शादी के बाद तुरंत उठाएं ये 5 स्‍टेप

बैचलर लाइफ में आपके लिए फाइनेंशियल प्‍लानिंग करना थोड़ा मुश्किल होता है. लेकिन आपकी शादी के बाद आपकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं. ऐसे में आपके लिए आगे की लाइफ के लिए प्‍लानिंग करना जरूरी हो जाता है. हम आपको पांच टिप्‍स बता रहे हैं जिनको फॉलो करके आप हैप्पी मैरिड लाइफ जी सकते हैं और आपको कोई फाइनेंशियल क्राइसिस भी नहीं होगी.

1. लाइफ पार्टनर के साथ साझा करें पैसे को लेकर अपना नजरिया

फाइनेंस या पैसे को लेकर हर आदमी का नजरिया अलग-अलग होता है. ऐसे में अगर आपको फ्यूचर के लिए फाइनेंशियल प्‍लानिंग करनी है तो जरूरी है कि आप पैसों को लेकर अपने लाइफ पार्टनर का नजरिया समझें. अगर आप दोनों की सोच या नजरिया अलग-अलग है तो बातचीत करके सामंजस्‍य बनाएं. इससे फ्यूचर में आपके और आपके लाइफ पार्टनर के बीच पैसे या फाइनेंशियल पलानिंग को लेकर विवाद की आशंका नहीं रहेगी.

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2. शार्ट, मीडियम और लांग टर्म के लिए तय करें गोल

आप कहां रहना चाहते हैं. आप किराए के घर में रहे हैं तो क्‍या आप अपना घर खरीदना चाहेंगे. आने वाले समय कैरियर के मोर्चे पर खुद को कहां देख रहे हैं. गोल तय करना और लाइफ को प्‍लान करना सक्‍सेजफुल मैरिज के अहम है. आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप और आपका लाइफ पार्टनर एक दूसरे के गोल को समझे. इससे इसके अनुरूप फाइनेंशियल प्‍लानिंग करने में आसानी होगी.

3. ज्‍वाइंट स्‍पेंडिंग और सेविंग के लिए बनाएं प्‍लान

आप कहां रहना चाहते हैं. आप किराए के घर में रहे हैं तो क्‍या आप अपना घर खरीदना चाहेंगे. आने वाले समय कैरियर के मोर्चे पर खुद को कहां देख रहे हैं. गोल तय करना और लाइफ को प्‍लान करना सक्‍सेजफुल मैरिज के अहम है. आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप और आपका लाइफ पार्टनर एक दूसरे के गोल को समझे. इससे इसके अनुरूप फाइनेंशियल प्‍लानिंग करने में आसानी होगी.

4. अपनी क्रेडिट हिस्‍ट्री करें साझा

शादी के पहले अगर आपने क्रेडिट हिस्‍ट्री पर ठीक से गौर नहीं किया है तो अब इसे नजरअंदाज करने की गलती न करें. आप दोनों की क्रेडिट हिस्‍ट्री आपकी फ्यूचर प्‍लानिंग में अहम रोल निभाने वाली है. अगर किसी भी वजह से आप दोनों में से किसी की क्रेडिट हिस्‍ट्री खराब या क्रेडिट स्‍कोर कम है तो इसे सुधारने के उपायों पर डिस्‍कर करें या किसी कंसलटेंट की मदद लें.

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5. मिल कर करें इन्वेस्‍टमेंट के फैसले

पैसे मैनेज करने को लेकर पुरुष और महिलाओं की स्‍ट्रेंथ अलग अलग होती है. पुरुष आम तौर तेजी से फैसले करते हैं और परिवार के खर्च पर कंट्रोल करना पसंद करते हैं. वहीं महिलाओं में ज्‍यादा धैर्य होता है और वे कोई फैसला लेने से पहले ज्‍यादा सोच विचार करतीं हैं. ऐसे में अगर इन्‍वेस्‍टमेंट से जुड़े फैसले आप दोनों मिल कर करते हैं तो इसमे दोनों की स्‍ट्रेंथ का फायदा उठाया जा सकता है.

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