टाइल्स फ्लोरिंग से दें इंटीरियर को नया लुक

आज की बदलती जीवनशैली में हर चीज ट्रैंडी व मौडर्न पसंद आती है. लेकिन हम अपनी ड्रैस व मेकअप में तो इन चीजों का ध्यान रखते हैं, पर अपने घर को ट्रैंडी बनाना भूल जाते हैं. आज बहुत से ऐसे ट्रैंडी तरीके हैं जिन से घर को नया लुक दिया जा सकता है. इन दिनों घर के इंटीरियर में टाइल्स फ्लोरिंग सब से ज्यादा चलन में है. दिल्ली के आइडियाज किचन की इंटीरियर डिजाइनर सीमा खोसला कहती हैं कि अब वह जमाना गया जब घर की फ्लोरिंग प्लेन हुआ करती थी और टाइल्स फ्लोरिंग केवल होटलों या रेस्तराओं में ही होती थी. अब यह घर के इंटीरियर में भी होने लगी है. इस का चलन इसलिए भी बढ़ता जा रहा है, क्योंकि स्टोन के मुकाबले टाइलों को बिछाना आसान होता है. फिर बारबार पौलिश करवाने का भी कोई झंझट नहीं होता. साथ ही इस से पूरे घर को मौडर्न लुक भी मिलता है.

टाइल्स फ्लोरिंग के फायदे

आप अपने घर में कितनी भी महंगी चीजें क्यों न रखें, पर जब तक घर में फ्लोरिंग सही न होगी तब तक घर का इंटीरियर अच्छा नहीं लगता. फर्श के तौर पर टाइल्स बेहद टिकाऊ होती हैं तथा मजबूती के मामले में भी इन का मुकाबला नहीं होता. ये पानी से जल्दी खराब नहीं होतीं और साफसफाई में भी किसी तरह की दिक्कत नहीं होती.

नए जमाने की नई टाइल्स

घर की रौनक बढ़ाने और दीवारों को सजाने के लिए टाइल्स लगवाना एक अच्छा विकल्प है. इन दिनों 3डी, वुडेन, स्टोन फिनिश, मौजेक और स्टील टाइल्स खासा चलन में हैं. आजकल पैटर्न वाली टाइल्स भी आ गई हैं, जिन्हें आप फ्लोर तथा दीवारों पर लगवा सकती हैं. घर को पारंपरिक लुक देने के लिए हैंडमेड टाइल्स भी बैस्ट औप्शन हैं. डैकोरेटिव टाइलें भी उपलब्ध हैं, उन्हें पूरे फ्लोर पर लगवाने के बजाय एक वाल के कुछ खास हिस्सों पर लगवाया जाता है. आप चाहें तो घर के मुख्यद्वार पर भी लगवा सकती हैं. टाइल्स में मैट फिनिश का चलन जोरों पर है. चमचमाती या ग्लौसी टाइल्स अब चलन से आउट हो गई हैं.

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कई कंपनियां आप की पसंद अनुसार भी टाइल्स बनाने लगी हैं, जिन्हें कंप्यूटर की मदद से बनाया जाता है. इन में आप अपनी पसंदीदा मोटिफ्स या परिवार के फोटो भी प्रिंट करवा सकती हैं. टाइल्स फ्लोरिंग करवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि फ्लोरिंग आप की दीवारों से मैच करे. अगर आप के घर की दीवारें लाइट कलर की हैं, तो टाइल्स डार्क कलर की लगवाएं, अगर दीवारें डार्क कलर की हैं, तो लाइट टाइल्स लगवाएं.

