अभिनेत्री श्रुति आनंद के आंखों में आंसू आने की वजह क्या रही, पढ़ें पूरा इंटरव्यू

खूबसूरत, हंसमुख और स्पष्टभाषी श्रुति आनंद एक टीवी एक्ट्रेस है, उन्होंने शो ‘मन सुंदर’ से कैरियर की शुरुआत की है. इसके बाद उन्होंने शो ‘तेरी लाडली मैं’ और कई फिल्मों, वेब सीरीज में भी अभिनय किया है. उन्हें बचपन से ही अभिनय की इच्छा थी, इसलिए मॉस कम्युनिकेशन की पढ़ाई पूरी कर उन्होंने जॉब ज्वाइन किया और इस इंडस्ट्री की ओर मुड़ी. यहाँ उनका कोई गॉडफादर नहीं था, जिसके परिणामस्वरुप उन्हें बहुत अधिक संघर्ष करने पड़े, लेकिन उन्होंने शुरू में जो भी काम मिला करती गई. कैमरे के आगे रहना उन्हें हमेशा से पसंद था. इसलिए अभी भी ओटीटी और विज्ञापनों के लिए ऑडिशन देती रहती है. आगे उनकी एक फिल्म भी रिलीज होने वाली है, जिसमे उन्होंने अभिनेत्री साक्षी तनवर के साथ काम किया है.

इन दिनों सोनी टीवी पर उनकी शो मेहंदी वाला घर है, जिसमें उन्होंने मौली की भूमिका निभाई है, वह काफी खुश है. उन्होंने खास गृहशोभा के लिए बात की. पेश है कुछ खास अंश.

परिवार पहली पसंद

इस शो को करने की खास वजह के बारें में श्रुति कहती है कि ये कहानी एक संयुक्त परिवार की है, जिसमे संयुक्त परिवार की शक्ति को दिखाया गया है, जो बहुत सही है, क्योंकि अगर परिवार में कोई बीमार पड़ता है, तो पूरा परिवार उसके साथ खड़ा हो जाता है, जो एक अजनबी से उम्मीद नहीं की जा सकती. काम के बाद जब मैं घर जाती हूँ और पूरा परिवार मिलता है, तो एक अलग तरीके की सुकून और ख़ुशी मिलती है. इसके अलावा पूरा परिवार मिलकर किसी भी त्यौहार को मनाने की जो ख़ुशी होती है, उसे बयान करना मेरे लिए संभव नहीं. मैं अपने परिवार को मुंबई में बहुत मिस करती हूँ, क्योंकि मेरा परिवार बिहार में रहता है. वहां मुझे जाना बहुत पसंद होता है. देखा जाय तो आज कल सोशल मीडिया की दुनिया चल रही है, जो दिखावे की दुनिया है, अगर कोई उनसे जाकर बात करें, तो पता चलेगा कि उनके अंदर कितना खालीपन और खोखलापन है. बहुत सारी एक्टिविटीज को कर वे खुद को खुश दिखाने की कोशिश करते है कि वे बहुत खुश है, जबकि वे नहीं होते. शो में की चरित्र मौली का मुझसे बहुत मेल खाता है, क्योंकि मैने परिवार में भी किसी मनमुटाव को ठीक किया है और वही परिस्थिति यहाँ भी करती हूँ. परिवार मेरे लिए बहुत मायने रखती है. दोस्त और दोस्ती एक हद तक सही होती है, उसके बाद परिवार की भूमिका ही अहम् होती है.

करती हूं परिवार को मिस

इस शो से मुझे बहुत कुछ सीखने को भी मिल रहा है, क्योंकि इस शो के ऑडिशन के वक्त मेरे आँखों में आंसू आ गए थे, क्योंकि मैं परिवार को बहुत मिस करती हूँ और चाहती हूँ कि सब साथ मिलकर मुंबई में रहूं. शूटिंग से घर जाने पर बहुत अकेलापन महसूस होता है. मैंने देखा है कि आज के यूथ अकेले रहना पसंद करते है, मुझे भी पहले लगता था, अब नहीं लगता. इस शो में एक्टिंग ही सही, पर मौली की भूमिका से मुझे अच्छा महसूस होता है, जो एक परिवार में रहती है.

