जब वैजाइनल डिस्चार्ज का बदले रंग

योंतो महिलाओं में वैजाइनल डिस्चार्ज होना आम बात है और इसे हैल्दी भी माना जाता है साथ ही यह फीमेल प्राइवेट पार्ट को खुजली, इन्फैक्शन और सूखेपन से भी बचाता है, मगर जब कई बार यह डिस्चार्ज नौर्मल न हो तो सावधानी बरतना जरूरी है. इस डिस्चार्ज को ले कर अधिकतर महिलाएं आमतौर पर कन्फ्यूज हो जाती हैं कि उन्हें कब डाक्टर से संपर्क करना चाहिए. आइए, जानते हैं स्त्री रोगों की जानकार डा. सुषमा चौधरी से वैजाइनल डिस्चार्ज के बारे में:

वैजाइनल डिस्चार्ज क्या है

वैजाइनल डिस्चार्ज महिलाओं में होने वाली एक नैचुरल प्रक्रिया है. यह वैजाइना के और सर्विक्स में स्थित गं्रथियों से लिक्विड फौर्म में रिलीज होता है. वैजाइनल डिस्चार्ज महिलाओं के लिए बहुत हैल्दी माना जाता है, क्योंकि यह शरीर से डैड सैल्स और बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करता है और प्राइवेट पार्ट को इन्फैक्शन आदि से दूर रखता है. आमतौर पर वैजाइनल डिस्चार्ज का रंग सफेद होता है. लेकिन कई बार इस के रंग में बदलाव भी देखने को मिलता है. अत: तब सावधान होने की जरूरत होती है.

क्यों बदलता है रंग

डिस्चार्ज का रंग तब बदलता है जब प्राइवेट पार्ट में किसी तरह का कोई इन्फैक्शन हो. डा. सुषमा के मुताबिक वैजाइनल डिस्चार्ज मुख्यतया 5 तरह के होते हैं:

गाढ़ा और सफेद रंग का डिस्चार्ज: अगर महिला के प्राइवेट पार्ट से गाढ़ा और सफेद रंग का डिस्चार्ज हो तो यह नौर्मल और हैल्दी डिस्चार्ज माना जाता है, लेकिन व्हाइट डिस्चार्ज के साथ अगर खुजली, जलन जैसी परेशानी भी हो रही हो, तो यह यीस्ट इन्फैक्शन हो सकता है. ऐसे में डाक्टर से संपर्क करना जरूरी है.

यलो रंग का डिस्चार्ज

अगर वैजाइनल डिस्चार्ज का रंग पीला हो तो चिंता की बात हो सकती है, क्योंकि यलो डिस्चार्ज महिलाओं में तब होता है जब उन्हें बैक्टीरियल या फिर सैक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फैक्शन हो. यदि यलो डिस्चार्ज हो रहा है तो जल्द से जल्द डाक्टर से संपर्क करें.

ब्राउन रंग का डिस्चार्ज

इस तरह का डिस्चार्ज ज्यादातर अनियमित पीरियड्स के वक्त होता है. लेकिन सामान्य दिनों में भी अगर ब्राउन रंग का वैजाइनल डिस्चार्ज हो तो यह यूटरस या सर्वाइकल कैंसर का संकेत हो सकता है. अत: आम दिनों में भी ब्राउन डिस्चार्ज हो रहा है तो तुरंत डाक्टर से चैकअप करवाएं.

हरे रंग का डिस्चार्ज

यह डिस्चार्ज भी यलो डिस्चार्ज की तरह बैक्टीरियल इन्फैक्शन या फिर सैक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फैक्शन की निशानी है.

यीस्ट इन्फैक्शन

यीस्ट इन्फैक्शन में डिस्चार्ज बिलकुल गाढ़ा सफेद निकलता है. इस के साथ यदि वैजाइनल एरिया में रैडनैस, जलन और खुजली भी हो तो संभव है कि यह यीस्ट इन्फैक्शन हो. ऐसे में प्राइवेट पार्ट को समयसमय पर क्लीन करते रहना बेहद जरूरी है.

इन बातों का रखें ध्यान

अंडरवियर

हमेशा कौटन से बने अंडरवियर का ही इस्तेमाल करना चाहिए. कई महिलाएं सिंथैटिक कपड़े से बने अंडरवियर का इस्तेमाल करती हैं, जो प्राइवेट पार्ट के लिए नुकसानदायक साबित होता है. दरअसल, सिंथैटिक कपड़े से बनी पैंटी त्वचा में हवा को पास नहीं होने देती, जिस से प्राइवेट पार्ट में पसीना ज्यादा आता है और फिर पसीने के वजह से बैक्टीरिया पनपते हैं और इस से खुजली होती है. कौटन की पैंटी का इस्तेमाल ऐसा नहीं होने देता.

