तेंदुए के दो मादा शावकों में एक को भवानी तो दूसरे को चंडी नाम दिया मुख्यमंत्री योगी ने

आदित्यनाथ ने कहा कि रामराज की भावना के अनुरूप मानव कल्याण के साथ प्रत्येक प्राणी की रक्षा व संरक्षण में सभी को अपना योगदान देना चाहिए. इसकी प्रेरणा हमें रामायण से भी मिलती है. रामायण की गाथा में अरण्य कांड जीव जंतुओं के संरक्षण, प्रकृति के प्रति दायित्वों, जीवों के प्रति व्यवहार की सीख देता है. अरण्य कांड में एक प्रकार से पूरी भारतीय ज्ञान संपदा समाहित है.

सीएम योगी बुधवार को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (गोरखपुर चिड़ियाघर) में तेंदुए के दो मादा शावकों को दूध पिलाकर उनका नामकरण (भवानी और चंडी) करने, व्हाइट टाइगर (सफेद बाघिन गीता) को क्रॉल से बाड़ा प्रवेश कराने, चिड़ियाघर के हाल में लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने रामचरित मानस की पंक्तियों ‘हित अनहित पसु पच्छिउ जाना, मानुष तनु गुन ग्यान निधाना’ का स्मरण करते हुए कहा कि कौन हितैषी है और कौन हानि पहुंचाने वाला पशुओं में इसका स्पंदन होता है.

इस उद्धरण को और स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम वन में माता सीता व अपने अनुज लक्ष्मण के साथ ही गए थे लेकिन वनवास काल में उनकी मदद वनवासियों, भालू, वानर, गिद्ध यहां तक कि पेड़, पौधों, व जंगल के नदी नालों ने की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य भी तभी संरक्षित रहेगा जब वह प्रकृति के प्रति और जीव-जंतुओं के संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सजग रहेगा. उन्होंने वन्यजीवों के संरक्षण हेतु सभी लोगों के योगदान की अपील की.

लखनऊ में शुरू होने जा रहा यूपी का पहला नाइट सफारी :

सीएम योगी ने वन्यजीव संरक्षण तथा ईको टूरिज्म को लेकर प्रदेश सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि लखनऊ में प्रदेश का पहला नाइट सफारी शुरू करने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. इससे ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, वन्यजीवों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी, मनोरंजन के साथ बच्चों का ज्ञानवर्धन भी होगा. उन्होंने कहा कि चित्रकूट के रानीपुर में टाइगर रिजर्व बनाए जाने की भी घोषणा हो चुकी है.

भगवान राम ने अपने वनवास काल का सर्वाधिक समय चित्रकूट में ही व्यतीत किया था. बिजनौर व रामनगर में भी ईको टूरिज्म से जुड़े प्रस्ताव मंजूर हो चुके हैं. सरकार वन्यजीवों के लिए महाराजगंज, मेरठ, चित्रकूट, पीलीभीत आदि जगहों पर रेस्क्यू सेंटर बना रही है. महाराजगंज के सोहगीबरवा क्षेत्र में गिद्ध संरक्षण केंद्र बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्यजीवों से होने वाली हानि को सरकार ने आपदा की श्रेणी में रखा है.

नमामि गंगे परियोजना से हो रहा जलीय जीवों का संरक्षण :

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार जलीय जीवों के संरक्षण को लेकर भी संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना से इसमें काफी मदद मिल रही है. सीएम ने कहा कि कानपुर के सीसामऊ में पहले गंगा नदी में प्रतिदिन 14 करोड़ लीटर सीवर गिरता था, नमामि गंगे परियोजना के कार्यों से अब एक बूंद भी नहीं गिरता. अब सीवर गिरने वाला स्थान सेल्फी प्वाइंट बन चुका है. इसी तरह जाजमऊ में चमड़ा उद्योग का कचरा गिरने से जलीय जीव समाप्त प्राय हो गए थे. वहां अब जलीय जीवों को पुनर्जीवन मिला है और बड़ी संख्या में जलीय जीव नदी में दिखने लगे हैं.

गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि डॉल्फिन संरक्षण के लिए सरकार ने भगवान श्रीराम के प्रिय मित्र निषादराज के क्षेत्र को चुना है. विगत वर्ष अपने काशी के एक दौरे का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि कि अब वहां भी गंगा नदी में डॉल्फिन दिखाई देने लगी हैं. उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार डॉल्फिन संरक्षण के लिए हर संभव कदम उठाएगी.

वन्यजीवों के इलाज के लिए बनेगा डॉक्टरों का अलग कैडर :

कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन्यजीवों के उपचार व संरक्षण के लिए पशु चिकित्सा अधिकारियों का अलग कैडर निर्धारित करने का निर्देश वन विभाग के जिम्मेदारों को दिया. उन्होंने कहा कि वन्यजीवों के इलाज के लिए अभी चिकित्सक पशुपालन विभाग से लाए जाते हैं. पर, अब वन्यजीवों के रेस्क्यू व उनके उपचार हेतु पशु चिकित्सा अधिकारियों का अलग कैडर तैयार करना होगा.