ये डिजाइनिंग टाइल्स हैं इन डिमांड

डिजिटल प्रिंटेड ग्लास टाइल्स

वुडन लुक टाइल्स

लैदर ऐंड वुडन टाइल्स

वाटर टाइल्स विद डिजिटल प्रिंट

ग्लिटर टाइल्स

स्टोन कौंसैप्ट डिजाइनिंग टाइल्स

लिविंग एरिया

लिविंग एरिया वह स्थान होता है जहां आप अपने मेहमानों का स्वागत करती हैं, दोस्तों से मिलती हैं, उन से बातें करती हैं. इस स्थान को खास बनाना जरूरी है. यहां आप कारपेट टाइल्स लगवा सकती हैं. इन्हें पूरे फ्लोर पर लगवाने के बजाय एक निश्चित स्थान पर ही लगवाएं ताकि देखने में लगे जैसे कारपेट बिछा हो. साथ ही यहां आप कुछ हैंडमेड व मौजेक टाइल्स भी लगवा सकती हैं. आप चाहें तो फ्लोर पर लगवाने के साथसाथ लीविंग एरिया की एक वाल पर भी टाइल्स लगवा सकती हैं. अगर आप का घर छोटा है तो एक ही तरह की टाइल्स लगवा सकती हैं, जो घर को अच्छा लुक देती हैं. अगर घर बड़ा है तो अलगअलग डिजाइनों की टाइल्स लगवाएं. लिविंग एरिया में पैटर्न और बौर्डर वाली टाइल्स का भी ट्रैंड इन है.

बैडरूम

बैडरूम वह जगह है जहां हम रिलैक्स करते हैं. कई लोग यहां डार्क कलर फ्लोरिंग करा लेते हैं. ऐसा करने से बचें. बैडरूम जैसे एरिया में हमेशा टाइल्स फ्लोरिंग के लिए हलके और पेस्टल शेड्स का इस्तेमाल करें. इस से मानसिक सुकून महसूस होता है. बैडरूम में फ्लोरल पैटर्न या हलके रंग की टाइल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है. इन के अलावा आप रंगबिरंगी व अलग तरीके की बौर्डर वाली टाइल्स भी लगवा सकती हैं. बैडरूम के लिए नैचुरल स्टोन टाइल्स भी खास हैं.

किचन

किचन छोटी हो तो दीवारों पर हलके रंग की टाइल्स लगवाना ही सही रहता है. बड़ी किचन में सौफ्ट कलर का इस्तेमाल करना चाहिए. इन दिनों किचन में स्टील लुक वाली टाइल्स ट्रैंड में हैं. इन्हें लगवाने पर किचन की सफाई में किसी तरह की परेशानी नहीं होती. हमेशा प्लेन सरफेस वाली टाइल्स ही चुनें, क्योंकि इन्हें साफ करना आसान होता है. अगर उभरी हुई टाइल्स लगाती हैं तो डिजाइनों के बीच गंदगी जमा हो जाती है, जिसे साफ करना मुश्किल होता है.

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बाथरूम

यह घर में सब से ज्यादा इस्तेमाल होने वाली जगहों में से एक है. इसे सुंदर व आरामदेह बनाना बहुत जरूरी है. बाथरूम में हमेशा सौफ्ट फील वाली टाइल्स लगवाएं. ये टाइल्स नंगे पैरों को रिलैक्स फील कराती हैं. कुछ लोग बाथरूम में भी फूलपत्तियों वाली टाइल्स लगवा लेते हैं. ऐसा न करें. कुछ रिफ्रैशिंग थीम पर आधारित टाइल्स लगवाएं ताकि नहाते समय आप की नजरें उन पर पड़ें तो आप को रिफ्रैश फील हो. इन दिनों बाथरूम में सी ब्लू और पिंक कलर की ऐंटीस्किड टाइल्स सब से ज्यादा डिमांड में हैं. सिरैमिक टाइल्स भी बाथरूम के लिए कई तरह की आती हैं. आप बौर्डर वाली, क्रिसक्रौस पैटर्न वाली टाइल्स भी लगवा सकती हैं.

वाल टाइल्स

आजकल टाइल्स केवल फ्लोर पर ही नहीं लगवाई जातीं, बल्कि दीवारों पर भी लगवाई जा रही हैं. वैसे तो घर में ऐसे बहुत से हिस्से होते हैं जहां वाल टाइल्स लगवाई जा सकती हैं जैसे गार्डन से जुड़ी दीवार या सीढि़यों से लगी दीवार. इजिप्ट, इंडियन, ट्रैडिशनल और चाइनीज पैटर्न वाली टाइल्स ड्राइंगरूम या ऐंट्री गेट पर पेंटिंग की तरह इस्तेमाल की जा रही हैं.

