संजय दत्त के बाद दो भारतीय डॉक्टरों को मिला गोल्डन वीजा, पढ़ें खबर

भारत के दो डॉक्टरों को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का प्रतिष्ठित गोल्डन वीजा मिला है. दोनों आयुर्वेदिक डॉक्टर केरल के रहने वाले हैं. इससे पहले एक्टिंग के क्षेत्र में गोल्ड वीजा पाने वाले संजय दत्त भारत के पहले एक्टर हैं. जिन्हें यूएई का गोल्डन वीजा मिला है.अभिनेता संजय दत्त ने गोल्डन वीजा मिलने की जानकारी खुद अपने ट्वीट करके दी थी.

खबरों के मुताबिक यूएई के फेडरल अथॉरिटी फॉर आइडेंटिटी एंड सिटिजनशिप ICA ने केरल के डॉ श्याम विश्वनाथन पिल्लई और डॉ जसना जमाल को गोल्डन वीजा दिया है.डॉ श्याम विश्वनाथन पिल्लई केरल के कोल्लम के रहने वाले हैं और अबू धाबी में बुर्जील डे सर्जरी सेंटर में वैद्यशाला के सीईओ हैं. इन्हें 17 जून को चिकित्सा पेशेवरों और डॉक्टरों की श्रेणी के अंतर्गत गोल्डन वीजा दिया गया है. डॉ पिल्लई ने उनका आभार भी व्यक्त किया.

अब बात आती है डॉ जसना …. दुबई के अल ममजार की रहने वाली डॉक्टर जसना जमाल को 24 जून को गोल्डन वीजा दिया गया. डॉ जसना ने भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ईश्वर की कृपा से, मुझे गोल्डन वीजा से सम्मानित किया गया है. यह बहुत खुशी की बात है. मैं इस शानदार अवसर के लिए यूएई के नेताओं को तहे दिल से धन्यवाद देती हूं. जसना केरल के त्रिशूर की रहने वाली हैं.

इससे पहले भारतीय अभिनेता संजय दत्त को जब गोल्डन वीजा मिला तो उन्होंने ट्वीट के जरिए जानकारी दी थी और कहा कि यूएई की तरफ से गोल्डेन वीजा से सम्मानित किया गया है और उन्होंने आगे कहा कि वो मेजर जनरल मोहम्मद अल मारी की उपस्थिति में गोल्डन वीजा पाकर काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं.

इतनी ही नहीं भारत की एक छात्रा तस्नीम असलम को उसकी उत्तम अकादमिक रिकॉर्ड के लिए यूएई ने 10 साल का वीजा दिया है. उस छात्रा को अब 2031 तक यूएई में रहने की अनुमति मिल गई है. अब उस छात्रा को बार-बार गोल्डन वीजा लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

क्या होता है यूएई गोल्डन वीजा ?

दरअसल यूएई UAE का गोल्डेन वीजा दुबई में 10 साल का रेजिडेंट परमिट है. गोल्डेन वीजा की शुरुआत पहली बार 2019 में की गई थी. दुबई के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और शासक हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने इसकी शुरुआत निवेशकों और व्यापारियों के लिए की थी. इस गोल्डन वीजा का फायदा ये है कि इस वीजा को पाने वाला व्यक्ति 10 साल तक यूएई में रह सकता है और अगर वो 10 साल तक बार- बार यूएई जाता है तो उसे हर बार वीजा लेने की जरूरत नहीं होगी.

खबरों के मुताबिक साल 2020 में गोल्डेन वीजा की इजाजत कुछ विशेष लोगों के लिए भी दे दी गई, जिसमें किसी विशेष डिग्री, डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और प्रोफेशन के लोग शामिल हो सकते हैं. नियमों में इन बदलावों के बाद ही संजय दत्त को गोल्डन वीजा दिया गया था. यूएई के अलावा पुर्तगाल, स्पेन, ग्रीस, यूएसए, माल्टा, सेंट किट्स एंड नोविस, डोमिनिका, एंटीगुआ, बारबुडा जैसे देश भी गोल्डेन वीजा देते हैं.

किस तरह का होता है गोल्डन वीजा ?

वैसे तो वीजा कई तरह के होतें हैं जैसे ई- वीज़ा, टूरिस्ट वीज़ा, टेंपररी वर्कर वीज़ा, ट्रांजिट वीज़ा, बिजनेस वीजा स्टूडेंट वीजा, और भी कई होते हैं लेकिन गोल्डन वीजा अलग है….जिसे बार- बार लेने की जरूरत नहीं पड़ती है और ये दो तरह का होता है….तो सबसे पहले तो एक 10 साल का गोल्डन वीजा होता है और ये वीज़ा सिर्फ़ निवेशकों को दिया जाता है. इस वीज़ा में व्यक्ति पति या पत्नी, बच्चों और साथ ही और एक व्यक्ति जो आपके साथ हो उसको लेकर UAE जा सकते हैं.

दूसरा होता है 5 साल का गोल्डन वीजा जो निवेशकों को दिया जाता है साथ-साथ ये वीज़ा आंट्रेप्रेनोर, प्रतिभाशाली छात्रों, विज्ञान और नॉलेज के फील्ड में काम करने वाले लोगों को दिया है और शोधकर्ताओं को भी जैसे डॉक्टरों, विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, संस्कृति और कला के फील्ड में जो काम करते हैं उनको गोल्डन वीज़ा दिया जाता है. 5 साल के गोल्डन वीज़ा में भी व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर जा सकता है.

क्यों दिया जाता है गोल्डन वीजा ?

दरअसल गोल्डन वीजा उन लोगों को दिया जाता है जो अपने कार्यक्षेत्र में काफी नाम कमा चुके हों और टैलेंटेड हों. ऐसे लोगों को यूएई में बसाने और उनके हुनर का फायदा उठाने के लिए यूएई सरकार गोल्डन वीजा देती है. इस तरह का गोल्डन वीजा प्राप्त करने वाले लोगों को अरब देश में काफी सुविधाएं मिलती हैं.

गोल्डन वीजा कैसे करें अप्लाई ?

जो गोल्डन वीज़ा के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे फेडरल अथॉरिटी फॉर आइडेंटी एंड सिटिजनशिप (आईसीए) की वेबसाइट के जरिये अप्लाई कर सकते हैं.संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रालय के तहत काम करने वाले जनरल डायरेक्टर ऑफ रेजिडेंसी एंड फॉरेनर्स अफेयर्स के जरिये भी अप्लाई किया जा सकता है. उसमें आपसे कुछ डॉक्यूमेंट्स मांगे जाते हैं जो आपको भरने होतें हैं. उसके बाद कुछ फॉर्मैलिटीज़ और वेरिफेकशन की प्रोसेस होती है और फिर वहां की अथॉरिटीज़ पर डिपेंड करता है कि वो आपको गोल्डन वीज़ा देते हैं या नहीं.

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