एक-एक पेड़ का होना चाहिए संरक्षण :

पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक वृक्षारोपण की अपील करते हुए सीएम योगी ने कहा कि एक एक पेड़ की कीमत को समझते हुए उनका संरक्षण होना चाहिए. उन्होंने बताया कि विगत 5 वर्ष में उत्तर प्रदेश में100 करोड़ पेड़ लगाए गए. यह दुनिया में सर्वाधिक है. इस बार 35 करोड़ वृक्ष लगाए गए हैं, इसे और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है पर्यावरण अनुकूल होगा तो स्वास्थ्य की रक्षा के साथ ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से भी बचा जा सकेगा. बुधवार को हो रही बारिश का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा ऐसी बारिश सावन में होती है. अक्टूबर माह में यदि इस तरह की बारिश हो रही है तो हमें इसके बारे में सोचना होगा. उन्होंने कहा कि प्रकृत से छेड़छाड़ होगी तो उसके दुष्परिणाम सामने आएंगे ही.

कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने गंगा डॉल्फिन संबधी पोस्टर रिलीज करने के साथ प्रदेश के जलीय जीवों पर डाक विभाग के स्पेशल कवर का भी अनावरण किया. साथ ही चिड़ियाघर के निदेशक डॉ एच राजमोहन, पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश सिंह, उप क्षेत्रीय वनाधिकारी.रोहित सिंह को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. उन्होंने वन्यजीव सप्ताह के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किया.

सोहगीबरवा में शुरू होगी जंगल सफारी : वन मंत्री

कार्यक्रम में वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि महाराजगंज के सोगीबरवा में सरकार जल्द ही जंगल सफारी की सुविधा शुरू करेगी. जंगल सफारी से ईको टूरिज्म बढ़ेगा, लोगों को रोजगार मिलेगा. दूसरे प्रदेशों के लोग पर्यटन के साथ ही अब उत्तर प्रदेश में रोजगार के लिए भी आएंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पर्यावरण प्रेम व वन्यजीवों से लगाव का उल्लेख करते हुए वन मंत्री ने कहा कि सीएम योगी ने अपने जन्मदिन पर सुबह उठते ही सबसे पहला काम पौधरोपण का किया था. उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों से अपील की कि वे अपने जन्मदिन पर पौधरोपण अवश्य करें.

कार्यक्रम के दौरान डॉल्फिन दिवस पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जैव विविधिता के सलाहकार डॉ संदीप बेहरा ने आधारभूत व्याख्यान देते हुए डॉल्फिन संरक्षण में सबकी सहभागिता की अपील की. वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने वन्य जीव सप्ताह के कार्यक्रमों के साथ प्रदेश सरकार द्वारा ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. आभार ज्ञापन प्रधान वन संरक्षक वन्यजीव केपी दूबे ने किया.

इस अवसर पर वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री केपी मलिक, सांसद रविकिशन, महापौर सीताराम जायसवाल, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ धमेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, महेंद्रपाल सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागध्यक्ष श्रीमती ममता संजीव दूबे, गोरखपुर क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक भीमसेन प्रभागीय वनाधिकारी विकास यादव, प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ एच. राजा मोहन, पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश सिंह आदि मौजूद रहे.

पर्यटकों के लिए मिलेगी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधायें -जयवीर सिंह

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि उ0प्र0 में पर्यटन की असीमित संभावनायें एवं निवेशकों के रूचि को देखते हुए बड़े पैमाने पर अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आगामी पांच वर्षों मंे 30 प्रतिशत घरेलू तथा 20 प्रतिशत विदेशी पर्यटकों के वृद्धि की संभावना है. जिससे 25 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि प्रक्रियाधीन पर्यटन नीति 2022 के तहत 10,000 करोड़ रूपये से अधिक निवेश का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को एक जिला एक पर्यटन केन्द्र के तहत प्राप्त किया जायेगा.

पर्यटन मंत्री आज होटल डी-पोलो क्लब स्पा रिजार्ट, धर्मशाला, हिमांचल प्रदेश में पर्यटन एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास विषय पर आयोजित 03 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने इस राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के लिए केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी तथा केन्द्रीय पर्यटन विभाग के अधिकारियों को बधाई दी. इस राष्ट्रीय सम्मेलन मं् विभिन्न प्रदेशों के पर्यटन मंत्री, केन्द्रशासित प्रदेशों के एलजी, प्रशासक, वरिष्ठ अधिकारी, भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय के उच्चाधिकारी, राज्यों के पर्यटन विभागाध्यक्ष एवं सेवाक्षेत्र के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि उ0प्र0 देश का सबसे बड़ा राज्य है. यहां पर हर जनपद में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए धार्मिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं पौराणिक स्थल मौजूद हैं. इन स्थानों पर पर्यटकों के पसंद के हिसाब से अवस्थापना सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है.

