वैकल्पिक स्त्रीरोग को महिलाएं ना करें नजरअंदाज, हो सकता है नुकसान

मदरहुड हॉस्पिटल, नोयडा की सीनियर कंसल्टेंट और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ मंजू गुप्ता द्वारा इनपुट

कोविड-19 के शुरुआती फेज में हॉस्पिटल के बेड्स बहुत तेजी से भर रहे थे और इसलिए पूरी दुनिया के डॉक्टरों ने कुछ चिकित्सा प्रक्रियाओं को स्थगित करने का फैसला किया था. कई सर्जरी जो एमरजेंसी की स्थिति में नहीं होती, उन्हें वैकल्पिक सर्जरी के रूप में भी जाना जाता है. इस तरह की सर्जरी को कोरोना के चरम काल में स्थगित कर दिया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में कोविड मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती किया जा सके. हालाँकि 2020 की आखिरी तिमाही में कुछ क्षेत्रों में वैकल्पिक सर्जरी फिर से शुरू हुई, लेकिन यह देखा गया है कि कई मरीजों को अभी भी हॉस्पिटल जाकर अपनी वैकल्पिक सर्जरी करवाने में शंका हो रही है. कई मेडिकल एसोसिएशन और हॉस्पिटल्स ने कोविड-19 के दौर में वैकल्पिक सर्जरी के लिए अपने खुद के सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किए हैं.

वैकल्पिक सर्जरी के कॉमन टाइप (प्रकार)

विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों के अनुसार, “वैकल्पिक सर्जरी” को किसी भी प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जाता है, वैकल्पिक सर्जरी से मतलब ऐसी सर्जरी से होता है जिससे व्यक्ति के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभाव न हो या जिसे तीन महीने तक स्थगित करने पर मरीज के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े. इन नॉन-एमरजेंसी प्रक्रियाओं में निम्नलिखित सर्जरी शामिल हैं:

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● कॉस्मेटिक सर्जरी

● डर्मटोलॉजी प्रक्रिया

● आई सर्जरी (नेत्र शल्य चिकित्सा) जैसे मोतियाबिंद सर्जरी

● पित्ताशय की थैली (गैललब्लड्डेर) की सर्जरी

● स्त्री रोग संबंधी सर्जरी, जैसे कि हिस्टेरेक्टॉमी

● आर्थोपेडिक सर्जरी

● प्रोस्टेट सर्जरी

गैर-जरूरी रिप्रोडक्टिव हेल्थ केयर (प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल) में देरी होने से पड़ने वाला प्रभाव

प्रेग्नेंसी केयर (गर्भावस्था देखभाल)

प्रसवपूर्व अल्ट्रासाउंड और भ्रूण के सर्वेक्षण सहित प्रसव पूर्व देखभाल में देरी नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे गंभीर खतरा हो सकता है. यदि डाक्टर भ्रूण के विकास में कोई अनियमित वृद्धि देखता है, तो उसे सर्जरी की जरुरत हो सकती है. इससे विशिष्ट जन्म दोष वाले बच्चों के दीर्घकालिक परिणाम को बेहतर बनाने में मदद करता है.

स्त्री रोग संबंधी कैंसर

ओवेरियन ट्यूमर से सम्बंधित सर्जरी को लेकर डाक्टरों ने सुझाव दिया है कि इस तरह की सर्जरी में देरी नहीं करनी चाहिए. ओवेरियन कैंसर या सर्वाइकल कैंसर जोकि स्टेज 1B में होती है तो इसके सर्जरी में देरी नहीं होनी चाहिए. जिस मरीज में जानलेवा आंत में रुकावट या हैमरेज होता है उन्हें भी तुरंत मेडिकल हस्तक्षेप की जरुरत होती है.

आपातकालीन गर्भनिरोधक प्रक्रिया

कोविड-19 द्वारा लगे लॉकडाउन में कई जगहों पर इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियों की उपलब्धता में कमी देखी गई थी, इसमें देरी नहीं की जानी चाहिए क्योंकि इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोली की प्रभावकारिता तब होती है जितनी जल्दी आप इसे खाते हैं जितना जल्दी आप इसे खायेंगे उतना ही ज्यादा इसका प्रभाव होगा. जितनी जल्दी हो सके अपने असुरक्षित यौन संबंध के बाद इन गर्भनिरोधक गोलियों को खाएं. ये गोलियां केवल तभी प्रभावी होती है जब इसका उपयोग गर्भावस्था होने से पहले किया जाता है. इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियों में पहले से ही स्थापित हो चुकी गर्भावस्था को समाप्त करने में कोई क्षमता नहीं होती है.

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सौम्य स्त्री रोग संबंधी कंडीशन

फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस, पेल्विक दर्द और सौम्य ओवेरियन की सर्जरी में कई महीनों तक देरी हो सकती है. फाइब्रॉएड के ट्रीटमेंट में देरी होने से एनीमिया, बांझपन और किडनी, आंत्र, मूत्राशय या संचार प्रणालियों में परेशानी आ सकती है जोकि लॉन्गटर्म कॉम्प्लीकेशन्स हो सकती है.

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