इन विटामिन्स की कमी से शरीर में हो सकती हैं कई बीमारियां, भूलकर भी न करें नजरअंदाज

शरीर के लिए विटामिंस से भरपूर डाइट लेना बहुत जरूरी है वरना शरीर में अनेक बीमारियां घर करने लगती हैं. विटामिंस कमी के कारण शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जिन्हें पहचान कर यदि समय रहते डाइट में जरूरी बदलाव कर लें तो शरीर को बड़ी तकलीफों से बचा सकते हैं.

आइए, जानते हैं उन लक्षणों के बारे में जिन से पता चलता है कि शरीर में किस विटामिन की कमी है.

विटामिन ए की कमी के लक्षण

स्किन का ड्राई होना: स्किन का ड्राई होना विटामिन ए की कमी का मुख्य लक्षण होता है. विटामिन ए से स्किन की कोशिकाओं का निर्माण होता है. विटामिन ए उन की मरम्मत करने का भी काम करता है. पर्याप्त विटामिन ए नहीं मिलने से ऐग्जिमा और अन्य स्किन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

आंखों में समस्या: आंखों की समस्याएं विटामिन ए की कमी से होने वाली समस्याओं में सब से मुख्य हैं. विटामिन ए की कमी का पहला संकेत आंखों का ड्राई होना है. इस की कमी से रतौंधी नामक बीमारी भी हो सकती है. व्यक्ति को शाम या रात को कम दिखाई देना शुरू हो जाता है. आंखें तेज प्रकाश को सहन नहीं कर पाती हैं.

बांझपन: विटामिन ए पुरुषों और महिलाओं दोनों ही के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है, साथ ही यह शिशुओं के उचित विकास के लिए भी आवश्यक होता है. यदि किसी स्त्री को गर्भवती होने में परेशानी हो रही है तो विटामिन ए की कमी इस का एक कारण हो सकता है.

बच्चों का विकास धीमा होना: जिन बच्चों को पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए नहीं मिलता है उन का विकास बहुत धीमा होता है. मानव शरीर के समुचित विकास के लिए विटामिन ए बेहद जरूरी है.

गले और छाती में संक्रमण: गले या छाती में बारबार संक्रमण, विशेष रूप से विटामिन ए की कमी का संकेत हो सकता है. विटामिन ए श्वसनतंत्र के संक्रमण से बचाता है.

घाव भरने में समस्या: जब शरीर में चोट लगती है तो उस के घाव या फिर सर्जरी के बाद ठीक नहीं होने वाले घाव विटामिन ए की कमी के लक्षण हो सकते हैं. ऐसा इसलिए है, क्योंकि विटामिन ए स्वस्थ स्किन के लिए एक महत्त्वपूर्ण घटक कोलोजन के निर्माण को बढ़ावा देता है.

मुंहासे होना: मुंहासे होना भी विटामिन ए की कमी का लक्षण हो सकता है. विटामिन ए स्किन के विकास को बढ़ावा देता है और सूजन से लड़ता है, इसलिए यह मुंहासों को रोकने या उन का इलाज करने में मदद करता है.

विटामिन ए की प्राप्ति के स्रोत: अंडे, दूध, यकृत, गाजर, पीली या नारंगी सब्जियां जैसे स्क्वैश, पालक, स्वीट पोटैटो, दही, सोयाबीन व अन्य पत्तेदार हरी सब्जियां.

विटामिन बी12 की कमी के लक्षण

हाथों या पैरों में झुनझुनी: विटामिन बी12 की कमी के कारण हाथों या पैरों में झुनझुनी हो सकती है. यह लक्षण इसलिए होता है क्योंकि विटामिन बी12 तंत्रिकातंत्र के संचालन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

चलने में परेशानी: समय के साथ विटामिन बी12 की कमी के कारण व्यक्ति को चलने की समस्य हो सकती है. मांसपेशियों में कमजोरी भी महसूस हो सकती है.

पीली स्किन: पीलिया विटामिन बी12 की कमी का एक प्रमुख लक्षण है. पीलिया तब होता है जब किसी व्यक्ति का शरीर पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने में सक्षम नहीं होता है.

विटामिन बी12 लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस की कमी से लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो सकती है, जिस से पीलिया होने की संभावना बढ़ जाती है.

थकान: विटामिन बी12 की कमी के कारण व्यक्ति को थकावट महसूस हो सकती है. इस की वजह शरीर में चारों ओर औक्सीजन ले जाने के लिए पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होती है, जिस से व्यक्ति बेहद थका हुआ महसूस करता है.

तेज हृदय गति: हृदय की गति का तेज होना भी विटामिन बी12 की कमी का लक्षण हो सकता है. शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होने पर दिल तेजी से धड़कना शुरू कर देता है.

मुंह का दर्द: विटामिन बी12 की कमी से मुंह में छाले या जलन की समस्या हो सकती है.

मानसिक समस्या: विटामिन बी12 की कमी से व्यक्ति की सोचने या तर्क करने की क्षमता प्रभावित होती है. वह चिड़चिड़ा या अवसादग्रस्त हो सकता है.

विटामिन बी की प्राप्ति के स्रोत: दूध और उस से बने उत्पादों में, अंडे के सफेद भाग में और मछली एवं मुरगे में विटामिन बी भरपूर मात्रा में होता है. अखरोट में भी बिटामिन बी पाया जाता है. सुपारी, अंगूर, पिस्ता, नारंगी आदि में भी यह विटामिन भरपूर होता है.

