‘मैं यशराज बैनर की रिश्तेदार नहीं लगती’- वाणी कपूर

फिल्म ‘शुद्ध देसी रोमांस’ से एक्टिंग करियक में कदम रखने वाली वाणी कपूर दिल्ली की है. उसे बचपन से ही एक्टिंग की इच्छा थी. उन्होंने मौडलिंग भी की है. हालांकि पहली फिल्म की सफलता के बाद वाणी को कोई खास कामयाबी नहीं मिली,पर वह इसे अपना लक मानती है. वह हर फिल्म को करते वक्त उसकी कहानी को अधिक महत्व देती है, भूमिका अधिक न होने पर भी अगर वह प्रभावशाली हो, तो उसे करने में कोई ऐतराज नहीं होती. उनकी फिल्म ‘वार’ रिलीज पर है, जिसमें वह ऋतिक रोशन और टाइगर श्रौफ के साथ एक्टिंग कर रही है. दो एक्शन पैक्ड हीरो के साथ काम कर वह बेहद खुश है, पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

सवाल- काफी समय बाद आप फिर से आ रही है, देरी की वजह क्या थी और उन दिनों क्या करती रही?

मैंने काफी समय दुबई, एम्स्टर्डम और यूरोप ट्रेवल किया है. कई फिल्में देखी और परिवार के साथ समय बिताया है,क्योंकि कोई अच्छी कहानी मुझे नहीं मिल रही थी. मुझे अच्छा काम मिले, तभी काम करुंगी, ऐसा मेरा फैसला था और मैं उसपर अडिग रही. मेरा हमेशा से सोचना है कि काम भले ही मैं कम करूं, पर जो मिले, उसकी छाप मैं दर्शकों पर डाल पाऊं.

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सवाल- दो एक्शन पैक्ड हीरो के साथ काम करने के लिए आपको कितनी तैयारी करनी पड़ी?

मैंने इसे करने के लिए बहुत मेहनत किया है. दो मेगा परफ़ौर्मर के साथ काम करने का मौका मिला है और मैं बहुत खुश हूं. दोनों बहुत अच्छे है, दोनों ने एक्टिंग में बहुत हेल्प किया है. इनकी फिल्में मैंने बहुत देखी भी है.

सवाल-इस फिल्म को चुनने की खास वजह क्या है?

इसमें मेरी भूमिका बहुत प्रभावशाली है. इसमें मैं फिल्म की कहानी के साथ पूरी तरह से जुडी हुई हूं. इस तरह की भूमिका मैंने पहले नहीं की है.

सवाल- आपने कई साल इंडस्ट्री में बिताएं है, अपने आप में कितनी ग्रो हुई है और किस प्रकार की गलतियाँ की है, जिससे आपको सीख मिली हो?

मैंने बहुत सारी चीजें सीखी है. सबसे बड़ी बात ये है कि मैंने सुशांत सिंह राजपूत, रणवीरसिंह, ऋतिक रोशन आदि बड़े कलाकारों के साथ काम किया है. मैंने पाया कि सबके काम करने के तरीके उम्दा है, सब मेहनत करते है और अपनी भूमिका को न्याय देते है. किसी भी समय इन कलाकारों ने किसी बात को ग्रांटेड नहीं लिया है. मुझे हर फिल्म के साथ एक नया किरदार निभाने का मौका मिला है. इसके लिए मुझे शुरू से उस चरित्र में अपने आप को ढालने के लिए मेहनत करनी पड़ी. ये क्षेत्र गजब की है, जहां हर बार कुछ नयी खोजने की कोशिश होती रहती है.

सवाल- यशराज बैनर के साथ जुड़े होने के बावजूद आप अधिक काम नहीं कर रही है, इसकी वजह क्या मानती है?

यशराज बैनर के साथ जुड़ने से मुझे कोई फायदा हो, ये जरुरी नहीं, क्योंकि मैं उनकी कोई रिश्तेदार नहीं लगती. मैं अगर अच्छा काम करुंगी और मेरा ऑडिशन अगर उन्हें पसंद आता है, तो मुझे काम मिलेगा. जब उन्हें लगेगा कि मैं अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं कर रही हूं तो वे मुझे भी निकाल देंगे, ऐसा हर प्रोडक्शन हाउस करता है. आदित्य चोपड़ा किसी के लिए कोई फेवर नहीं करते. स्टार किड होने पर भी उन्हें औडिशन से ही गुजरना पड़ता है. ये भी सही है कि ये प्रोडक्शन कंपनी देश के सभी नए कलाकारों को भी आगे आने में मदद करती है, जिससे नए कलाकारों को एक्टिंग का मौका मिलता है.

सवाल-रिजेक्शन से आपने क्या सीखा?

बचपन से ही मैं बहुत स्ट्रोंग व्यक्तित्व की हूं. मेरे हिसाब से मैंने कोशिश की और वह सही नहीं होने की वजह से फैल्योर का सामना करना पड़ा. इसे मैं सीरियसली नहीं लेती. रिजेक्शन की वजह से ही आगे बढ़ने और सीखने की शक्ति मुझमें बढ़ी है.

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सवाल-इस फिल्म की कठिन पार्ट क्या थी?

हर फिल्म में कठिन पार्ट होता है, क्योंकि हर चरित्र एक अलग अंदाज में निर्देशक सोचता है और मुझे उसमें सही उतरने के लिए मेहनत करनी पड़ती है. इसके लिए मैं रिसर्च करती हूं, ताकि मेरी कोई भी चरित्र एक दूसरे से न मिले. मॉडर्न गर्ल होने पर भी दोनों के चरित्र अलग होने चाहिए, जिससे दर्शक को उसे देखने में मज़ा आयें. चरित्र को रियल, आर्गेनिक, रिलेटेबल आदि बनाने के लिए लगातार मेहनत करनी पड़ती है.

सवाल-आप सोशल मीडिया पर कितनी एक्टिव है?

मैं हमेशा सुनती हूं कि कलाकार को हमेशा लाइमलाइट में रहना चाहिए. जिन्हें ये पसंद है वे कर सकते है. मुझे सोशल मीडिया अधिक पसंद नहीं, इसलिए कम एक्टिव हूं. मैं काम के ज़रिये लोगों के बीच अपनी पहचान बनाना चाहती हूं.

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