जौब के साथ किये अभिनय

बिहार से मुंबई आकर काम की तलाश करना श्रुति के लिए आसान नहीं था, पर वह इसे संघर्ष नहीं एक प्रोसेस मानती है. वह कहती है कि काम हो या न हो, दिल से मेहनत करना जरुरी है. मैंने जब शो नहीं मिला था, तो जॉब कर रही थी. छोटी – छोटी एक्टिंग जो भी मिले करती रहती थी. पहला शो जब मुझे मिला था, तो मैं गुडगांव से मुंबई ऑडिशन देने आई थी. वहां नाईट शिफ्ट में मैं जॉब करती और दिन में शूट करती थी. कोई सपोर्ट नहीं था, क्योंकि मैं अपने परिवार से पैसे नहीं मांगना चाहती थी, ऐसे ही मैंने कई बार जॉब छोड़ा और शो किया. कोविड का आना भी मेरे लिए बड़ी समस्या थी, लेकिन इतनी उतार – चढ़ाव के बीच मैंने अपनी जर्नी तय की है कि अब इसका कोई असर मुझपर नहीं पड़ता. मुझे पता है कि ये समस्याए आएगी और मुझे इससे निकलना पड़ेगा.

स्किन के रंग को लेकर सुनी कई बातें  

पहले जब यहाँ आई थी तो लोगों के हाँव – भाव बहुत अलग हुआ करते थे, मुझे कास्टिंग और ऑडिशन के बारें में कुछ भी जानकारी नहीं थी और मेरा रंग भी थोडा डस्की है, उन लोगों के हिसाब से मैं ऐसी थी कि मुझे काम नहीं मिल सकता या फिर वजन कम करों आदि सुनने को मिलते थे. मेरे पेरेंट्स ने हमेशा मुझे मेरे माइंड सेट को स्ट्रोंग रखने की सलाह दी है. शुरू से ही कैमरे के ऑन होते ही मैं अपने संघर्ष के सब कुछ भूल जाती हूँ. मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं यहाँ तक पहुँच सकती हूँ, लेकिन धीरे – धीरे थिएटर ज्वाइन करने के बाद लगा कि मैं कुछ कर सकती हूँ. पेरेंट्स ने मुझे कभी मना नहीं किया, हमेशा सहयोग दिया. मैंने जॉब कर अपना बैंक बैलेंस बनाया, फिर एक्टिग में आई, मेरे हिसाब से हर न्यू कमर को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे एक्टिंग में अवश्य आये पर पढ़ाई पूरी कर अपना बैंक बैलेंस लेकर ही आये, तभी वे आगे बढ़ सकते है.

फूडी नहीं

श्रुति बहुत अधिक फूडी और फैशनेबल नहीं है, वह अपनी फिटनेस का बहुत ध्यान रखती है, ताकि वह मोटी न हो जाय. वह नियमित जिम जाती है, मीठा नहीं खाती, चावल पसंद है, पर नहीं खाती. इसके अलावा समय मिलने पर श्रुति डायरी लिखती है, ताकि किसी प्रकार की तनाव को कम किया जा सकें.

गणतंत्र दिवस के अवसर पर श्रुति का कहना है कि संविधान और कानून को फोलो करना हर नागरिक का कर्तव्य होता है, इससे ही देश में शांति बनी रहती है और मैं भी इसे हमेशा मानती हूँ.

BB 17: अंकिता लोखंडे ने विक्की जैन को जड़ा थप्पड़, पति को सुनाया खरी-खोटी

 Ankita Lokhande slapped Vicky Jain: सलमान खान का कॉन्ट्रोवर्शियल रियलिटी शो बिग बॉस 17 को 3 महीना पूर हो चुके है लेकिन शो में कंटेस्टेंट्स कमाल नहीं दिख रहा.  इस बार यह सीजन काफी अलग है पिछले हर सीजन में बिग बॉस के घर में टास्क होते थे. हालांकि इस बार के थीम में मेकर्स ने टास्क को नहीं जोड़ा है. इस सीजन में मेकर्स नए-नए ट्विस्ट लेकर आ रहे है फिर भी शो टीआरपी लिस्ट में कुछ खास नहीं कर रहा है. वैसे भी इस बार के कंटेस्टेंट्स दर्शकों को पसंद नहीं आ रहे. 3 महीने होने पर भी कई कंटेस्टेंट्स में ट्रॉफी के लिए जोश नजर नहीं आ रहा है. बिग बॉस 17 में अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande) और विक्की जैन ( Vicky Jain) ने शो में एंट्री काफी प्यार से ली लेकिन दूसरे हफ्ते से ही अंकिता और विक्की ने प्यार को साइड करके एक दूसरे की बेइज्जति करने में लग जाते हैं. दोनों के बीच में कई बार तलाक की बात भी आ चुकी है. अब अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande) ने नेशनल टीवी पर अपने पति को बहुत सारे थप्पड़ मारे हैं. अंकिता का ये रूप देख घर वाले हैरान रह गए थे.