श्री जयवीर सिंह ने कहा कि उ0प्र0 में सड़क, रेल, वायु तथा जल मार्ग के माध्यम से सभी धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों को जोड़ने के लिए अवस्थापना विकास के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में 940 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है. पर्यटन के विकास की दृष्टि से प्रदेश को 12 सर्किट में बांटा गया है. सभी सर्किटों पर बुनियादी सुविधाओं के विकास पर कार्य तेजी से चल रहा है. बहुत से कार्य पूर्णता के अंतिम चरण में हैं.

पर्यटन मंत्री ने कहा कि ब्रज परिपथ में मथुरा, वृन्दावन, आगरा, रामायण परिपथ में लखनऊ, प्रयागराज के बीच के सभी स्थान एवं वन इको टूरिज्म, साहसिक पर्यटन स्थल, जल विहार, हेरिटेज आर्क के रूप में आगरा, लखनऊ एवं वाराणसी को जोड़कर बनाया जा रहा है. इसके अतिरिक्त महाभारत मेरठ, हस्तिनापुर, जैन परिपथ, सूफी परिपथ आदि शामिल हैं. इसके अलावा बौद्ध परिपथ के अंतर्गत लुम्बिनी, बोध गया, नालन्दा, राजगिरी, बैशाली, सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, कौशाम्बी जैसे स्थलों को जोड़ा गया है.

श्री जयवीर सिंह ने कहा कि भारत की बौद्ध संस्कृति का प्रभाव दुनिया के अधिकांश देशों में है. इन देशो के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बौद्ध आस्था से जुड़े सभी स्थानों पर विश्वस्तरीय सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं. इसके अतिरिक्त हेरिटेज, टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए बुन्देलखण्ड के 31 किलों को चिन्हित किया गया है. पर्यटन की दृष्टि से इन्हें सजाने एवं संवारने के लिए सेन्टर फॉर इनवायरनमेंटल प्लानिंग एण्ड टेक्नोलॉजी (सीईपीटी) विश्वविद्यालय अहमदाबाद से सहयोग लिया जा रहा है.

पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित स्वदेश दर्शन स्कीम की नई गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश की वैभवशाली सांस्कृतिक विरासत को देखते हुए विन्ध्याचल, नैमिषारण्य, प्रयागराज, चित्रकूट, संगिसा, आगरा, कानपुर, झांसी, महोबा, गोरखपुर एवं कुशीनगर को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. इसके अतिरिक्त प्रदेश में इको टूरिज्म बोर्ड के गठन के साथ वेलनेस टूरिज्म के लिए तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अतिरिक्त उ0प्र0 पर्यटन एवं संस्कृति प्रोत्साहन परिषद का गठन किया गया है.

श्री जयवीर सिंह ने कहा कि उ0प्र0 में पर्यटन की अनंत संभावनायें हैं. इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने तथा रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से विभिन्न संभावनाओं को तलाशा जा रहा है. इसके साथ ही अध्यात्मिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक महत्व के स्थलों पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधायें विकसित की जा रही हैं. भगवान श्रीराम की अयोध्या नगरी, कृष्ण की मथुरा एवं काशी कॉरीडोर को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है. श्री जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटन सेक्टर का अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है. प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने उ0प्र0 की अर्थव्यवस्था को एक अरब डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है. जिसमंे पर्यटन का अहम योगदान होगा. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष जी-20 सम्मेलन में पर्यटन विभाग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेगा.

इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यटन सचिव श्री अरविन्द सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया, इसके पश्चात केन्द्रीय पर्यटन रक्षा मंत्री श्री अजय भट्ट, एफएआईटीएच फेडरेशन के चेयरमैन श्री नकुल आनन्द, अध्यक्ष भारतीय पर्यटन विकास निगम श्री संबित पात्रा ने सम्बोधित किया. इसके अलावा असम के पर्यटन मंत्री, प्रमुख सचिव पर्यटन गुजरात तथा पर्यटन सचिव दादरा एवं नागर हवेली, दमन द्वीव ने भी अपने विचार रखे. उ0प्र0 के प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम एवं अन्य अधिकारी इस सम्मेलन में मौजूद थे.

‘हर परिवार एक रोजगार ‘ के लक्ष्य को साधेगी यूपी सरकार

“हर परिवार एक रोजगार ” प्रदेश की भाजपा सरकार का संकल्प है. विधानसभा चुनाव-2022 के पहले पार्टी की ओर से जारी लोक कल्याण संकल्पपत्र-2022 में भी इसका जिक्र है.

योगी-2.0 में इस लक्ष्य के प्रति सरकार मजबूती से कदम भी बढ़ा रही है. हर परिवार के एक युवा सदस्य को रोजगार मिले यह सुनिश्चित कराने के लिए सरकार परिवार कार्ड भी बनाने जा रही है.

बजट में भी एमएसएमई सेक्टर पर खास फोकस है. युवा स्थानीय स्तर पर लगने वाली इकाइयों के लिए दक्ष हों इसके लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान के बजट में करीब 6 गुना की वृद्धि की गई है. 2021-2022 में इस मद में 2040 लाख रुपये का प्रावधान था जबकि मौजूदा बजट में 11250 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. कलस्टर में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से इनकी संभावना बढ़ जाती है. चूंकि ऐसी जगहों पर बल्क में उत्पादन होता है.