पीरियड्स

पीरियड्स के समय इन्फैक्शन फैलने का खतरा ज्यादा रहता है. ब्लीडिंग की वजह से पीएच लैवल बदल जाता है. ऐसे में महिलाओं को खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. पीरियड्स में सैनीटरी पैड को हर 4 घंटों में बदलते रहना चाहिए. यदि आप एक ही पैड का इस्तेमाल ज्यादा देर तक करती हैं तो आप को प्राइवेट पार्ट में जलन, खुजली, बदबू आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

प्यूबिक हेयर

प्राइवेट एरिया हमेशा ढका होता है और वहां अकसर पसीना रहता है. इस पसीने और गीलेपन की वजह से इन्फैक्शन होने की संभावना बनी रहती है. महिलाओं के पीरियड्स के समय अधिक बाल होने से भी हाइजीन प्रभावित होता है. हाइजीन मैंटेन रखने के लिए प्यूबिक हेयर हटाने जरूरी हैं.

ऐसे रखें साफसफाई का ध्यान

– जब भी प्राइवेट पार्ट की सफाई करें हमेश आगे से पीछे की ओर करें. दरअसल, गुदा और वैजाइना के पासपास में होने के कारण गुदा का बैक्टीरिया वैजाइना के संपर्क में आ जाता है, जिस से वैजाइनल इन्फैक्शन हो सकता है.

– कई बार महिलाएं प्राइवेट पार्ट को क्लीन करने के लिए कैमिकल युक्त प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं, जो नहीं करना चाहिए. साबुन या किसी भी कैमिकल प्रोडक्ट के इस्तेमाल से वैजाइना का पीएच लैवल कम हो जाता है और यह इन्फैक्शन का कारण भी बनता है.

– प्राइवेट पार्ट को क्लीन करने के लिए गरम पानी का इस्तेमाल करें.

वैजाइनल डिस्चार्ज की प्रौब्लम का इलाज बताएं?

सवाल

मैं 19 साल की युवती हूं. इधर कुछ समय से जब भी मैं कोई सैक्सुअली रोमांटिक उपन्यास पढ़ती हूं या कोई ऐसेवैसे चित्र देखती हूं तो मेरे शरीर में अजीब सी हलचल मच जाती है. मन में कामुक विचार गहरा उठते हैं और योनि से डिस्चार्ज होने लगता है. समझ में नहीं आ रहा कि क्या करूं? घर में कोई ऐसा नहीं जिस से यह बात बांट सकूं. कृपया मार्गदर्शन करें?

जवाब

आप बिलकुल परेशान न हों. मन में कामुक विचार जाग्रत होने पर योनि की तरलता का बढ़ना बिलकुल स्वाभाविक है. इस का संबंध मस्तिष्क में पाए जाने वाले सैक्स सैंटर से है. जब भी यह सैंटर उत्तेजित होता है, स्पाइनल कोर्ड और कुछ विशेष तंत्रिकाओं में अपने आप आवेग उत्पन्न होता है और उस से प्रेरित संदेश से पेट के निचले भाग के अंगों में खून का दौरा बढ़ जाता है.

इसी से योनि के भीतर लबलबापन उत्पन्न हो जाता है और यह भीतर ही भीतर तरल हो उठती है. यह प्राकृतिक मैकेनिज्म शारीरिक मिलन की क्रिया को सहज बनाने के लिए रचा गया है.

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योंतो महिलाओं में वैजाइनल डिस्चार्ज होना आम बात है और इसे हैल्दी भी माना जाता है साथ ही यह फीमेल प्राइवेट पार्ट को खुजली, इन्फैक्शन और सूखेपन से भी बचाता है, मगर जब कई बार यह डिस्चार्ज नौर्मल न हो तो सावधानी बरतना जरूरी है. इस डिस्चार्ज को ले कर अधिकतर महिलाएं आमतौर पर कन्फ्यूज हो जाती हैं कि उन्हें कब डाक्टर से संपर्क करना चाहिए. आइए, जानते हैं स्त्री रोगों की जानकार डा. सुषमा चौधरी से वैजाइनल डिस्चार्ज के बारे में:

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