अंकिता लोखंडे ने पति विक्की जैन को मारे थप्पड

दरअसल, बिग बॉस 17 के लेटेस्ट एपिसोड में देखने को मिला कि अंकिता लोखंडे अपना सारा गुस्सा पति विक्की जैन के ऊपर निकालती है. बता दें कि, ईशा मालवीय गार्डन एरिया में कार्टवील कर रही थीं, तब अंकिता ने कहा, ‘मैं शो में आने से पहले रोज 10 किलो मीटर चलती थी. नॉर्मली बीच पर ही मैं 8 किलो मीटर चल लेती थी.’ इस मौके पर विक्की जैन भी वहीं बैठे हुए थे और वह अंकिता की बातों पर ईशारे से मना करते दिखे, जिस वजह से ईशा मालवीय और समर्थ जुरेल हंसने लग जाते हैं. अंकिता ये चीज बर्दाश्त नहीं कर पातीं और विक्की जैन पर भड़क जाती हैं. पहले तो अंकिता, विक्की को गाली देते-देते रुक जाती हैं और फिर गुस्से में अपने पति के चेहरे पर जोर-जोर थप्पड़ पर थप्पड़ मारती हैं. इसके बाद वह अपने पति को ‘टट्टू’ कह देती हैं.

 

अंकिता लोखंडे पति विक्की जैन पर भड़की

अंकिता लोखंडे ने लड़ाई के दौरान यह तक कह दिया कि, ‘इन्हीं हरकतों की वजह से मैं किसी दिन तुझसे दूर हो जाऊंगी. लोग अपने पार्टनर की वजह से आगे बढ़ते हैं और तू मुझे डीमोटिवेट करता है. मैं भी अबसे तेरे सामने ही दूसरों की तारीफ करूंगी और तुझे बेकार बोलूंगी.’ इसके अलावा, वह फैंस से भी कहती हैं कि देख लो ऐसा ही है मेरा पति.

बेटी की पिता बनने की खुशी को अभिनेता मोहित रैना ने कैसे शेयर किया, पढ़ें इंटरव्यू

मोहित रैना एक मॉडल और अभिनेता है. उन्होंने कई टीवी धारावाहिकों, फिल्मों और वेब सीरीज में काम किया है. वे हर अभिनय को चुनौतीपूर्ण समझते है और उसे सजीव करने के लिए कड़ी मेहनत करते है. वर्ष 2002 मे वह मॉडलिंग से कैरियर की शुरुआत करने के लिए मुंबई आए, क्योंकि उन्हें लगता था कि मॉडलिंग उन्हें अभिनय में काम दिलाएगी और उन्होंने इसके लिए अपने 107 किलोग्राम के वजन को 29 किलोग्राम घटाया, ताकि वह साल 2005 ग्रासिम मिस्टर इंडिया मॉडलिंग प्रतियोगिता में भाग ले सकें. उन्होंने उस प्रतियोगिता भाग लिया और उसमें टॉप पांच प्रतियोगिता में रहे, जिससे उन्हें इंडस्ट्री में पहचान मिली.

मोहित का अभिनय कैरियर साल 2004 में साइंस फिक्शन टीवी धारावाहिक ‘अंतरिक्ष’ से शुरू हुआ. इसके बाद उन्हें कई धारावाहिकों में काम करने का अवसर मिला और उन्होंने अपनी एक पहचान बनाई. सीरियल ‘चक्रवर्ती अशोक सम्राट’ में भी उन्होंने वयस्क सम्राट अशोक की भूमिका निभाई थी, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया था. हिंदी फिल्म द सर्जिकल स्ट्राईक में भी उन्होंने कर्नल करण कश्यप की भूमिका निभाई, जो काफी लोकप्रिय रही. मोहित रैना की कई वेब सीरीज को दर्शकों ने खास पसंद किया है, जिसमे  ‘काफिर’, ‘भौकाल’, ‘मुंबई डायरीज 26/11’ आदि शामिल हैं.

वर्ष 2022 को उन्होंने गर्लफ्रेंड अदिति शर्मा से शादी की, जिसकी जानकारी मोहित रैना ने खुद सोशल मीडिया अकाउंट पर तस्वीरें शेयर कर दिया था. साल 2023 में वे बेटी के पिता बने है और खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे है. सूत्रों की माने तो इससे पहले मोहित रैना का अफेयर मौनी रॉय के साथ था, लेकिन किसी वजह के चलते दोनों का ब्रेकअप हो गया.

मोहित रैना की वेब सीरीज ‘द फ्रीलांसर’, डिजनी + हॉट स्टार पर रिलीज हो चुकी है, जिसमे उनके अभिनय सभी को पसंद कर रहे है. उन्होंने खास गृहशोभा से बात की, पेश है कुछ अंश.

इस वेब सीरीज में काम करने की उत्सुकता के बारें में मोहित का कहना है कि मेरे लिए ये बहुत अधिक उत्साह बढ़ने वाला रहा है, क्योंकि मैंने इससे पहले कभी ऐसी भूमिका नहीं निभाई है. ये जीरो टू हीरो की भूमिका है, जिसमें मैं महाराष्ट्र की एक पुलिस की भूमिका निभा रहा हूँ, जिसके जीवन में कुछ ऐसे हादसे होते है, जिसकी वजह से वह जीवन के एक डार्क फेज में चला जाता है, जहाँ उसकी मुलाकात अनुपम खेर, एक मेंटर से होती है और वे उस फेज से उन्हें निकालते है. ये कहानी जीवन की कई भावनाओं से गुजरता है, ये चुनौतीपूर्ण कहानी है, जिसे करने में अच्छा लगा. इस चरित्र से मैंने बहुत कुछ सीखा हूँ, हर किसी को कभी न कभी किसी डार्क फेज से गुजरने के लिए तैयार रहना पड़ता है. मेरे लिए भी चरित्र को समझना कठिन था.

 संघर्ष

मोहित कहते है कि मेरे रियल लाइफ में भी कई बार डार्क फेज आये जब लगा था कि एक्टिंग में  कुछ नहीं होगा, लेकिन समय के साथ – साथ मैंने धीरज रखा और मैं आगे बढ़ा. शुरू में मैं मनोरंजन की दुनिया में काम करना चाहता था और मॉडलिंग से मैंने काम शुरू किया, लेकिन बहुत जल्दी समझ में आया कि लोगों तक पहुँचने के लिए मुझे कुछ अच्छा अभिनय करना पड़ेगा, जो मुझे मिला.

बेटी की पिता बनने का अनुभव

मोहित अब बेटी के पिता बन चुके है और अपने अनुभव को शेयर करते हुए कहते है कि बेटी की पिता बनने का अनुभव बेहतरीन है, इसे रोज सुबह और शाम को जीता हूँ. इससे मैं अपने पेरेंट्स की मेहनत को समझ पाता हूँ. ये सही है कि जब तक कोई उस दौर से नहीं गुजरता, पेरेंट्स की बातें समझ नहीं सकता. मेरा वही दौर चल रहा है, आज लगता है कि पेरेंट्स की डांट-फटकार के पीछे भी कई सारी अच्छी बातें होती है, जिसकी वजह से मैं आज एक अच्छा इंसान बन पाया. मैं भी एक अच्छा पिता बनने की कोशिश में हूँ और बेटी की डायपर भी बदल रहा हूँ. मैं बच्चे के सारे काम करता हूँ और उसके साथ समय बिताता हूँ.

मेकर्स की है जिम्मेदारी

वेब सीरीज की कहानी में बदलाव बनाए रखना कितना जरुरी है? पूछने पर वे कहते है कि मेरे हिसाब से हर प्लेटफॉर्म पर हर तरह की कहानियों का समावेश होता है. ये सभी प्लेटफॉर्म फोलो करते है, जिसमें थ्रिलर, रोमांस, कॉमेडी आदि सब जरुरी होता है. इसे सभी जेनरेशन के देखने लायक बनाना प्रोड्यूसर और डायरेक्टर चाहते है, लेकिन कभी – कभी मेकर्स से गलती हो जाती है. देखा जाय तो कोशिश हमेशा अच्छी कहानियों के कहने की ही होती है.

किसी को भी उस पर शक नहीं करना चाहिए, क्योंकि मेकर्स बहुत जिम्मेदार होते है. डिजिटल मीडिया इतना स्ट्रोंग होने की वजह से उन्हें ये मौका मिला है कि किताबों में बंद कहानियों को ओटीटी पर दिखाया जाने लगा है. इसे ‘फॉर ग्रांटेड’ नहीं लेना है. कहानियों को कहने में गलतियाँ करने पर दर्शक उसे रिजेक्ट कर देते है और इन गलतियों से मेकर्स को सीख भी मिलती है. जिसे सुधार कर आगे बढ़ना है. दर्शक सबसे बड़ी आलोचक है, उनके हिसाब से ही एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री चलती है, क्योंकि वे सब्सक्रिप्शन, पैसे देकर लेते है, समय निकालकर हमें देखते है. उनके पैसों की वैल्यू देना हर मेकर्स की जिम्मेदारी होती है.

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