लिहाजा खरीदने वाले आसानी के चलते खुद यहां आते हैं. सरकार ने लघु उद्योग क्लस्टर विकास योजना के मद में बजट बढ़ाकर 3200 लाख रुपए से 6500 लाख रुपये कर दिया है. जिला स्तर पर स्थापित इंडस्ट्रियल स्टेट में बेहतर बुनियादी सुविधाएं और परिवेश हों इसके लिए इस बजट में पिछले बजट की तुलना में करीब दोगुने 500 लाख का प्रावधान किया गया है.

औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं एवं लड़कियों की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए बजट में 1200 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.यही नहीं बजट में छह जिलों में नए इंडस्ट्रियल स्टेट की स्थापना का भी बजट में प्रावधान है. इसके लिए बजट में 5000 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. इंडस्ट्रियल स्टेट में अवस्थापना सुविधाओं के उच्चीकरण के लिए बजट को 560 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2000 लाख रुपए कर दिया गया है. अयोध्या में सीपेट केंद्र के लिए 3000 लाख और वाराणसी के सीपेट केंद्र में वोकेशनल ट्रेनिंग के लिए 1000 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है.

उल्लेखनीय है कि एमएसएमइ स्थानीय स्तर पर रोजगार और स्वरोजगार के लिहाज से असीम संभावनाओं का क्षेत्र है. वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी इस सेक्टर ने इसे साबित किया है. पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में एमएसएमई सेक्टर के निर्यात में 30 फीसद की वृद्धि इसका सबूत है. इस निर्यात में भी 70 फीसद से अधिक  योगदान ओडीओपी का है. योगी-1.0 में अकेले ओडीओपी से 25 लाख लोगों को रोजगार और स्वरोजगार मिला था. सरकार का लक्ष्य ओडीओपी के जरिए अगले पांच साल में निर्यात एवं रोजगार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है. इन्हीं संभावनाओं के मद्देनजर बजट 2022-2023 में सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के लिए उदारता से बजट का प्राविधान भी किया है.

योगी सरकार 2.0 ने अपने पहले बजट में महिलाओं और बेटियों को दी प्राथमिकता

योगी आदित्‍यनाथ सरकार 2.0 का बजट विधानसभा में गुरूवार को पेश किया गया. वित्‍त मंत्री सुरेश खन्‍ना ने अब तक का सबसे बड़ा और पेपरलेस बजट पेश किया. यह बजट प्रदेश की महिलाओं, बेटियों और बच्‍चों के लिए बेहद खास है. प्रदेश की महिलाओं और बेटियों के उत्‍थान के लिए योगी सरकार ने साल 2017 से ही जमीनी स्‍तर पर योजनाओं को लागू कर सीधे तौर पर उनको लाभ पहुंचाने का काम किया. ऐसे में एक बार फिर से सरकार बनने के बाद योगी सरकार ने अपने पहले बजट में महिलाओं और बेटियों को प्राथमिकता दी है. बजट में इस बार महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा, रोजगार, शिक्षा, स्‍वावलंबन पर जोर दिया है. जिसके तहत लखनऊ, गोरखपुर और बदायूं में 03 महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जा रहा है. बजट में महिला सामर्थ्य योजना के लिए 72 करोड़ 50 लाख रूपये की धनराशि प्रस्तावित की गई है. इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं को रोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा. इससे महिलाओ में उत्साह बढ़ेगा और वह सशक्त और आत्मनिर्भर रहेंगी.

बजट में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

कार्यक्रम के तहत यूपीएसईई-2018 की 100 टॉपर छात्राओं को लैपटॉप और 100 टॉपर एससी व एसटी छात्राओं को लैपटॉप का वितरण किया जाएगा. प्रदेश में चल रहे वृहद मिशन शक्ति अभियान के लिए 20 करोड़ रूपये की धनराशि प्रस्तावित की गई है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत पात्र बालिकाओं को 06 विभिन्न श्रेणियों में 15000 रूपये की सहायता पीएफएमएस के जरिए से प्रदान की जा रही है. इस वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में योजना हेतु 1200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है. पुष्टाहार कार्यक्रम के तहत समन्वित बाल विकास योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले पोषाहार के लिए 1675 करोड़ 29 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है.

योगी सरकार का बच्चों के मुद्दों पर विशेष ध्यान

उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है. इसके ही परिणाम है कि पिछले कुछ वर्षों में एक ओर शिशु मृत्यु दर में तेजी से गिरावट आई है वहीं दूसरी ओर दस्तक कार्यक्रम के परिणामस्वरूप एईएस व जेई से प्रभावित सभी क्षेत्रों में बच्चों की मृत्यु में बड़ी कमी दर्ज की गई है. योगी सरकार के इस पहले बजट में बाल कल्याण पर विशेष ध्‍यान दिया गया है. जिसके तहत कुपोषण पुनर्वास केन्द्रों को जिलों से ब्लॉक तक ले जाने के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है. उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत पात्र बच्चों को 4000 रूपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी. उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत पात्र लाभार्थियों को 2500 रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता स्‍वीकृत है. इसके साथ ही ऑपरेशन विद्यालय कायाकल्प कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन में वृद्धि की जाएगी.

