशन

जब तक हमारी इम्यूनिटी स्ट्रौंग नहीं होगी, हम बीमारियों से फाइट नहीं कर पाएंगे. तभी तो आज इस महामारी के समय में हरकोई चाहे वायरस की गिरफ्त में आया हो या नहीं, खुद को बचाने के लिए हैल्थ सप्लिमैंट्स यानी विटामिन व मिनरल से भरपूर सप्लिमैंट्स का सहारा ले रहा है ताकि इम्यूनिटी को बूस्ट कर पाए.

मगर सवाल यह है कि क्या बच्चों को सप्लिमैंट देना चाहिए? इस संबंध में फरीदाबाद के ‘एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज’ के सीनियर कंसलटैंट पीडिएट्रिक ऐंड नियोनेटोलोजिस्ट डाक्टर सुमित चक्रवर्ती बताते हैं कि आप अपने बच्चों के लिए सप्लिमैंट्स का सहारा बिलकुल न लें, क्योंकि इस से उन के शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. ये दवाएं शरीर में गरमी पैदा कर के ऐसिडिटी, उलटियों का कारण बनती हैं, जिस से बच्चे खाने से भी जी चुराने लगते हैं. ऐसे में उन्हें खाने में सिर्फ न्यूट्रिशन दें.

उन में विटामिन सी की कमी को दूर करने के लिए खट्टे फल, ऐंटीऔक्सीडैंट्स व आयरन के लिए चुकुंदर, विटामिंस के लिए 3-4 साल या इस से ज्यादा के बच्चों को दिन में 10-12 बादाम व  2-3 अखरोट और बौडी को हाइड्रेट रखने व विटामिंस, मिनरल्स की कमी को दूर करने के लिए नारियल पानी देती रहें.

टाइमली स्लीप से बढ़ाएं इम्यूनिटी

रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जो लोग समय पर नहीं सोते या फिर पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, उन में दिल से संबंधित दिक्कतें होने के साथसाथ ज्यादा मात्रा में कोर्टिसोल नामक हारमोन निकलता है, जो स्ट्रैस को बढ़ाने का काम करता है. साथ ही फ्लू से लड़ने वाले ऐंटीबौडीज भी आधे हो जाते हैं. क्या आप जानते हैं कि रात को 6-7 घंटे की पूरी नींद लेने से साइटोकिन नामक हारमोन का उत्पादन होता है, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करता है.

जरमनी के शोधकर्ताओं ने बताया कि अच्छी व गहरी नींद लेने से मैमोरी की कोशिकाओं को मजबूती मिलती है, जो संक्रमण से लड़ने में कारगर मानी जाती हैं. इसलिए अपने बच्चों में टाइम से सोने की आदत डैवलप करें.

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फिजिकल ऐक्टिविटीज बढ़ाएं इम्यूनिटी

कोरोना वायरस से जहां बच्चों को घरों में कैद कर दिया है, जिस से क्रिएटिव ऐक्टिविटीज के अभाव में वे काफी स्ट्रैस भरे माहौल में रहने लगे हैं. ऐसे में उन की बोरियत को दूर करने व उन की फिटनैस, इम्यूनिटी के लिए उन्हें फिजिकल क्रिएटिव चीजों से जोड़े रखना बहुत जरूरी है.

इस के लिए आप उन्हें औनलाइन डांस, जुंबा व फिटनैस क्लासेज जौइन करवा सकते हैं. अगर घर में स्पेस थोड़ी ज्यादा है, तो हाईड ऐंड सीक गेम खिलाएं, क्योंकि इस से बच्चों की विजुअल ट्रैकिंग मजबूत होने के साथसाथ ‘सैंस औफ ह्यूमर’ भी अच्छा होता है और भागने से बौडी भी मजबूत होती है. साथ ही  5 साल से बड़े बच्चों की लंग्स कैपिसिटी को बढ़ाने के लिए डीप ब्रीदिंग, बोलिंग ऐक्सरसाइज पर जोर दें. आप जब खुद उन के साथ ये सब करेंगी तो वे इन्हें ऐंजौय करते हुए करेंगे. इस से हैल्थ और एंजौयमैंट दोनों मिल जाएंगे.

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