रखरखाव

टाइल्स कई सालों तक चलती हैं. इन्हें साफ करना भी आसान होता है. कई महिलाएं टाइल्स को साफ करने के लिए हार्ड कैमिकल का प्रयोग करती हैं. अत: ऐसा न करें. टाइल्स को साफ करने के लिए टौयलेट क्लीनर का इस्तेमाल कर सकती हैं, सर्फ के पानी से भी टाइल्स को साफ किया जा सकता है.

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टाइल्स फ्लोरिंग: खूबसूरत भी किफायती भी

कमरे के फर्श का कमरे के इंटीरियर को खूबसूरत बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान होता है. इसीलिए अब लोग कमरे की सीलिंग, दीवारों और अन्य साजसज्जा के सामान के साथसाथ फर्श की सजावट पर भी ध्यान दे रहे हैं. यह ध्यान सिर्फ फर्श की सुंदरता बढ़ाने पर ही नहीं, बल्कि उस की साफसफाई और खुद की सेहत के मद्देनजर भी है.

दरअसल, फर्श कमरे का वह हिस्सा होता है, जो बहुत जल्दी गंदा होता है और यदि उसे समयसमय पर साफ न किया जाए तो कमरे की खूबसूरती में धब्बे के समान हो जाता है.

पर आज की व्यस्त जीवनशैली में खूबसूरती और सफाई दोनों में तालमेल बैठाना मुश्किल होता है. ऐसे में सही फर्श का चुनाव बहुत फायदेमंद रहता है. बाजार में वुडन, लैमिनेटेड, कारपेट टाइल्स सहित कई विकल्प फर्श की रौनक बढ़ाने के लिए उपलब्ध हैं. इन में टाइल्स एक ऐसा विकल्प है जिस के साथ सफाई, सौंदर्य और सेहत तीनों का सही तालमेल बैठाया जा सकता है.

आइए, जानते हैं टाइल्स फ्लोरिंग के क्या फायदे हैं:

– सीमेंट या मार्बल वाला फर्श जल्दी खराब हो जाता है. इसी तरह जहां सीमेंट फ्लोरिंग में दरारें पड़ सकती हैं, वहीं मार्बल फ्लोर पर दागधब्बे जल्दी पड़ते हैं, जबकि टाइल्स फर्श को सख्त आधार देती हैं.

बाजार में टाइल्स के 2 विकल्प हैं- पहला सिरैमिक और दूसरा पोर्सिलेन. यदि इन्हें फर्श पर सही तरीके से लगाया जाए और सही देखभाल की जाए तो ये फर्श की खूबसूरती को लंबे समय तक कायम रखती हैं.

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– अन्य फ्लोरिंग विकल्पों की अपेक्षा टाइल्स फ्लोरिंग सेहत के नजरिए से भी फायदेमंद है. यदि टाइल्स को अच्छी तरह साफ किया जाए तो इन में रोगाणुओं आदि के पनपने की संभावना भी खत्म हो जाती है. टाइल्स फ्लोर कमरे के अंदर की वायु की गुणवत्ता को भी बनाए रखता है.

– टाइल्स को भट्टों में उच्च तापमान पर पकाया जाता है, इसलिए इन में वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (वोलाटाइल और्गेनिक कंपाउंड) के होने की संभावना भी खत्म हो जाती है. इस से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के होने का खतरा भी खत्म हो जाता है.

–  टाइल्स की तीसरी सब से बड़ी खासीयत यह है कि इन पर दागधब्बे नहीं लगते. इन्हें साफ करने के लिए नौनएब्रैसिव औैर नौनऐसिडिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल होता है. टाइल्स को साफ करने का सब से आसान तरीका है कि टाइल्स को साबुन के पानी से धोया जाए.

– फर्श पर टाइल्स लगवाने का खर्चा भी अन्य डिजाइनर फ्लोर के खर्चे से काफी कम आता है. साथ ही टाइल्स के टूटने और खराब होने का डर भी नहीं होता है. इसलिए जब तक चाहें तब तक इन्हें फर्श पर लगाए रखा जा सकता है.

– टाइल्स वैसे तो बहुत मजबूत होती हैं और आसानी से इन में दरार नहीं आती, फिर भी अगर दरार आ जाए तो टूटी टाइल को आसानी से रिप्लेस किया जा सकता है.

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