बीसी सखियों को वर्दी के रूप में मिलेगी निफ्ट की डिजाइन की साड़ियां

महिलाओं को सशक्त बनाने और राज्य में हथकरघा बुनकरों के लिए रोजगार के व्यापक अवसर पैदा करने के दोहरे उद्देश्य को पूरा करते हुए, योगी सरकार बीसी-सखियों को निफ्ट रायबरेली द्वारा डिजाइन की गई एक लाख से अधिक साड़ियां देगी.

हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार बीसी सखी योजना के तहत काम करने वाली महिलाओं को वर्दी के रूप में दो हैंडलूम साड़ियां उपलब्ध कराएगी. इसके लिए सरकार हैंडलूम बुनकरों द्वारा बनाई गई साड़ियों को खरीदेगी.

काम में शामिल बुनकरों को डीबीटी के जरिए 750 रुपये प्रति साड़ी मजदूरी दी जाएगी.

यूपी हैंडलूम के एमडी केपी वर्मा ने बताया कि बीसी-सखी के रूप में काम करने वाली 58,000 महिलाओं में से प्रत्येक को सरकार द्वारा दो साड़ियां दी जाएंगी.

निफ्ट द्वारा भेजे गए डिजाइनों को मुख्यमंत्री ने पहले ही मंजूरी दे दी है और साड़ियों की बुनाई का काम प्रगति पर है. प्रत्येक साड़ी की कीमत 1934.15 रुपये और विभाग को 1.16 लाख साड़ी और ड्रेस सामग्री के लिए 22,43,61,400 रुपये की राशि जारी की गई है.

यूपी हथकरघा विभाग ने इस संबंध में पांच उत्पादक कंपनियों को साड़ियां बनाने का काम सौंपा है जिनमें से 3 वाराणसी जिले से और एक-एक मऊ और आजमगढ़ से हैं.

यूपी हथकरघा पहले ही लगभग 537 बुनकरों को 1.20 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है और 12,837 से अधिक साड़ियां तैयार हैं.

केपी वर्मा के अनुसार “कोविड-19 के कारण प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों के कारण बुनकरों के लिए रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया था. इस योजना के माध्यम से बुनकर को रोजगार प्रदान किया गया है. साथ ही इस योजना ने बिचौलियों की भूमिका को समाप्त कर दिया है और पैसा सीधे उनके बैंक खाते में स्थानांतरित किया जा रहा है. योजना के अंतर्गत आने वाले बुनकरों को अधिक से अधिक लाभ मिल रहा है और इसके परिणामस्वरूप अन्य हथकरघा बुनकर भी इस योजना की ओर आकर्षित हो रहे हैं और उत्पादक कंपनियों में अपना नामांकन करा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक मौजूदा ग्राम पंचायत के लिए 21 मई 2020 को 58,000 बीसी सखियों को शामिल करने की घोषणा की थी. बीसी सखियों गांव में लोगों की बैंकिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए वन-स्टॉप समाधान उपलब्ध कराती हैं, वह भी घर पर.

महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को बीसी सखियों के रूप में शामिल करने से वित्तीय समावेशन, समय पर पूंजीकरण, एसएचजी लेनदेन के डिजिटलीकरण और समुदाय के समग्र विकास को सुनिश्चित करने में मदद मिलती है. यह महिलाओं की उद्यमशीलता क्षमताओं के निर्माण के उद्देश्य को और मजबूत करता है.

वन स्‍टॉप सेंटर और महिला शक्ति केन्‍द्र समन्‍वय स्‍थापित कर करेंगी काम

प्रदेश की महिलाओं और बेटियों को बेहतर सुविधाएं देने और उनकी समस्‍याओं का तेजी से निराकरण करने के लिए अब वन स्‍टॉप सेंटर और महिला शक्ति केन्‍द्र समन्‍वय के साथ काम करेंगे. ऐसे में योगी सरकार की ओर से प्रदेश की महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा, स्‍वावलंबन और सम्‍मान के लिए जो संकल्‍प लिया गया है वो सभी वादे समय सीमा से पहले पूरे हो सकेंगे.  वन स्टॉप सेन्टरों का महिलाओं से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के हब के रूप में विकास किया जाएगा. उनको सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए एक ही छत के नीचे समस्त सेवाएं मिलेंगी. महिलाओं और बेटियों को आर्थिक सहायता, रोजगार/स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण से जुड़ी समस्त योजनाओं की जानकारी दी जाएगी. योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सम्बन्धित विभाग और अधिकारी से समन्वय स्‍थापित कर काम करेंगे.

महिला कल्‍याण विभाग की ओर से 100 दिवसों की कार्ययोजना को तैयार किया गया है. जिसके तहत हर 15 दिवसों में ब्लॉक स्तर पर भव्य स्वावलंबन कैम्पों का आयोजन कर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, पति की मृत्युपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना आदि के फार्म भरवाएं और स्वीकृत कराए जाएंगे. इसके साथ ही मानसिक मंदित महिलाओं के लिए गृह की स्‍थापना की जाएगी. जिसके तहत स्वयंसेवी संस्थाओं के जरिए लखनऊ में 100-100 बेड की क्षमता के 02 गृहों का संचालन किया जाएगा. जिसकी कुल लागत 4.57 करोड़ है. बता दें कि सामान्य महिलाओं के लिए संचालित विभागीय संस्थाओं में 203 मानसिक मंदित महिलाओं को आश्रय दिया गया है.

महिलाओं को दिया जाएगा कौशल विकास प्रशिक्षण

विभाग की ओर से आने वाले 06 माह की कार्ययोजना को तैयार कर लिया गया है. महिला संरक्षण तथा बाल देखरेख संस्थाओं में निवासित बच्चों व महिलाओं का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा. संस्थाओं में आवासित महिलाओं और 16 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को उनकी अभिरूचि के अनुरूप कौशल विकास प्रशिक्षण से जोड़ने हेतु उनकी अभिरूचि की मैपिंग व मैपिंग उपरांत प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही संविदा तथा सेवा प्रदाता के जरिए से भरे जाने वाले पदों में से रिक्त पदों पर कार्मिकों का चयन किया जाएगा. जिसमें मिशन वात्सल्य के तहत कुल 136 रिक्त पद और वन स्टॉप सेंटर के तहत 26 जिलों में कुल 252 रिक्त पदों को भरा जाएगा.

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मददगार गुलाबी मीनाकारी

गुलाबी मीनाकारी अपनी खूबसूरत कारीगरी से जहां पूरी दुनिया में धूम मचा रही है. वही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी मददगार साबित हो रही है. सरकार की “समर्थ “योजना के अंतर्गत महिलाओं को गुलाबी मीनाकारी का हुनर सिखाया जा रहे है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा के दौरान अपने ख़ास मेहमानों को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बनी ग़ुलाबी मीनाकारी के उत्पादों को उपहार स्वरुप देते है. जिससे इस जीआई उत्पाद की मांग देश और विदेश में बढ़ती जा रही है. ग़ुलाबी मीनाकारी से दूर हो रहे शिल्पी अब प्रशिक्षण लेकर एक बार फिर इस प्राचीन कला से जुड़ रहे है.

जी.आई.उत्पाद और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में शामिल गुलाबी मीनाकारी की ख़ूबसूरती कायल पूरी दुनिया होती जा रही. सहायक निदेशक हस्तशिल्प अब्दुल्ला ने बताया कि  सरकार गुलाबी मीनाकारी का हुनर  सिखाने के लिए “समर्थ”नाम से  प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही है. जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है. समर्थ नाम से चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम 65 दिनों का होता है. जिसमें सरकार प्रशिक्षुओं को 300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रोत्साहन राशि भी देती है. ये प्रशिक्षण कार्यक्रम वस्त्र मंत्रालय द्वारा कराया जा रहा है.

सहायक निदेशक ने बताया कि 2 अक्टूबर 2021 से प्रशिक्षण का कार्यक्रम चल रहा है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाएं शामिल हो रही है. अभी तक 60 महिलाएं  प्रशिक्षण ले चुकी है. जिसमें सीधे तौर पर करीब 70 प्रतिशत महिला काम करके आत्मनिर्भर बन रही है. जबकि बाकी पार्ट टाइम काम करके कमाई कर रही है. प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता इसी बात से लगाई जा सकती है की इसमें वेटिंग लिस्ट चल रही है. प्रशिक्षण कार्यक्रम को पुख्ता बनाने के लिए के बायोमेट्रिक अटेंडेंस ,वीडियो ग्राफ़ी कराइ जाती है. जिसमे 80 प्रतिशत अटेंडेंस अनिवार्य है.  टीम प्रशिक्षुओं का असेसमेंट करने के बाद पास करती है तभी  प्रोत्साहन राशि और सर्टिफिकेट  दिया जाता है.

प्रशिक्षण दे रहे नेशनल अवार्डी कुंज बिहारी ने बताया  कि प्रधानमंत्री अपने विदेशी मेहमानों को ग़ुलाबी मीनाकारी का  नायब तोहफ़ा जरूर देते और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लोगों  को उपहार देने और लोगों से जी आई और ओडीओपी को उपहार स्वरूप देने की अपील करने से हस्त शिल्पियों के हुनर की मांग बढ़ी है. और गुलाबी मीनाकारी को  संजीवनी मिली है.

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की भाव और भावना एक: सीएम योगी

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए गुरुवार का दिन ऐतिहासिक रहा. दोनों राज्यों के बीच तीन दशक से चले आ रहे एक विवाद का पटाक्षेप करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अलकनंदा अतिथि गृह की चाबी सौंपी तो उत्तर प्रदेशवासियों के लिए हरिद्वार में नवनिर्मित भव्य भागीरथी भवन का लोकार्पण किया.

माँ गंगा तट के पर आयोजित संपन्न कार्यक्रम को मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप बताया. उन्होंने कहा कि माँ गंगा भारत के जीवनधारा की आत्मा हैं. गंगा तब बनती है जब अलकनंदा और भागीरथी एक साथ मिलती हैं.

प्रधानमंत्री जी ने हमें विवादों को संवाद से सुलझाना सिखाया है और इसी भावना के साथ दोनों राज्यों के बीच विवादों का समाधान होना संभव हुआ.

पूज्य संतों, धर्माचार्यों, अनेक पूर्व मुख्यमंत्री गणों, उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री योगी ने दोनों राज्यों के समग्र विकास के लिए साथ-साथ मिलकर काम करने की जरूरत बताई.

उत्तराखंड को अपनी माँ और मातृभूमि कहते हुए सीएम योगी ने कहा कि उत्तराखंड में स्प्रिचुअल टूरिज्म और इको टूरिज्म की अपार सम्भावनाएं हैं. उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता सहित पूरे भारत से कौन ऐसा है जो उत्तराखंड के चार धाम का पुण्य लाभ नहीं लेना चाहता, ऐसा कोई नहीं जो हर की पैड़ी पर स्नान नहीं करना चाहता. यहां हर मौसम में पर्यटन के अवसर हैं.

चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री की ओर लोग आने को उत्सुक हैं तो दूसरे सीजन में कुमाऊं, नैनीताल, झूंसी मठ से जुड़े अनेक हिल स्टेशन भी लोगों को लालायित करता है. यही नहीं, हाल के वर्षों में यहां फारेस्ट कवर भी बढ़ा है, जो इको टूरिज्म की संभावनाओं को बल देने वाला गया. सीएम योगी ने डबल इंजन की सरकार में देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, ऋषिकेश, आदि आध्यत्मिक स्थलों के पर्यटन विकास के लिए जारी प्रयासों की सराहना की. इन पावन स्थलों को आस्था के साथ-साथ राष्ट्रीय एकात्मता को तेज और ओज देने के केंद्र की संज्ञा देते हुए सीएम योगी ने विश्वास जताया कि यहां विकास की यह यात्रा सभी के सुख-समृद्धि का कारक बनेगी.

काशी में 50 लोग पूजन नहीं कर पाते थे, आज 50 हजार लोग होते हैं मौजूद उत्तर प्रदेश में अयोध्या दीपोत्सव, काशी देव दीपावली, बरसाना रंगोत्सव, कृष्ण जन्मोत्सव के भव्य आयोजनों की चर्चा करते हुए सीएम ने अयोध्या, काशी, शुक तीर्थ, नैमिष धाम, राजापुर, आदि पावन, आध्यत्मिक ऊर्जा के केंद्रों के समग्र विकास के कार्यक्रमों की भी जानकारी दी.

प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में काशी में श्रीकाशीविश्वनाथ धाम कॉरिडोर निर्माण के बाद बदली परिस्थितियों की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि जहां 50 लोग एक साथ पूजा-पाठ नहीं कर सकते थे आज 50 हजार लोग एक साथ उपस्थित रहते हैं. मुख्य पर्वों पर तो 05 लाख लोग दर्शन कर रहे हैं.

वेदालाइफ-निरामयम् में लिया आड़ू और खुमैनी का स्वाद

पौड़ी-गढ़वाल में पतंजलि योगपीठ द्वारा नवविकसित योग, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा की इंटीग्रेटेड थेरेपी के अत्याधुनिक केंद्र “वेदालाइफ-निरामयम्” भ्रमण के अनुभवों को भी साझा किया.

सीएम ने बताया कि वहां उन्होंने आड़ू और खुमैनी जैसे फलों का आनंद लिया. उन्होंने कहा कि एक सूखी पहाड़ी पर, जहां मोटे पत्थर हुआ करते थे, वहां 40 हजार से अधिक वृक्षों का एक मनोरम जंगल बसा दिया गया है. यह पूरा क्षेत्र किसी ऋषि की साधना स्थली लगती है. कल देश के मैदानी क्षेत्रों में जब 45℃ तापमान था तब हम लोग वहां 15℃ का आनंद ले रहे थे. सीएम योगी ने कहा कि यह केंद्र हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही व्यापक पैमाने पर रोजगार सृजन का कारक भी बनेगा.

महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार अपना रही जीरो टॉलरेंस की नीति

ललितपुर मामले में योगी सरकार ने एसपी और डीएम को सख्तर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. जिसके चलते बुधवार को एसपी ने आरोपी थानाध्यधक्ष को सस्पेंेड कर दिया है. इसके साथ ही पूरा थाना लाइन हाजिर कर दिया गया है. एसओ समेत चार युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है. आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं. महिलाओं की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध योगी सरकार ने इस मामले में दोषियों को सख्त से सख्ती सजा देने के आदेश दिए हैं.

योगी सरकार महिला सुरक्षा को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है. महिला के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले में सख्त कार्रवाई कर रही है. इसके साथ ही महिलाओं और बेटियों को अपनी शिकायतों के लेकर जिला या राज्य मुख्यालय स्तर पर उनको चक्कर काटने न काटने पड़े इसकी तैयारी कर ली गई है.

अब गांव, ब्लॉक और तहसील स्तर पर ही उनकी समस्याओं का समाधान मिलेगा. ब्लॉक, तहसील और थाना दिवसों में प्राथमिकता के आधार पर शिकायतों का समाधान होगा और गुणवत्ता के आधार पर शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही आधार मानी जाएगी. महिला बीट पुलिस अधिकारी उनकी समस्यांओं का निवारण करेंगी.

प्रदेश में सभी ग्राम पंचायतों में महिला बीट पुलिस अधिकारियों को नियुक्तर किया गया है. अब थाना दिवस में ये महिला बीट पुलिस अधिकारी महिलाओं से जुड़ी शिकायतों का निवारण करेंगी.

छह मई से शुरू होगा मिशन शक्तिि का चौथा चरण

महिला सुरक्षा, सम्मािन और स्वारवलंबन के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार के वृहद मिशन शक्ति अभियान के चौथे चरण की शुरूआत छह मई से होने जा रही है. मिशन शक्ति एक नए कलेवर में नजर आएगा.

प्रदेश में महिलाओं और बेटियों के उत्थातन के और उनके सुरक्षा, सम्मायन व स्वाेवलंबन के लिए शुरू किए गए इस महााभियान से ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की परिवेश से जुड़ी महिलाओं व बेटियों को संबल मिला है. ऐसे में मिशन शक्ति के बेहतर परिणामों के चलते योगी सरकार 2.0 में अभियान को गति देने की कवायद शुरू हो गई है.

महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज राय ने बताया कि प्रदेश में योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में मिशन शक्ति अभियान में सभी जिलों में वृहद जागरूकता अभियान चलाने संग स्वंर्णिम योजनाओं से बेटियों और महिलाओं को जोड़ा गया था. इस बार भी प्रदेश के अलग अलग विभाग मिशन शक्ति के तहत विशेष कार्यक्रमों को आयोजित कराएंगे.

महिला कल्यारण विभाग की ओर से अभियान के तहत महिलाओं और बच्चों के प्रति हिंसा से जुड़े विभिन्नग कानूनों व प्रावधानों के बारे में लोगों जागरूक करने का कार्य सभी जिलों में किया जाएगा. जिसमें महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, नशे में मारपीट, तस्करी, बाल विवाह,भेदभाव, बालश्रम अन्य् शोषणों के विरूद्ध विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से मिल रहा बच्‍चों को लाभ

मिशन शक्ति के तहत जहां एक ओर योगी सरकार महिला सुरक्षा, संरक्षण व उनके विकास पर जोर दे रही है वहीं मिशन वात्‍सल्‍य के तहत प्रदेश के बच्‍चों की देखरेख, संरक्षण और उनके पुनर्वासन पर तेजी से काम कर रही है. महिला कल्याण बाल विकास विभाग की ओर से आने वाले 100 दिनों की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है. विभाग की ओर से मिशन वात्‍सल्‍य में बाल देखरेख संस्थाओं व किशोर न्याय बोर्डो एवं बाल कल्याण समितियों हेतू एमआईएस पोर्टल की शुरुआत जून में की जाएगी. एमआईएस पोर्टल योजना का पारदर्शी रूप में संचालन किया जाएगा.  योजना से जुड़े सभी भौतिक और वित्तिय सूचनाएं ऑनलाइन प्राप्त होने से योजना संचालन का प्रभावी पर्यवेक्षण व समीक्षा संभव हो सकेगी.

संस्‍थाओं में निवासित बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा व कौशल विकास से जुड़े  डेटा का डिजिटाइजेशन किया जाएगा. बालकों की देखरेख, संरक्षण व पुनर्वासन का प्रभावी पर्यवेक्षण होगा. इसके साथ ही बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड के कार्यों की प्रभावी समीक्षा भी की जाएगी. विभाग की ओर से जनपद शांहजहांपुर में 07 करोड़ की लागत से तैयार होने वाले नवीन भवन में 50 की क्षमता के राजकीय सम्‍प्रेक्षण गृह का लोकार्पण किया जाएगा.  जिससे प्रदेश के राजकीय सम्‍प्रेक्षण गृहों में क्षमता से अधिक संवासियों के आवासित रहने की समस्‍या का समाधान इस संस्‍था के संचालन से होगा.

  मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से मिल रहा बच्‍चों को लाभ

यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत विभाग की ओर से कोविड योजना में कुल 11049 बच्‍चे लाभान्वित हुए. इस योजना के तहत सामान्‍य योजना से कुल 5284, कोविड योजना में 480 अनाथ बच्‍चे, एकल माता पिता वाले 10569 बच्‍चे, सामान्‍य योजना में कुल 295 अनाथ बच्‍चे, सामान्‍य योजना के तहत 4989 एकल माता पिता वाले बच्‍चे लाभान्वित हुए हैं.

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