घर में ऐसे उगाएं मसाले और सब्जियां

हरी मिर्च, धनिया, पोदीना जैसी सब्जियों का हम हर रोज ही उपयोग करते हैं. किसी भी खाद्य पदार्थ का स्वाद बढ़ाने के साथ साथ ये उसका सौंदर्य भी बढ़ा देतीं हैं. कई बार हमें इनकी सख्त जरूरत होती है और ये घर में उपलब्ध नहीं होतीं और फिर हमें बिना इनके उपयोग के ही अपना काम चलाना पड़ता है. तो क्यों न इन्हें घर में ही उगा लिया जाए. इन्हें उगाना बहुत आसान होता है. तो आइए बताते हैं कि रोजमर्रा में काम आने वाली इन सब्जियों को हम कैसे उगा सकते हैं.

-पोदीना के ताजे जड़ वाले डंठल को आप किसी भी साइज के गमले में बड़ी ही आसानी से लगा सकतीं है. अच्छी बढ़त के लिए नियमित रूप से पानी देना और छंटाई करना अत्यंत आवश्यक होता है. इसका प्रयोग चटनी, परांठा, रायता और पुलाव बनाने में किया जाता है.

-धनिया का प्रयोग मूलतः खाद्य पदार्थो की गार्निश करने और चटनी बनाने में किया जाता है. साबुत धनिया को किसी भारी बर्तन से दबाकर दरदरा कर लें और 5-6 इंच के गमले या ट्रे में तीन चौथाई मिट्टी और एक भाग गोबर की खाद डालकर दरदरे बीजों को बुरककर मिट्टी से ढक दें. ऊपर से पानी का छिड़काव करके गमले को धूप में रखें,कुछ ही दिनों में अंकुर निकल आएंगे.

-अजवायन को सीधे ही गमले में डालकर धूप में रखें. इसे बहुत अधिक देखभाल की आवश्यकता नहीं होती इसे सब्जियों में फ्लेवर के लिए प्रयोग किया जाता है.

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-साबुत लाल मिर्च को तोड़कर उसके बीज निकाल लें. इन बीजों को सीधे ही गमले में डालकर ऊपर से मिट्टी बुरक दें. कुछ ही दिनों में अंकुर निकल आएंगे.

-चायनीज और इटैलियन व्यंजनों में खासतौर से प्रयोग किया जाने वाले हरे प्याज और लहसुन को उगाने के लिए छोटे आकार के प्याज और लहसुन को गमले में गाढ़ दें, लगभग 15 दिनों के बाद इनमें अंकुर निकल आता है.

-पालक और मेथी जैसी सब्जियों को गमले की अपेक्षा आयताकार ट्रे में उगाना चाहिए. इनके बीजों को गमले या ट्रे में डालकर ऊपर से मिट्टी डाल दें कुछ समय के बाद इनमें अंकुरण हो जाता है.

ध्यान रखने योग्य बातें

-प्रारम्भिक अवस्था में जब अंकुर एकदम छोटे होते हैं, पानी बहुत सावधानी से फुहारे से धीरे धीरे देना चाहिए ताकि अंकुर टूटें नहीं.

-इन्हें सीधा धूप में थोड़ा बड़े होने पर ही रखें क्योंकि प्रारम्भ में अंकुर बहुत नाजुक होते हैं और वे सीधी धूप को सहन नहीं कर पाते.

-हर रोज पानी देने की अपेक्षा मिट्टी को उंगली से छूकर देखें और यदि वह नमीरहित है तो ही पानी दें.

-गमले में से पानी के निकास की समुचित व्यवस्था होनी अत्यंत आवश्यक है अन्यथा पौधा सड़ने लगता है

-सप्ताह में एक बार गमलों की मिट्टी की गुड़ाई अवश्य करें ताकि पौधे की जड़ों को हवा मिल सके.

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