‘दिया तले अंधेरा’ को सच करती एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री 

धारावाहिक ‘आदत से मजबूर’ टीवी शो के चर्चित स्टार मनमीत ग्रेवाल का सुइसाइड करना और अब ‘क्राइम पेट्रोल’ फेम 25 वर्षीय अभिनेत्री प्रेक्षा मेहता का इंदौर स्थित अपने घर पर आत्महत्या करना,  पूरी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री सदमे में है. 32 साल के मनमीत के सुइसाइड की वजह पैसे की तंगी और बिल का न चुका पाना है. इधर एक्टर आशीष रॉय भी हॉस्पिटल में डायलिसिस के लिए एडमिट हुए और मोनिटरी हेल्प के लिए सोशल मीडिया से सहयोग मांग रहे है, ताकि उनको डिस्चार्ज मिले.

लॉक डाउन का लगातार बढ़ना, आम नागरिकों से लेकर सेलिब्रिटी सभी के लिए काफी संकट भरा होता जा रहा है, यहां तक कि जहां भी थोड़ी सी ढील लॉक डाउन मिल रही है, लोग कोरोना संक्रमण की परवाह किये बिना काम पर जाने के लिए मजबूर है, क्योंकि काम कर पैसे कमाने है, नहीं तो भूखों मरने की हालात पैदा हो रही है. असल में लॉक डाउन की वजह से बहुत सारे लोग आज जॉब लेस हो गए है. एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की हालत तो और भी गंभीर है. जिन लोगों ने पेंडेमिक से पहले काम किया है, उनके भी पैसे नहीं मिले है. असल में टीवी इंडस्ट्री आम दिनों में पैसे शूटिंग करने के 60 या 90 दिनों बाद देती है. लॉक डाउन की वजह से कुछ प्रोडक्शन हाउस ने पैसे कलाकारों के चुका दिए है, लेकिन कुछ निर्माताओं को बहाने मिल गए है और वे पैसे देने के विषय को टालते जा रहे है. साथ ही कलाकारों को ये भी डर सताने लगा है कि आगे काम मिलने पर भी ऐसे लोग सही पारिश्रमिक देंगे या नहीं. सभी कलाकार समस्या ग्रस्त है. फाइनेंसियल क्राइसिस के बारें में क्या कहते है, ये टीवी सितारें आइये जाने उन्हीं से,

विजयेन्द्र कुमेरिया 

पिछले 2 महीने से कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन चल रहा है, ऐसे में बहुत सारें ऐसे प्रोडक्शन हाउस है जो बकाया राशि देने के बारें में लगातार बहाने बनाते जा रहे है, उनका कहना है कि उनके पास पैसे की सोर्स नहीं है, जबकि पेंडेमिक से काफी पहले कई शो ऑफ एयर हो चुके है, उन्हें उसके पैसे मिल चुके है, पर पेमेंट अभी तक नहीं मिले. जबकि कुछ अच्छे प्रोडक्शन हाउस इस हालात में भी सबके बकाये राशि का भुगतान कर रही है. काम करवाने के बाद नियम से पेमेंट देना बहुत सारे निर्माता नहीं जानते, ऐसे में वहां काम करने वालों के लिए दुःख की बात है. लॉक डाउन ने इंडस्ट्री को बुरी तरह से प्रभावित किया है. चैनल से लेकर स्पॉट बॉय सभी लोग आज पैसे के लिए मोहताज है. कुछ लोग तो इससे निकल जायेंगे, पर डेली वेज वर्कर्स के लिए अपना जीवन गुजरना मुश्किल होगा.

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विकास सेठी  

इस तरह के आपदा के लिए कोई भी तैयार नहीं था, लेकिन इससे हम सबको सीख मिली है कि हमेशा ऐसे हालात से उबरने के लिए तैयार रहना चाहिए. अभी इस समय पैसे आ नहीं रहे है.ऐसे में हमें जरुरत के अलावा किसी भी चीज पर पैसे खर्च करने के बारें में नहीं सोचना चाहिए. हालाँकि कलाकारों को एक अलग तरीके की लाइफस्टाइल मेन्टेन करने की जरुरत होती है, पर अभी उस बारें में न सोचकर जो है उसी में गुजारा करने की आवश्यकता है, क्योंकि फाइनेंसियल क्राइसिस का असर मानसिक अवस्था पड़ता है, ऐसे में अपने आसपास के दोस्त और परिवार के साथ लगातार संपर्क बनाये रखने की जरुरत है.

केतन सिंह 

अभिनेता केतन सिंह का कहना है कि लॉक डाउन और कोरोना वायरस की वजह से इंडस्ट्री की हालत गंभीर हो चुकी है. कुछ निर्माता अपने कास्ट और क्रू को पेमेंट करने के बारें में सोच रहे है, जबकि कुछ नहीं कर रहे है, उन्हें दोषी ठहराना भी ठीक नहीं होगा, क्योंकि उन्हें चैनल ने पैसे नहीं दिए है और वे आगे हमें नहीं दे पा रहे है. मुश्किल घड़ी है, जिससे सभी को मिलकर आगे निकलना है. अभिनेता मनमीत ने बहुत कड़ा कदम उठा लिया है और मैं समझ सकता हूँ कि उसने किस मानसिक दशा में ऐसा कदम उठाने पर विवश हुआ होगा. एक्टर आशीष रॉय भी ऐसा ही कलाकार है, जिसके साथ मैंने कई शो में काम किया है, आज वह भी पैसे के लिए मोहताज है. मेरा सभी से ये कहना है कि इंडस्ट्री के सारे कलाकार जो जितना भी सहायता कर सकते है आशीष के लिए करें. इसके अलावा एसोसिएशन भी आगे आकर उन कलाकारों को सहयोग दे, जो मानसिक और वित्तीय रूप से टूट चुके है, उन्हें सहारा दें और इस विपत्ति से उन्हें उबारें.

अरुण मंडोला 

मेरे एक दोस्त के पास इतने भी पैसे नहीं थे, जिससे वह कुछ दिन लॉक डाउन में खा सकें, क्योंकि प्रोडक्शन हाउस ने उसके पैसे दिए ही नहीं थे. कलाकार हमेशा सही समय पर पैसे न मिलने की वजह से परेशान रहते है और प्रोडक्शन हाउस कभी भी समय पर पैसे का भुगतान नहीं करती. शूटिंग के बाद हमें 60 से 90 दिनों बाद पैसे मिलते है, जो एक बड़ी समस्या होती है. मुंबई के खर्चे बाकी शहरों की तुलना में अधिक है. बिना कमाई के पैसे खर्च करना बहुत बड़ी मुसीबत है. एक्टर्स के लिए भी CINTAA  को कुछ नियम बनाए जाने की जरुरत है. अगर एक एक्टर देर से सेट पर पहुंचता है तो उसे निर्माता, निर्देशक अनप्रोफेशनल कहते है, लेकिन जब प्रोडक्शन हाउस देर से पैसों का भुगतान करते है तो उन्हें कोई कुछ नहीं कहता. असल में कलाकारों में एकजुटता नहीं है. पहले मनमीत, फिर प्रेक्षा ने आत्महत्या की और अब आशीष रॉय अस्पताल में है, जिसे देखने वाला कोई नहीं. हम सबको एक प्रतिनिधि रखने की जरुरत है, जो मुश्किल घड़ी में कलाकारों का साथ दे सकें.

शरद मल्होत्रा 

अभिनेता शरद मल्होत्रा का कहना है कि ये निश्चित ही मुश्किल घड़ी है. कहा जाता है कठिन समय चला जाता है, पर टफ लोग हमारे बीच रह जाते है. ये कहना मुश्किल है कि ये लॉक डाउन कब ख़त्म होगा और कब सबकुछ पटरी पर लौटेगी. सभी इस समस्या से परेशान है. किसी भी कलाकार का वित्तीय समस्या या काम न मिलने की वजह से डिप्रेशन में जाकर आत्महत्या कर लेना इंडस्ट्री के लिए अच्छी बात नहीं.

जैस्मिन भसीन 

फाइनेंस को हमेशा सही तरह से मैनेज करना जरुरी होता है. लाइफ के बारें में कुछ भी पहले से कहना संभव नहीं होता. किसी ने लॉक डाउन के बारें में सालों से सोचा नहीं होगा. कोरोना काल समाप्त होगा और काम भी शुरू होगा. तब तक सबको संयम और धीरज से रहने की जरुरत है. पैसे आपके जीवन के लिए जरुरी है, पर किसी भी कलाकार का सुइसाइड कर लेना दुखदायी है.

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रिशिना कंधारी

जीवन में उतार-चढ़ाव आते जाते रहते है. ये कुछ दिनों के लिए ही होता है. हर किसी को अपने मेंटल हेल्थ के बारें में ध्यान रखने की जरुरत है. आत्महत्या किसी भी चीज का समाधान नहीं है. पैसों की तंगी मुश्किल घड़ी होती है और ये कलाकारों के साथ घटने वाली कड़वी सच्चाई है. उम्मीद है लॉकडाउन के बाद सब कुछ थोड़े दिनों में नार्मल हो जायेगा.

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