विटामिन सी की कमी के लक्षण

थकान: असामान्य रूप से थकान महसूस होना विटामिन सी की कमी का संकेत हो सकता है. दरअसल, यह विटामिन शरीर में कार्निटाइन को कम करता है, जिस से मैटाबोलिज्म और ऐनर्जी बढ़ती है. ऐसे में इस की कमी के कारण आप बेवजह थकान महसूस कर सकते हैं.

त्चचा पर नील के निशान: अगर शरीर पर नील के निशान पड़ने लगें तो समझ लें कि शरीर में विटामिन सी की कमी हो गई है. इस से रक्त वाहिकाएं कमजोर हो जाती हैं, जिस से शरीर पर ऐसे निशान पड़ने लगते हैं.

नाक या मसूढ़ों से खून आना: अगर आप की नाक या मसूढ़ों से अकसर खून आने लगा है तो यह भी विटामिन सी की कमी का लक्षण हो सकता है.

जोड़ों में दर्द और सूजन: जोड़ों में तेज दर्द और सूजन होना भी इस की कमी की तरफ इशारा करता है. जोड़ों में कोलोजन का स्तर कम हो जाता है, जिस से दर्द व सूजन की समस्या हो सकती है.

ऐनीमिया: शरीर में विटामिन सी की कमी होने से आयरन का बैलेंस भी बिगड़ जाता है, जिस से ऐनीमिया का खतरा हो सकता है.

रूखे बाल और हेयर फौल: अगर आप के बाल असामान्य रूप से झड़ रहे हैं, तो यह भी विटामिन सी की कमी का संकेत हो सकता है. इस के अलावा रूखे, बेजान और दोमुंहे बाल भी इस की कमी की ओर इशारा करते हैं.

अचानक वजन बढ़ना: अगर ऐक्सरसाइज और डाइटिंग के बावजूद वजन बढ़ रहा है, तो समझ लें कि शरीर में विटामिन सी की कमी हो गई है. दरअसल, विटामिन सी मैटाबोलिज्म को रैग्युलेट करती है. शरीर में इस की कमी से मैटाबोलिज्म धीमा हो जाता है और वजन बढ़ने लगता है.

रूखी स्किन: अगर आप की स्किन पर मुंहासे दिखने लगे हैं या स्किन जरूरत से ज्यादा रूखी रहने लगी है तो यह विटामिन सी की कमी के कारण हो सकता है.

जल्दीजल्दी इन्फैक्शन होना: विटमिन सी शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बना कर इसे इन्फैक्शन से बचाने में मदद करता है. इस की कमी होने पर आप बैक्टीरियल और वायरल इन्फैक्शन की चपेट में आ सकते हैं.

विटामीन सी की प्राप्ति के स्रोत: खट्टे रसदार फल जैसे आंवला, नारंगी, नीबू, संतरा, बेर, कटहल, पुदीना, अंगूर, टमाटर, अमरूद, सेब, दूध, चुकंदर, चौलाई, पालक आदि विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं. इन के अलावा दालों में भी विटामिन सी पाया जाता है.

विटामिन डी की कमी के लक्षण

थकान महसूस करना: हड्डियों में दर्द और कमजोरी महसूस होना. इस के अलावा शरीर के अलगअलग हिस्सों की मांसपेशियों में लगातार दर्द भी इस का एक लक्षण है. आमतौर पर औरतों में विटामिन डी की कमी से डिप्रैशन या स्ट्रैस की समस्या ज्यादा होती है. इस विटामिन की कमी से इंसान के बाल तेजी से झड़ने लगते हैं. चोट लगने पर उस के भरने में काफी समय लगता है.

विटामिन डी की कमी का असर मूड पर भी होता है. इस की कमी का असर सैरोटोनिन हारमोन पर भी पड़ता है, जो मूड स्विंग्स की समस्या पैदा करता है. विटामिन डी की बहुत ज्यादा कमी होने पर जरा सी चोट लगने पर हड्डी टूटने, खासतौर पर जांघों, पेल्विस और हिप्स में दर्द होता है.

विटामिन डी की प्राप्ति के स्रोत: धूप, मछली, अंडा, दूध, मशरूम, संतरा आदि.

विटामिन ई की कमी से होने वाली समस्याएं

ऐनीमिया यानी शरीर में खून की कमी, बालों का विकास रुक जाना, स्किन ड्राई रहना, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी, रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना, आंखों की रोशनी कम हो जाना आदि.

विटामिन ई की प्राप्ति के स्रोत: कीवी, पीनट बटर, सूरजमुखी के बीज, पालक, ऐवोकाडो, बादाम, ब्रोकली, टमाटर, मूंगफली, पपीता, शिमलामिर्च आदि.

विटामिन के की कमी के लक्षण

विटामिन के की कमी के कारण शरीर में रक्त का थक्का नहीं जमता और इस वजह से इस से जुड़ी समस्याएं नजर आने लगती हैं.

आसानी से चोट लगना या स्किन पर चोट के निशान दिखाई देना, हलकी चोट लगने पर भी बहुत खून बहना, नाक या मसूढ़ों से अचानक खून आना, मलमूत्र में खून आना, मासिकधर्म के समय खून का काफी ज्यादा बहाव, अधिक गंभीर मामलों में खोपड़ी के भीतर रक्तस्राव भी शामिल हो सकता है.

विटामिन के की प्राप्ति के स्रोत: पालक, ब्रोकली, शतावरी, स्प्राउट्स, गोभी, शलगम, डेयरी उत्पाद, अनाज, वनस्पति तेल, सोयाबीन, अनार, हरी सेम, पत्तागोभी, कीवी, काजू आदि.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें